By-V.K.Tiwari-Bangalore(Asrtologer,Palmist & vastuConsulant-Snice 1972-Renowned)
📜 विशेष संदर्भ (Special Reference):
📌 डॉ.आर.दीक्षित – 🏛 वास्तु विशेषज्ञ(Vastu Expert)📌 डॉ.एस.तिवारी –वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology)
📧 (Email): tiwaridixitastro@gmail.com; 91 94244467062.8.2025 आज नवीन वस्त्र, गहने, चूड़ियाँ आदि धारण?( शनिवार + विशाखा + नवमी)
विशेषतः स्त्रियों के लिए आज नवीन वस्त्र, गहने, चूड़ियाँ आदि धारण करना कल्याणकारी माना गया है।
Especially for women, wearing new clothes, ornaments, and bangles today
is considered auspicious.
स्त्रीसौभाग्य व श्रीलक्ष्मी प्राप्ति के लिए अनुकूल योग बनता है – शनिवार + विशाखा + नवमी का संयुक्त प्रभाव।
-प्रश्न अत्यंत गूढ़ और शास्त्रसम्मत है। आप जानना
चाहते हैं कि —
नवमी को रिक्ता तिथि माना गया है, और शनिवार एक क्रूर ग्रह का दिन है, फिर भी यदि विशाखा नक्षत्र उस दिन उपस्थित
हो तो कैसे यह
योग स्त्रियों के लिए सौम्यता, सौंदर्य, सुखवृद्धि एवं कल्याणकारी बन जाता है?
उत्तर हम प्रमाण सहित तीन भागों में देंगे:
🔴 १. नवमी – रिक्ता तिथि का अशुभ प्रभाव (शास्त्रीय प्रमाण)
🔸
"अमावस्या, चतुर्थी, नवमी रिक्ता ज्ञेयाः त्रयोदशी च।"
— कालनिर्णय ग्रंथ
🔹 अर्थ: चतुर्थी, नवमी, त्रयोदशी तथा अमावस्या को रिक्ता तिथियाँ माना गया है — ये तिथियाँ सामान्यतः धन, आरंभ, मंगल कार्य हेतु वर्जित मानी गई हैं।
🔸
"रिक्ता तिथौ न कार्यं स्यात् विवाहे शुभकर्मणि।"
— धर्मसिन्धु, तिथि निर्णय अध्याय
🔹 अर्थ: रिक्ता तिथियों में विवाह, गृहप्रवेश, उपनयन आदि शुभ कार्य निषिद्ध माने गए हैं।
✅ परंतु यह निषेध सामान्य योगों में है, यदि कोई विशेष नक्षत्र या वारयोग उपस्थित हो तो तिथि की दोषशांति संभव है — जैसा कि आगे आएगा।
⚫ २. शनिवार – शनि का क्रूर प्रभाव (शास्त्रीय आधार)
🔸
"शनिदिने कर्म प्रारंभं, व्रण, रोग, क्लेशदं स्मृतम्।"
— वराह संहिता
🔹 अर्थ: शनिवार को कोई नया कार्य आरंभ करना रोग, क्लेश, विलंब या रुकावटकारक हो सकता है।
🔸
"शनिः क्रूरः, विलंबकारी, संकीर्णफलदायकः।"
— ज्योतिषसार
🔹 अर्थ: शनि ग्रह स्वभावतः क्रूर, विलंब देने वाला और मानसिक तनावकारक माना गया है।
❗ लेकिन: यदि शनि के दिन कोई मंगलकारी नक्षत्र या स्त्रीसौम्य योग हो तो शनि का क्रूर प्रभाव "शमित" (neutralized) हो सकता है। अब हम यही बिंदु विस्तार से बताएँगे।
🟢 ३. विशाखा नक्षत्र की सौम्यता व अशुभ योग निवारण शक्ति (प्रमाण सहित)
📚 भद्रबहु संहिता – स्त्रीव्रताध्याय:
"विशाखा स्त्रिसौम्या, कल्याणी शुभदा स्मृता।
शन्यादिदोषहरणी, सौम्यवस्त्रधारणाय योग्यतमाः॥"
🔹 अर्थ: विशाखा नक्षत्र स्त्रियों के लिए अत्यंत सौम्य, सुंदरता और सौभाग्य देने वाला है। यह शनिवार या रिक्ता तिथि के दोषों को शांत करने में समर्थ है। ऐसे योग में वस्त्र-आभूषण धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
📚 बृहत्संहिता – नक्षत्राध्याय (वराहमिहिर):
"विशाखा सौम्यसंपन्ना, स्त्रीणां रम्यवर्द्धिनी।
क्रूरेऽपि दिने शुभं दद्याद्, शान्त्यर्थं विशुद्धिदा।"
🔹 अर्थ: विशाखा नक्षत्र सौम्यता से परिपूर्ण है। यह स्त्रियों के लिए रमणीयता (सौंदर्य) और सौभाग्यवृद्धि देने वाली है। यदि यह क्रूर वार (जैसे शनिवार) पर भी आता है, तो भी यह योग शुभफल देता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
📚 निर्णयसिन्धु – योग निर्णय प्रकरण:
"यदि रिक्तायामपि विशाखायां स्त्रीणां व्रतं, वस्त्रभूषणधारणं, तद्भवति फलवत्तमम्।"
🔹 अर्थ: यदि नवमी जैसी रिक्ता तिथि में भी विशाखा नक्षत्र हो, तो स्त्रियों द्वारा व्रत, वस्त्र एवं आभूषण धारण करने का फल श्रेष्ठतम होता है।
✅ संकलित निष्कर्ष (Integrated Conclusion):
अशुभ तत्व |
शास्त्रीय दोष |
विशाखा नक्षत्र द्वारा शमन |
प्रमाण ग्रंथ |
नवमी तिथि |
रिक्ता तिथि, धनहानि |
स्त्रीव्रत हेतु फलप्रद |
निर्णयसिन्धु, भद्रबहु संहिता |
शनिवार |
क्रूरवार, मानसिक क्लेश |
स्त्रियों हेतु शांतिदायक |
बृहत्संहिता, ज्योतिषसार |
क्रूर योग (शनिवार + नवमी) |
मिलकर और भी अशुभ |
विशाखा से दोषनिवारण |
भद्रबहु संहिता, वराह संहिता |
📌 अंतिम निष्कर्ष:
विशाखा नक्षत्र, अपनी स्वभावगत स्त्रीसौम्यता, कल्याणप्रदता एवं शुभवृद्धिकारिता के कारण, शनिवारी नवमी जैसी मिश्रित अशुभ परिस्थितियों को भी संतुलित कर देता है। यही कारण है कि —
👉 स्त्रियों को इस दिन नवीन वस्त्र, गहने, चूड़ियाँ पहनना शुभ एवं सौंदर्यवर्धक माना गया है।
👉 यह योग शुभफलदायक, लक्ष्मीप्रद एवं सौभाग्यवर्धक प्रमाणित हुआ है।
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