शुभ समय व उपयुक्त कार्य/पूजन
- विजय मुहूर्त (14:25 – 15:15) – शत्रुनाशक कार्य, विजय तिलक, दुर्गा/भैरव पूजा।
- गोधूलि मुहूर्त (18:34 – 18:57) – लक्ष्मी पूजन, व्यापार वृद्धि के कार्य, धनागमन।
- सायाह्न सन्ध्या (18:34 – 19:43) – संध्यावंदन, गृह-शांति मंत्र जाप, दीपदान।
- अमृत काल (01:37 – 03:24, 28 अगस्त) – रात्रि साधना, तांत्रिक उपासना, शिव व त्रिपुर सुंदरी पूजन।
- निशिता मुहूर्त (23:58 – 00:44, 28 अगस्त) – रात्रि शिव अभिषेक, महामृत्युंजय जप।
(V.K.Tiwari-9424446706; Dr.R .Dixit & Dr S.Tiwari.Tiwaridixitastro@gmail.com;
( Kundli,Palmistry,Vastu,Baby naminf,Mobile ,Flat.Vechile Number- Consult)
✅ By
following these remedies, one can neutralize Mercury’s negative effects and
attain intelligence, financial success, and peace. 🟢✨
✅ इन उपायों को करने से ग्रह की
अशुभता दूर होगी और बुद्धि, व्यापार में सफलता एवं शांति प्राप्त होगी। 🟢✨
----------------------------------------------------------
Thursday – Remedies for Removing Negativity & Success
- वर्जित: फल, बेल फल, खट्टे पदार्थ, ऋण देना।
- उपयोग: हवन में अर्पित भोजन का सेवन करें, कार्य से पूर्व घृत का हवन करें।
मंत्र: ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमःवेद मंत्र स्वाती
ॐ
वायरन्नरदि बुध: सुमेध श्वेत सिशिक्तिनो
युतामभि श्री तं वायवे सुमनसा वितस्थुर्विश्वेनर:
स्वपत्थ्या निचक्रु: । ॐ वायव नम: ।
पौराणिक मंत्र:
वायुवरं
मृगारुढं स्वाती नक्षत्र देवताम् l
खड्.ग चर्मोज्वल करं धुम्रवर्ण नमाम्यह्म् ll
नक्षत्र देवता .मंत्र:- ॐ वायवे नमःl
नक्षत्र . मंत्र:- ॐ स्वात्यै नमः
🟡 गुरुवार – अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय 🟡
1️⃣ For Fortune & Success | सौभाग्य व सफलता वृद्धि के लिए
✅ Bathing Ritual:
- Mix river or pilgrimage water, jasmine flowers (or yellow mustard in absence of jasmine), cluster fig (Goolar), and licorice (Mulethi) in bathwater and take a bath.
✅ स्नान विधि:
- स्नान जल में नदी या तीर्थ जल, चमेली पुष्प (या पीली सरसों), गूलर, मुलेठी मिलाकर स्नान करें।
2️⃣ Charity (Donation) for Removing Obstacles | बाधा मुक्ति हेतु दान
- Donate: Yellow grains (chana), sugar, yellow flowers (marigold, cassia, amaltas, peepal leaves), yellow clothes, yellow fruits (banana, papaya).
2️⃣ दान करें:
- पीला अनाज (चना), शक्कर, पीले पुष्प (गेंदा, केसरी, कैला, पीपल), पीला वस्त्र, पीले फल (पपीता, केला) आदि।
3️⃣ Whom to Donate To? | दान किसे दें?
- To Guru, wise scholars, Brahmins, teachers, or those involved in knowledge and education.
- Donation can also be made at Vishnu, Krishna, or Ram temples.
3️⃣ दान प्राप्तकर्ता:
- गुरु, ज्ञानी पुरुष, ब्राह्मण, शिक्षा कर्म करने वाले व्यक्ति।
- दान विष्णु, कृष्ण, राम मंदिर में करना चाहिए।
4️⃣ What to Eat Before Leaving Home? (For Daily Dosha Removal) | दिन दोष आपत्ति निराकरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं?
- Consume curd (yogurt) and cumin seeds before leaving home.
4️⃣ उपाय:
- घर से निकलने से पहले दही (Curd) और जीरा (Cumin) खाएं।
🔹 For Stress Relief & Success | तनाव, परेशानी रोकने एवं सफलता के लिए
- Worship Jupiter (Guru) and chant the following powerful mantras.
- गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें।
🕉 Guru Gayatri Mantra | गुरु ग्रह गायत्री मंत्र
🕉 "Om
Angirasaya Vidmahe |
Divya Devataya Dhimahi |
Tanno Jivah Prachodayat |
Aapo Jyoti Rasa Amritam ||"
🕉 "ओम अंगिरसाय विद्महे |
दिव्य देवताय धीमहि |
तन्नो जीवः प्रचोदयात् |
आपो ज्योति रस अमृतम ||"
🕉 Guru Beej Mantra | गुरु बीज मंत्र
🕉 "Om
Gram Greem Groum Sah Gurave Namah ||"
🕉 "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः
गुरूवे नमः ||"
🔹 Jain Mantra for Jupiter | जैन गुरु ग्रह मंत्र 🔹
- Remember Lord Mahavir for protection from Jupiter afflictions.
- श्री महावीर भगवान का स्मरण करें।
🕉 "Om
Hreem Namo Ayariyanam ||"
🕉 "ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं ||"
🕉 "Om
Hreem Guru Graharishta Nivaraka |
Shri Mahavir Jinendraya Namah |
Sarva Shantim Kuru Kuru Swaha |
Mam (Your Name) Dusht Graha Roga Kashta Nivaranam |
Sarva Shantim Kuru Kuru Hum Phat Swaha ||"
🕉 "ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारक |
श्री महावीर जिनेन्द्राय नम: |
सर्व शांतिं कुरू कुरू स्वाहा |
मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं |
सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा ||"
📿 Chant 11,
31, or 54 times for maximum benefits.
📿 (11, 31 या 54 जाप करें)।
✅ By
following these remedies, one can neutralize Jupiter’s negative effects and
attain wisdom, success, and prosperity. 🟡✨
✅ इन उपायों को करने से गुरु ग्रह
की अशुभता दूर होगी और ज्ञान, सफलता एवं समृद्धि प्राप्त होगी। 🟡✨
गुरुवार के अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-
1-- सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए
स्नान जल मे मिला नदी
या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे
पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे |
2-बाधा मुक्ति के लिए दान-
पीला अनाज ,चना, शकर, पीले पुष्प gYnh] dslj] dsyk] ixMh] ihiy
पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे|
3-दान किसको दे -
गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मे दान H
phaVh] iqtkjh Lo.kZ foØsrk /keZ LFkku मे करना चाहिए |
गुरु ग्रह का गायत्री मंत्र-
ओम अंगिरसाय विद्महे दिव्य देवताय धीमहि
तन्नो जीवः प्रचोद्यात् ।|आपो ज्योति रस अमृतम |
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥
जैन मंत्र-
ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं ।
ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारकश्री महावीर जिनेन्द्राय नम
सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
(11,31 या 54 जाप्य)
दिन दोष आपत्ति निराककरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व खाएं––दही curd,जीरा |
=============================================================
🔹 Jain Mantra for Venus | जैन शुक्र ग्रह मंत्र 🔹
- Remember Lord Suvidhinath or Lord Pushpadanta for planetary peace.
- श्री सुविधिनाथ या श्री पुष्पदंत भगवान का स्मरण करें।
🕉 "Om
Hreem Shukra Graharishta Nivaraka |
Shri Pushpadanta Nath Jinendraya Namah |
Sarva Shantim Kuru Kuru Swaha |
Mam (Your Name) Dusht Graha Roga Kashta Nivaranam |
Sarva Shantim Kuru Kuru Hum Phat Swaha ||"
🕉 "ॐ ह्रीं शुक्र ग्रहारिष्ट निवारक |
श्री पुष्पदन्त नाथ जिनेन्द्राय नम: |
सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा |
मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं |
सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा ||"
📿 Chant 11,
31, or 54 times for maximum benefits.
📿 (11, 31 या 54 जाप करें)।
आपके शहर के सूर्योदय-सूर्यास्त समय के अनुसार संशोधनीय / परिवर्तनीय
🌿 सौम्य ग्रह हवन
- गृह-मुख आहुति – शुक्र
- शुभ: कला, सौंदर्य, विवाह, संगीत, गृह-सज्जा के लिए हवन।
- अशुभ/वर्जित: युद्ध, विध्वंसक या रक्तपात से जुड़ा हवन।
- प्रभाव: वैवाहिक सुख, सौंदर्य-वृद्धि, प्रेम और सामंजस्य।
🕉 शिववास एवं शिवाभिषेक फल
- शिववास – भोजन में (10:46 PM तक)
- शुभ कार्य: अन्नदान, अन्नकूट, गौसेवा।
- शिवाभिषेक का प्रभाव: अन्न-धन में स्थिरता, परिवार में समृद्धि, दीर्घायु।
- शिववास – श्मशान में (10:46 PM के बाद)
- शुभ कार्य: तंत्र-साधना, पितृ तर्पण, ग्रह दोष निवारण।
- शिवाभिषेक का प्रभाव: रोग-निवारण, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा, भय-नाश।
- अभिजित मुहूर्त (11:56 – 12:46) – त्वरित सफलता, संकट निवारण; विष्णु/गणेश पूजन।
- गोधूलि मुहूर्त (18:33 – 18:56) – लक्ष्मी पूजन, गृह प्रवेश, व्यापार वृद्धि।
- सायाह्न सन्ध्या (18:33 – 19:43) – संध्यावंदन, गृह-शांति, दीपदान।
- अमृत काल (01:46 – 03:34, 29 अगस्त) – रात्रि साधना, शिव/त्रिपुर सुंदरी पूजन।
- निशिता मुहूर्त (23:58 – 00:44, 29 अगस्त) – रात्रि शिव अभिषेक, महामृत्युंजय जप।
विशेष स्थिति
- अग्निवास – पृथ्वी – भूमि कार्य शुभ; वायु/आकाश कार्य टालें।
- गृह-मुख आहुति – बुध – वाणी, शिक्षा, व्यापार हेतु होम शुभ; रक्त या शत्रु-विनाशक होम वर्जित।
- शिववास – कैलाश पर (17:56 तक) – शिव ध्यान, रुद्राभिषेक उत्तम।
- शिववास – नन्दी पर (17:56 के बाद) – यात्रा, विवाह हेतु शिव पूजन श्रेष्ठ।
अशुभ समय व ग्रह-विशेष पूजन संकेत
- राहुकाल (13:54 – 15:27)
- प्रभाव/फल: निर्णय त्रुटि, विवाद, हानि।
- वर्जित कार्य: नये कार्य, यात्रा, निवेश।
- शुभ पूजा: राहु, काली, भैरव उपासना।
- यमगण्ड (06:08 – 07:41)
- प्रभाव/फल: कार्य में बाधा, मानसिक तनाव।
- वर्जित कार्य: विवाह, व्यापार, शुभारंभ।
- शुभ पूजा: यम, शनि, पितृ तर्पण।
- गुलिक काल (09:15 – 10:48)
- प्रभाव/फल: कार्य में विलंब, आर्थिक हानि।
- वर्जित कार्य: खरीद-फरोख्त, यात्रा।
- शुभ पूजा: शनि, भैरव साधना।
- विडाल योग (08:43 – 06:08, 29 अगस्त)
- प्रभाव/फल: सभी कार्यों में रुकावट।
- वर्जित कार्य: देव प्रतिष्ठा, गृह-प्रवेश।
- शुभ पूजा: हनुमान, दुर्गा जप।
- वर्ज्य (15:00 – 16:48)
- प्रभाव/फल: सौदे, अनुबंध असफल।
- वर्जित कार्य: लक्ष्मी/विष्णु पूजन, निवेश।
- शुभ पूजा: संकटमोचन हनुमान पूजा।
- दुर्मुहूर्त (10:17 – 11:06)
- प्रभाव/फल: हानि, अपयश।
- वर्जित कार्य: विवाह, प्रतिष्ठा कार्य।
- शुभ पूजा: हनुमान, नारसिंह।
- बाण – मृत्यु (11:55 तक)
- प्रभाव/फल: स्वास्थ्य संकट, दुर्घटना।
- वर्जित कार्य: यात्रा, मांगलिक कार्य।
- शुभ पूजा: महामृत्युंजय जप, हनुमान चालीसा।
- बाण – अग्नि (11:55 से पूर्ण रात्रि)
- प्रभाव/फल: अग्नि दुर्घटना, क्रोध वृद्धि।
- वर्जित कार्य: हवन, अग्नि प्रयोग।
- शुभ पूजा: जल तत्व पूजा, वरुण देव उपासना।
विशेष स्थिति🔆 हवन शुभ-अशुभ संकेत
- अग्निवास – आकाश (20:21 तक)
- संकते: 🔴 अशुभ हवन – अग्नि कार्य, अग्नि देव से संबंधित यज्ञ।
- शुभ – भूमि पूजन, जल/समुद्र/नदी से जुड़े कार्य के हवन।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें