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मांगलिक दोष है या नहीं?विवाह मिलान सर्व दोष परिहार ,

ग्रह मैत्री राशि से लेना स्थूल सतही ,अनुचित | ज्योतिष ग्रंथों के आधार पर नाड़ी को छोड़कर सभी दोषों का   परिहार   ,  केवल राशि के स्वामी में मित्रता   , लग्नेश के स्वामी मित्रता ,   नवांश राशि के स्वामी में मित्रता होने पर परिहार हो जाता है   | -   राशि लगभग   60  घंटे अबधि की होती है । राशि अर्थात    समूह   Group , दो से अधिक नक्षत्र का समूह।जैसे मेष राशि ,  अश्वनी , भरणी एवं कृत्तिका नक्षत्र का आधा भाग।   जब नक्षत्र ले रहे तो उसका स्वामी भी लेना चाहिए।प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं ।   06  घंटे लगभग एक चरण की अवधि होगी । नक्षत्र का स्वामी पृथक होता है और उसके चारों चरणों के स्वामी भी पृथक पृथक होते हैं। विशेष-     जन्म नक्षत्र के द्वारा अभी तक किसी भी सॉफ्टवेयर में ,जन्म नक्षत्र के स्वामी कौन हैं   ? नक्षत्र के चरणों के स्वामी कौन हैं ?, गणना नहीं की जाती है ।न ही ज्योतिषियों का अधिकांश न क्षत्र के चरणों के आधार पर मैत्री का प्रयोग करता है | ग्रह मैत्री जैसी बड़ी बात को राशि का आधार पर लिया जाता है  |   इसकी तुलना में जब नक्षत्र के चरणों के स्वामी

धनतेरस से दीपावली तक ख़रीदारी और पूजन क शुभ समय

धन त्रयोदशी से दीपावली तक पूजा  का   श्रेष्ठ समय (25 अक्तूबर   से 27 अक्तूबर 2019 ) ज्योतिष-शिरोमणि पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी (भोपाल- 9424446706 ) धनतेरस -  25 अक्तूबर 1/   सफलता एवं कामना पूरक अभिजीत   /   विशुद्ध अमृत काल महत्व है | ** नाम के आधार पर शुभ काल - *** अभिजीत सर्व कार्य के लिए सफलता का   11:45  से   12:20  तक , दोपहर विजय मुहूर्त   2:00   बजे से   2:40   बजे तक ,  पूजा अर्चना के लिए गोधूलि   540   से   6:00   बजे तक शाम को , रात्रि कालीन निशीथ पूजा के लिए श्रेष्ठ समय   11:45   से   12:20   तक स्नानादि के लिए शुभ समय प्रातः   4:45   से   5:30   तक रहेगा. 2/  सम्पदा कार्य आरंभ की स्थिरता के लिए उपयोगी लग्न | शुभ लग्न वृश्चिक लग्न प्रातः   810  से   10:10  तक . मकर लग्न दोपहर   12:30   से   2:00   बजे तक कुंभ लग्न   2:17   से   3:35   तक . मीन लग्न   3:50   से   5:05   तक. मेष लग्न   521   से   7:00   बजे तक.    कर्क लग्न रात्री में   11:13  से सिंह लग्न रात्रि   1:20  से   325  तक रहेगी. लग्न के आधार पर वृषभ लग्न स्थिर लग्