सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

14.08.2025 – भविष्य Bilingual 🌞 – Wear New Items & Today's Remedies-vedik & jain inspired

 

14.08.2025 – भविष्य Bilingual 🌞जन्म नक्षत्र, नाम, राशि & Remedies
Birth Star, Name Syllables, Sign, Use/Wear New Items & Today's Remedies
🪔 By Renowned Astrologer, Vastu Expert & Palmist – V.K. Tiwari (Since 1972)


🔷 जन्म नक्षत्र नाम चयन की चेतावनी | Birth Star & Name Selection Warning

🔴 जन्म नक्षत्र पर आधारित नाम कई बार असफलताएँ दे सकता है।
🟡 A name based solely on Birth Nakshatra can lead to recurring failures.
📎 Consult for accurate analysis:
🔗 Common Mistakes in Name Selection →


📜 कुंडली निर्माण संदर्भ | Horoscope Accuracy Note

📌 कुंडली निर्माण (Horoscope Making)केवल विशोत्तरी दशा ही नहीं, अन्य 42+ दशाएँ भी होती हैं।
📌 Note: Vimshottari Dasha is not always applicable in every horoscope. Always verify with divisional charts.

📚 विशेष परामर्शदाता:
🔹 डॉ. आर. दीक्षित🏛 वास्तु विशेषज्ञ
🔹 डॉ. एस. तिवारी🔱 वैदिक ज्योतिषाचार्य
📧 Email: tiwaridixitastro@gmail.com | 📞 +91 9424446706
1📜 14 अगस्त 2025 – धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व

14 August 2025 – Religious & Astrological Significance


🌌 नक्षत्र एवं तिथि | Nakshatra & Tithi

  • रेवती नक्षत्र समाप्तअश्विनी नक्षत्र प्रारंभ
    Revati Nakshatra ends → Ashwini Nakshatra begins
  • भद्रा करन: कृष्ण षष्ठी
    Bhadra Karana: Krishna Shashthi
  • मेष राशि प्रारंभसुबह 09:06 बजे से
    Aries zodiac begins – from 09:06 AM

📅 पर्व एवं व्रत | Festivals & Observances

  • बलराम जयंती (Balram Jayanti)
  • हल षष्ठी / ललही छठ (Hal Shashthi / Lalahi Chhath)
  • स्कंद षष्ठीषष्ठी माता छठ (Skanda Shashthi – Shashthi Mata Chhath)
  • चंदन षष्ठी (Chandan Shashthi)
  • जैन महत्त्वपूर्ण षष्ठी (Important Jain Shashthi)
  • वैदिक षष्ठी (Vedic Shashthi)

धार्मिक महत्त्व | Religious Importance

  • षष्ठी तिथि और अश्विनी नक्षत्र का योग नए वस्त्र, नए वास्तु, नामकरण एवं दान के लिए शुभ माना जाता है।
    The combination of Shashthi Tithi & Ashwini Nakshatra is considered auspicious for new clothes, new property, naming ceremonies, and charity.
    नये वस्त्र, आभूषण, और आवश्यक वस्तुएं लेने से दीर्घकालिक लाभ, स्वास्थ्य में वृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
    Ashwini Nakshatra + Thursday + Shashthi Tithi + Auspicious time is favorable for acquiring/wearing new clothes, ornaments, and essential items, bringing long-term prosperity, better health, and honor.
  • ----------------------------------------------------------------------------------------------------------

1-आज नयी वस्तु (वस्त्र, आभूषण, चूड़ी) प्रयोग करने के भविष्य में प्रभाव
When Using a New Item (Clothing, Jewelry, Bangles) Today: Its Future Impact

भविष्य में जब भी इस वस्त्र/वस्तु का प्रयोग करेंगे:
Whenever You Use This Item in the Future:

  • शुभफल होंगे: यदि आप आज कोई नया वस्त्र या आभूषण धारण करते हैं, तो भविष्य में जब भी आप इस वस्त्र या आभूषण का प्रयोग करेंगे, आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
    Auspicious Results: If you wear a new piece of clothing or jewelry today, you will receive positive outcomes whenever you use it in the future.
  • यह वस्त्र आपके लिए सौभाग्य लाएगा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
    This clothing will bring good luck and positive energy for you.
  • आपको कार्यों में सफलता मिलेगी और यह आपके जीवन में नए अवसर लेकर आएगा।
    You will achieve success in your endeavors, and it may bring new opportunities into your life.

2-जन्म नक्षत्र यदि आपका नक्षत्र निम्नलिखित में से कोई है, तो आज का दिन सुखद और अनुकूल रहेगा।Birth Nakshatra – If Your Nakshatra is Among These, Today Will Be Favorable and Pleasant.

(भविष्य-यात्रा, नए कार्य, पूजा, शपथ, निर्माण, आवेदन, नीति निर्धारण, योजना निर्माण, उच्च अधिकारी से मिलना, दान, सभी मंगल कार्य, देव दर्शन, बैंक संबंधित कार्य, नया लेखा, लाकर, विवाह आदि में सफलता मिलेगी।)
(Future travel, new ventures, worship, oaths, construction, applications, policy-making, planning, meeting senior officials, charity, auspicious activities, temple visits, bank-related tasks, new accounts, lockers, marriage, etc., will be successful.)
भरणी, कृत्तिका, मॄगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, रेवती।
Bharani, Krittika, Mrigashira, Punarvasu, Ashlesha, Purva Phalguni, Uttara Phalguni, Chitra, Vishakha, Jyeshtha, Purvashadha, Uttarashadha, Dhanishta, Purva Bhadrapada, Revati.

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

3-आज प्रचलित नाम के प्रथम अक्षर का भविष्य | Today's Prediction Based on First Letter  Lī (ली), Lū (लू), Le (ले), Lo (लो), A (), I (), Ū (), Ai (), Ve (वे), Vo (वो), Kā (का), Kī (की), Ke (के), Ko (को), Ha (), Hi (हि), Ḍī (डी), Ḍu (डु), Ḍe (डे), Ḍo (ड़ो), Mo (मो), Ṭā (टा), Ṭī (टी), Ṭū (टू), Ṭe (टे), Ṭa (टा), Ṭī (टी), Ṭū (टू), Pe (पे), Po (पो), Rā (रा), Rī (री), Tī (ती), Tū (तू), Te (ते), To (तो), No (नो), Yā (या), Yī (यी), Yū (यू), Bhū (भू), Dhā (धा), Dhi (धि), Dhū (धू), Ḍhe (ढे), Ḍho (ढो), Phā (फा), Phī (फी), Phu (फु), Phe (फे), Pho (फ़ो), Ḍha (), Bhe (भे), Bho (भो), Jā (जा), Jī (जी), Jū (जू), Je (जे), Jo (जो), Ga (), Gī (गी), Gū (गू), Ge (गे), Se (से), So (सो), Dā (दा), Dī (दी), De (दे), Do (दो), Chā (चा), Chī (ची)अगर आपका नाम इन अक्षरों से शुरू होता है, तो आज आपके कार्य सफल होंगे और दिन शुभ रहेगा।If your name starts with these letters, your tasks will be successful, and today will be auspicious.

12राशि भविष्य:

मेष (Aries)

  1. आर्थिक: अपने वस्त्रों में उज्ज्वल, गर्म रंग जैसे लाल या नारंगी चुनें, जो ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाएं।
      Financial: Choose bright, warm colors like red or orange in your attire to boost energy and confidence.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में साहस और स्पष्ट निर्णय लें, जिससे व्यावसायिक चुनौतियाँ सरल हों।
      Daily Success: Embrace bold and clear decisions in new tasks to ease business challenges.
  3. व्यवहारिक सुख: अपने कपड़ों में सामंजस्य बनाए रखें, जिससे आप सहज और प्रसन्न रहें।
      Practical Comfort: Maintain harmony in your clothing to stay comfortable and cheerful.
  4. उपाय/परामर्श: दान या समाज सेवा के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
      Remedy: Channel positive energy through charity or community service.

वृषभ (Taurus)

  1. आर्थिक: शांत और स्थिर रंग जैसे नीला या हरा चुनें, जो वित्तीय स्थिरता का प्रतीक हों।
      Financial: Opt for calm and stable colors like blue or green that symbolize financial stability.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में धैर्य और समझदारी से निर्णय लें।
      Daily Success: Make wise decisions in new endeavors with patience.
  3. व्यवहारिक सुख: सरल और संतुलित वस्त्र पहनें, जिससे दैनिक जीवन में सुखद वातावरण बना रहे।
      Practical Comfort: Wear simple and balanced attire to foster a pleasant daily environment.
  4. उपाय/परामर्श: दान करके अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
      Remedy: Introduce positive changes in your life by engaging in charity.

मिथुन (Gemini)

  1. आर्थिक: हल्के और ताजे रंग जैसे पीला या हल्का हरा अपनाएं, जिससे व्यापार में नवीन विचार उत्पन्न हों।
      Financial: Adopt light and fresh colors like yellow or light green to inspire new business ideas.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में लचीलेपन के साथ त्वरित निर्णय लें।
      Daily Success: Make quick decisions in new tasks while staying adaptable.
  3. व्यवहारिक सुख: रंगों के सामंजस्य से अपने व्यक्तित्व में उत्साह और सामंजस्य जोड़ें।
      Practical Comfort: Enhance your personality with harmonious color coordination.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाकर सफलता की राह प्रशस्त करें।
      Remedy: Pave the way for success by embracing charity and innovation.

कर्क (Cancer)

  1. आर्थिक: सौम्य रंग जैसे सफेद या हल्का नीला चुनें, जो भावनात्मक संतुलन और स्थिरता प्रदान करें।
      Financial: Choose soothing colors like white or light blue for emotional balance and stability.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में सोच-समझकर निर्णय लेकर सुरक्षा का अनुभव करें।
      Daily Success: Make thoughtful decisions in new tasks to feel secure.
  3. व्यवहारिक सुख: सादगी से परिपूर्ण वस्त्र पहनकर पारिवारिक माहौल में मधुरता बनाए रखें।
      Practical Comfort: Wear simple attire to sustain harmony within the family environment.
  4. उपाय/परामर्श: दान करके सामाजिक समर्थन और आंतरिक शांति प्राप्त करें।
      Remedy: Attain social support and inner peace through charitable acts.

सिंह (Leo)

  1. आर्थिक: शक्तिशाली रंग जैसे सुनहरा या गहरा लाल अपनाएं, जो आत्मविश्वास एवं नेतृत्व गुणों को उजागर करें।
      Financial: Embrace powerful colors like gold or deep red to highlight confidence and leadership.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में निर्णायक बनें और साहसिक कदम उठाएं।
      Daily Success: Be decisive and take bold steps in new endeavors.
  3. व्यवहारिक सुख: सामंजस्यपूर्ण रंग आपके व्यक्तित्व में चमक भरते हैं।
      Practical Comfort: Harmonious colors add a sparkle to your personality.
  4. उपाय/परामर्श: दान और नए अवसरों के लिए खुले मन से निर्णय लेने से सफलता सुनिश्चित होगी।
      Remedy: Success is assured by embracing charity and making decisions with an open mind for new opportunities.

कन्या (Virgo)

  1. आर्थिक: स्वच्छ और व्यवस्थित रंग जैसे सफेद या हल्का भूरे अपनाएं, जो स्पष्टता और सुव्यवस्था का संदेश दें।
      Financial: Choose clean, organized colors like white or light brown to convey clarity and order.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में योजनाबद्ध ढंग से निर्णय लें।
      Daily Success: Make systematic decisions in new tasks.
  3. व्यवहारिक सुख: संतुलित वस्त्र पहनकर दैनिक जीवन में मानसिक शांति बनाए रखें।
      Practical Comfort: Maintain mental peace through balanced attire.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं नई परियोजनाओं की शुरुआत से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
      Remedy: Spark positive energy by initiating charity and new projects.

तुला (Libra)

  1. आर्थिक: मध्यम और संतुलित रंग जैसे गुलाबी या हल्का नीला चुनें, जो समता और सौंदर्य का प्रतीक हों।
      Financial: Opt for moderate, balanced colors like pink or light blue, symbolizing equilibrium and beauty.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में संतुलित निर्णय और मधुर व्यवहार अपनाएं।
      Daily Success: Adopt balanced decisions and pleasant behavior in new endeavors.
  3. व्यवहारिक सुख: रंगों के सामंजस्य से आपके सामाजिक संबंध मजबूत बनते हैं।
      Practical Comfort: Harmonious color coordination strengthens your social relationships.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं सहयोग से नए अवसरों को प्राप्त करें।
      Remedy: Secure new opportunities through charity and collaboration.

वृश्चिक (Scorpio)

  1. आर्थिक: गहरे रंग जैसे गहरे नीले या काले चुनें, जो रहस्यमय ऊर्जा प्रदान करते हैं।
      Financial: Select deep colors like dark blue or black that offer a mysterious energy boost.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में रणनीतिक सोच के साथ स्पष्ट और दृढ़ निर्णय लें।
      Daily Success: Make clear, firm decisions in new tasks with strategic thinking.
  3. व्यवहारिक सुख: अपने वस्त्रों में संतुलन बनाए रखकर आत्म-संयम प्रकट करें।
      Practical Comfort: Demonstrate self-control by maintaining balance in your attire.
  4. उपाय/परामर्श: दान और नए व्यापारिक अवसरों को अपनाकर समृद्धि की दिशा में बढ़ें।
      Remedy: Advance towards prosperity by embracing charity and new business opportunities.

धनु (Sagittarius)

  1. आर्थिक: उत्साही रंग जैसे नीला या बैंगनी चुनें, जो आपके उत्साह को बढ़ाते हैं।
      Financial: Choose vibrant colors like blue or purple that boost your enthusiasm.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में साहसिक और अन्वेषणात्मक निर्णय लें।
      Daily Success: Take bold, exploratory decisions in new endeavors.
  3. व्यवहारिक सुख: अपने वस्त्रों के चयन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
      Practical Comfort: Radiate positive energy through your attire choices.
  4. उपाय/परामर्श: दान करने से आत्म-संतुष्टि मिलेगी और नए अवसर खुलेंगे।
      Remedy: Experience self-satisfaction and open new opportunities by engaging in charity.

मकर (Capricorn)

  1. आर्थिक: स्थिरता दर्शाने वाले रंग जैसे भूरे या गहरे हरे अपनाएं, जो गंभीरता और परिपक्वता का संदेश दें।
      Financial: Adopt colors like brown or dark green that reflect stability and maturity.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में योजनाबद्ध ढंग से निर्णय लेकर धैर्य बनाए रखें।
      Daily Success: Maintain patience by making systematic decisions in new tasks.
  3. व्यवहारिक सुख: सटीक और संतुलित रंग आपके दैनिक जीवन में संतोष लाते हैं।
      Practical Comfort: Precise, balanced colors bring contentment to your daily routine.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं समाज सेवा के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाएँ।
      Remedy: Foster positive changes through charity and community service.

कुंभ (Aquarius)

  1. आर्थिक: नवीनता दर्शाने वाले रंग जैसे फ्यूजन या अनूठे पैलेट अपनाएं, जो रचनात्मकता को उजागर करें।
      Financial: Embrace fusion or unique color palettes that highlight creativity.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में स्वतंत्र और रचनात्मक निर्णय लें।
      Daily Success: Make independent, creative decisions in new tasks.
  3. व्यवहारिक सुख: अपने वस्त्रों में ताजगी और नवाचार लाकर ऊर्जावान महसूस करें।
      Practical Comfort: Infuse freshness and innovation into your attire to feel energetic.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं सामाजिक योगदान से अपना व्यक्तित्व निखारें।
      Remedy: Enhance your persona through charity and social contributions.

मीन (Pisces)

  1. आर्थिक: सौम्य और शांत रंग जैसे हल्का गुलाबी या सफेद चुनें, जो शांति और स्पष्टता का अनुभव कराएं।
      Financial: Choose gentle, calm colors like light pink or white to evoke peace and clarity.
  2. दैनिक सफलता: नए कार्यों में संवेदनशील और समझदार निर्णय लें।
      Daily Success: Make sensitive and thoughtful decisions in new endeavors.
  3. व्यवहारिक सुख: अपने वस्त्रों में सादगी और संतुलन से आंतरिक शांति पाएं।
      Practical Comfort: Attain inner peace through simple and balanced attire.
  4. उपाय/परामर्श: दान एवं समाज कल्याण के कार्यों में हिस्सा लेकर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएं।
      Remedy: Boost positive energy by participating in charity and community welfare initiatives.

Vedic Mantra and Remedies

Nakshatra & Sacred Tree

  • Nakshatra (Constellation): Palaniyo
  • Sacred Worship Tree: Kuchala (Nux Vomica)

Vedic Mantra:

अश्विनौ तेजसाचक्षु: प्राणेन सरस्वती वीर्य्यम वाचेन्द्रो बलेनेन्द्राय दधुरिन्द्रियम।
अश्विनी कुमाराभ्यो नमः।

Mantra Benefits:

This Vedic mantra is especially beneficial for individuals with Cancer (Karka) Rashi (names starting with H, D). It provides mental peace, health, and prosperity when chanted regularly.अनुकूल कार्य: नया निर्माण कार्य, वास्तु संबंधित कार्य, नए वस्त्र धारण करना।
Suitable activities: Starting new construction, architecture-related work, wearing new clothes.

वर्जित कार्य: तेल मालिश, नाखून काटना, अनावश्यक यात्रा।
Avoid: Oil massage, cutting nails, traveling unnecessarily.

🙏 विशेष उपाय: भगवान कार्तिकेय की पूजा करें जिससे बुद्धि, समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त हो।
🙏 Special Remedy: Worship Lord Kartikeya for intelligence, prosperity, and longevity.


Thursday – Remedies for Removing Negativity & Success 🟡

🟡 गुरुवार अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय 🟡

1️ For Fortune & Success | सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए

Bathing Ritual:

  • Mix river or pilgrimage water, jasmine flowers (or yellow mustard in absence of jasmine), cluster fig (Goolar), and licorice (Mulethi) in bathwater and take a bath.

स्नान विधि:

  • स्नान जल में नदी या तीर्थ जल, चमेली पुष्प (या पीली सरसों), गूलर, मुलेठी मिलाकर स्नान करें।

2️      Charity (Donation) for Removing Obstacles | बाधा मुक्ति हेतु दान

  • Donate: Yellow grains (chana), sugar, yellow flowers (marigold, cassia, amaltas, peepal leaves), yellow clothes, yellow fruits (banana, papaya).

2️      दान करें:

  • पीला अनाज (चना), शक्कर, पीले पुष्प (गेंदा, केसरी, कैला, पीपल), पीला वस्त्र, पीले फल (पपीता, केला) आदि।

3️     Whom to Donate To? | दान किसे दें?

  • To Guru, wise scholars, Brahmins, teachers, or those involved in knowledge and education.
  • Donation can also be made at Vishnu, Krishna, or Ram temples.

3️     दान प्राप्तकर्ता:

  • गुरु, ज्ञानी पुरुष, ब्राह्मण, शिक्षा कर्म करने वाले व्यक्ति।
  • दान विष्णु, कृष्ण, राम मंदिर में करना चाहिए।

4️     What to Eat Before Leaving Home? (For Daily Dosha Removal) | दिन दोष आपत्ति निराकरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं?

  • Consume curd (yogurt) and cumin seeds before leaving home.

4️    उपाय:

  • घर से निकलने से पहले दही (Curd) और जीरा (Cumin) खाएं।

🔹 For Stress Relief & Success | तनाव, परेशानी रोकने एवं सफलता के लिए

  • Worship Jupiter (Guru) and chant the following powerful mantras.
  • गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें।

🕉 Guru Gayatri Mantra | गुरु ग्रह गायत्री मंत्र

🕉 "Om Angirasaya Vidmahe |
Divya Devataya Dhimahi |
Tanno Jivah Prachodayat |
Aapo Jyoti Rasa Amritam ||"

🕉 "ओम अंगिरसाय विद्महे |
दिव्य देवताय धीमहि |
तन्नो जीवः प्रचोदयात् |
आपो ज्योति रस अमृतम ||"


🕉 Guru Beej Mantra | गुरु बीज मंत्र

🕉 "Om Gram Greem Groum Sah Gurave Namah ||"
🕉 " ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ||"


🔹 Jain Mantra for Jupiter | जैन गुरु ग्रह मंत्र 🔹

  • Remember Lord Mahavir for protection from Jupiter afflictions.
  • श्री महावीर भगवान का स्मरण करें।

🕉 "Om Hreem Namo Ayariyanam ||"
🕉 " ह्रीं णमो आयरियाणं ||"

🕉 "Om Hreem Guru Graharishta Nivaraka |
Shri Mahavir Jinendraya Namah |
Sarva Shantim Kuru Kuru Swaha |
Mam (Your Name) Dusht Graha Roga Kashta Nivaranam |
Sarva Shantim Kuru Kuru Hum Phat Swaha ||"

🕉 " ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारक |
श्री महावीर जिनेन्द्राय नम: |
सर्व शांतिं कुरू कुरू स्वाहा |
मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं |
सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा ||"

📿 Chant 11, 31, or 54 times for maximum benefits.
📿 (11, 31 या 54 जाप करें)


✅ By following these remedies, one can neutralize Jupiter’s negative effects and attain wisdom, success, and prosperity. 🟡✨
इन उपायों को करने से गुरु ग्रह की अशुभता दूर होगी और ज्ञान, सफलता एवं समृद्धि प्राप्त होगी। 🟡✨ वेद मंत्र  अश्विनी

ॐ अश्विनौ तेजसाचक्षु: प्राणेन सरस्वती वीर्य्यम वाचेन्द्रो
बलेनेन्द्राय दधुरिन्द्रियम । ॐ अश्विनी कुमाराभ्यो नम: ।

पौराणिक मंत्र:

अश्विनी देवते श्वेत वर्णो तौ व्दिभुजौ स्तुमःl
सुधा संपुर्ण कलश कराब्जावश्च वाहनौ ll

नक्षत्र देवता मंत्र:
अ)ॐअश्विनी कुमाराभ्यां नमः
आ) ॐ अश्विभ्यां नमः

नक्षत्र मंत्र:- ॐ अश्वयुगभ्यां नमः|

 

गुरुवार के अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-

1-- सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए

स्नान जल मे मिला नदी

या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे

पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे |

2-बाधा मुक्ति के लिए दान-

पीला अनाज ,चना, शकर, पीले पुष्प gYnh] dslj] dsyk] ixMh] ihiy

पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे|

3-दान किसको दे -

गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मे दान H

phaVh] iqtkjh Lo.kZ foØsrk /keZ LFkku मे करना चाहिए |

गुरु ग्रह का गायत्री मंत्र-

ओम अंगिरसाय विद्महे दिव्य देवताय धीमहि

तन्नो जीवः प्रचोद्यात् |आपो ज्योति रस अमृतम |

ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः

जैन मंत्र-

ह्रीं णमो आयरियाणं 

ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारकश्री महावीर जिनेन्द्राय नम

सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।

मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

(11,31 या 54 जाप्य)

दिन दोष आपत्ति निराककरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व खाएं––दही curd,जीरा


Kundali Matching Expertise

Our expertise includes detailed analysis of Nadi Dosha, Mangal Dosha, Bhakoot Dosha, and Apvaad Niyam (exception rules) for accurate Kundali matching.

Key Considerations in Kundali Matching:

  1. Nadi Dosha:
    • There are 3-5 Nadi types affecting compatibility.
    • 13 Nakshatras naturally do not have Nadi Dosha.
  2. Mangal Dosha:
    • More than 35 exception rules apply for nullifying Mangal Dosha.
  3. Navamsa (D-9 Chart) Analysis:
    • Includes 5 Nadis, 9 Planets, and Lagna Rashi examination.
    • Each Nakshatra’s 4 phases (charanas) are evaluated.
  4. Unique Features:
    • Our analysis considers 30 key compatibility factors, whereas traditional Ashtakoot matching evaluates only 8 factors.

Marriage Compatibility Report:

  • A detailed, printable compatibility report of 6-10 pages is provided.
  • This depth of analysis is rare and not commonly available elsewhere.

For precise Kundali matching and remedies, feel free to connect.

संपर्क करें:
Email: jyotish9999@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Sun City, Bangalore


एकादशी आवश्यक ध्यातव्य

गृहस्थ-वर्ग जिनके पुत्र हो वे ध्यान रखें:
वर्जित: कृष्ण एकादशी, रविवार, संक्रांति, ग्रहण के दिन व्रत करना अशुभ है। परंतु स्नान और दान आवश्यक है।(नारद अनुसार)

घर से निकलते समय यात्रादी के कष्ट से सुरक्षा के लिए

रविवार: ताम्बूल,
सोमवार: दूध, जल एवं दर्पण देखना,
मंगलवार: गुड़+धनिया, गरम दूध, मसूर,
बुधवार: कच्चा दूध, मिठाई,
गुरुवार: राई, केसर तिलक, दही,
शुक्रवार: दही,
शनिवार: बायबिडिंग + काले तिल।

भोज्य वस्तु या उससे बने व्यंजन:
रविवार: ताम्बूल, घी,
सोमवार: खीर, जल एवं तिलक,
मंगलवार: गुड़,
बुधवार: धनिया और तिल, राई,
गुरुवार: दही शकर,
शुक्रवार: जौ।



कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email:
tiwaridixitastro@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Bangalore
-५६०१०२

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

रामचरितमानस की चौपाईयाँ-मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक (ramayan)

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...