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-आंवला ,अक्षय, कुष्मांडा नवमी- विधि कथा मंत्र

      -आंवला नवमी अक्षय नवमी-   ब्रह्मा के आंसुओं से उत्पन्नवृक्ष पर ब्रह्मा,शिव,विष्णु निवास एवं लक्ष्मी प्रसन्न | आरोग्य दिन एवं युग आदि तिथि विशेष महत्वपूर्ण दिन है।   देवी पुराण एवं एवं हेमाद्री ग्रंथ में अत्यंत महत्व उल्लेखित है ।गिफ्ट डे , हेल्थ डे , आंवला ट्री डे , -उत्त्पत्ति- कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को बृक्ष की उत्त्पात्त- आंवले को धातृ वृक्ष भी कहते हैं। भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) को प्रिय   है। सृष्टि वृक्षों में   सबसे पहले आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ था। इसलिए इसे आदिरोह या आदि वृक्ष भी कहा जाता है शिवजी ( Lord Shiva) के आंसूओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति , ब्रम्हा जी ( Lord Brahma) के आंसूओं से आंवले के पेड़ की उत्पत्ति हुई। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण - जब पूरी पृथ्वी जलमग्न हो गई थी तब ब्रम्हा जी पुन: सृष्टि के लिए   कमल पुष्प पर बैठकर ब्रम्हा जी परब्रम्हा की तपस्या करने लगे। परब्रम्हा भगवान विष्णु प्रकट हुए उनको देख कर ख़ुशी में   के आंसू भगवान विष्णु के चरणों पर गिरे | इन   आंसूओं से आमलकी यानी आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ । -भगवान विष्णु -ब्रम्हा जी से कहा कि आप