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जनवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
                                      रत्न एवं उपरत्न ईश्वरीय प्राकृतिक वरदान हैं | धर्म,दैनिक कार्यों ,jyotish अनिष्ट निवारण , चिकित्सा आदि में सर्वत्र इन देवीय क्षमता संपन्न रत्न उपरत्न का प्रयोग किया जाता है | इनके  नाम प्रयोग पर आज भी अनुसंधान हो रहे हैं | इनके विषय में संक्षिप्त में जानिए |

ऋण मोचक एवं *दुर्दशा नाशक उपाय-दिसम्बर

दिसम्बर 2018 Ø    आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय –                Ø    - निर्धनता निवारक (ऋण मोचक) – धन्य व्रत , मार्गशीर्ष.8 दिस.(वराह पुराण )-   प्रारंभ कर वर्ष भर , इसे शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष प्रतिपदा दोनों में किया जाता है | रात्री समय विष्णु की अंग पूजा करना होती है | अग्नि स्मरण कर लाल पुष्प , लाल वस्त्र , लाल चन्दन अर्पण | Ø     मन्त्र -वैश्वानराय पादों नम: | अग्नये उदरम नम: | हविर्भूजे उर: | द्रविण उदाय   भुजे | संवरताय शिर: | ज्वाल्नायेती सर्वांगम पूजयामि |                Ø     गौ दान- पदार्थ दशमी , धन , सफलता , विद्या हेतु , मार्गशीर्ष शु , दसमी , 17   दिस.-गौदान एवं १० दिशाओ की पूजा |               Ø    *रोजगार प्रद-(पौष कृ.एकादशी )19 दिसम्बर –( पद्मपुराण )विष्णु पूजा  | अर्पण-केला , अंजीर , बिजोरा नीबू , अनार , नारिय्काल , सुपारी | मन्त्र-विष्णवे नम: | विष्णु सहस्त्र नाम या विष्णु जी का कोई मन्त्र जप | Ø    * दुर्दशा नाशक  – दशादित्य व्रत ,( स्कन्द पुराण )मार्गशीर्ष शु.दशमी-18दिसंबर |

आपत्ति निवारक तरीके- अक्तूबर एवं नवम्बर

अक्तूबर- Ø    आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय -                 * सुख , शांति , सर्प भय एवं विष मुक्ति- शांति पंचमी ,( हेमाद्री)13 अक्टू-         किस चोकी पर श्वत वस्त्र बिछा कर हरी कुश या दूर्वा के १२ नाग एवं एक इन्द्रानी रखे | इंद्राणी को जल से एवं सर्पो को दूध – जल से स्नान कराये | धुप , दीपक , गंध अर्पण करे |  मन्त्र -नागा ; प्रीता भवन्तीह शांति माप्नोति   वै विभो | स शांति लोकमासाद्य मोदते शाश्वती : समा: | ॐ कुरु कुल्ल्यम हुम् फट स्वाहा | नवम्बर                   * सर्प एवं विष रोग से सुरक्षा   - 11 नव- कार्तिक शु.चतुर्थी (कुर्म पुराण )-   दोपहर में १२ नागो की पूजा , दूध स्नान , दुग्ध अर्पण , गंध , पुष्प अर्पण |            * धन , राज्य , कृषि , व्यापार , पुत्रसुख हेतु -18 नव. , आशा दशमी ,( भविष्योत्तर पुराण )- जों के आटे से , इंद्र , दिक्पाल बना कर , स्मरण कर पूजा करे | मन्त्र- आशा: स्वाशा: सदा कल्याणम अस्तिवती |               * उच्च पद , राजनीति में उत्कर्ष – राज्य प्राप्ति व्रत ,( विष्णु धर्मोत्तर पुराण )कार्तिक   शु.दशमी ,   18 नव. ,   - 10 देव

मनोकामना पूरक उपाय -सितम्बर-

सितम्बर -2018 Ø    आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय -            * पुत्र व्रत-(वराहपुराण ). भाद्र कृ सप्तमी ,2 सित.   – ॐ क्लीम कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नम: | * पूर्वजन्म की बाधा शमन – भाद्र कृ एकादशी ,6 सित |* *राज्य , पद , पुत्र , परिवार , आरोग्य , आयु वर्धक-   मह्त्त्माख्य   व्रत , भद्र शु.प्रतिपदा(स्कन्द पुराण )10 सित.-48 पुष्प , फल , या मिठाई शिव जी को अर्पित करे | 16-इश्वर , 16-ब्राह्मण , को वितरण एवं 16- स्वयं प्रयोग करे |                 * पाप नाशक , सुख भोग , मुक्ति-हरतालिका-(भविष्योत्तर पुराण ) 12सित. ;- उमा महेश्वर की रात्री में पूजा , 8-16 जोड़े पति-पत्नी को भोजन , कुल 16 सौभाग्य वस्तुएं दान करे | मन्त्र-देवि देवि उमे गौरी त्राहि मां करुनानिधे | मम अपराधा: क्षन्तव्याम भुक्ति मुक्ति प्रदाभव | *धन.पुत्र , दाम्पत्य सुख.सौन्दर्य -भाद्र.शु. दूर्वा अष्टमी  , 17 सित.-उमा-शिवजी को फल , दूर्वा , मिठाई/बताशा अर्पण |             * पाप नाशक , सौभाग्य , सर्पसे सुरक्षा -भद्र , शु , चतुर्दशी   , 23सित , अनंत व्रत-विष्णुपूजा एवं अनंत नाग की 7 फ़ण की प्रतिमा

मगल चंडिका -विवाह वाधा मंगल दोष नाशक

अगस्त- विवाह बाधा या मगल दोष मुक्ति के लिए श्री मंगल चंडिका स्तोत्र रक्ष रक्ष जगन्मातर्देवि मंगल चंडिके।हारिके विपदाय राषे हर्ष मंगल कारिके। हर्ष मंगल दक्षे च हर्ष मंगल चंडिके।शुभे मंगल दक्षे च शुभ मंगल चंडिके। मंगले मंगलार्हे च सर्व मंगल मंगले।सदां मंगलदे सर्वेषां मंगलालये। ( ब्रह्म वैवर्तपुराण-प्रकृतिखंड   44-29-40)

आपत्ति निवारक उपाय ,कौन देव कब सोते रहस्य?-जुलाई

जुलाई- 2018 Ø    आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय - *मनोकामनापूरक(सफलता)- महिषन्घी देवी-आषाढ़ शु. अष्टमी (देवी भागवत )-20 जुलाई - हल्दी मिश्रित जल से स्नान का विशेष   महत्त्व है | देवी को भी ऐसे ही जल से स्नान कराएँ | जों , शकर , घी की मिठाई अर्पण | * सौभाग्य , दीर्घायु , सौन्दर्य , आदि – देवशयन एकादशी (23 जुलाई )-भगवान् विष्णु की पूजा (ॐ विष्णवे नम:) | विष्णु जी की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र से सज्जित कर , श्वेत वस्त्र उढा कर , गद्दे तकिये लगा कर रात्रीमें(सुप्ते त्वई जगन्नाथ कह कर )सुला दे |          जुलाई-   आगामी चार माह तक स्पर्श वर्जित | खाद्य पदार्थ जो पसंद हो उनका प्रयोग   नहीं करने   का संकल्प ले , जेसे वंश वृद्धि के लिए - दूध , सौभाग्य –- मूंगफली तेल , शत्रु नाश -सरसों तेल , सद्गति- पुष्प , मधुर स्वर- गुड , पुत्र पोत्र संतान सुख- तेल , सुन्दरता-पंचगव्य , बर्तन नमे भोजन परीत्याग कर पत्ते पर   भोजन करने से विशेष फल प्राप्त होते है | देवशयन: विभिन्न देव कब 2 सोते है- .  विष्णुजी: आषाढ शुक्ल एकादशी को शयन की शेष नाग पर ।   कामदेव -त्रयोदशी: कंदब पुष्प

आपत्ति निवारक उपाय -जून

                         जून-2018 Ø    आपत्ति निवारक एवं मनोकामना पूरक उपाय - आपदा से मुक्ति   -14जून   – सूर्य स्मरण | सावित्री , सत्यभामा , सरस्वती , दमयंती आदि ने पूजा कर आपदा से मुक्ति पाई | स्त्री वर्ग को शीघ्र फल मिलता है | मन्त्र- रवये नम: , सूर्याय नम: , विषावास   नमस्ते भानु वल्लभ | मौली मंडन   दुर्गा आदि देवानाम सततम प्रिय | *-   विवाह हेतु , दाम्पत्य सुख , पुत्र , समृद्धि  – रम्भा व्रत-जेठ शु.तृतीय दि.15जून – ॐ महाकाल्यै नम: , महालक्ष्मये नम: , महासरस्वतये नम: ,| गंगा , यमुना , नर्मदा , सिन्धु , नदी के लिए स्वाहा |  मंत्र- त्वं शक्तिस्त्वम , त्वं स्वधा स्वाहा त्वंसावित्री सरस्वती | पतिम देहि , गृहम देहि , सुतान देहि नमोस्तुते | मन्त्र का जप | पार्वती पूजा स्मरण कामना पूरक | * सम्पदा वृद्धि एवं पाप नाशक  – गंगा पूजा - 22 जून-गंगा नदी या कोई भी जलाशय या गंगाजल मिश्रित जल से स्नान | गंगा जी का ध्यान , चार भुजा , तीन नेत्र , श्वेत वस्त्र , सर्व अभूषण से युक्त .रत्न कुम्भ धारिणी |   मन्त्र -ॐ नम: शिवायै नारायणयै दशहरायै गंगायै नम: या हवन – नम: के स्थान पर स्