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दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी  के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों  के विनाशक एक रहस्य |
दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?
अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं|
दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है|
दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं|
दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं|
1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है|
2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है|
3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है| परेशानियों में कमी होती है| संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है| संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है|
4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती है| अविवाहितों विशेष तौर पर कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है| विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है|
5- एक    का रस दुर्गा की मूर्ति पर अर्पित करने से  आय में वृद्धि होती है या धन लाभ होता है|
*धन लाभ के लिए शहद एवं शक्कर से भी दुर्गा जी का विषयक करना लाभदायक सिद्ध होता है
6- फल का रस या अनेक फलों का रस निश्चित कर दुर्गा जी पर अर्पित करने से स्वास्थ्य में लाभ होता है| आयु में वृद्धि होती है| व्यक्तित्व में आकर्षण पैदा होता है|
7- आप शत्रुओं से पीड़ित हैं या राजनीति में विरोधी आवश्यकता से अधिक सक्रिय है तो इस समस्या के समाधान के लिए दुर्गा जी का अभिषेक सरसों के तेल के द्वारा करना चाहिए इससे शत्रु बाधा दूर होती है एवं शत्रु स्वयं संकट ग्रस्त हो जाता है|
* अरंडी के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु या उसकी गतिविधियों पर तुरंत अंकुश लगता है इसका प्रयोग मुकदमें आदि में विजय के लिए भी विशेष लाभदाई सिद्ध होता है| दुर्गा जी अभिषेक अरंडी के तेल से करने पर शत्रु का पराभव एवं  आध पतन भी होता है|
8- दैनिक जीवन में जाने अनजाने हम कई प्रकार के पाप कर बैठते हैं इनकी मुक्ति के लिए निश्चित रूप से हमें तीर्थों का जल अर्थात ऐसी नदियां जो तीर्थ स्थान के किनारे पर हूं उन का जल अर्पण करना लाभदायक सिद्ध होता है|
9- यदि किसी पर आपके द्वारा किसी प्रकार का टोना टोटका किया गया है तो इसके निवारण के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप मट्ठा या छाछ या दही में पानी मिलाकर मिक्सर में चला कर उसके द्वारा मां दुर्गा का अभिषेक करें| इसके द्वारा आपके ऊपर कोई अभिचार कार्य  तथा टोना टोटका किया गया होगा उसका निवारण हो जाता है|
10-आकर्षण या जनसमूह को प्रभावित करने के लिए शहद विशेष उपयोगी सिद्ध होता है इसके साथ ही चमेली  का तेल भी विशेष उपयोगी सिद्ध होता है इससे व्यक्तित्व में आकर्षण एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती   
                  ग्रह विशेष की बाधा दूर करने के लिए-
सूर्य ग्रह की बाधा दूर करने के लिए मां भवानी पर हमको मदार या  अर्क के पुष्प एवं गुण अर्पित  करना चाहिए|गन्ने का गरम रस या गर्म गुण भी विशेष उपयोगी सिद्ध होता है
चंद्र ग्रह के दोष दूर करने के लिए जल में सुगंधित पदार्थ मिश्रित कर अर्पित करना चाहिए|
मंगल ग्रह के दोष अथवा रक्त रोग या ऋण मुक्ति के लिए सबसे सरल उपाय है  की दुर्गा जी को लाल कनेर के पुष्प, जवाकुसुम के पुष्प, अर्पित कर शहद एवं श्वेत सरसों का उपयोग करना चाहिए इसके अभाव में बड़े दाने की राई का प्रयोग भी कर सकते हैं| इससे शत्रु बाधा या राजनीतिक शत्रु पर भी अंकुश लगता है|
बुध ग्रह के दोष दूर करने के लिए या त्वचारोग अथवा एलर्जी के शमन के लिए बिल्वपत्र अर्पण एवं बिल्ब फल का हवन तथा मूंग की दाल अर्पित करना चाहिए| हरे वस्त्र अर्पित करना चाहिए|
गुरु ग्रह के दोष दूर करने के लिए, प्रतियोगिता में सफलता के लिए, स्मृति बढ़ाने के लिए ब्राह्मी का रस
हल्दी एवं केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करना श्रेष्ठ सिद्ध हो सकता है| चने की दाल एवं पीले वस्त्र अर्पण करना लाभदाई होता है|
शुक्र ग्रह के दोष दूर करने के लिए फलों का रस विशेष उत्तम एवं शीघ्र प्रभाव प्रदान करता है| फलों के रस को अर्पण करने से दांपत्य सुख, आकर्षण, स्त्री वर्ग पर अनुकूल प्रभाव ,प्रेम संबंध  में प्रगाढ़ता के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध होता है|चमेली का तेल भी इसमें लाभदायक सिद्ध होता है|
शनि ग्रह  के दोष निवारण के लिए सरसों का तेल, उड़द की दाल,  नीला या काला वस्त्र अर्पित करना श्रेष्ठ होता है|
राहु के दोष दूर करने के लिए तिल का तेल, काला वस्त्र, कांटे वाले पेड़ की लकड़ी से हवन विशेष लाभदायक होते हैं|- यदि आपकी जन्मकुंडली में राहु की दशा अंतर्दशा चल रही है जो कि आपको विभिन्न स्तर पर विघ्न-बाधा रोग कष्ट प्रदान कर रही है| अथवा आपको क्या रोग है इसको चिकित्सक  समझ नहीं पा रहे हैं इस स्थिति में भी तिल के तेल से अभिषेक या अर्पण यह  हवन करने से इस समस्या का निराकरण होता है|
केतु के दोष को दूर करने के लिए तिल का तेल सरसों का तेल एवं महुए का तेल तीनों मिश्रित कर उसके द्वारा अभिषेक एवं हवन दीपक प्रज्वलित करना चाहिए इससे यश प्रतिष्ठा सम्मान में वृद्धि होती है तथा मंगल के दोषों को भी दूर करने में सक्षम होता है|

     
Regards,
Pt V K Tiwari 
(Horoscope, Vastu,Palmistry,Numerology,Fengshui)
Mobile - 9424446706 
Location : Bhopal 

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