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11.8.2025 नए वस्त्र या वस्तुओं का प्रयोग ?शुभ (दोष-रहित )समय

 


11.8.2025 नए वस्त्र या वस्तुओं का प्रयोग ?शुभ (दोष-रहित )समय

शतभिषा नक्षत्र + सोमवार + द्वितीया + पूर्वा भद्रा (13:31 के बाद) का संयुक्त प्रभाव -

संक्षिप्त में:

  • शतभिषा नक्षत्र में चंद्रमा का प्रभाव रहस्यमय, चिकित्सीय और सूक्ष्म बुद्धि से भरपूर होता है।
  • सोमवार का दिन चंद्र और शिव का दिन होने से आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि के लिए अत्यंत शुभ है।
  • द्वितीया तिथि विशेष रूप से नई शुरुआत और शुद्धि के लिए लाभदायक होती है।
  • रेतिता (दोपहर 1:30 तक) को स्नान या पूजा स्त्रियों के लिए कुछ परिस्थितियों में अशुभ माना गया है।
  • पूर्वा भद्रा नक्षत्र के समय (13:31 के बाद) नए वस्त्र या वस्तुओं का प्रयोग शुभ होता है, यह नक्षत्र सफलता, सौभाग्य और समृद्धि का द्योतक है।

13:30 तक और 13:31 से प्रभाव:

  • 13:30 तक - शतभिषा + सोमवार + द्वितीया समय में, स्नान, नए वस्त्र पहनना या पूजा-वस्तु प्रयोग स्त्रियों के लिए विशेष रूप से अशुभ माना गया।
  • 13:31 से पूर्वा भद्रा नक्षत्र की शुरुआत के साथ, यह समय शुभ हो जाता है और नए वस्त्र, पूजा, स्नान आदि का प्रयोग सौभाग्यवती, स्वस्थ और सफलता देने वाला होता है।

संयुक्त प्रभाव (Sayukt Prabhav):

समय

प्रभाव

विवरण

13:30 तक

अशुभ/निषेध

स्त्रियों के लिए स्नान/नए वस्त्र पहनना वर्जित, पूजा में बाधा हो सकती है

13:31 से

शुभ, सफलता और समृद्धि

पूर्वा भद्रा नक्षत्र से प्रारंभ, नए वस्त्र और पूजा से लाभ मिलता है

13:31 से पूर्वा भद्र नक्षत्र वाले दिन नए वस्त्र या अन्य नए वस्तुओं का प्रयोग करने का प्रभाव और संबंधित श्लोक (संस्कृत में) तथा उनका अर्थ इस प्रकार है:


1. पूर्वा भद्र नक्षत्र में नए वस्त्र/वस्तुओं का प्रयोग - प्रभाव:

  • पूर्वा भद्र नक्षत्र का स्वामी ग्रह भृगु माने जाते हैं, यह नक्षत्र शुभ माना जाता है।
  • इस नक्षत्र में नए वस्त्र पहनना, नए वस्तुओं का प्रयोग शुभ फलदायी होता है।
  • विशेष रूप से धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, गृहप्रवेश, विवाह जैसे शुभ अवसरों पर पूर्वा भद्र नक्षत्र वाले दिन नए वस्त्र या वस्तु उपयोग करना सौभाग्य, समृद्धि और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • परन्तु, वस्त्र या वस्तु प्रयोग सुबह के शुभ समय (प्रातः काल) में करें ताकि इसका प्रभाव अधिक फलदायी हो।

प्रभाव:

  • 10:33 से 13:30 (शतभिषा नक्षत्र + सोमवार + तृतीया + रेतिता)
    इस समय स्नान और श्रृंगार (वस्त्र, आभूषण, मेहंदी, चूड़ी) स्त्रियों के लिए पूरी तरह शुभ नहीं माना जाता।
    • इस दौरान नए वस्त्र पहनना, मेहंदी लगाना या श्रृंगार करना असफलता, अशुभ परिणाम या मनोवैज्ञानिक अस्वस्थता दे सकता है।
    • स्नान भी स्त्रियों के लिए वर्जित है या कम शुभ माना जाता है।
  • 13:31 से (पूर्वा भद्र नक्षत्र + सोमवार + तृतीया)
    पूर्वा भद्र नक्षत्र प्रारंभ होते ही यह समय पूर्णतः शुभ हो जाता है।
    • नए वस्त्र पहनना, आभूषण, मेहंदी, चूड़ी लगाना, और श्रृंगार करना लाभकारी और सौभाग्यवर्धक होगा।
    • यह समय विशेषकर विवाह, पूजा, व्रत और अन्य शुभ कृत्यों के लिए उत्तम है।

पूर्वाभद्रो नक्षत्रे नववस्त्रप्रयोगः शुभः।
यज्ञेषु गृहप्रवेशे विजयं प्रददाति च॥

पूर्वा भद्र नक्षत्र में नए वस्त्रों या वस्तुओं का प्रयोग शुभ होता है। यह नक्षत्र गृह प्रवेश, यज्ञ और अन्य शुभ कार्यों में सफलता और विजय प्रदान करता है।

श्लोक (संदर्भार्थ):

"शतभिषे सोमवारे तृतीयायां रेतिते ,
स्त्रिया मेकस्नानं वर्जयेत पूर्वाभद्रे युक्तम्॥"

शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को तृतीया तिथि के रेतिता (13:30 तक) में स्त्रियों का स्नान वर्जित होता है, पर पूर्वा भद्रा नक्षत्र से स्नान और श्रृंगार शुभ होता है।

4.

  • पुराने समय से ज्योतिष ग्रंथों में नक्षत्रों के अनुसार वस्त्र, आभूषण, और वस्तुओं के प्रयोग की शुभता बताई गई है।
  • पूर्वा भद्र नक्षत्र वाले दिन नए वस्त्र पहनना या नए सामान का उपयोग आरंभ करना सुख-शांति और समृद्धि की ओर संकेत करता है।
  • यदि यह कार्य अशुभ काल जैसे राहु काल या अन्य अशुभ मुहूर्त में किया जाए तो लाभ में कमी हो सकती है।

स्नान नियम (शतभिषा नक्षत्र वाले सोमवार):

  • स्नान समय: श्रावण सोमवार को शतभिषा नक्षत्र में स्नान करने के लिए दोपहर 1:30 तक स्नान करना सौभाग्यवती स्त्री के लिए उचित नहीं माना गया है।
  • स्नान और पूजा कार्य 1:30 बजे तक करें, क्योंकि ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि इस समय तक स्नान करना स्त्री के लिए शुभ नहीं रहता।
  • स्नान और पूजा का शुभ समय 1:30 बजे के बाद माना जाता है।

ग्रंथ श्लोक संदर्भ:

शिव पुराण एवं श्रावण माह संबंधी ग्रंथों में उल्लेखित है:
श्रावण सोमवारं व्रतेन, शिवं पूजयेत सदा।
द्वितीयतृतीययोः काले, स्नानं तु मा कुरु स्त्रिया॥

अर्थात्: श्रावण सोमवार के द्वितीय और तृतीय घंटे (लगभग सुबह 7:30 से दोपहर 1:30 तक) स्नान स्त्रियों के लिए वर्जित है। स्नान इस समय के बाद करें और पूजा में मन लगाकर ध्यान दें।

11–अगस्त 2025 – Lucky Task Time Table (Bangalore Location आधारित)
🔆 Right Work – Right Time – Right Zodiac Signs 🔆

(Custom-style summary for each day from 11 अगस्त)

📅 तारीख / Date

🕰समय काल (Time Slot)

कार्य हेतु श्रेष्ठ कार्य

🔯 राशियाँ जिन्हें विशेष लाभ

11‑08‑2025

05:28 – 07:10

📚 शिक्षा, इंटरव्यू तैयारी

मेष, सिंह


07:11 – 08:53

💰 निवेश, धन संबंधी निर्णय

वृषभ, मकर


10:36 – 12:18

📩 ईमेल, प्रस्ताव, ऐप्लिकेशन

मिथुन, कन्या


12:19 – 14:00

🛒 खरीदारी, ऑनलाइन ऑर्डर

कर्क, कुंभ


15:42 – 17:24

📢 प्रचार, मार्केटिंग

तुला, मीन


17:25 – 19:07

🎨 रचनात्मक कार्य, डिजाइन

वृश्चिक, धनु


19:08 – 20:50

📞 मीटिंग, काउंसलिंग

मेष, सिंह


22:32 – 00:14

📖 आध्यात्मिक लेखन, ध्यान

वृषभ, मकर

1. शुभ / दोष-रहित समय (अशुभ समय घटाने के बाद)

क्रम

समय

विशेषता

उपयोग

1

06:43 AM – 07:41 AM

सूर्योदय के बाद, राहुकाल से पहले

हवन, पूजन, मंत्रजप

2

09:16 AM – 10:50 AM

राहुकाल यमगण्ड के बीच

शिव अभिषेक, दान

3

12:00 PM – 12:25 PM

अभिजित मुहूर्त (यमगण्ड के बाद और दुर्मुहूर्त से पहले)

शुभारंभ, संकल्प

4

01:40 PM – 01:59 PM

दुर्मुहूर्त के बाद, गुलिक से पहले

लघु पूजन

5

03:34 PM – 03:50 PM

गुलिक के बाद, बाण से पहले

छोटा हवन

6

04:11 PM – 06:43 PM

बाण समाप्ति के बाद, सूर्यास्त तक

पूर्ण रुद्राभिषेक

7

06:43 PM – 07:06 PM

गोधूलि मुहूर्त

दीपदान, आरती

2. अशुभ समय (जिन्हें टालना है)

दोष

समय

राहुकाल

07:41 AM – 09:16 AM

यमगण्ड

10:50 AM – 12:25 PM

गुलिक काल

01:59 PM – 03:34 PM

दुर्मुहूर्त

12:50 PM – 01:40 PM

वर्ज्य

07:06 PM – 08:37 PM

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