शमी वृक्ष - घर में लगाना क्यों आवश्यक है? – भ्रांतियों का निवारण
🌳 शमी वृक्ष को घर में लगाना क्यों आवश्यक
है? – भ्रांतियों का निवारण, शास्त्रों से प्रमाणित मार्गदर्शन 🌳
(Bhranti Nivaran
Lekh – शास्त्रीय प्रमाण सहित)🌿 शमी का वृक्ष – शास्त्रसम्मत उपयोग, पूजा, महत्व और लाभ
🌿
(सभी बिंदु वैदिक, पुराणिक एवं वास्तु शास्त्रानुसार)-Pt V.k.Tiwari (Astrologer
,Vastu , Palmist)94244446706-
✅ 1. शमी का वृक्ष – परिचय और शास्त्रीय महत्व
संस्कृत नाम: शमी (शमि) | वैज्ञानिक नाम: Prosopis
cineraria
अन्य नाम: खेजड़ी (राजस्थान), जंडी (पंजाब), सुमुर (गुजरात)शमी वृक्ष को हिंदी में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे – शमी, सामी, चिकुर, रेजड़ी, चोंकर। इसे कई क्षेत्रों में बणि वृक्ष (Banni Tree) भी कहा जाता है
📜 शास्त्रीय उल्लेख:
“शमी शत्रुन् संहरति सदा विजयं ददाति
च।”
— महाभारत, अनुशासन पर्व
👉 इसका अर्थ है – शमी वृक्ष शत्रु नाश करता है और विजय प्रदान करता है।
📌 प्रस्तावना: भ्रांति बनाम सत्य
आजकल एक आम भ्रांति (misconception) प्रचलित है कि —
❌ "शमी वृक्ष को घर में नहीं लगाना चाहिए, यह अशुभ होता है।"
यह पूर्णत: अशास्त्रीय, अवैज्ञानिक,
और लोकप्रचलित अंधविश्वास है।
वास्तविकता यह है कि शमी वृक्ष को शास्त्रों, पुराणों और वास्तु शास्त्रों में रक्षा,
शनि शांति, व भवन कल्याण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
🔍 भ्रांति क्यों फैली?
- लोक में शनि को "क्रूर" मानकर डर फैलाया गया
- कुछ पुरानी कथाओं में इसे श्मशान से जोड़ा गया
- गलत अनुवाद व अर्धज्ञान से उत्पन्न भय
- बिना शास्त्र प्रमाण के फैला हुआ लोकमत
560102; Bangalore(India-karnatak)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें