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23july 2025 – भविष्य Bilingual 🌞 – जन्म नक्षत्र, नामाक्षर,राशि & Remedies | Birth Star, Name Syllables, Sign, Use/Wear New Items & Today's Remedies

 

23july 2025 – भविष्य Bilingual 🌞 जन्म नक्षत्र, नामाक्षर,राशि & Remedies |

Birth Star, Name Syllables, Sign, Use/Wear New Items & Today's Remedies

-By Renowned Astrologer,Vastu ,Palmist-V.K.Tiwari(Since1972)

🕉- 🔷 जन्म नक्षत्र - नाम असफलताएँ  दे सकता है CondultP_plz.

1-     ;🔷 A name based solely on Birth Nakshatra can cause failures —Consult;

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42 दशाएँ .,-विशोत्तरी दशा?— सभी कुंडलियों में लागू नहीं होती;-

📜 विशेष संदर्भ (Special Reference):

📌 डॉ.आर.दीक्षित🏛 वास्तु विशेषज्ञ(Vastu Expert)📌 डॉ.एस.तिवारीवैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology)

📧 (Email): tiwaridixitastro@gmail.com; 91 9424446706
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 त्वदीये दिवसे वयं सुहित चिन्तकाः। भवतु दिनं तव मङ्गलम्

                             दिन की मंगलमय शुभकामनाएँ!

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आज का विवरण (Today's Panchang Summary)

🧾 23 जुलाई 2025 – दिन विशेष विश्लेषण

🪔 पूजन, वस्त्र प्रयोग, व्रत, कर्म, शुभता और निषेध का शास्त्रसम्मत विवरण

तत्व

विवरण

📅 वार

बुधवार (बुध ग्रहबुद्धि, शिक्षा, वाणी, व्यापार)

🗓️ तिथि

द्वादशीसामान्यतः विष्णु पूजन एवं व्रत हेतु शुभ, परंतु जब विशिष्ट योगों से जुड़ जाए तो सावधानी अपेक्षित होती है

🌙 चंद्र राशि

मिथुन (बुध स्वामित्ववाणी, चंचलता, शिक्षा, व्यापार में गति)

🌟 नक्षत्र

आर्द्राअशुभ स्वभाव का नक्षत्र (रुद्र का कारक) – तेजस्विता, अशांति, अतिशय सक्रियता का द्योतक

योग

सर्वार्थ सिद्धि योग ️, परंतु रवि योग नहीं है

🛕 व्रत

मासिक शिवरात्रिगोधूलि काल में रुद्राभिषेक, बिल्वपत्र अर्पण विशेष फलदायक

🔥 हवन एवं यज्ञ (Fire Rituals & Offerings): 23 जुलाई 2025 को सामान्य गृह शांति, रुद्र कृपा, शिक्षा या बुध ग्रह दोष शांति हेतु हवन उपयुक्त है, परंतु रात्रिकालीन या भौतिक लाभ हेतु यज्ञ वर्जित माने गए हैं।
🔹 यदि हवन करना हो, तो गोधूलि बेला (शाम 5.45 से 7.00) के बीच करें।

  • 🌟 नए वस्त्र, आभूषण या नई वस्तु का प्रभाव
    🌟 Naye Vastr, Abhushan ya Nai Vastu ka Prabhav
  • ⚠️ सावधानी आवश्यक! आज के दिन नए वस्त्र, आभूषण या किसी भी नई वस्तु का उपयोग करने से पहले सतर्क रहें।
    ⚠️ Saavdhani Aavashyak! Aaj ke din naye vastr, abhushan ya kisi bhi nai vastu ka upyog karne se pehle satark rahen.
  • ऐसा करने से चोट, शारीरिक कष्ट या अन्य नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
    ❌ Aisa karne se chot, sharirik kasht ya anya nakaratmak prabhav ho sakte hain.

  • 🌟 आज का शुभ दिन किनके लिए?
    🌟 Aaj ka Shubh Din Kin ke Liye?
  • यदि आपका जन्म नक्षत्र निम्न में से कोई है, तो आज का दिन आपके लिए शुभ और अनुकूल रहेगा:
    ✅ Yadi aapka Janm Nakshatra nimn me se koi hai, to aaj ka din aapke liye shubh aur anukool rahega:
  • 🔹 अश्विनी (Ashwini), कृत्तिका (Krittika), मृगशिरा (Mrigashira), पुनर्वसु (Punarvasu), पुष्य (Pushya), मघा (Magha), उत्तराफाल्गुनी (Uttaraphalguni), चित्रा (Chitra), विशाखा (Vishakha), अनुराधा (Anuradha), मूल (Mool), उत्तराषाढ़ा (Uttarashadha), धनिष्ठा (Dhanishta), पूर्व भाद्रपद (Purva Bhadrapada), उत्तर भाद्रपद (Uttara Bhadrapada)
  • 💡 इन कार्यों में मिलेगी सफलता:
    💡 In Karyon Mein Milegi Safalta:
  • भविष्य यात्रा (Bhavishya Yatra) - Future Travel
    नए कार्य की शुरुआत (Naye Karya ki Shuruaat) - Starting a New Task
    पूजा-पाठ और अनुष्ठान (Pooja-Path aur Anushthan) - Worship & Rituals
    शपथ लेना या नई जिम्मेदारी उठाना (Shapath Lena ya Nai Jimmedari Uthana) - Taking an Oath or Responsibility
    योजना निर्माण और नीति निर्धारण (Yojana Nirman aur Neeti Nirdharan) - Planning & Policy Making
    उच्च अधिकारियों से मुलाकात (Ucch Adhikariyon se Mulakat) - Meeting with Senior Officials
    व्यापारिक निर्णय और निवेश (Vyaparik Nirdharan aur Nivesh) - Business Decisions & Investments
    संधि और महत्वपूर्ण समझौते (Vivaah, Sandhi aur Mahatvapurn Samjhaute) - Marriage, Agreements & Deals
    बैंक से जुड़े कार्य और खाता खोलना (Bank se Jude Karya aur Khata Kholna) - Bank-Related Work & Opening New Accounts

  • 🌟 नाम के अक्षर से जानें आपकी सफलता!
    🌟 Naam ke Akshar se Janein Aapki Safalta!
  • 📌 यदि आपका नाम इन अक्षरों से शुरू होता है, तो आज नौकरी, व्यापार, गृह प्रवेश, शहर परिवर्तन, या अन्य कार्यों में सफलता मिलेगी।
    📌 Yadi aapka naam in aksharon se shuru hota hai, to aaj naukri, vyapar, grih pravesh, shahar parivartan, ya anya karyon mein safalta milegi.
  • 🔠 चू (Choo), चे (Che), चो (Cho), ला (La); (A), (I), (U), (Ai); वे (Ve), वो (Vo), का (Ka), की (Ki), कुघ (Kugh), (Da), (Chha); हु (Hu), हे (He), हो (Ho), डा (Da); मा (Ma), मी (Mi), मू (Moo), मे (Me); टे (Te), टा (Ta), टी (Ti), टू (Tu); पे (Pe), पो (Po), रा (Ra), री (Ri); रू (Roo), रे (Re), रो (Ro), ता (Ta); ना (Na), नी (Ni), नू (Nu), ने (Ne); ये (Ye), यो (Yo), भा (Bha), भी (Bhi); भे (Bhe), भो (Bho), जा (Ja), जी (Ji); (Ga), गी (Gi), गू (Goo), गे (Ge), से (Se), सो (So), दा (Da), दी (Di); दू (Doo), (Tha), (Jha).
  • 🔮 आज का दिन आपके लिए शुभ रहे!
    🔮 Aaj ka din aapke liye shubh rahe! 🚀

राशिफल (Today's Horoscope)


1. मेष (Aries)

  • स्वास्थ्य (Health):
    आज आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और कोई शारीरिक समस्या नहीं होगी।
    You will feel energetic today, with no health issues.
  • आर्थिक (Finance):
    लाभ की संभावना है, निवेश करना लाभदायक रहेगा।
    Financial gains are likely; investments will be profitable.
  • सामाजिक (Social):
    विरोधियों पर विजय प्राप्त होगी, समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
    You will overcome your rivals and gain social respect.
  • सफलता (Success):
    कृषि और भूमि कार्यों में सफलता मिलेगी, नई योजनाएँ बनेंगी।
    Success in agriculture and land-related work; new plans will emerge.

2. वृष (Taurus)

  • स्वास्थ्य (Health):
    शारीरिक थकान संभव है, पर्याप्त आराम करें।
    Physical fatigue may occur; take adequate rest.
  • आर्थिक (Finance):
    खर्च बढ़ सकते हैं, फिजूलखर्ची से बचें।
    Expenses may increase; avoid unnecessary spending.
  • सामाजिक (Social):
    पारिवारिक मतभेद हो सकते हैं, धैर्य से काम लें।
    Family disputes may arise; handle them patiently.
  • सफलता (Success):
    कार्यों में रुकावट सकती है, लेकिन प्रयास करते रहें।
    Obstacles in work are possible, but keep trying.

3. मिथुन (Gemini)

  • स्वास्थ्य (Health):
    मानसिक और शारीरिक स्थिति उत्तम रहेगी, ताजगी महसूस होगी।
    Good mental and physical health; you will feel fresh.
  • आर्थिक (Finance):
    आर्थिक लाभ होगा, नए अवसर मिल सकते हैं।
    Financial gains are expected; new opportunities may arise.
  • सामाजिक (Social):
    संबंधों में मधुरता आएगी, प्रियजनों से मेलजोल बढ़ेगा।
    Relationships will improve; bonding with loved ones will increase.
  • सफलता (Success):
    नए कार्यों में सफलता मिलेगी, भविष्य उज्ज्वल रहेगा।
    Success in new ventures; the future looks bright.

4. कर्क (Cancer)

  • स्वास्थ्य (Health):
    छोटी बीमारियों से सावधान रहें, खानपान पर ध्यान दें।
    Beware of minor health issues; maintain a healthy diet.
  • आर्थिक (Finance):
    आकस्मिक खर्च की संभावना है, धन संचय करें।
    Unexpected expenses may arise; focus on savings.
  • सामाजिक (Social):
    मतभेद हो सकते हैं, संवाद में स्पष्टता रखें।
    Conflicts may occur; communicate clearly.
  • सफलता (Success):
    लंबी यात्रा संभव, लेकिन सफलता संदिग्ध।
    Long travel is possible, but success is uncertain.

5. सिंह (Leo)

  • स्वास्थ्य (Health):
    उत्तम स्वास्थ्य रहेगा, दिनभर ऊर्जावान महसूस करेंगे।
    Excellent health today; you will feel energetic all day.
  • आर्थिक (Finance):
    व्यापार में लाभ और पदोन्नति संभव, निवेश से फायदा होगा।
    Profits in business and possible promotion; investments will be beneficial.
  • सामाजिक (Social):
    प्रभावशाली लोगों से सहयोग मिलेगा, सामाजिक दायरा बढ़ेगा।
    Support from influential people; your social circle will expand.
  • सफलता (Success):
    भूमि और तकनीकी क्षेत्र में सफलता, नई संभावनाएँ बनेंगी।
    Success in land and technical fields; new possibilities will arise.

6. कन्या (Virgo)

  • स्वास्थ्य (Health):
    सावधानी रखें, मौसमी बीमारियों से बचाव करें।
    Be cautious; protect yourself from seasonal illnesses.
  • आर्थिक (Finance):
    व्यापार में लाभ मिलेगा, वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
    Business profits are likely; financial stability will improve.
  • सामाजिक (Social):
    दांपत्य जीवन में सहयोग मिलेगा, रिश्ते मधुर बनेंगे।
    Marital life will be harmonious; relationships will strengthen.
  • सफलता (Success):
    बाधाएँ कम होंगी, कार्यों में तेजी आएगी।
    Obstacles will reduce; work will progress swiftly.

7. तुला (Libra)

  • स्वास्थ्य (Health):
    मानसिक तनाव रह सकता है, ध्यान और योग करें।
    Mental stress may increase; practice meditation and yoga.
  • आर्थिक (Finance):
    व्यापार में लाभ कम होगा, धन प्रबंधन पर ध्यान दें।
    Business profits may be low; focus on financial management.
  • सामाजिक (Social):
    मित्रों से मतभेद संभव, सोच-समझकर बोलें।
    Conflicts with friends may arise; think before speaking.
  • सफलता (Success):
    यात्रा होगी, लेकिन ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा।
    Travel is likely, but benefits may be limited.

8. वृश्चिक (Scorpio)

  • स्वास्थ्य (Health):
    क्रोध और मानसिक अशांति संभव, खुद को शांत रखें।
    Anger and mental disturbance are possible; stay calm.
  • आर्थिक (Finance):
    कार्यों में कठिनाइयाँ आएंगी, योजनाओं पर पुनर्विचार करें।
    Difficulties in work are likely; reconsider your plans.
  • सामाजिक (Social):
    उच्च अधिकारियों से विवाद हो सकता है, व्यवहार संतुलित रखें।
    Disputes with higher officials may occur; maintain a balanced approach.
  • सफलता (Success):
    योजनाओं में सफलता कठिन होगी, अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
    Success in plans will be challenging; extra effort is required.

9. धनु (Sagittarius)

  • स्वास्थ्य (Health):
    शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे, ऊर्जा बनी रहेगी।
    You will be physically active; energy levels will remain high.
  • आर्थिक (Finance):
    व्यापार में लाभ होगा, नए अवसर खुलेंगे।
    Business will be profitable; new opportunities will emerge.
  • सामाजिक (Social):
    पारिवारिक सुख मिलेगा, संबंध मजबूत होंगे।
    Family happiness is assured; relationships will strengthen.
  • सफलता (Success):
    नए कार्यों की शुरुआत का अच्छा समय, आगे बढ़ें।
    Good time for new ventures; move forward with confidence.

10. मकर (Capricorn)

  • स्वास्थ्य (Health):
    पेट संबंधी कष्ट हो सकता है, भोजन का ध्यान रखें।
    Stomach-related issues may arise; be mindful of your diet.
  • आर्थिक (Finance):
    व्यापार में सफलता मिलेगी, नई योजनाएँ बनेंगी।
    Success in business; new plans will take shape.
  • सामाजिक (Social):
    प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी, आत्मविश्वास बढ़ेगा।
    Love relationships will strengthen; confidence will boost.
  • सफलता (Success):
    इच्छित कार्य पूरे होंगे, भाग्य का साथ मिलेगा।
    Desired tasks will be completed; luck will favor you.

11. कुंभ (Aquarius)

  • स्वास्थ्य (Health):
    अनिद्रा की समस्या हो सकती है, पर्याप्त आराम करें।
    Insomnia may be an issue; ensure adequate rest.
  • आर्थिक (Finance):
    मंदी की स्थिति रहेगी, धन संचय करें।
    Business slowdown is likely; focus on saving money.
  • सामाजिक (Social):
    प्रियजनों से दूरी महसूस हो सकती है, संवाद बनाए रखें।
    You may feel distant from loved ones; maintain communication.
  • सफलता (Success):
    योजनाएँ सफल नहीं होंगी, समय का इंतजार करें।
    Plans may not succeed; wait for the right time.

12. मीन (Pisces)

  • स्वास्थ्य (Health):
    आकस्मिक समस्या हो सकती है, सतर्क रहें।
    Unexpected health issues may arise; stay alert.
  • आर्थिक (Finance):
    धन की कमी महसूस होगी, बजट संतुलित करें।
    Financial shortages may occur; manage your budget wisely.
  • सामाजिक (Social):
    विरोधियों पर विजय मिलेगी, प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
    You will defeat your enemies; your reputation will rise.
  • सफलता (Success):
    लंबित कार्य पूरे होंगे, धैर्य बनाए रखें।
    Pending tasks will be completed; maintain patience.

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📜 . आर्द्रा नक्षत्र का कार्य महत्व (Significance of Ardra Nakshatra in Work)

📖 संदर्भ ग्रंथ: बृहदजातक, मुहूर्त चिंतामणि, जैन तत्त्वार्थसूत्र

🔹 आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति राहु है और इसके देवता रुद्र (भगवान शिव) हैं।
🔹 इस नक्षत्र का अर्थ होता है "नमी" या "संवेदनशीलता", इसलिए यह आध्यात्मिक जागृति, परिवर्तन, शोध, अनुसंधान और नवाचार के लिए उपयुक्त है।
🔹 शुभ कार्य:
शोध, विज्ञान, गणित, तंत्र-मंत्र से जुड़े कार्य
चिकित्सा, ज्योतिष, ध्यान एवं साधना
पुरानी समस्याओं का निवारण एवं नवीनीकरण

🔹 अशुभ कार्य:
विवाह, गृह प्रवेश, नए व्यापार की शुरुआत, साझेदारी


📿 . आर्द्रा नक्षत्र के मंत्र (Ardra Nakshatra Mantras)

🔹 (A) वैदिक मंत्र (Vedic Mantra)

📖 स्रोत: ऋग्वेद, यजुर्वेद
📜 संस्कृत मंत्र:
नमो भगवते रुद्राय, सर्वव्याधिनिवारणाय स्वाहा॥

📜 अर्थ:
भगवान रुद्र को नमन, वे सभी व्याधियों एवं कष्टों का नाश करने वाले हैं।

📜 Roman English:
"Om Namo Bhagavate Rudrāya, Sarva Vyādhi Nivāraṇāya Swāhā."


🔹 (B) पौराणिक मंत्र (Puranic Mantra)

📖 स्रोत: शिवपुराण, विष्णु पुराण
📜 संस्कृत मंत्र:
रुद्राय नमः, कल्याणं कुरु में प्रभो।

📜 अर्थ:
रुद्र देव को प्रणाम, कृपया हमें कल्याण और शांति प्रदान करें।

📜 Roman English:
"Om Rudrāya Namah, Kalyāṇam Kuru Me Prabho."


🔹 (C) शाबर मंत्र (Shabar Mantra) – संकट निवारण के लिए

📜 शाबर मंत्र:
रुद्र रक्षक, रुद्र पातक, संकट मोचन, त्राहि त्राहि स्वाहा।

📜 अर्थ:
हे भगवान रुद्र, आप ही हमारे रक्षक हैं, संकट को दूर करें और कल्याण करें।

📜 Roman English:
"Rudra Rakṣak, Rudra Pātak, Saṅkaṭ Mochan, Trāhi Trāhi Swāhā."


🔹 (D) जैन धर्म में आर्द्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra in Jainism)

📖 स्रोत: तत्त्वार्थसूत्र, त्रिलोकसार
🔹 जैन धर्म में यह नक्षत्र आत्मशुद्धि और कठोर तपस्या से जुड़ा है।
🔹 इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति गहरे चिंतनशील और सत्य के अन्वेषक माने जाते हैं।


🎁 . आर्द्रा नक्षत्र में दान (Donations for Ardra Nakshatra)

📖 स्रोत: गरुड़ पुराण, भविष्य पुराण

शुभ दान (Auspicious Donations)
1️
रुद्राक्ष दानशिव कृपा प्राप्ति के लिए
2️
काले तिल और सरसों का तेलराहु के दोष निवारण के लिए
3️
चंदन, गंगाजल और सफेद वस्त्रमन की शांति के लिए
4️
काली उड़द और लोहे का दानग्रह पीड़ा निवारण के लिए
5️
भोजन दाननिर्धनों को खिचड़ी या उड़द से बनी वस्तुएं देना शुभ


🍛 . आर्द्रा नक्षत्र में भोजन (Food in Ardra Nakshatra)

शुभ भोजन (Auspicious Foods)
🔹 खिचड़ी, उड़द दाल, मूंग दाल
🔹 जौ, तिल, बाजरा, रोटी
🔹 चंदन मिश्रित ठंडा पेय

🚫 वर्जित भोजन (Prohibited Foods)
शराब, मांसाहार, तामसिक भोजन
अधिक मसालेदार और तेलीय भोजन
प्याज, लहसुन, अंडा


🔆 . आर्द्रा नक्षत्र का प्रभाव (Effects of Ardra Nakshatra)

सकारात्मक प्रभाव:
गहरे चिंतन और शोध क्षमता में वृद्धि
आध्यात्मिक प्रगति और जागरूकता
मानसिक एवं शारीरिक दृढ़ता

नकारात्मक प्रभाव:
मानसिक अस्थिरता और गुस्सा बढ़ सकता है
राहु के कारण भ्रम और नकारात्मक विचार सकते हैं


🔱 निष्कर्ष (Conclusion)

🔹 आर्द्रा नक्षत्र भगवान शिव (रुद्र) से जुड़ा है, अतः शिव आराधना सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
🔹 राहु दोष निवारण हेतु काले तिल, उड़द दाल एवं लोहे का दान लाभकारी होता है।
🔹 पवित्रता बनाए रखें, ध्यान और जप करें, और शिव मंत्रों का उच्चारण करें।

🕉 " नमः शिवाय" मंत्र का जप आर्द्रा नक्षत्र में विशेष शुभ फलदायी होता है।

🙏 हरि ओम् तत्सत्! आर्द्रा नक्षत्र के प्रभाव से जीवन में मंगल की प्राप्ति हो!

सफलता के लिए नक्षत्र कृत अरिष्ट नाशक मंत्र

For Success – Nakshatra Krit Arishta Nashak Mantra

🔹 मंत्र: भूर्भुवः स्वः गणेशा अम्बिकाभ्यां नमः, वस्त्रां समर्पयामि।
"Om Bhur Bhuvah Swah! I bow to Lord Ganesha and Goddess Ambika and offer these clothes."

🔹 अर्थ:मैं भगवान गणेश और देवी अंबिका को प्रणाम करता हूँ और ये वस्त्र अर्पित करता हूँ।"

🔹 मंत्र:वस्त्रान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।
"At the end of this clothing ritual, I offer sacred water for purification."

🔹 अर्थ:"इस वस्त्र अर्पण के अंत में, मैं शुद्धिकरण के लिए पवित्र जल समर्पित करता हूँ।"

🔹 मंत्र:नए या प्रथम बार कपड़े, आभूषण या रत्न पहनना शुभकारी है।
"Wearing new clothes, jewelry, or gemstones for the first time is considered auspicious."

🔹 अर्थ:"नए कपड़े, गहने या रत्न पहली बार पहनना शुभ माना जाता है।"


पौराणिक मंत्र:Puranic Mantra:

🔹 मंत्र:अदितीः पीतवर्णाश्च स्त्रुवाक्षकमण्डलून।
"Goddess Aditi, who has a golden-yellow complexion and holds sacred offerings in her hands."

🔹 अर्थ:"देवी अदिति, जिनका रंग पीला-स्वर्णिम है और जो अपने हाथों में पवित्र अर्पण धारण करती हैं।"

🔹 मंत्र:दधाना शुभदा मे स्यात पुनर्वसु कृतारव्या।।
"May she, who bestows auspiciousness, grant me prosperity, as the Nakshatra Punarvasu signifies renewal."

🔹 अर्थ:"वे देवी जो शुभता प्रदान करती हैं, मुझे समृद्धि दें, क्योंकि पुनर्वसु नक्षत्र नवीनीकरण का प्रतीक है।"

नक्षत्र देवता मंत्र:Nakshatra Deity Mantra:

🔹 मंत्र: अदित्यै नमः।
"Om, salutations to Aditi, the mother of the gods."

🔹 अर्थ:", देवी अदिति को नमन, जो सभी देवताओं की माता हैं।"

🔹 मंत्र: आदितिये नमः।
"Om, salutations to the divine Aditya (Sun God)."

🔹 अर्थ:", सूर्यदेव आदित्य को नमन।"


वेद मंत्र:

Vedic Mantra:

🔹 मंत्र: अदितिद्योर अदिति अन्तरिक्षम अदितिर्माता: पिता पुत्र:
"Om! Aditi is the sky, Aditi is the atmosphere, Aditi is the mother, the father, and the son."

🔹 अर्थ:"! अदिति ही आकाश हैं, अदिति ही वायुमंडल हैं, अदिति माता, पिता और पुत्र के समान हैं।"

🔹 मंत्र:विश्वेदेवा अदिति: पंचजना अदिति जातम।
"Aditi is all the gods, Aditi is all beings, Aditi is all that is born."

🔹 अर्थ:"अदिति सभी देवताओं की जननी हैं, अदिति सभी प्राणियों की माता हैं, अदिति ही सृष्टि में जन्म लेने वाली शक्ति हैं।"

संपर्क :
Email: jyotish9999@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Sun City, Bangalore


एकादशी आवश्यक ध्यातव्य

गृहस्थ-वर्ग जिनके पुत्र हो वे ध्यान रखें:
वर्जित: एकादशी, रविवार, संक्रांति, ग्रहण के दिन व्रत करना अशुभ है।

 परंतु स्नान और दान आवश्यक है।(नारद अनुसार)

घर से निकलते समय यात्रादी के कष्ट से सुरक्षा के लिए

रविवार: ताम्बूल,
सोमवार: दूध, जल एवं दर्पण देखना,
मंगलवार: गुड़+धनिया, गरम दूध, मसूर,
बुधवार: कच्चा दूध, मिठाई,
गुरुवार: राई, केसर तिलक, दही,
शुक्रवार: दही,
शनिवार: बायबिडिंग + काले तिल।

भोज्य वस्तु या उससे बने व्यंजन:
रविवार: ताम्बूल, घी,
सोमवार: खीर, जल एवं तिलक,
मंगलवार: गुड़,
बुधवार: धनिया और तिल, राई,
गुरुवार: दही शकर,
शुक्रवार: जौ।


कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य-

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email: tiwaridixitastro@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Bangalore
-५६०१०२



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श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

रामचरितमानस की चौपाईयाँ-मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक (ramayan)

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...