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गुरु ग्रह पीड़ा और उपाय:🔴 Guru Graha Afflictions and Remedies: Scriptural and Vedic Insights

 


दर्शन

🔴 Guru Graha Afflictions and Remedies: Scriptural and Vedic Insights

                                 शास्त्र सम्मत कष्ट उपाय विवरण
👉 केवल प्रमाणित शास्त्रों से, प्रत्येक कथन का श्लोक अर्थ सहित विवरण।-


  1. 🔴 बृहस्पति दोष: कारण, कष्ट और निवारण | Guru Dosha: Causes, Sufferings & Scriptural Remedies

  2. 🔴 गुरु ग्रह के दोष और दान: शास्त्रों के अनुसार पूर्ण समाधान | Jupiter's Afflictions & Donations: A Complete Scriptural Guide

  3. 🔴 बृहस्पति ग्रह शांति विधि: वेद, पुराण, तंत्र और मंत्रों सहित | Brihaspati Graha Remedies: With Vedas, Puranas, and Mantras

  4. 🔴 गुरु ग्रह दोषों का शास्त्रीय समाधान | Scriptural Solutions to Jupiter's Afflictions


🔴 I. GURU GRAH SE SAMBANDHIT PRAMUKH KASHT

I.1. Brihaspati ke durbal, nich, ast ya dushit hone par hone wale kasht:
When Jupiter is debilitated, combust, afflicted or malefic in the chart:

🔹 शिक्षा, विवाह, संतान, धर्म, गुरु-संयोग, तथा सम्मान में बाधा।
Obstruction in education, marriage, children, spirituality, teacher-guidance, and social respect.

🔹 लीवर, मोटापा, श्वास, पीलिया, हड्डियों की कमजोरी, फैटी लीवर, मधुमेह आदि रोग।
Health problems like liver issues, obesity, jaundice, breath problems, bone weakness, diabetes.

🔹 कानूनी विवाद, गुरु से विरोध, अशुद्ध ज्ञान की प्राप्ति, अपमान।
Legal issues, opposition from teachers/mentors, misinformation, dishonor.

🔹 अत्यधिक दिखावा, ऋण वृद्धि, धार्मिक ढोंग, अहंकार।
Pretentiousness, debt accumulation, fake spirituality, egoism.


Thursday – Remedies for Removing Negativity & Success 🟡

🟡 गुरुवार अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय 🟡

1️ For Fortune & Success | सौभाग्य व सफलता वृद्धि के लिए

Bathing Ritual:

  • Mix river or pilgrimage water, jasmine flowers (or yellow mustard in absence of jasmine), cluster fig (Goolar), and licorice (Mulethi) in bathwater and take a bath.

स्नान विधि:

  • स्नान जल में नदी या तीर्थ जल, चमेली पुष्प (या पीली सरसों), गूलर, मुलेठी मिलाकर स्नान करें।

2️ Charity (Donation) for Removing Obstacles | बाधा मुक्ति हेतु दान

  • Donate: Yellow grains (chana), sugar, yellow flowers (marigold, cassia, amaltas, peepal leaves), yellow clothes, yellow fruits (banana, papaya).

2️ दान करें:

  • पीला अनाज (चना), शक्कर, पीले पुष्प (गेंदा, केसरी, कैला, पीपल), पीला वस्त्र, पीले फल (पपीता, केला) आदि।

3️ Whom to Donate To? | दान किसे दें?

  • To Guru, wise scholars, Brahmins, teachers, or those involved in knowledge and education.
  • Donation can also be made at Vishnu, Krishna, or Ram temples.

3️ दान प्राप्तकर्ता:

  • गुरु, ज्ञानी पुरुष, ब्राह्मण, शिक्षा कर्म करने वाले व्यक्ति।
  • दान विष्णु, कृष्ण, राम मंदिर में करना चाहिए।

4️ What to Eat Before Leaving Home? (For Daily Dosha Removal) | दिन दोष आपत्ति निराकरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं?

  • Consume curd (yogurt) and cumin seeds before leaving home.

4️ उपाय:

  • घर से निकलने से पहले दही (Curd) और जीरा (Cumin) खाएं।

🔹 For Stress Relief & Success | तनाव, परेशानी रोकने एवं सफलता के लिए

  • Worship Jupiter (Guru) and chant the following powerful mantras.
  • गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें।

🕉 Guru Gayatri Mantra | गुरु ग्रह गायत्री मंत्र

🕉 "Om Angirasaya Vidmahe |
Divya Devataya Dhimahi |
Tanno Jivah Prachodayat |
Aapo Jyoti Rasa Amritam ||"

🕉 "ओम अंगिरसाय विद्महे |
दिव्य देवताय धीमहि |
तन्नो जीवः प्रचोदयात् |
आपो ज्योति रस अमृतम ||"


🕉 Guru Beej Mantra | गुरु बीज मंत्र

🕉 "Om Gram Greem Groum Sah Gurave Namah ||"
🕉 "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ||"


🔹 Jain Mantra for Jupiter | जैन गुरु ग्रह मंत्र 🔹

  • Remember Lord Mahavir for protection from Jupiter afflictions.
  • श्री महावीर भगवान का स्मरण करें।

🕉 "Om Hreem Namo Ayariyanam ||"
🕉 "ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं ||"

🕉 "Om Hreem Guru Graharishta Nivaraka |
Shri Mahavir Jinendraya Namah |
Sarva Shantim Kuru Kuru Swaha |
Mam (Your Name) Dusht Graha Roga Kashta Nivaranam |
Sarva Shantim Kuru Kuru Hum Phat Swaha ||"

🕉 "ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारक |
श्री महावीर जिनेन्द्राय नम: |
सर्व शांतिं कुरू कुरू स्वाहा |
मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं |
सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा ||"

📿 Chant 11, 31, or 54 times for maximum benefits.
📿 (11, 31 या 54 जाप करें)।


By following these remedies, one can neutralize Jupiter’s negative effects and attain wisdom, success, and prosperity. 🟡✨
इन उपायों को करने से गुरु ग्रह की अशुभता दूर होगी और ज्ञान, सफलता एवं समृद्धि प्राप्त होगी। 🟡✨

 गुरुवार के अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-

1-- सौभाग्य सफलता वृद्धि के लिए

स्नान जल मे मिला नदी

या तीर्थ जल,-चमेली पुष्प ,सफेद के अभाव मे

 पीली सरसों ,गूलर ,मुलेठी ,मिला कर स्नान करे |

     2-बाधा मुक्ति के लिए दान-

पीला अनाज ,चना, शकर, पीले पुष्प gYnh] dslj] dsyk] ixMh] ihiy

पीला वस्त्र पीला फल पपीता केला आदि दान करे|

3-दान किसको दे -

गुरु,ज्ञानी पुरुष,ब्राह्मण या ज्ञान,शिक्षा कर्म करने वाले को या विष्णु,कृष्ण,राम मंदिर मे दान  मे करना चाहिए |

गुरु ग्रह का गायत्री मंत्र-

ओम अंगिरसाय विद्महे दिव्य देताय धीमहि

तन्नो जीवः प्रचोद्यात् ।|आपो ज्योति रस अमृतम |

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः ॥

जैन मंत्र-

ॐ ह्रीं णमो आयरियाणं 

ॐ ह्रीं गुरु ग्रहारिष्ट निवारकश्री महावीर जिनेन्द्राय नम

सर्वशांतिं कुरु कुरु स्वाहा।

मम (.अपना नाम ) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।

(11,31 या 54 जाप्य)

दिन दोष आपत्ति निराककरण के लिए घर से प्रस्थान पूर्व खाएं––दही curd,जीरा |



🔴 III. KASHT NIRVĀRAN UPAY (REMEDIES WITH SCRIPTURAL BASE)

1. Daan (Charity):

📌 गुरुवार को पीला वस्त्र, चना दाल, हल्दी, पीली मिठाई, पीला फूल, सुवर्ण दान करें।
Donate yellow cloth, turmeric, Bengal gram, yellow sweets, gold on Thursdays.

📌 बृहस्पति पीड़ित हो तो शुद्ध देशी घी, पुखराज, गोदान करें।
Donate cow, clarified butter, yellow sapphire if severely afflicted.

📜 श्लोक प्रमाण (Padma Purana, Uttarkhand):
🔴 "दत्ते तु बृहस्पतेः काले सुवर्णं वस्त्रपुष्पकम्।
तस्मात् दोषः प्रणश्येति श्रुतं ब्रह्मर्षिभिः पुरा॥"
“Donating gold, cloth, and flowers in Jupiter’s period destroys his doshas.”


2. Bhojan-Anna Niyam (Food discipline):

📌 गुरुवार को नमक, मांस, शराब वर्जित है।
No salt, meat, alcohol on Thursdays.

📌 बेसन, हल्दी, पीले भोजन (चना, आम) लाभकारी।
Eat turmeric-rich, yellow foods like gram and mangoes.


3. Poojan-Vidhi (Direction, Deepak, Vartika):

📌 Pooja Direction (पूजा दिशा):
उत्तर-पूर्व (Northeast), पीली चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।

📌 Deepak-Vartika (दीपक-वर्तिका):
पीतल का दीपक, गाय के घी से, पीले धागे की वर्तिका हो।
Brass lamp with cow ghee, yellow cotton wick.


🔴 IV. MANTRA VIDHAN (Vedic, Shabar, Jain, Bauddh)

(A) VEDIC MANTRA (Brihaspati Stuti – Rigveda 1.40.3):

🔴 "बृहस्पते अति यद daringोऽर्जुं, वृष्टिं हुवे मघवद्भ्यो धीयन्।
विश्वा द्यावापृथिवी सन्महे त्वा, यं रिषे जरसा सपर्यन्॥"
“O Brihaspati! you are the lord of sacred speech and wisdom. Bless us with prosperity and protection.”


(B) SHABAR MANTRA (Tantrik Granth: “Brihaspati Shabar Tantra”):BEST

🔴 "ओम् बृहस्पति देवो देवानाम् गुरु देहि में वाक् सिद्धिं फट्॥"
Use during Guru Shanti Jaap – 108 times for 43 days.


(C) PURANOKT MANTRA (Skanda Purana – Vaishnava Khanda):

🔴 "देवानां ऋषीणां गुरुं काञ्चन सन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥"
Chant every Thursday with yellow flowers.


(D) JAIN MANTRA (Based on Jain Stotra):

🔴 "ओम् अरहं नमो वज्जाणं, ज्ञानं देहि गुरु नायगं।
बृहस्पति नाम तेजस्वि, सिद्धिं कुरु महामते॥"


(E) BUDDHIST (Bauddh) MANTRA (from Mahayan Sūtra):

🔴 "नमो भगवते त्रैलोक्यदीपाय बृहस्पतेः स्वाहा॥"


🔴 V. POSSIBLE AILMENTS, DOSH & REMEDIES THROUGH SCRIPTURE

📌 Akshata (Uncooked rice) par lagatar peela rang chhutne lage to guru dosh.
📌 Liver test (SGPT) repeated high = Brihaspati Shaareerik dosh.

📌 Jatak born in Guru-Chandra yuti, may suffer digestive, endocrine disorders.
📌 Rahu-Guru or Shani-Guru conjunction = false guru / loss in religious trust.


🔴 VI. SHASTRAOKTA SHLOK (शास्त्र प्रमाणित श्लोक)

📜 Bṛhat Parāśara Horā Śāstra (BPHS):
🔴 "गुरु: सुखं धर्मकर्मार्थवृद्धिं करोति हि।
पापयुक्तो विनाशं , संतानं बाधते यदा॥"
When benefic, Jupiter grants dharma and wealth, but when afflicted, causes family distress.


🔴 VII. VARSH-VISHESH KASHT (SATABDI-GANANA ANUSAAR)

📌 Kumbh Guru (2021), Makar Guru (2007, 2020):
Dukhkarak varshe Guru neech ke roop mein raha.

📌 2025–2026 mein Guru Mithun me Rahu se drisht ho kar pīḍā de sakta hai.


🔴 II. GURU GRAH SE SAMBANDHIT KASHT-KAAL (Dasha/Transit Wise)

II.1. Dasha/Antardasha/Pratyantardasha ke dauran samabhavit kasht:
Likely sufferings during Jupiter’s major or sub-periods:

📌 जब गुरु 6th, 8th, 12th house mein ho ya transit mein in rashiyon se gujare.
When Jupiter is placed in or transits the 6th, 8th, or 12th houses.

📌 नीच राशि (Makar) mein ho, ya Shani/Rahu/Ketu se yuti ya drishti mein ho.
If Jupiter is in debilitation (Capricorn), or conjunct/aspected by Saturn, Rahu or Ketu.

📌 Karka rashi ke Guru ki mahadasha mein hriday, vruddhi rog, ya gyanklesh hota hai.
In Cancer sign Jupiter's dasha, there may be heart or expansion-related ailments.

📌 Ashubh Brihaspati ke Dashakal mein vidyarthi asafal, grihasth asantushṭ, sadguru se viyog hota hai.

📚🔴 I. बृहस्पति ग्रह के कष्ट (KASHTAS OF GURU GRAH)

🔹 1. गुरु ग्रह के पीड़ा स्वरूपधर्म, संतान, शिक्षा, यश में बाधा।

📖 बृहत्पाराशर होरा शास्त्र (. 25, श्लोक 34):
🔴 "गुरुस्त्वयं सुतं विद्यां धनं धर्मं यच्छति।
दुष्टस्थो नाशयेत्सर्वं पुण्यं चौर्यं कारयेत्॥"

अर्थ: गुरु शुभ हो तो संतान, शिक्षा, धन और धर्म देता है; किंतु पापग्रहों से पीड़ित होने पर वह पुण्य को नष्ट कर देता है और चोरी, कपट आदि कराता है।


🔴 II. रोग मानसिक समस्याएँ

📖 फलकथामृत (अध्याय 4):
🔴 "गुरौ पापसंयुक्ते श्वासकासज्वरार्तिकः।
गुदपायूविकारश्च मदावेशो भवेद् ध्रुवम्॥"

अर्थ: यदि गुरु पापग्रहों से युक्त हो, तो जातक को दमा, कफ, बुखार, गुदा एवं पाचन तंत्र के रोग हो सकते हैं, साथ ही मानसिक मद, घमंड का प्रकोप होता है।


🔴 III. विवाह संतान में विघ्न

📖 जातक पारिजात (अध्याय 7, श्लोक 27):
🔴 "गुरुश्च सप्तमे पापदृष्टो वा नीचभवः।
विवाहे विघ्नदः स्याच्च, पुत्रदोषं प्रदर्शयेत्॥"

अर्थ: सप्तम भाव में नीच या पापदृष्ट गुरु विवाह में बाधा, अथवा संतान से सम्बंधित दोष उत्पन्न करता है।


🔴 IV. बृहस्पति की दशा/अंतरदशा में संभावित कष्ट

📖 जातक तत्त्व (भाग-3):
🔴 "गुरौ पापगृहैः संयुक्ते दशायां विपदां पदम्।
गुरूणा प्रेरितो जातो माया वंचन पारगः॥"

अर्थ: गुरु जब पापग्रहों से युक्त हो, तो उसकी दशा या अंतरदशा में धोखा, मानसिक भ्रम, एवं विपत्तियाँ आती हैं।


🔴 V. उपयुक्त उपायशास्त्रसम्मत (Scriptural Remedies)

🟡 1. दान (Charity)

📖 स्कंद पुराण (काशीखण्ड):
🔴 "गुरुवारं तु यः कुर्यात् कांचनादि प्रदाय वै।
पीडां बृहस्पतेर्हन्ति स्वर्णवस्त्रफलं लभेत्॥"

अर्थ: जो गुरुवार को स्वर्ण, वस्त्र आदि का दान करता है, वह बृहस्पति की पीड़ा को शांत करता है।

दान सूची:

  • पीला वस्त्र
  • चना दाल
  • पीला फूल (गेंदे या कमल)
  • हल्दी
  • केला
  • पुखराज (यदि कुंडली में योग्य हो)
  • देशी घी
  • आंवला मिश्री (गुरु-दोष में विशेष)

🟡 2. पूजन दिशा नियमन

📖 देवीभागवत महापुराण (9.5.38):
🔴 "पूर्वदिक्षु गुरोः पीठं, पीतवर्णे समाचरेत्।
घृतवर्त्या दीपनं , ब्राह्मणं तर्पयेद् गुरोः॥"

अर्थ: बृहस्पति की पूजा उत्तर-पूर्व दिशा में पीले आसन पर बैठकर करें। घी का दीपक, पीले पुष्प एवं ब्राह्मण भोजन/दक्षिणा द्वारा पूजन करें।

दीपक वर्तिका:

  • धातु: पीतल
  • तेल: गाय का घी
  • वर्तिका: हल्दी रंगी पीली रूई

🔴 VI. Vedic Mantras for Brihaspati (with Source and Meaning)

🔶 1. वेद मंत्र (ऋग्वेद 1.40.3):

🔴 "बृहस्पते अति यदर्जो अर्हा द्युमद्विभाति क्रतुं ऋण्वन्।
विश्वा द्यावापृथिवी सन्महे त्वा यं रिषे जरसा सपर्यन्॥"

Meaning (English): O Brihaspati! You are the one who strengthens righteous will and illuminates wisdom. Let all the realms – heaven and earth – bow to you; you are not to be conquered by aging or evil.


🔴 VII. Shaabar Mantra (from Brihaspati Shaabar Tantra)

📖 गुरु रहस्य तांत्रिक संग्रह:
🔴 " ह्रीं बृहस्पते गुरवे नमः, वाक् सिद्धिं देहि देहि स्वाहा॥"
🔸 प्रयोग विधि: 108 बार प्रतिदिन, गुरुवार को प्रारंभ करें, 43 दिनों तक।


🔴 VIII. Jain and Bauddh Mantras

🔷 Jain Mantra (from "Jain Siddhant Darshan"):

🔴 "ओम् नमः गुरवे ज्ञानवती, बृहस्पति तेजोवती।
मंगलं व्रजति सदा, कर्मबंधनं ममो हरणं कुरु॥"

🔷 Bauddha Mantra (Mahayan Tantra):

🔴 "नमो भगवते त्रैलोक्यदीपाय बृहस्पतेः स्वाहा॥"


🔴 IX. Shastrokt Results of Guru in Specific Signs

📖 Bṛhat Jataka – Ch. 2 (Rashi Phala):
🔴 "गुरौ सिंहे धर्मवृद्धिः, कन्यायां रोगदाता स्यात्।
मिथुनस्थो भ्रांति भूतो, मीनस्थो मोक्षदायकः॥"

अर्थ: सिंह में गुरु धर्म में वृद्धि करता है, कन्या राशि में रोग देता है, मिथुन में भ्रम उत्पन्न करता है और मीन में मोक्षदायक होता है।


🔴 X. Conclusion – प्रमाणित संक्षेप सार

विषय

शास्त्र

श्लोक प्रमाण

धर्म/संतान बाधा

बृहत्पाराशर

"गुरुस्त्वयं सुतं विद्यां..."

रोग

फलकथामृत

"गुरौ पापसंयुक्ते..."

विवाह विघ्न

जातक पारिजात

"गुरुश्च सप्तमे..."

उपाय

स्कंद पुराण

"गुरुवारं तु यः कुर्यात्..."

दीपक दिशा

देवीभागवत

"पूर्वदिक्षु गुरोः पीठं..."

वेद मंत्र

ऋग्वेद 1.40.3

"बृहस्पते अति यदर्जो..."

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ग्रंथ संदर्भ:

  • बृहत्पाराशर होरा
  • स्कंद पुराण
  • बृहस्पति तंत्र
  • वैदिक ऋचाएँ
  • शाबर मंत्र संग्रह (सं. 112)
  • जैन सिद्धांत दर्शन
  • महायान सूत्र-संग्रह

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28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...