23 जुलाई 2025 – नए वस्त्र/वस्तु धारण का भविष्यफल
📅 तिथि: 23 जुलाई 2025 (बुधवार) | चतुर्दशी | आर्द्रा नक्षत्र | मासिक शिवरात्रि
🔹 23 जुलाई 2025 को सामान्य गृह शांति, रुद्र कृपा, शिक्षा या बुध ग्रह दोष शांति हेतु हवन उपयुक्त है, परंतु रात्रिकालीन या भौतिक लाभ हेतु यज्ञ वर्जित माने गए हैं।
🔹 यदि हवन करना हो, तो गोधूलि बेला (शाम 5.45 से 7.00) के बीच करें।
🔹 प्रस्तुतकर्ता: V.K. Tiwari — Astro-Palmist-Vastu | 📞 9424446706
✅ आज के दिन (23 जुलाई 2025) नये वस्त्र,
चूड़ी, आभूषण या कोई अन्य नई वस्तु प्रयोग करने से *निम्नलिखित हानि/रुकावटें* संभव
हैं:
1. मानसिक अस्थिरता और अनावश्यक भ्रम
2. भावनात्मक उतार-चढ़ाव
3. नये कामों में अपेक्षित लाभ नहीं मिलना
4. पूजा-पाठ में विघ्न
5. भविष्य में असमर्थ निर्णय लेने की आशंका
🔔 **सुझाव:** यदि नया वस्त्र या वस्तु अत्यंत
आवश्यक हो, तो *शिव अभिषेक के बाद ही प्रयोग करें*, अन्यथा इसे टालना शुभ रहेगा।
🕉️ मंत्र: *ॐ नमः शिवाय* – 108 बार जप करें।
📿 विशेष पूजन: रुद्राष्टाध्यायी, शिवचालीसा, अथवा महामृत्युंजय जप।
📌 शुभ प्रयोग हेतु अगला दिन: **26 जुलाई 2025 – शनिवार – पुष्य नक्षत्र**
📜 योगों का विश्लेषण:
🔸 बुधवार – बुध ग्रह का दिन है, जो वाणी, बुद्धि, गणना, और सोच से जुड़ा होता है।
यह
दिन मानसिक कार्यों
के लिए शुभ है परन्तु माया-जाल या भौतिक वस्तुओं
के प्रयोग हेतु *सावधानी की आवश्यकता* होती
है।
🔸 चतुर्दशी तिथि
– शिव से जुड़ी होती है। विशेषकर मासिक शिवरात्रि के दिन इसे *तामसिक प्रभाव*
वाला माना गया है।
🔸 आर्द्रा
नक्षत्र – यह रुद्र से सम्बंधित है और क्रूर नक्षत्रों में गिना जाता है।
यह दिन मानसिक बेचैनी, विचारों की उथल-पुथल और निर्णय भ्रम
का सूचक होता है।
🔸 मासिक शिवरात्रि
– व्रत, ध्यान, जप और संयम के लिए श्रेष्ठ। *नव वस्त्र एवं आभूषण प्रयोग वर्ज्य* माना
गया है।
📚 ग्रंथ श्लोक एवं निष्कर्ष:
🔸
*"चतुर्दश्यां बुधे काले, तामसं यत्नतः त्यजेत्।"* — (निरण्यसिंधु)
👉 चतुर्दशी + बुधवार को विशेष रूप से शारीरिक या भोग-विलास सम्बन्धी वस्तुओं का प्रयोग वर्जित माना गया है।
🔸 *"आर्द्रायां न वस्त्र धारणं, न भूषणं, न च भोजनम् विशेषम्।"*
— (मुहूर्त चिंतामणि)
👉 आर्द्रा
नक्षत्र में विशेषत: नया वस्त्र, श्रृंगार या आभूषण का प्रयोग करने से मन:शांति
और समृद्धि में *रुकावटें* आती हैं।
🔸 *"शिवरात्रौ संयमेन् स्थातव्यम्, न वस्त्र न रत्न प्रयोगः।"* — (भद्रबाहु संहिता)
👉 मासिक शिवरात्रि में *सदाचार, ध्यान, व्रत, पूजा* को प्रमुख माना गया है। *भौतिक प्रयोग निषेध*
है।
📖 मुहूर्त चिंतामणि:
🔹
**श्लोक:**
"आर्द्रायां न वस्त्र धारणं, न भूषणं, न च भोजनम् विशेषम्।"
🔸 **सरलार्थ:** आर्द्रा नक्षत्र में नया वस्त्र पहनना, आभूषण धारण करना, या
विशेष/मोटा भोजन करना वर्जित है।
🔸 **प्रभाव:** मानसिक अशांति, स्वास्थ्य में गिरावट, और भौतिक कष्ट की संभावना।
📖 निर्णयसिंधु:
🔹
**श्लोक:**
"चतुर्दश्यां बुधे काले, तामसं यत्नतः त्यजेत।"
🔸 **सरलार्थ:** यदि बुधवार को चतुर्दशी तिथि हो तो उस दिन कोई तामसिक (भौतिक
या विलासी) कार्य नहीं करना चाहिए।
🔸 **प्रभाव:** इस योग में नए वस्त्र या चूड़ी पहनना जीवन में भ्रम, अनावश्यक
खर्च और अस्थिरता ला सकता है।
📖 भद्रबाहु संहिता:
🔹 **श्लोक:** "शिवरात्रौ
संयमेन् स्थातव्यम्, न वस्त्र न रत्न प्रयोगः।"
🔸 **सरलार्थ:**
मासिक शिवरात्रि के दिन संयमपूर्वक रहना चाहिए – कोई भी नया वस्त्र, आभूषण या विलासिता
से जुड़ी वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
🔸 **प्रभाव:** शिवरात्रि में किया गया संयम मानसिक बल व तप अर्जित करता है,
जबकि विलासिता हानि कारक हो सकती है।
📖 महाभारत – अनुशासन पर्व:
🔹
**श्लोक:**
"कालो हि धर्मः सर्वस्य, स एव हि शुभाशुभम्।"
🔸 **सरलार्थ:** समय ही धर्म और अधर्म का निर्धारण करता है। शुभ या अशुभ फल
समयानुसार ही होता है।
🔸 **प्रभाव:** यदि समय (काल) प्रतिकूल हो (जैसे चतुर्दशी + आर्द्रा), तो शुभ
वस्त्र भी अशुभ परिणाम दे सकते हैं।
📌 निष्कर्ष:
इन
सभी शास्त्रों का सार यह है कि:
- बुधवार + चतुर्दशी + आर्द्रा + मासिक शिवरात्रि जैसे योगों में नया वस्त्र, चूड़ी,
आभूषण आदि का प्रयोग *वर्जित* है।
- ऐसे समय संयम, पूजा, जप, व्रत आदि करना *श्रेष्ठ* होता है।
- संयमपूर्वक आचरण करने से मानसिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक कल्याण संभव है।
✅ **सुझाव:** यदि विशेष कारण से वस्त्र आदि का प्रयोग करना हो, तो *शिव अभिषेक एवं
मंत्र जप के बाद ही करें।*
🔥✨ हवन एवं यज्ञ – महत्व, विधि एवं तिथि अनुसार प्रभाव
🔹 तिथि | बुधवार – द्वादशी – आर्द्रा नक्षत्र – मासिक शिवरात्रि | ||||||||||
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🔥 उद्देश्य | दोष शांति, मनोबल वृद्धि, ग्रह पीड़ा शमन, मानसिक चंचलता नियंत्रण, विवाह या संतान हेतु कृपा | ||||||||||
🛕 उपयुक्त देवता | शिव, रुद्र, गणेश, बुध, नारायण✅ क्या करें? (Recommended)1. हवन विधि (सामान्य गृहस्थ के लिए)
🕯️ विशेष योग में हवन के प्रभाव
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घर में वस्तु रखना (Keeping the Item at Home):
अगर कोई वस्तु घर में रखी जाए, और वह शुभ न हो या सही समय पर न हो, तो इसके प्रभाव इस प्रकार हो सकते हैं:
- वातावरण में अशांति (Disturbance
in Atmosphere):
If the object is negative, it can create disturbance and tension in the home environment. This could lead to family conflicts and emotional stress among the household members. - आर्थिक संकट (Financial
Troubles):
If the object is inauspicious, it may bring a decline in wealth and financial troubles. The presence of such objects can lead to financial instability in the home. - स्वास्थ्य समस्याएँ (Health
Issues):
A negative item in the house can cause physical and mental issues. It could lead to health-related problems, affecting the well-being of family members. - सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों में गिरावट (Decline
in Social and Family Relationships):
A harmful object may bring tension and discord among family members, affecting the harmony and closeness within the family.
2. दुबारा प्रयोग (Reusing the Item):
If an object is reused, especially in critical moments, the following effects may arise:
- भाग्य का रुकना (Stagnation
of Good Fortune):
Reusing an object that was used in negative circumstances before can stop good fortune. It can lead to failure in significant events like exams, interviews, or important occasions. - आत्मविश्वास में कमी (Loss
of Confidence):
Reusing such an item can reduce self-confidence, causing you to feel doubtful or hesitant during crucial moments like decisions or performances. - कष्ट और असुविधा (Suffering
and Inconvenience):
The item might bring inconvenience and misfortune, disrupting daily life and causing unnecessary troubles. - निर्णय लेने में समस्या (Trouble
in Decision Making):
The item may affect your mental clarity, making it hard to make clear decisions during critical times. This could lead to poor choices or missed opportunities.
सारांश (Summary):
- घर में वस्तु रखना (Keeping
an Object at Home):
If an object is inauspicious, it can bring disruption, financial troubles, health issues, and family discord. - दुबारा प्रयोग (Reusing
the Item):
Reusing a negative object can block good fortune, reduce confidence, and bring suffering and inconvenience. It can also impact your ability to make good decisions.
सावधानी (Caution):
Always be mindful of the timing and energy of the objects you
keep at home or reuse, as they have a significant influence on your well-being
and future outcomes.
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