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नाम-शुभ वर्जित अक्षर

 

नामअक्षर - RELATION/नामकरण  (48 प्रमुख वर्णों के साथ पूर्ण और त्रैवर्गिक) - Shubh / Madhyam / Varjit (संयुक्त रूप से - राशि के 1st, 2nd, 3rd, 6th, 8th, 11th, 12th स्थानों के अक्षर = अशुभ + संबंधित नक्षत्रों से प्राप्त शुभ अक्षरों के आधार पर वर्गीकरण)

🌺 राशियों हेतु नामकरण अक्षर वर्गीकरण — Shubh / Madhyam / Varjit

🔹 नियम: प्रत्येक राशि के लिए 48 वर्णों का वर्गीकरण इस आधार पर किया गया है:

  • राशि के 1st, 2nd, 3rd, 6th, 8th, 11th, 12th भावों के अनुसार अशुभ स्थान।
  • संबंधित नक्षत्रों से प्राप्त शुभ अक्षरों को मानकर

शुभ अक्षर (Shubh)

(हरे रंग / हरे बॉर्डर में सुंदर पुष्प के साथ प्रदर्शित करने योग्य)

  • जो नक्षत्र से मिले हों और राशि के अशुभ स्थान में आते हों।

मध्यम अक्षर (Madhyam)

(नीले रंग में)

  • जो नक्षत्र अनुसार शुभ तो हैं, लेकिन राशि के अशुभ स्थानों में भी पाए जाते हैं।

वर्जित अक्षर (Varjit)

(लाल रंग में, मोटा बॉर्डर और स्पष्ट रूप से अलग)

  • जो केवल अशुभ स्थानों में आते हैं और शुभ नक्षत्रों से नहीं मिलते।

🔴 प्रस्तुति विधि:

  • हर राशि की 3 अलग-अलग रंगीन श्रेणियाँ हों:
    • शुभ = हरा बॉर्डर पुष्प पृष्ठ
    • मध्यम = हल्का नीला पृष्ठ
    • वर्जित = गहरा लाल बैकग्राउंड और बॉर्डर के साथ

-------------------------------------------------------------------------------------

📋(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, ) 🟩 

शुभ अक्षर: , , , , कु, घु, छू, हे, हो, रा, री, रू, रे, रो, ने, नो, या, यू, भे, भो, ढा, जा, जी, जू, जे, खो, गा, गी, से, सो, दा, दी  

🔷 मध्यम अक्षर: ला, ली, लू, चू, चे, चो 

🟥 वर्जित अक्षर: , , , वा, वी, का, की, कू, , पा, पी, पू, पे, तो, ना, नी, नू, गु, गे, गो, , सी, दु, दे, दी, था, 🔻 दांपत्य बाधक (तुला से): रा, री, रू, रे

-------------------------------------------- 

📋  (, , , वा, वी) 🟩 

शुभ अक्षर: रा, री, रू, रे, रो, ने, नो, या, यू, भे, भो, ढा, जा, जी, जू, जे, खो, गा, गी, से, सो, दा, दी 🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: , , , वा, वी, का, की, कू, 🟥 

वर्जित अक्षर: मा, मी, मू, मे, रा, री, रू, रे, भा, भी, भू, भे, ही, हू, हे, हो, डा, चू, चे, चो, ला, ली

  🔻 दांपत्य बाधक (वृश्चिक से): तो, ना, नी, नू

--------------------------------------------- 

📋  (का, की, कू, ) 🟩 

शुभ अक्षर: ने, नो, या, यू, भे, भो, ढा, जा, जी, जू, जे, खो, गा, गी, से, सो, दा, दी

  🔷 मध्यम अक्षर: का, की, कू,  

 🟥 वर्जित अक्षर: मा, मी, मू, मे, पा, पी, पू, पे, तो, ना, नी, नू, जा, जी, जू, जे, ही, हू, हे, हो, डा, , , , वा, वी 🔻 दांपत्य बाधक (धनु से): भा, भी, भू, भे

--------------------------------------------- 

📋  (हि, हू, हे, हो, डा) 🟩

शुभ अक्षर: भे, भो, ढा, जा, जी, जू, जे, खो, गा, गी, से, सो, दा, दी 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: ही, हू, हे, हो, डा 

 🟥 ❌ वर्जित अक्षर: पा, पी, पू, पे, रा, री, रू, रे, भा, भी, भू, भे, गु, गे, गो, , सी, , , , वा, वी, का, की, कू,  

🔻 दांपत्य बाधक (मकर से): जा, जी, जू, जे

----------------------------------------------- 

📋 सिंह राशि (मा, मी, मू, मे) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: जा, जी, जू, जे, खो, गा, गी, से, सो, दा, दी, दु, दे, दी, दो 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: मा, मी, मू, मे 

🟥 ❌ वर्जित अक्षर: रा, री, रू, रे, तो, ना, नी, नू, दु, दे, दी, था, , , , , वा, वी, ही, हू, हे, हो 

🔻 दांपत्य बाधक (कुंभ से): गु, गे, गो

---------------------------------------------------------

📋 (पा, पी, पू, पे) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: दा, दी, दु, दे, दी, दो, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,  

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: पा, पी, पू, पे 

🟥 ❌ वर्जित अक्षर: तो, ना, नी, नू, दु, दे, दी, था, गु, गे, गो, , सी, का, की, कू, , मा, मी, मू, मे 

 🔻 दांपत्य बाधक (मीन से): दु, दे, दी, था

------------------------------------------------------------- 

📋 (रा, री, रू, रे) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, , , , , , वा 

 🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: रा, री, रू, रे 

 🟥 ❌ वर्जित अक्षर: दु, दे, दी, था, , जा, जी, जू, जे, मा, मी, मू, मे, पा, पी, पू, पे 

🔻 दांपत्य बाधक (मेष से): चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,

------------------------------------------------ 

📋 (तो, ना, नी, नू) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: वा, वी, वू, वे, वो, का, की, कू, घु, छू, के, को, हा, ही, हु 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: तो, ना, नी, नू 

🟥 ❌ वर्जित अक्षर: जा, जी, जू, जे, गु, गे, गो, , चू, चे, चो, ला, ली, पा, पी, पू, पे, रा, री, रू, रे 

🔻 दांपत्य बाधक (वृषभ से): , , , वा, वी

--------------------------------------------- 

📋  (भा, भी, भू, भे) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: डी, डू, डे, डो, मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे, टो, पा 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: भे

  🟥 ❌ वर्जित अक्षर: चू, चे, चो, ला, ही, हू, हे, हो, , , , वा, भी, भू, जा, जी, जू, जे, तो, ना, नी, नू, पा, पी, पू, पे 

🔻 दांपत्य बाधक (मिथुन से): का, की, कू,

----------------------------------------------------- 

📋  (जा, जी, जू, जे) 🟩 

शुभ अक्षर: पे, पो, रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते, गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: जा, जी, जू, जे

  🟥 ❌ वर्जित अक्षर: चू, चे, चो, ला, ही, हू, हे, हो, का, की, कू, , मा, मी, मू, मे, तो, ना, नी, नू, भा, भी, भू, भे

  🔻 दांपत्य बाधक (कर्क से): हि, हू, हे, हो, डा

--------------------------------------------- 

📋 कुंभ राशि (गु, गे, गो, ) 🟩 

शुभ अक्षर: ता, ती, तू, ते, ने, नो, या, यू, भे, भो, ढा, , , , , जा, जी, जू 

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: गु, गे, गो,  

🟥 ❌ वर्जित अक्षर: ही, हू, हे, हो, , , ,  पा, पी, पू, पे, तो, ना, नी, नू, जा, जी, जू, जे 

 🔻 दांपत्य बाधक (सिंह से): मा, मी, मू, मे,

---------------------------------------------------------------------------- 

📋 मीन राशि (दु, दे, दी, था) 🟩

 ✅ शुभ अक्षर: दा, दी, दू, दे, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, , ,  

🔷 ⚪ मध्यम अक्षर: दु, दे, दी, था 

 🟥 ❌ वर्जित अक्षर: , , , वा, का, की, कू, , मा, मी, मू, मे, रा, री, रू, रे, गु, गे, गो,  

🔻 दांपत्य बाधक (कन्या से): पा, पी, पू, पे

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विशेष सावधानी – 7वीं राशि से होने वाले दांपत्य जीवन में क्लेश / विवाद / मतभेद की संभावना

🔴 विवरण: किसी भी राशि से ठीक सामने (7वीं राशि) का मेल (विशेषकर वैवाहिक संबंध) पुरुषों में कम और स्त्रियों के लिए अधिक हानिकारक माना गया है। यह विशेष रूप से विवाह, विश्वास, मानसिक तालमेल और सुख में व्यवधान लाता है।

📌 इन राशियों का 7वां संबंध वर्जनीय (strī–puruṣ mel में):

🌟 मूल राशि

⚠️ 7वीं (विपरीत) राशि

🚫 दांपत्य बाधाएँ

विशेष कष्ट

मेष

तुला

वाणी द्वंद, निर्णय मतभेद

आत्मविश्वास का संघर्ष

वृषभ

वृश्चिक

छिपे क्लेश, आरोप-प्रत्यारोप

आर्थिक मतभेद

मिथुन

धनु

असमान सोच, संवादहीनता

धार्मिक मतांतर

कर्क

मकर

कठोर व्यवहार, भावना की उपेक्षा

निःसंगता but LOVE

सिंह

कुंभ

वर्चस्व द्वंद, सम्मान हानि

सामाजिक मतभेद

कन्या

मीन

भावुकता बनाम विश्लेषण

संदेह, अपूर्णता

तुला

मेष

अधिकारों की टकराव

संयम की कमी

वृश्चिक

वृषभ

ईर्ष्या, नियंत्रण प्रवृत्ति

संवेदनशीलता पर चोट

धनु

मिथुन

लक्ष्य और प्राथमिकता में विरोध

अधीरता

मकर

कर्क

नियंत्रण बनाम पोषण द्वंद

 टकराव

कुंभ

सिंह

स्वतंत्रता बनाम गरिमा द्वंद

स्वतंत्र निर्णय में बाधा

मीन

कन्या

भावना बनाम व्यावहारिकता

विचारहीन निर्णय

📝 नोट: यदि कुंडली में 7वें स्थान में ग्रह दोष हों, तो ये प्रभाव और अधिक उग्र हो सकते हैं। विशेष रूप से शुक्र, शनि, या राहु की स्थिति में यह संबंध विषमता ला सकता है।

🔮 उपाय:

  • विवाह पूर्व मिलान में 7वीं राशि के संबंध से बचें।
  • यदि विवाह हो चुका है, तो शनिवार, एकादशी, पूर्णिमा को शनि स्तोत्र, गोरक्ष शनि तांत्रिक मंत्र, और हनुमान चालीसा पढ़ना लाभकारी है।
  • यंत्र: दंपत्य सौख्य यंत्र, शुक्र शांति यंत्र

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