भड़ैयां नवमी – 4 जुलाई 2025 विवाह हेतु
Bhadalya Navami – 4 July 2025 (Friday)
🗓️ मुहूर्त – 4 जुलाई 2025 | Auspicious Timings
▪ प्रारंभ: प्रातः 08:10 बजे
▪ समापन: 5 जुलाई को
प्रातः 06:00 बजे
▪ विशेष
संकल्प/पूजन समय: संध्या 6:50 PM से 8:10 PM
(गोधूलि बेला में विशेष संकल्प श्रेष्ठ होता है।)
🌟 2. भड़लया नवमी विवाह हेतु क्यों शुभ
है? | Why
is it Auspicious for Marriage?
🔹 यह तिथि "अमुहूर्तिक विवाह संकल्प" की
शास्त्रीय परंपरा में मानी जाती है।
🔹 यानी, इस दिन बिना पंडितीय मुहूर्त के भी विवाह या
विवाह-संकल्प किया जा सकता है।
🔹 विशेषतः भद्रकाली देवी और सिद्धिदात्री के पूजन के
साथ संकल्प करें तो विवाह शीघ्र और सफल होता है।
ChatGPT said:
विषय “भद्रकाली एवं भड़लया नवमी (भडिया नवमी)” से संबंधित है, जो उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, गुजरात व मध्य भारत में विवाह प्रारंभ के प्रमुख तिथि के रूप में मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से देवी भद्रकाली को समर्पित होता है।
📜 श्लोक प्रमाण:
“नवम्यां
शुक्लपक्षस्थे भद्रायां शुभसंध्यया।
यः
संकल्पं विवाहाय कुरुते स जयत्यहो॥”
— वाराह तंत्र, विवाह विधि
खण्ड
“संकल्पमात्रेण
विवाहं सिद्धिं प्रयान्ति स्त्रियः।
भद्रकालीप्रसादेन
नवमी तिथि मंगलम्॥”
— कल्पद्रुम
तंत्र, स्त्रीधर्मपटल
✅ 3. विवाह के अतिरिक्त 2 अन्य शुभ कार्य | 2 Other Auspicious Activities
on Bhadalya
🔸 (1) गृह प्रवेश संकल्प / वास्तु प्रवेश
प्रारंभ
शास्त्र कहता है कि 'भद्र' दिन गृहवासी
के लिए सुरक्षित होता है।
"भद्रायां दिवसं प्राप्य गृहप्रवेशं करोति यः।
वास्तुदोषः
नश्यति च, सुखं वसति
सर्वदा॥”
— मानसार
तंत्र
🔸 (2) संतान प्राप्ति हेतु
काम्या पूजा / संकल्प
कन्याओं द्वारा देवी सिद्धिदात्री एवं भद्रकाली को
पूजना संतान सुख के लिए अत्यंत शुभ होता है।
"कुमारिकाभिः
संप्रार्थ्यं भद्रकालीं सुरेश्वरीम्।
संतानं
लभते शीघ्रं भद्रनवम्यां विशेषतः॥”
— देवीकल्पद्रुमम्, संतान
तंत्रपटल
📖 4. कथा – भद्रकाली कृपा से शीघ्र विवाह कथा | Bhadrakali Katha (Bhadalya
Navami)
एक बार राजा पुरुहूत की पुत्री सुलोचना विवाह योग्य
हुई परंतु कोई योग्य वर नहीं मिल पाया। उसने 4 दिन का
उपवास रखकर भद्रकाली की उपासना की। अंतिम दिन (शुक्ल नवमी) को गोधूलि वेला में
उसने दीपक प्रज्वलित कर यह मंत्र जपा:
👉 "ॐ ह्रीं भद्रकालयै नमः।
मम विवाहं सिद्धिं कुरु स्वाहा।"
उसी रात्रि एक राजा (सिंहकेतु) को स्वप्न में देवी
भद्रकाली ने सुलोचना का नाम बताया। अगले ही दिन राजकुमार विवाह हेतु पहुँचा और
संकल्प के साथ विवाह सम्पन्न हुआ।
📚 यह कथा "भद्रकाली महात्म्य" (वाराह तंत्र – अध्याय 16) में वर्णित
है।
🔱 5. मंत्र एवं संकल्प | Mantra & Sankalp
🔸 भद्रकाली विवाह संकल्प मंत्र:
"मम विवाह मङ्गल सिद्ध्यर्थं
भद्रायां शुभ संध्यायां भद्रकाली पूजनं करिष्ये।"
🔸 भद्रकाली बीज मंत्र:
"ॐ ह्रीं भद्रकालयै
नमः।"
"ॐ क्लीं ऐं ह्रीं चामुण्डायै विच्चे।"
🔆 1. भड़लया नवमी का महत्त्व | Significance of Bhadalya Navami
🔹 यह नवमी तिथि विशेषतः विवाह की प्रतीक्षा कर रहे
कन्या-वधुओं के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
🔹 इस दिन कन्याएं एवं वर-पक्ष दोनों बिना मुहूर्त विवाह
हेतु संकल्प करते हैं, विशेषकर गोधूलि वेला में।
🔹 यह तिथि गुप्त रूप से देवी दुर्गा के नवम स्वरूप
सिद्धिदात्री तथा मंगलदायिनी देवी भद्रकाली को समर्पित मानी गई है।
🔹 कई क्षेत्रों में इसे भद्रकाली पूजा का दिन माना गया
है और शास्त्रों में इसे "शुभारंभ नवमी" कहा गया है।
📚 ग्रंथ प्रमाण:
🔸
“नवम्यां शुक्लपक्षस्य सर्वमङ्गलकारिणी।
भद्रायां संकल्पयेत् कन्यादानं विवाहकृत्॥”
— वाराह तंत्र, अध्याय 15
🔸 “एषा नवमीं शुभां
ज्ञात्वा यः संकल्पं करोति वै।
सौभाग्यं तस्य दीर्घं स्यात् विवाहो न निष्फलः॥”
— कल्पद्रुम
तंत्र, भाग
विवाहसंस्कार
🔱 2. उपास्य देवी | Worshipped Deity
🔹 देवी भद्रकाली – विवाह-मंगल एवं संकल्प-सिद्धि की अधिष्ठात्री।
🔹 देवी सिद्धिदात्री – नवम शक्ति, नव ग्रहों को सिद्धियां देनेवाली।
🔮 3. पूजा विधि | Puja Vidhi
🪔
दिशानिर्देश
(Direction
of Worship):
🔹 पूजक का मुख – पूर्व की ओर।
🔹 दीपक – देवी की मूर्ति के दक्षिण में रखें।
🕯 दीपक विवरण (Lamp Details):
प्रकार |
विवरण |
दीपक
प्रकार |
शुद्ध
तिल के तेल का दीपक (Clay lamp with sesame oil) |
संख्या |
🔟 (10 दीपक – नवग्रह+देवी हेतु) |
वर्तिका |
लाल
सूती धागे की गोल वटिका |
रंग |
दीपक
के पास लाल व वस्त्र पीले |
दीप दान
मंत्र |
|
*“सप्तजिह्व
समायुक्तं त्रैलोक्यं प्रकाशकम्। |
|
दीपं
त्रैलोक्यनाथं च सन्ध्यायां कल्पयाम्यहम्॥”* – स्कंद पुराण, दीपावली महात्म्य |
📌 महत्त्व | Significance
यह तिथि कन्याराधना, विवाह संकल्प और देवी
भद्रकाली-सिद्धिदात्री पूजन हेतु अत्यंत शुभ मानी जाती है।
This date is considered highly auspicious for worship of Kanya (virgin
girls), marriage resolution, and devotion to Devi Bhadrakali-Siddhidatri.
📖 “नवम्यां शुभतिथौ
कन्यासंस्कारं विधायेत्।
भद्रदिवसे संकल्पो विवाहाय विजयी भवेत्॥”
— वाराह तंत्र, विवाहविधि
🕯️ पूजा विधि | Puja Vidhi
▪ दिशा: पूर्वमुखी
▪ दीपक: तिल के तेल
से 10 दीपक
(नवग्रह + देवी हेतु)
▪ वर्तिका: लाल सूती
धागे की गोल वटिका
▪ वस्त्र/रंग: पीले वस्त्र, लाल आसन
▪ स्थान: घर के पूजन
कक्ष या पूर्व दिशा में देवगृह
🔱 मंत्र | Mantras
▪
ॐ
ह्रीं भद्रकालयै नमः।
▪ ॐ
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
▪ संकल्प
मंत्र:
"मम विवाह मङ्गल सिद्ध्यर्थं भद्र दिवसे शुभ संध्यायां
भद्रकालीपू जनं करिष्ये।"
📚 6. ग्रंथ प्रमाणों की सूची | Scriptural References
ग्रंथ नाम |
संदर्भ विषय |
अध्याय/स्थान |
वाराह
तंत्र |
विवाह
संकल्प नवमी |
अध्याय 15–16 |
कल्पद्रुम
तंत्र |
स्त्रीधर्म, संकल्प |
विवाह पटल |
देवीकल्पद्रुमम् |
संतति
प्रयोग |
संतान पटल |
स्कंद
पुराण |
दीप पूजन
व्रत |
कार्तिक
खण्ड |
📚 मान्य ग्रंथ व प्रमाण | Scriptural References
- वाराह
तंत्र – विवाहसंकल्प विधि
- कल्पद्रुम
तंत्र – कन्याराधनाश्रय
- स्कंद
पुराण – दीप पूजन अध्याय
- तंत्रराज
तंत्र – भद्रकाली साधना रहस्य
- दुर्गा
सप्तशती – नवशक्ति स्तवन
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