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20.7.2025 Bilingualनए वस्त्र, वाहन, धातु प्रयोग का निषेध”,

                                                      

20.7.2025 रविवार + कृत्तिका + मेष चंद्र राशि में नए वस्त्र, वाहन, धातु प्रयोग का निषेध”,

We do not say the scriptures; हम नहीं शास्त्र कहते

By Renowned Astrologer & Palmist: +91-94244446706
रविवार + कृत्तिका + मेष चंद्र राशि में नए वस्त्र, वाहन, धातु प्रयोग का निषेध
🗓️ वार: रविवार | 🌟 नक्षत्र: कृत्तिका | 🌙 चंद्र राशि: मेष
🔔 विषय: नए वस्त्र, वाहन, धातु वस्तु आदि का प्रयोग/खरीदारी
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🔍 Shastric Perspective (शास्त्रीय दृष्टिकोण):
🡥 नववस्त्र / New Garments
📖 Bhadrabahu Samhita:
"कृत्तिकायां रविवासरे नववस्त्रधारणं न कर्तव्यम्।"
Meaning: Wearing new garments on Sunday under Krttika Nakshatra is strictly prohibited. The fire-dominant energy leads to restlessness, speech aggression, or domestic troubles.
🚗 नव वाहन / New Vehicle Purchase
📖 Nirnaya Sindhu (Vrat-Khanda):
"रवौ कृत्तिकायां यान-क्रयादिषु संयमः श्रेयः।"
Meaning: Buying vehicles or heavy machinery on Sunday during Krttika Nakshatra should be avoided. It may lead to accidents, fire-hazards, or losses.
🔩 धातु / Metals, Electronics, Machines
Krttika is Agni-dominant Nakshatra and Sunday belongs to Sun. Together, they produce extreme fiery vibration. Thus, buying electronics, steel, iron tools, or machines (gas stove, heater, mobile, etc.) is inauspicious.
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📖 Granth Praman (Textual Proofs)
✉️ 1. Bhadrabahu Samhita:
"कृत्तिकायां रविवासरे नववस्त्रधारणं निषिद्धम्।"
•    Prohibits wearing new clothes in this fiery combination.
✉️ 2. Nirnaya Sindhu:
"रवौ कृत्तिकायां यान-क्रयादिषु न कर्तव्यम्।"
•    Prohibits vehicle and machinery purchases.
✉️ 3. Muhurta Chintamani:
"कृत्तिकायां रवौ वस्त्रयात्रायां चैव न शुभं भवेत्।"
"रवि दिन कृत्तिकायां यानं वा व्रणकरं भवेत्।"
•    Such actions can lead to injury, disputes, or losses.
✉️ 4. Jyotish Saar:
"कृत्तिका नक्षत्रे मेषे चंद्रे च, रविवासरे वस्त्रयात्रायां च कार्यनिषेधः।"
•    A highly inauspicious Tridoshic yoga.
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🔎 Summary Table:
Granth    Shlok    Meaning
Bhadrabahu Samhita    कृत्तिकायां रविवासरे...    New clothes prohibited
Nirnaya Sindhu    रवौ कृत्तिकायां यानक्रय...    Vehicle/machine avoided
Muhurt Chintamani    यानं वा व्रणकरं भवेत्    Injury, loss risk
Jyotish Saar    मेषे चंद्रे च कार्यनिषेधः    Full inauspiciousness

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🙏 Remedies (if action is unavoidable):
•    Choose subha muhurta
•    Chant “Om Suryaya Namah” 108x
•    Donate jaggery and wheat
•    Offer water to Surya in copper vessel
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Quick Summary Table:
Action    Sunday + Krttika + Mesha Moon    Reason
👕 New Garments    ❌ Prohibited    Speech/Aggression issues
🚗 New Vehicle    ❌ Prohibited    Fire/Accident energy
🔫 Electronics/Metals    ❌ Prohibited    Hyperactive energy clash
✔️ Remedies    Do mantra/donation    Neutralize dosha
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⚡ Compiled authentically by: Renowned Astrologer & Palmist
📞 +91-94244446706
📅 वार: रविवार | 🌟 नक्षत्र: कृत्तिका | 🌙 चंद्र राशि: मेष
🔔 विषय: नए वस्त्र, वाहन, धातु वस्तु आदि का प्रयोग/खरीदारी
🔍 शास्त्रीय दृष्टिकोण:
🧥 नववस्त्र / नए वस्त्र पहनना
📖 भद्रबाहु संहिता:
"कृत्तिकायां रविवासरे नववस्त्रधारणं न कर्तव्यम्।"
अर्थ: कृत्तिका नक्षत्र और रविवार के योग में नए वस्त्र पहनना वर्जित माना गया है।
🛑 विधान: इस संयोग में नए वस्त्र पहनने से मानसिक बेचैनी, अग्नि-दोष या वाणी में कटुता की वृद्धि हो सकती है।
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🚗 नव वाहन / नई वस्तु क्रय
📖 निर्णयसिंधु व्रतखंड के अनुसार:
"रवौ कृत्तिकायां यान-क्रयादिषु संयमः श्रेयः।"
अर्थ: कृत्तिका नक्षत्र और रविवार के योग में वाहन आदि खरीदने में संयम रखना चाहिए।
🚫 फल: वाहन लेने से अग्निजन्य दोष, त्वरित क्षय, अथवा दुर्घटना की संभावना मानी जाती है।
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🔩 धातु / मशीन / इलेक्ट्रॉनिक वस्त्र
कृत्तिका अग्नि प्रधान नक्षत्र है, और रविवार सूर्य का दिन होने से दोनों की ऊर्जा अत्यंत तेज होती है। ऐसे में लोहे, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक वस्त्र जैसे—AC, गैस चूल्हा, हीटर, मोबाइल, आदि का क्रय या शुभारंभ वर्जित माना जाता है। 📖 1. भद्रबाहु संहिता (Bhadrabahu Samhita)
श्लोक:
"कृत्तिकायां रविवासरे नववस्त्रधारणं निषिद्धम्।"
अर्थ:
कृत्तिका नक्षत्र और रविवार के संयोग में नव वस्त्र धारण करना वर्जित है। यह काल अग्नि एवं सूर्य के योग से तीव्र उष्ण ऊर्जा देता है, जिससे रोग, मानसिक अशांति या पारिवारिक कष्ट संभव होता है।
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📖 2. निर्णयसिन्धु (Nirnaya Sindhu)
व्रतखण्ड, व्रतराजकल्प में:
"रवौ कृत्तिकायां यानक्रयादौ न कर्तव्यम्।"
अर्थ:
रविवार को कृत्तिका नक्षत्र में वाहन, यंत्र, लोहे या अग्नि से संबंधित वस्तु खरीदना अथवा प्रयोग करना वर्जित माना गया है। इससे व्यय, अग्नि-दोष, अथवा शीघ्र हानि हो सकती है।
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📖 3. मूहूर्त चिन्तामणि (Muhurt Chintamani)
वास्तुविचार - दोषविचार अंश से:
"कृत्तिकायां रवौ वस्त्रयात्रायां चैव न शुभं भवेत्।"
"रवि दिन कृत्तिकायां यानं वा व्रणकरं भवेत्।"
अर्थ:
कृत्तिका नक्षत्र और रविवार के दिन वस्त्र धारण करना, यात्रा करना या वाहन प्रयोग करना शुभ नहीं है। यह योग रोग, घाव, विवाद, हानि, अथवा शारीरिक पीड़ा को जन्म दे सकता है।
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📖 4. ज्योतिष सार (Jyotish Saar Granth)
नववस्त्र विषयक अंश से:
"कृत्तिका नक्षत्रे मेषराशौ चन्द्रे च, रविवासरे वस्त्रयात्रायां च कार्यनिषेधः।"
अर्थ:
यदि चंद्रमा मेष राशि में हो, नक्षत्र कृत्तिका हो और वार रविवार, तो इन तीनों के संयोग में वस्त्र धारण, यात्रा या नया कार्य वर्जित है। यह त्रिगुणात्मक उग्र योग माना जाता है जो मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक तनाव ला सकता है।
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🔍 सारांश रूप में श्लोक संग्रह:
ग्रंथ    श्लोक    अर्थ
भद्रबाहु संहिता    कृत्तिकायां रविवासरे नववस्त्रधारणं निषिद्धम्।    रविवार + कृत्तिका में नए वस्त्र पहनना वर्जित
निर्णयसिन्धु    रवौ कृत्तिकायां यानक्रयादौ न कर्तव्यम्।    वाहन आदि खरीदना मना
मूहूर्त चिन्तामणि    रवि दिन कृत्तिकायां यानं वा व्रणकरं भवेत्।    वाहन लेने से घाव/हानि संभव
ज्योतिष सार    मेषे चन्द्रे कृत्तिकायां रविवासरे वस्त्रयात्रायां निषेधः।    मेष चंद्र + कृत्तिका + रविवार – कार्य निषेध
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📌 निष्कर्ष:
“रविवार + कृत्तिका नक्षत्र + मेष राशि” का योग:
•    अत्यंत उग्र (Agni-Tatva + Surya-Tatva) होता है।
•    नव वस्त्र, वाहन, धातु, यंत्र प्रयोग वर्जित।

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🕯️ विकल्प व उपाय (यदि आवश्यक हो)
यदि अपरिहार्य कारण से वस्त्र या वाहन क्रय करना हो, तो:
🔹 शुभ मुहूर्त में करें
🔹 "ॐ सूर्याय नमः" का 108 बार जप करें
🔹 गुड़ और गेहूं दान करें
🔹 तांबे के पात्र में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य दें
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✅ सारांश (Summary)
वस्तु/कर्म    रविवार + कृत्तिका + मेष चंद्र राशि में निषेध    कारण
👕 नए वस्त्र    ❌ वर्जित    मानसिक, वाणी दोष
🚗 नया वाहन    ❌ वर्जित    अग्नि-दोष, दुर्घटना
🧲 इलेक्ट्रॉनिक / धातु    ❌ वर्जित    तेज ऊर्जा टकराव
✔️ उपाय    जप, अर्घ्य, दान द्वारा दोष शमन    


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