वस्त्र पहनना कौन-से लग्न में शुभ होता है?
किस लग्न (Ascendant/Lagna) में वस्त्र धारण करना शुभ होता है, किसमें वर्ज्य है, तथा किस रंग, दिशा व समय में पहनना उचित
"वस्त्र, आभूषण, चूड़ी पहनने की दिशा, विधि, मंत्र, शास्त्रीय श्लोक (अर्थ सहित)
12 लग्नों के अनुसार उपयुक्त पहनने की विधि" — अत्यंत उपयोगी धार्मिक + ज्योतिषीय निर्देशों के साथ, संपूर्ण द्विभाषीय रूप में:
🪔 वस्त्र व आभूषण पहनने की दिशा, विधि व मंत्र | Direction, Method, and Mantras for Wearing Clothes & Ornaments
🔷 📜 शास्त्रीय श्लोक (बृहत्संहिता, नारद संहिता)
"आभरणं स्थापयेत् शान्त्या, न प्रचलनवेलायाम्।
पूर्वे वा उत्तरदिग्भागे, सौम्ये स्थाणौ प्रतिष्ठितः॥"
🕉️
अर्थ:
आभूषण पहनना स्थिर व शांत अवस्था (बैठकर) करना चाहिए, चलते हुए नहीं। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पहनना सौभाग्य व प्रतिष्ठा देने वाला होता है।
✨ 📿 विधि (Step-by-Step Method for Wearing Ornaments & Clothes):
- 🧘♀️ स्थिति:
- शांतचित्त बैठकर पहनें (avoid haste or anger)
- Sit calmly; never while walking or in emotional disturbance.
- 🧭 दिशा (Direction):
- पूर्व या उत्तरमुखी होकर वस्त्र/आभूषण पहनें
- Face East or North while adorning.
- 📿 मंत्र उच्चारण (Mantras to Chant While Wearing):
🪔 वस्त्र पहनते समय:
"ॐ वाग्देव्यै च विद्महे, क्लेशनाशिन्यै धीमहि, तन्नो वस्त्रः प्रचोदयात्॥"
(वाणी, शील और तेज प्राप्त करने हेतु)
🪔 चूड़ी/कंकण पहनते समय:
"ॐ शुभाङ्गि सुरूपे, सुखदा च कन्यके।
मम सौभाग्यसिद्ध्यर्थं, कङ्कणं धारयाम्यहम्॥"
🪔 गहने (कर्णफूल, हार, नथ) पहनते समय:
"ॐ श्रीं क्लीं सौंदर्यायै नमः"
(सौंदर्य व लक्ष्मी वृद्धि हेतु)
👑 🚩 विशेष निषेध (Do's & Don’ts):
क्या करें (✅) |
क्या न करें (❌) |
शांत चित्त बैठकर पहनें |
क्रोध, हड़बड़ी में न पहनें |
गुरुवार, शुक्रवार को आभूषण प्रयोग |
मंगलवार, शनिवार को नथ या नई चूड़ी न पहनें |
पूर्व/उत्तर दिशा देखें |
दक्षिण या पश्चिममुखी न हों |
📿 वस्त्र पहनने की शुभ लग्न-स्थिति — शास्त्रीय दृष्टिकोण से
📜 शास्त्रीय स्रोत:
🌿 मुहूर्त चिंतामणि, कालविवेक, भद्रबाहु संहिता, वास्तुशास्त्र, बृहत्संहिता
🔷 📖 मूल श्लोक — मुहूर्त चिंतामणि
"सिंहो मेषो वृषश्चैव, तुला कुंभस्सुहृत्सदा।
वस्त्राभरणमादाय, तद्वेलायां सदा श्रियम्॥"
🕉️
अर्थ:
सिंह, मेष, वृषभ, तुला और कुम्भ लग्न में वस्त्र, आभूषण या नए श्रृंगार वस्तु धारण करने से धन, कीर्ति व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ये लग्न हमेशा शुभ फलदायी होते हैं।
👑 🚩 विशेष निषेध (Do's & Don’ts):
क्या करें (✅) |
क्या न करें (❌) |
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शांत चित्त बैठकर पहनें |
क्रोध, हड़बड़ी में न पहनें |
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गुरुवार, शुक्रवार को आभूषण प्रयोग |
मंगलवार, शनिवार को नथ या नई चूड़ी न पहनें |
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पूर्व/उत्तर दिशा देखें |
दक्षिण या पश्चिममुखी न हों ♈ 🌟 12 लग्नों के अनुसार आभूषण/वस्त्र प्रयोग दिशा व समय:
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🌟 शुभ लग्न तालिका (Lagna-wise Clothing Guidance):
🔢 लग्न |
♈ नाम |
शुभता |
प्रयोग हेतु दिशा/रंग |
विशेष प्रभाव |
1 |
मेष (Aries) |
✅ शुभ |
पूर्व / लाल |
उत्साह व तेज |
2 |
वृषभ (Taurus) |
✅ शुभ |
उत्तर / सफेद |
सौंदर्य, ऐश्वर्य |
3 |
मिथुन (Gemini) |
⚠️ मध्यम |
उत्तर-पूर्व / हरा |
बुद्धि व चंचलता |
4 |
कर्क (Cancer) |
⚠️ मध्यम |
उत्तर / चाँदी रंग |
भावनात्मकता |
5 |
सिंह (Leo) |
✅ अति शुभ |
पूर्व / सोने जैसा |
कीर्ति, आत्मबल |
6 |
कन्या (Virgo) |
❌ वर्ज्य |
पश्चिम / मटमैला |
रोग-संभावना |
7 |
तुला (Libra) |
✅ शुभ |
उत्तर / नीला-गुलाबी |
कला, आकर्षण |
8 |
वृश्चिक (Scorpio) |
❌ वर्ज्य |
दक्षिण / गाढ़ा |
मानसिक अशांति |
9 |
धनु (Sagittarius) |
⚠️ मध्यम |
पूर्व / पीला |
धर्म-संयम |
10 |
मकर (Capricorn) |
❌ वर्ज्य |
उत्तर / स्लेटी |
विलंब या बाधा |
11 |
कुंभ (Aquarius) |
✅ शुभ |
पश्चिम / आधुनिक |
प्रगतिशीलता |
12 |
मीन (Pisces) |
⚠️ मध्यम |
उत्तर / मोती-रंग |
भावुक फल |
📚 अन्य श्लोक – भद्रबाहु संहिता
"तुला मेषसिंहवृषभेषु शुभोऽलङ्कारकर्मणि।
कन्यार्द्राद्ये न कार्यं, बाधां जनयति ध्रुवम्॥"
🕉️
अर्थ:
तुला, मेष, सिंह और वृषभ लग्न में वस्त्र या आभूषण धारण करना शुभ फल देता है।
कन्या, वृश्चिक आदि लग्नों में यह कार्य बाधा या अशुभ फल देता है।
🪔 विशेष निर्देश – मुहूर्त चयन के समय ध्यान दें:
✅ शुभ तिथि: द्वितीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, त्रयोदशी
✅ शुभ वार: गुरुवार, शुक्रवार, सोमवार
✅ शुभ नक्षत्र: पुष्य, रोहिणी, पुनर्वसू, हस्त, उत्तरा फाल्गुनी
✅ शुभ योग: सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, गुरु पुष्य, रवि पुष्य
🛑 वर्ज्य लग्नों में वस्त्र न पहनें जब...
- राहुकाल/गुलिककाल हो
- चंद्रमा नीचस्थ या पाप दृष्ट हो
- शनिवार/मंगलवार के संयोग में भारी ग्रह द्रष्टि हो
- वृषण दोष, कूप दोष लग्न में हो
📌 निष्कर्ष | Summary:
🔸
✅ मेष, वृषभ, सिंह, तुला, कुंभ लग्न में वस्त्र पहनना अति शुभ है।
🔸 ❌ कन्या, वृश्चिक, मकर लग्न में वस्त्र पहनना वर्ज्य व हानिकर माना गया है।
🔸 📖 शास्त्रीय प्रमाणों में यह विशेष रूप से वर्णित है कि सही लग्न, दिशा, रंग और भाव से वस्त्र पहनने पर ही वस्त्र "श्रीवृद्धिक" होते हैं।
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