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17.7.2025-नये वस्त्र, नई चूड़ी, नये आभूषण आज धारण न करें(गुरुवार ,सप्तमी, रेवती)

  

    नये वस्त्र, नई चूड़ी, नये आभूषण आज धारण करें(गुरुवार ,सप्तमी, रेवती)17.7.2025

-By Renowned Astro-Palm-Vastu(V.K.Tiwari.Dr R Dixit& Dr S.Tiwari)

🚫 गुरुवार + सप्तमी + रेवती संयुक्त प्रभाववस्त्र, वस्तु, आभूषण पर

📛 वर्जित प्रयोग (Forbidden Usage):

  • नये वस्त्र, नई चूड़ी, नये आभूषण आज धारण करेंविशेषतः स्त्रियों को।
  • पीताम्बर वस्त्रों की खरीद प्रयोग वर्जित मानी गई है।
  • नई धातु (सोना, चांदी) का दान करेंयहसप्तमी + गुरुवारदोष कारक है।

🚫 गुरुवार + सप्तमी + रेवती संयुक्त प्रभाववस्त्र, वस्तु, आभूषण पर

📛 वर्जित प्रयोग (Forbidden Usage):

  • नये वस्त्र, नई चूड़ी, नये आभूषण आज धारण करेंविशेषतः स्त्रियों को।
  • पीताम्बर वस्त्रों की खरीद प्रयोग वर्जित मानी गई है।
  • नई धातु (सोना, चांदी) का दान करेंयहसप्तमी + गुरुवारदोष कारक है।

📖 निर्णयसिंधु प्रमाण:
सप्तम्यां रेवत्या नूतनवस्त्रं निषिद्धम्।
📘
अर्थ: सप्तमी तिथि और रेवती नक्षत्र के संयोग में नया वस्त्र पहनना वर्जित है। यह विशेष रूप से स्त्रियों के लिए दोषकारक माना गया है।

📖 गरुड़ पुराण (प्रायश्चित्त खंड):
गुरौ सप्तम्यां रेवत्यां स्वर्णवस्त्रविनियोगो व्यसनाय भवति।
📘
अर्थ: गुरुवार को यदि सप्तमी तिथि और रेवती नक्षत्र हो, तो उस दिन सोने या नये वस्त्रों का उपयोग व्यसन या हानि का कारण बनता है।

📖 भद्रबाहु संहिता:
चूडामणिं नवं धारयेत् रेवत्या सप्तम्यां। स्त्रीणां तु विशेषतः।
📘
अर्थ: रेवती नक्षत्र और सप्तमी तिथि के संयोग में स्त्रियों को नया आभूषण, विशेषतः चूड़ामणि (माथे का आभूषण) नहीं धारण करना चाहिए।**

अनुकूल विकल्प (Recommended):

  • पुरानी वस्तुओं का ही उपयोग करें।
  • आज चूड़ी या वस्त्र दान करना विशेष शुभ रहेगापरंतु स्वयं धारण करें।

📜 सारांश तालिका | Summary Table

प्रकार

वर्जित भोजन

उपयुक्त भोजन

दान / वर्जन

सप्तमी

दूध, दही, नमक, तामसिक अन्न

फल, मूँग, खीर, मिश्री, गेहूँ

ताम्रपात्र, लाल वस्त्र

रेवती नक्षत्र

शहद, तीखा, तामसिक, कढ़ा अन्न

स्निग्ध, त्रिफला जल, गोदुग्ध

चावल, तिल, मौन/वाणी दान

गुरुवार संयोजन

नये वस्त्र, चूड़ी, नये आभूषण

पुराने वस्त्र, संयमित जीवन

नये धातु दान वर्जित

अनुकूल विकल्प (Recommended):

  • पुरानी वस्तुओं का ही उपयोग करें।
  • आज चूड़ी या वस्त्र दान करना विशेष शुभ रहेगापरंतु स्वयं धारण करें।

📛 सप्तमी रेवती नक्षत्र में वर्जित भोजन |

Forbidden Foods on Saptami + Revati

(स्रोत: धर्मसिंधु, भविष्यपुराण, महाभारत अनुशासन पर्व)

🔴 सप्तमी तिथि विशेष वर्जनाएं:

  • दूध दूध से बनी वस्तुएँ (दही, छाछ, पनीर) – विशेषतः सूर्यपूजन करने वालों के लिए वर्जित
  • नमक युक्त अन्नसप्तमी व्रत में उपवासियों हेतु
  • अंडा, माँस, मछली, मद्य आदि तामसिक पदार्थ
  • कच्चा लहसुन-प्याज
  • खट्टे फलनींबू, इमली, आम (यदि रात्रि में सेवन किया जाए)

🔴 रेवती नक्षत्र वर्जनाएं:

  • तीव्र तामसिक भोजनशरीर में वात-विकार, रक्तदोष बढ़ाता है
  • नवसृजित अन्न (Today-cooked stale grains)विशेष रूप से रात्रि भोजन वर्जित
  • शहद और अत्यधिक मीठे व्यंजनPushan देवता के कारण अधिक सत्ताहीनता देती है

📖 श्लोकधर्मसिंधु:

"सप्तम्यां पयः सेवनं निषिद्धम्, रात्रौ तिलभोजनं वर्जयेत्।"


उपयुक्त भोजन | Suitable Foods on Saptami + Revati

🟢 सप्तमी तिथि के लिए (सूर्य उपासना हेतु):

  • गेहूँ, मूँग दाल, चावल (सादा/स्वादानुसार)
  • ताजे फलअनार, सेब, केला
  • मिश्री, गुड़, तुलसीपत्र मिश्रित जल
  • घी मिश्रित खीर या सत्त्विक हलवा (लहसुनप्याज रहित)

🟢 रेवती नक्षत्र अनुकूल आहार:

  • शीतल और स्निग्ध आहारमूंग खिचड़ी, लौकी सब्ज़ी, सादा दलिया
  • त्रिफला या सौंफ के जल से पाचन सुधारक उपाय
  • हर्बल चाय (तुलसी, अजवाइन मिश्रित)
  • गोदुग्ध (यदि व्रत हो), हवन में शुद्ध गाय का घी

📖 भावप्रकाश निघंटु:

"रेवत्यां स्निग्धगुणयुक्तं भोजनं प्रशस्तम्। वातदोषनाशकं हितम्।"


🎁 सप्तमी + रेवती में शास्त्रानुसार दान | Recommended Donations

🎀 सप्तमी तिथि के अनुसार:

  • ताम्रपात्र, गुड़, लाल वस्त्र, सूर्य चित्र
  • जल से भरा कलश, कुश, तुलसी का पौधा
  • आँखों के रोगियों को औषधि (नेत्र दान हेतु प्रतीक रूप में)

🎀 रेवती नक्षत्र के अनुसार (पुषण देव के लिए):

  • घी, सफ़ेद तिल, चावल, मौन/वाणी दान
  • गाय को हरा चारा, कुत्ते को रोटी देना विशेष फलदायी
  • अनाथ बालक या गौशाला को अनाज दान

📖 स्कन्द पुराणरेवती माहात्म्य:

"रेवत्यां दत्तं यत् दानं, सहस्रगुणितं भवेत्।"


📜 संक्षेप सारांश:

प्रकार

वर्जित भोजन

उपयुक्त भोजन

दान

सप्तमी

दूध, दही, नमक, तामसिक अन्न

फल, मूँग, खीर, मिश्री, गेहूँ

ताम्रपात्र, लाल वस्त्र

रेवती नक्षत्र

शहद, तीखा, तामसिक, कढ़ा अन्न

स्निग्ध, त्रिफला जल, गोदुग्ध

चावल, तिल, मौन/वाणी दान

 

 

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