सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

17july 2025 – भविष्य Bilingual 🌞 – जन्म नक्षत्र, नामाक्षर,राशि & Remedies |Jain & Vadik

                                                                 

17july 2025 – भविष्य Bilingual 🌞 जन्म नक्षत्र, नामाक्षर,राशि & Remedies |

Birth Star, Name Syllables, Sign, Use/Wear New Items & Today's Remedies

-By Renowned Astrologer,Vastu ,Palmist-V.K.Tiwari(Since1972) 

 त्वदीये दिवसे वयं सुहित चिन्तकाः। भवतु दिनं तव मङ्गलम्दिन की मंगलमय शुभकामनाएँ! 

🕉- 🔷 जन्म नक्षत्र - नाम असफलताएँ  दे सकता है CondultP_plz.

1-     ;🔷 A name based solely on Birth Nakshatra can cause failures —Consult;

2-      https://ptvktiwari.blogspot.com/2025/06/common-mistakes-in-name-selection.html

3-      

4-     🔹 Get the Accurate Horoscope

5-      🔷 कुंडली निर्माण (Horoscope Making)
42 दशाएँ .,-विशोत्तरी दशा?— सभी कुंडलियों में लागू नहीं होती;-

📜 विशेष संदर्भ (Special Reference):

📌 डॉ.आर.दीक्षित🏛 वास्तु विशेषज्ञ(Vastu Expert)📌 डॉ.एस.तिवारीवैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology)

📧 (Email): tiwaridixitastro@gmail.com; 91 9424446706
 विवाह मिलान (Marriage Matching) kundli ke 9grah rashi nakshtr se matching;not only birth star matching-(its incomplete) Birth Chart & correct dasha calculation;*

 

1-🔱 श्रावणशिव पूजा का विशेष महत्व

https://ptvktiwari.blogspot.com/2025/07/blog-post_13.html

2-गायत्री-  चतुर्थपाद गायत्री मंत्र-गृहस्थों के लिए शुभशास्त्र प्रमाण है। 🚫                                      Popular Gayatri Mantras are not useful for householders

https://ptvktiwari.blogspot.com/2025/07/popular-gayatri-mantras-are-not-always.html

3-नाम  जन्म  नक्षत्र  जरूरी नहीं, Naamkaran is not a triviality,(Risk may be by Birth star name) शास्त्रीय नामकरण के नियम;

https://ptvktiwari.blogspot.com/2025/07/blog-post_10.html

 

****************************************************************************************

📅 तिथि: श्रावण शुक्ल सप्तमी

🌙 चंद्र राशि: कुम्भ (Aquarius)

🌟 नक्षत्र: रेवती (Revati) — वर्तमान में चंद्रमा मीन राशि में है

🌄 पर्व विशेष: कालाष्टमी (KalAshtami)

🔱 मातृ लाभकारी दिवसविशेष रूप से स्त्रियों के लिए स्वास्थ्य संतान-सुख हेतु


🪔 व्रत विशेष | Vrat Focus:

आज कालाष्टमी होने से भगवान कालभैरव की पूजा अत्यंत शुभकारी मानी गई है।
सप्तमी तिथि + रेवती नक्षत्र + गुरुवारयह संयोग विशेषतः गुरु-संबंधित कार्यों में सिद्धि प्रदान करता है।


🚫 वर्जित कार्य | Forbidden Actions Today:

नए वस्त्र या आभूषण धारण करना (Wearing new clothes or jewelry)

📜 शास्त्र प्रमाण | Scriptural Reference:🔹 गरुड पुराण:

"सप्तम्यां रेवतीयुक्ते गुरौ वस्त्रालंकारकः।
शुभं दद्यात् तस्य, रोगमायुः क्षयं नयेत्॥"
यदि रेवती नक्षत्र, सप्तमी तिथि और गुरुवार एक साथ हों, उस दिन नए वस्त्र या आभूषण धारण करने से शुभ फल नहीं मिलता।
यह रोग, मानसिक अशांति, या धन की हानि का कारण बन सकता है।

🪶 फल प्रभाव | Effects of Today’s Conjunction:

🔸 सप्तमी + रेवती + गुरुवार का संयोग गुरुजन, मातृपक्ष, या शिक्षा से जुड़ी साधना/पूजन हेतु विशेष फलदायी है।
🔸
किन्तु भोगविलास, सौंदर्य सामग्री, नए वस्त्र, एवं आभूषण आदि का प्रयोग आज वर्जित माना गया है।


क्या करें | What to Do Today:HAVAN-Ok

  • 🕯️ काले तिल और नारियल का दीप दान करें
  • 🐕 कालभैरव को कुत्ते के लिए भोजन अर्पित करें
  • 🧘‍♀️ गुरु मंत्र या भैरव मंत्रों का जप करें
  • 🧴 आज पुराने वस्त्रों को पुनः धारण करें, नया उपयोग करें

🕉️ अनुष्ठान:
🔹
शिव अभिषेक = Best;
🔹
अभिजीत मुहूर्त = 12:26 PM – 12:45 PM
🔹
गौधूलि पूजा काल = 06:50 PM – 07:10 PM


📌 Sarvarth Siddhi + Ravi Yog =nil
सर्व दोष नाशक दिवस। नए कार्य, निवेश, वस्त्र धारण, यात्रा, मुहूर्त आदि हेतु अत्यंत शुभ।
A powerful day for all tasks – success, healing, wealth, and positivity.


🔱 शिव अभिषेक | Shiv Abhishek
आज नए वस्त्र या आभूषण धारण करने का प्रभाव
(Effect of wearing new clothes or jewelry today)
👉 भविष्य में प्रयोग करने पर भोजन, पशु, जीव-जंतु के कारण कष्ट या हानि संभव।
(Possibility of trouble or loss due to food, animals, or living beings in the future.)

🔮 आज का राशिफल | Today's Horoscope

 मेष (Aries) 🔹

सकारात्मक: व्यापार और नौकरी में उन्नति के योग हैं, आर्थिक लाभ मिलेगा। 🔹 Positive: There are chances of progress in business and job, financial gains are likely. 🔹 नकारात्मक: गुस्से पर नियंत्रण रखें, पारिवारिक विवाद संभव हैं। 🔹 Negative: Control your anger, family disputes are possible. 🔹 उपाय: शनि देव को प्रणाम करें और काले तिल दान करें।

🔹 Remedy: Worship Shani Dev and donate black sesame seeds. ________________________________________ वृषभ (Taurus) 🔹 सकारात्मक: भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी, धन लाभ संभव है। 🔹 Positive: Increase in material comforts, financial gains are possible. 🔹 नकारात्मक: स्वास्थ्य पर ध्यान दें, अनावश्यक खर्च बढ़ सकता है।

 🔹 Negative: Take care of your health, unnecessary expenses may rise. 🔹 उपाय: सफेद वस्त्र धारण करें और माता लक्ष्मी की पूजा करें। 🔹 Remedy: Wear white clothes and worship Goddess Lakshmi. ________________________________________ मिथुन (Gemini) 🔹 सकारात्मक: आत्मविश्वास बढ़ेगा, नए अवसर मिलेंगे। 🔹 Positive: Confidence will increase, new opportunities will arise. 🔹 नकारात्मक: भावनाओं में बहकर निर्णय लें। 🔹 Negative: Do not make decisions driven by emotions. 🔹 उपाय: हरी वस्त्र धारण करें और गणेश जी की पूजा करें।

🔹 Remedy: Wear green clothes and worship Lord Ganesha. ________________________________________ कर्क (Cancer) 🔹 सकारात्मक: रुके हुए कार्य पूरे होंगे, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। 🔹 Positive: Pending work will be completed, financial condition will improve. 🔹 नकारात्मक: थकान और मानसिक तनाव हो सकता है। 🔹 Negative: Fatigue and mental stress may occur. 🔹 उपाय: चावल और दूध का दान करें। 🔹 Remedy: Donate rice and milk. ________________________________________ सिंह (Leo) 🔹 सकारात्मक: यात्रा के योग हैं, भाग्य का साथ मिलेगा। 🔹 Positive: Travel is likely, luck will favor you. 🔹 नकारात्मक: परिवार में मतभेद हो सकते हैं, वाणी पर संयम रखें। 🔹 Negative: Family disputes may arise, control your speech. 🔹 उपाय: पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।

🔹 Remedy: Wear yellow clothes and worship Lord Vishnu. ________________________________________ कन्या (Virgo) 🔹 सकारात्मक: व्यापार में लाभ होगा, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। 🔹 Positive: Business will be profitable, decision-making ability will improve. 🔹 नकारात्मक: स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही करें। 🔹 Negative: Do not neglect your health. 🔹 उपाय: हरी मूंग का दान करें और गणेश जी की पूजा करें। 🔹 Remedy: Donate green gram and worship Lord Ganesha. ________________________________________ तुला (Libra) 🔹 सकारात्मक: सौंदर्य और कला से जुड़े लोगों के लिए दिन शुभ रहेगा। 🔹 Positive: A good day for those in beauty and arts-related fields. 🔹 नकारात्मक: जल्दबाजी में कोई बड़ा निर्णय लें।

 Negative: Avoid making hasty decisions. 🔹 उपाय: गाय को आटा खिलाएं और तुलसी का पौधा लगाएं। 🔹 Remedy: Feed flour to cows and plant a Tulsi tree. ________________________________________ वृश्चिक (Scorpio) 🔹 सकारात्मक: विरोधी परास्त होंगे, कार्यों में सफलता मिलेगी। 🔹 Positive: Enemies will be defeated, success in work is likely. 🔹 नकारात्मक: क्रोध और अहंकार से बचें। 🔹 Negative: Avoid anger and arrogance. 🔹 उपाय: शिवलिंग पर जल अर्पित करें। 🔹 Remedy: Offer water on Shivling. ________________________________________ धनु (Sagittarius) 🔹 सकारात्मक: प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी, भाग्य साथ देगा। 🔹 Positive: Love relationships will improve, luck will favor you. 🔹 नकारात्मक: मानसिक तनाव हो सकता है। 🔹 Negative: Mental stress may increase. 🔹 उपाय: केसर का तिलक लगाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।

 🔹 Remedy: Apply saffron tilak and worship Lord Vishnu. ________________________________________ मकर (Capricorn) 🔹 सकारात्मक: कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, आत्मविश्वास बढ़ेगा। 🔹 Positive: Success in the workplace, confidence will increase. 🔹 नकारात्मक: पुराने मामलों को लेकर चिंता बढ़ सकती है। 🔹 Negative: Worries regarding past issues may increase. 🔹 उपाय: काले तिल का दान करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

🔹 Remedy: Donate black sesame seeds and recite Hanuman Chalisa. ________________________________________ कुंभ (Aquarius) 🔹 सकारात्मक: नई योजनाएं फलीभूत होंगी, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 🔹 Positive: New plans will succeed, financial stability will improve. 🔹 नकारात्मक: स्वास्थ्य पर ध्यान दें, खानपान संतुलित रखें। 🔹 Negative: Focus on health, maintain a balanced diet. 🔹 उपाय: शनिदेव की पूजा करें और जरूरतमंदों को दान करें।

🔹 Remedy: Worship Shani Dev and donate to the needy. ________________________________________ मीन (Pisces) 🔹 सकारात्मक: पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा, नए अवसर मिलेंगे। 🔹 Positive: Family life will be pleasant, new opportunities will arise. 🔹 नकारात्मक: खर्चों पर नियंत्रण रखें, भावनाओं में बहकर निर्णय लें। 🔹 Negative: Control expenses, avoid emotional decisions. 🔹 उपाय: केले के पेड़ की पूजा करें और पीले वस्त्र धारण करें।

🔹 Remedy: Worship the banana tree and wear yellow clothes-is lekh me jode

 

🌟 अप्रत्याशित समस्याओं से मुक्ति के रहस्यमय उपाय

Mystic Remedies for Unexpected Life Challenges

🔱 कालाष्टमी विशेष मंत्र | Kalaashtami Mantras

पुराणिक मंत्र (Shiva Purana):
ऍं कालभैरवाय नमः६
नमस्तेस्तु कालरूपाय कालघ्नाय नमोस्तु ते
भयंकराय रूपाय कालभैरव नमोस्तु ते ।।

शाबर मंत्र (Shabar Mantra):
ऍं भैरवाय खप्परधराय भूतनाथाय नमः६
ऍं नमो कालभैरवाय, पिशाच बाधा हरणाय स्वाहा।

बौद्ध मंत्र (Buddhist Mantra):
ऍं कालभैरव हुं फट्स्वाहा।

जैन मंत्र (Jain Tradition):
ऍं ह्रीं श्रीं भैरवाय यक्षाय नमः।


🌺 सप्तमी तिथि मंत्र | Saptami Tithi Mantras

वैदिक/पुराणिक:
ऍं आदित्याय सप्तमी तिथ्यै नमः।
सप्तमी तिथिः शुभदा, रोगनाशिनी।
सूर्यपूजा विशेषतः, दीर्घायु प्रदायिनी।

जैन मंत्र:
ऍं अरहं सूर्याय नमः।

शाबर मंत्र:
ऍं सूर्य सप्तमी शुभदा, शत्रु बाधा नाशकाय स्वाहा।

बौद्ध मंत्र:
तथागतायाः सप्तमीं नमो बुद्धाय।


🌟 रेवती नक्षत्र मंत्र | Revati Nakshatra Mantras

वैदिक मंत्र (Taittiriya Brahmana):
ऍं रेवत्यै नमः।
ऍं पुष्णे नमः
ऍं रेवत्यै नक्षत्रदेवतायै नमः।

पुराणिक मंत्र (Skanda Purana):
ऍं गोविंदाय रेवत्यै नक्षत्रस्थाय नमः।

शाबर मंत्र:
ऍं रेवती रक्षा कर, मार्गदर्शक पुषण देव नमः।

जैन मंत्र:
ऍं सिद्धाय रेवती नक्षत्राय नमः।

📜 संक्षेप -:

प्रकार

वर्जित भोजन

उपयुक्त भोजन

दान

सप्तमी

   दूध, दही, नमक, तामसिक अन्न

   फल, मूँग, खीर, मिश्री, गेहूँ

      ताम्रपात्र, लाल वस्त्र

रेवती

   शहद, तीखा, तामसिक,   अन्न

   स्निग्ध, त्रिफला जल, गोदुग्ध

     चावल, तिल, मौन/वाणी

 

 

  • घर में लकड़ी का कार्य या लकड़ी इकट्ठा करना नहीं करें।
  • महुआ वृक्ष की पूजा करें।
  • =========================================================
  • 🌸 शुभ वेद मंत्र, पौराणिक मंत्र और नक्षत्र साधना 🌸

  • 🔱 वेद मंत्र (Vedic Mantra) 🔱

🌿 पूषन तव व्रते वय नरिषेभ्य कदाचन।
🌿 स्तोतारस्तेइहस्मसि। पूषणे नमः।

  • 🔆 Oṁ Pūṣan Tava Vrate Vaya Nariṣebhya Kadācana 🔆 Stotāras Te Ihasmasi Oṁ Pūṣaṇe Namaḥ
  • 📜 भावार्थ: इस मंत्र से पूषन देवता का आह्वान किया जाता है, जो समृद्धि और कल्याण के देवता माने जाते हैं।

  • 📖 पौराणिक मंत्र (Puranic Mantra) 📖
  • 💠 पूषणं सततं वंदे रेवतीशं समृद्धये।💠 वराभयोज्वलकरं रत्न सिंहासने स्थितम्।
  • Pūṣaṇaṁ Satataṁ Vande Revatiīśaṁ Samṛddhaye Varābhayojvalakaraṁ Ratna Siṁhāsane Sthitam
  • 📜 भावार्थ: इस मंत्र के माध्यम से समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाले पूषन देवता की स्तुति की जाती है।

  • 🌟 नक्षत्र देवता मंत्र (Nakshatra Devata Mantra) 🌟
  • 🪷 पूष्णे नमः।🪷 Pūṣṇe Namaḥ
  • 📜 भावार्थ: इस मंत्र के जाप से नक्षत्र देवता पूषन की कृपा प्राप्त होती है।

  • 🌙 नक्षत्र मंत्र (Nakshatra Mantra) 🌙
  • 🔱 रेवत्यै नमः।🔱 Oṁ Revatyai Namaḥ
  • 📜 भावार्थ: इस मंत्र से रेवती नक्षत्र की शुभता प्राप्त होती है।

  • 💐 इष्ट देवी-देवता को अर्पण (Offerings to Deity) 💐
  • 🌼 श्वेत पुष्प (White Flowers) White flowers should be offered to the deity.

  • 🍚 दान और उपाय (Donation & Remedies) 🍚
  • 🔹 नाश्ते में या घर से निकलते समय खिचड़ी खाएं।
    🔹 Eat Khichdi before leaving home or as breakfast.
    🔹 मंत्र पढ़ें पूष्णे नमः।🔹 Chant the mantra – "Oṁ Pūṣṇe Namaḥ".

  • 🏆 प्रभाव (Effects) 🏆🔥 सफलता और विजय।🔥 Success and Victory.

  • 🔮 बीज मंत्र (Beej Mantra) 🔮

🔵 "ओम लं" (ऊं लं)🔵 "Oṁ Laṁ"
🟢 "
ओम क्षण" (ऊं क्षं)🟢 "Oṁ Kṣaṇ"
🟣 "
ओम ऐं" (ऊं ऎं)🟣 "Oṁ Aiṁ"
🔴 "ओम आं" (ऊं आं)🔴 "Oṁ Āṁ"

  • 📜 भावार्थ: इन बीज मंत्रों का जाप करने से आध्यात्मिक शक्ति, बुद्धि, और सफलता प्राप्त होती है।

  • 💫 जय श्री पूषन देव! 💫💫 May Lord Pūṣan bless you with prosperity and success! 💫

*****************************************************************

🔔 शुभकामनाएँ!
Śubhākāmanāeṁ!
(Best Wishes!)
Top of Form

 

 

संपर्क करें: Lucky Suggestions- Name , Mobile,Vchicle,Flat  number Lucky daysColours Suggestion


Email: jyotish9999@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Sun City, Bangalore


एकादशी आवश्यक ध्यातव्य

गृहस्थ-वर्ग जिनके पुत्र हो वे ध्यान रखें:
वर्जित: कृष्ण एकादशी, रविवार, संक्रांति, ग्रहण के दिन व्रत करना अशुभ है।

 परंतु स्नान और दान आवश्यक है।(नारद अनुसार)

घर से निकलते समय यात्रादी के कष्ट से सुरक्षा के लिए

रविवार: ताम्बूल,
सोमवार: दूध, जल एवं दर्पण देखना,
मंगलवार: गुड़+धनिया, गरम दूध, मसूर,
बुधवार: कच्चा दूध, मिठाई,
गुरुवार: राई, केसर तिलक, दही,
शुक्रवार: दही,
शनिवार: बायबिडिंग + काले तिल।

भोज्य वस्तु या उससे बने व्यंजन:
रविवार: ताम्बूल, घी,
सोमवार: खीर, जल एवं तिलक,
मंगलवार: गुड़,
बुधवार: धनिया और तिल, राई,
गुरुवार: दही शकर,
शुक्रवार: जौ।



कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य-

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email: tiwaridixitastro@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Bangalore
-५६०१०२

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

रामचरितमानस की चौपाईयाँ-मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक (ramayan)

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...