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राम नाम के गुणगान की महिमा-(Pandit V.K.Tiwari 9424446706, bangalore-560102(Plamistry,Horo,Kundli creation,Muhurt,Match making,,Vastu)

 

राम नाम के गुणगान की महिमा

The Glory of Singing the Divine Name 'Ram

 (vijendra kumar tiwari-jyotish,Hastrekha,Vaastu ,kundli milan visheshgya-9424446706,Block 5;f-1003)

(विधि, दिशा, दीपक, वर्तिका, वस्त्र और फल:

रामायण पाठ से जुड़े शास्त्रीय प्रमाण, ग्रंथ का नाम, श्लोक, अर्थ, और प्रामाणिक स्रोत

तुलसीदास रामायण या बस मानस भी कहा जाता है। रामचरितमानस का शाब्दिक अर्थ है " राम के कर्मों की झील

🔱 1. वाल्मीकि रामायण का प्रमाण पाठ की महिमा

📜 ग्रंथ: वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड, सर्ग 1

"रामो विग्रहवान् धर्मः सदा विजयते जगत्।"(बालकाण्ड, 1/17)

"राम धर्म के साक्षात् मूर्तिमान रूप हैं। वे सदा संसार में विजयी रहते हैं।"

ऋषि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को बताया राम का गुणगान करना स्वयं धर्म की स्तुति है।


🔱 2. अध्यात्म रामायण पाठ की विधि और फल

📜 ग्रंथ: अध्यात्म रामायण (आदि शंकराचार्य द्वारा प्रणीत)

"रामनाममृतं पीत्वा नश्यन्त्यखिल कल्मषाः।"(अध्यात्म रामायण, बालकाण्ड)

"राम नाम रूपी अमृत का पान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।"

प्रमाण:

शंकराचार्य ने इस रामायण में राम भक्ति की उपनिषद्-आधारित व्याख्या की है।


🔱 3. स्कन्द पुराण रामायण पाठ का महात्म्य

"रामायणं पठेद्यस्तु सदा धर्मपरायणः।
सप्तजन्मानि सोऽप्येति विष्णुलोकं स गच्छति॥"

"जो व्यक्ति धर्मपरायण होकर रामायण का पाठ करता है, वह सात जन्मों के भीतर विष्णु लोक को प्राप्त करता है।"

        प्रमाण:

भगवान शिव ने स्कन्द (कार्तिकेय) को रामायण पाठ का महात्म्य बताया।


🔱 4. नारद पुराण पाठ के समय व नियम

📜 ग्रंथ: नारद पुराण

"पूर्ण चन्द्र समं दीपं पूर्वदिग्भाग संस्थितम्।
राम नामैः समायुक्तं पाठं कुर्यात्समाहितः॥"

"पूर्ण चंद्र जैसे प्रकाशमान दीपक को पूर्व दिशा की ओर स्थापित कर, मन को स्थिर करके रामनाम का पाठ करें।"

ऋषि नारद ने बताया किस प्रकार, किस दिशा में पाठ करने से सिद्धि मिलती है।


🔱 5. रामचरितमानस का स्ववचन

📜 ग्रंथ: रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास

🕉चौपाई:

"रामायण मम प्रिय कवि तुलसी।
राम कथा कहि करत पतित उधार।"
(उत्तरकाण्ड)

"रामायण मुझे अत्यंत प्रिय है, । यह रामकथा पतितों का उद्धार करती है।"

     प्रमाण:

यह स्वयं भगवान राम के मुख से कही गई बात मानी जाती है (रामचरितमानस की परंपरा में)।


🔱 6. ब्रह्मवैवर्त पुराण राम नाम का प्रताप

📜 ग्रंथ: ब्रह्मवैवर्त पुराण

"रामनाम्नः परं तत्त्वं न गङ्गा न च केशवः।
रामे रमेति यः ब्रूयात् मुच्यते सर्वकिल्बिषैः॥"

"राम नाम से बढ़कर कोई तीर्थ या देवता नहीं। जो 'रामे रामेति' कहे, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।"

      प्रमाण:

यह श्लोक स्वयं श्रीविष्णु ने कहा है राम नाम की श्रेष्ठता के लिए।


🔱 7. हनुमानजी के मुख से सुंदरकांड में प्रमाण

📜 स्थान: सुंदरकांड, रामचरितमानस

"राम काज कीन्हे बिनु, मोहि कहाँ विश्राम।"

"जब तक मैं राम का कार्य नहीं कर लेता, मुझे विश्राम नहीं मिल सकता।"

       प्रमाण:

हनुमानजी की यह चौपाई हर पाठक को प्रेरणा देती है कि सेवा भावना से ही रामायण का पाठ करें।


🔱 8. राम रक्षा स्तोत्र में पाठ की महिमा

📜 ग्रंथ: रामरक्षा स्तोत्र बुधकौशिक ऋषि

"इति रामरक्षास्तोत्रं सम्पूर्णं।
रामनाम्ना protected भवेत् सर्वत्र जयमंगलम्॥"

"जो रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करता है, वह सर्वत्र विजय, सुरक्षा और मंगल प्राप्त करता है।"


🔱 9. कवि तुलसीदासरामचरितमानस की शक्ति

"रामचरित मानस सुनि लेहु,
सकल सुकृत फल एकहि में देहू।"

"रामचरितमानस का पाठ सुन लेने मात्र से सभी पुण्य फलों की प्राप्ति हो जाती है।"


10-राम नाम स्तुति है जो विष्णु सहस्रनाम के फलश्रुति भाग में है।

इसे भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा था।

🔱 श्लोक (Ram Rameti Mantra):

राम रामेति रमे रामे,मनोरमे।
सहस्रनाम तत्तुल्यं,रामनाम वरानने॥

हे सुंदर मुख वाली पार्वती!
मैं "राम राम" नाम का जप करता हूँ,
जो मेरे मन को अत्यंत आनंद देता है।

"राम" नाम विष्णु के सहस्र नामों (1000 नाम) के समान फलदायक है।

📜 यह श्लोक पद्म पुराण तथा विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र (महाभारत, अनुषासन पर्व) के अंत में आता है।

 

 “O beautiful-faced Parvati, I delight in chanting the name ‘Raam Raam’.

It brings great joy to my mind.
The name ‘Raam’ is equal in power to the thousand names of Lord Vishnu.”

Spoken by Lord Shiva to Parvati as the essence of Vishnu Sahasranama.

📚 सार-संग्रह (Summary):

📘 ग्रंथ

📖 श्लोक / चौपाई

🙏 कथनकर्ता

उद्देश्य

वाल्मीकि रामायण

"रामो विग्रहवान धर्मः"

नारद ऋषि

धर्म स्वरूप राम

अध्यात्म रामायण

"रामनाममृतं पीत्वा..."

शंकराचार्य

पाप नाश

स्कन्द पुराण

"रामायणं पठेद्यस्तु..."

शिवजी

विष्णुलोक प्राप्ति

नारद पुराण

"पूर्णचन्द्रसमं दीपं..."

नारद

दीपक दिशा विधि

रामचरितमानस

"रामायण मम प्रिय..."

भगवान राम

भक्तिमार्ग श्रेष्ठता

ब्रह्मवैवर्त पुराण

"रामे रामेति..."

विष्णु

नाम महिमा

सुंदरकांड

"राम काज कीन्हे बिनु..."

हनुमान

सेवा भावना

रामरक्षा स्तोत्र

"रामनाम्ना protected भवेत्..."

बुधकौशिक

सुरक्षा, विजय

 

📜 शास्त्रीय प्रमाण

  • वाल्मीकि रामायण, बालकांड, सर्ग 1:
  •  

"रामो विग्रहवान् धर्मः सदा विजयते जगत्।"

"राम धर्म के साक्षात् मूर्तिमान रूप हैं। वे सदा संसार में विजयी रहते हैं।"

  • अध्यात्म रामायण, बालकांड:

"रामनाममृतं पीत्वा नश्यन्त्यखिलकल्मषाः।"

"राम नाम रूपी अमृत का पान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।"

  • स्कन्द पुराण, वैष्णव खण्ड:

"रामायणं पठेद्यस्तु सदा धर्मपरायणः। सप्तजन्मानि सोऽप्येति विष्णुलोकं स गच्छति॥"

"जो व्यक्ति धर्मपरायण होकर रामायण का पाठ करता है, वह सात जन्मों के भीतर विष्णु लोक को प्राप्त करता है।"

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