
📚
ग्रंथ:
मुहूर्त
चिन्तामणि
🕉️ श्लोक:
उत्तरायां विवाहे च वस्त्रधारणमुत्तमम्।
सर्वकार्येषु शस्तं
च सूर्यनक्षत्रसंगते॥
📖 अर्थ:
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सूर्य द्वारा संचालित है , इसमें विवाह, वस्त्र
धारण, रत्न प्रयोग तथा सभी कार्य शुभ माने गए हैं।
📚
ग्रंथ:
महाभारत
(शान्ति
पर्व)
🕉️ श्लोक:
बुधवासरे कर्तव्यो न कदाचिद्विलम्बितः।
श्वेतवस्त्रधरः सदा
बुधः प्रियंकरः स्मृतः॥
📖 अर्थ:
बुधवार को कार्यों में विलम्ब नहीं करना चाहिए। यह दिन श्वेत वस्त्र, विद्या,
वाणी व व्यापार हेतु प्रिय माना गया है।
📚
ग्रंथ:
मनुस्मृति
(अध्याय
4, श्लोक
94)
🕉️ श्लोक:
नवम्यां न
शुभं कुर्यादन्यथा दोषमाप्नुयात्।
यदा तिथिर्दिनं च
स्यात्सर्वमङ्गलकारकम्॥
📖 अर्थ:
नवमी तिथि में शुभ कार्य वर्जित हैं, परंतु
यदि वह दिन व नक्षत्र शुभ हो (जैसे सर्वार्थ
सिद्धि), तब नवमी
भी शुभफलदायिनी हो सकती है।
📚
ग्रंथ:
नारद
संहिता
🕉️ श्लोक:
नवम्यां रौद्रभावो हि, न
शृङ्गारविवर्धकः।
किंतु युक्ते शुभे
योगे, न
दोषः कृत्यकर्मणि॥
📖 अर्थ:
नवमी सामान्यतः क्रोध, युद्ध,
रोग आदि के लिए उपयुक्त है, परंतु
यदि शुभ योग जैसे उत्तराफाल्गुनी व सर्वार्थ सिद्धि साथ हों, तो दोष नहीं रहता।
📚
ग्रंथ:
भविष्य
पुराण
(उत्तर
पर्व)
🕉️ श्लोक:
उत्तरायां बुधवासरे, शुभवस्त्रप्रयोगकः।
सर्वार्थसिद्धियोगे तु, कार्यसिद्धिर्न संशयः॥
📖 अर्थ:
बुधवार और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग हो, और यदि सर्वार्थ
सिद्धि योग जुड़ा हो तो वस्त्र, रत्न,
व्यापारिक सामग्री आदि का प्रयोग अत्युत्तम फलदायक होता है।
📚
ग्रंथ:
भद्रबाहु
संहिता
🕉️ श्लोक:
नवम्यां यदि सर्वार्थयोगः स्यात्तदा शुभम्।
उत्तरायां बुधवासरे वस्त्ररत्नप्रयोगजम्॥
📖 अर्थ:
यदि नवमी तिथि के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग जुड़ा हो, तो नया वस्त्र,
रत्न, व लेखन/प्रवृत्ति
के प्रयोग शुभ फल देता है।
📚
ग्रंथ:
निरण्यसिन्धु
🕉️ श्लोक:
उत्तरायां बुधवासरे, शुभवस्त्रप्रदायकः।
नवम्यां च यदि योगः, सर्वसिद्धिर्भवेद्ध्रुवम्॥
📖 अर्थ:
बुधवार को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग वस्त्र प्रयोग के लिए विशेष शुभ है। यदि तिथि नवमी भी है, परंतु
योग शुभ है तो सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
📚
ग्रंथ:
बृहत्जातक
🕉️ श्लोक:
सूर्यनक्षत्रे सौख्यं स्यात्, वाणी
कर्म विधायके।
बुधेन युक्ते शुभं
सर्वं, नवम्यां युक्तिफलप्रदा॥
📖 अर्थ:
सूर्य नक्षत्र (उत्तराफाल्गुनी) में वाणी, कर्म व परिधान
में सौंदर्य और सफलता मिलती है। यदि बुध से संयोग हो तो यह फल कई गुना बढ़ता है, यहां तक कि नवमी तिथि भी सफल होती है।
📚
ग्रंथ:
ज्योतिष
सार
🕉️ श्लोक:
श्वेतवस्त्रं बुधे
कार्यं, उत्तरायां विशेषतः।
नवम्यां च
युक्ते योगे, रत्नादिवस्तुनः क्षमम्॥
📖 अर्थ:
बुधवार को विशेष रूप से उत्तराफाल्गुनी में श्वेत
या हरित वस्त्र
पहनना शुभ होता है। नवमी तिथि हो परंतु शुभ योग जुड़ा हो, तो रत्न,
वस्त्र, आभूषण आदि का प्रयोग उचित होता है।
✅ शुभ पक्ष:
- बुधवार: श्वेत/हरित
वस्त्र, बुद्धि, लेखन, व्यापार हेतु श्रेष्ठ।
- उत्तराफाल्गुनी: आत्मबल,
प्रतिष्ठा, विवाह, वस्त्र
प्रयोग हेतु उत्तम।
- सर्वार्थ सिद्धि योग (यदि हो):
सभी कार्यों की सिद्धि सुनिश्चित।
⚠️ अशुभ पक्ष:
- नवमी तिथि सामान्यतः शुभ कार्यों के लिए वर्जित मानी गई है।
🔄 दोष शमन:
- यदि सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधवार, उत्तराफाल्गुनी साथ हों, तो नवमी
का दोष नहीं
रहता।
📌 निष्कर्ष:
इस योग (बुधवार
+ उत्तराफाल्गुनी + नवमी
+ सर्वार्थ सिद्धि) में वस्त्र,
रत्न, लेखन, नया व्यापार
आदि का प्रयोग पूर्णतः शुभ और शास्त्रसम्मत है।
बुधवार + उत्तराफाल्गुनी + नवमी तिथि के संयोग में —🔍 संक्षिप्त सारांश
✅ दीपक
की दिशा,✅ समय,✅ वर्तिका की संख्या,✅ रंग,
✅ सयुंक्त उपयोग (किस वस्तु पर प्रयोग करें) ✅ लग्न (यदि प्रयोग करना हो)
🔥 दीपक प्रयोग एवं दिशा (Lamp & Direction)
तत्व |
विवरण |
शास्त्र-संदर्भ |
दीपक दिशा |
पूर्व दिशा (East) |
भद्रबाहु संहिता, मुहूर्त चिन्तामणि |
दीपक प्रकार |
एक मुखी तिल तेल दीपक (Ek-mukhi Til Oil Lamp) |
भविष्य पुराण |
वर्तिका संख्या |
२ (दो) - युक्त वर्तिका से समृद्धि व वाणी सिद्धि |
नारद संहिता, निरण्यसिन्धु |
रंग (वस्त्र/दीपक रंग) |
श्वेत (सफेद) या हरित (हरा) – बुध व उत्तराफाल्गुनी संयोग हेतु |
ज्योतिष सार, बृहत्संहिता |
समय |
प्रातःकाल 6:45 – 9:45 या सायं 5:15 – 7:15 |
मुहूर्त चिन्तामणि, दिनचक्र नियम |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें