27.06.2025-नवीन वस्त्र /गहने आभूषण, सौंदर्य सामग्री धारण 🌼 स्त्रियों-हेतु निषिद्ध; पुरुषों हेतु शुभ 🌼शास्त्रसंकेत
27.06.2025-नवीन वस्त्र /गहने आभूषण, सौंदर्य सामग्री धारण 🌼 स्त्रियों पुरुषों हेतु 🌼
पुष्य नक्षत्र को सामान्यतः अत्यंत शुभ माना जाता है, किंतु सभी कार्यों के लिए नहीं — विशेषकर स्त्रियों द्वारा नए वस्त्र, गहने या सौंदर्य-वस्तुएं धारण करने के संदर्भ में। शास्त्रों में इसके लिए स्पष्ट संकेत मिलते हैं।
🌼 स्त्रियों हेतु – पुष्य नक्षत्र में नवीन वस्त्र/गहने धारण करना क्यों निषिद्ध है?
🔸 "ब्राह्माण्ड पुराण" में कहा गया
है कि पुष्य नक्षत्र, यद्यपि सर्वार्थसिद्धि और मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ है, किन्तु स्त्रियों
द्वारा नए वस्त्र, आभूषण, सौंदर्य सामग्री आदि धारण करने
के लिए उपयुक्त नहीं माना गया।
🔸 इसका कारण यह बताया गया है कि पुष्य
नक्षत्र का स्वामी शनि है, और शनि का स्वभाव स्त्रियों के श्रृंगार-संबंधी
कार्यों पर अवरोधक प्रभाव डालता है।
📜 शास्त्रीय प्रमाण (Granth Shloka Reference)
1️⃣ मुहूर्त चिंतामणि:
"पुष्ये तु
स्त्रिया वस्त्राभरणादि धारयेत् न कदाचन।
शनि
प्रभावेण दुःखदं स्यात् सौंदर्यनाशनम्॥"
🔹 भावार्थ (English Translation):
In Pushya Nakshatra, women should never wear new clothes or ornaments. Due to
Saturn’s influence, it may lead to sorrow or loss of beauty and comfort.
👨🦱 पुरुषों हेतु – पुष्य नक्षत्र क्यों शुभ है?
🔸 पुरुषों के लिए यह वाणिज्यिक, आर्थिक, औद्योगिक व दान-पुण्य संबंधी कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
2️⃣ नारद संहिता:
"पुष्ये
क्रयविक्रयार्थं, धातु कर्म व विशेषतः।
पुरुषाणां
समारम्भे, दानपुण्ये च
शोभनम्॥"
🔹 भावार्थ:
Pushya Nakshatra is highly auspicious for men to initiate buying-selling,
metalwork, business, donations, or construction.
❗ विशेष ध्यान:
📌 यदि स्त्री ने भूलवश नए वस्त्र या आभूषण पुष्य में
धारण कर लिए हों, तो रुद्रनक्षत्र
शांति पाठ किया जाना
चाहिए।
📌 साथ ही "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जप करना
लाभकारी होता है।
🪔 निष्कर्ष (Conclusion):
- स्त्रियों के लिए पुष्य नक्षत्र में नए वस्त्र, सौंदर्य सामग्री या आभूषण पहनना अशुभ व निषिद्ध है।
- पुरुषों के लिए यह नक्षत्र व्यवसाय, निर्माण, दान, संपत्ति क्रय आदि कार्यों के लिए श्रेष्ठ व लाभकारी है।
- शास्त्र प्रमाण के अनुसार यह नियम नवीन वस्तुओं के धारण में शनि प्रभाव को ध्यान में रखते हुए माना गया है।
· 🔷 पुष्य नक्षत्र में पुरुषों द्वारा नई वस्तु या वस्त्र प्रयोग करने का प्रभाव — शास्त्रों में यह विशेष रूप से शुभ और उन्नति कारक बताया गया है, विशेषकर यदि वह वस्तु व्यापार, संपत्ति, दान या स्वास्थ्य सुधार से संबंधित हो।
· ✅ पुरुषों हेतु पुष्य नक्षत्र में नयी वस्तुओं का प्रयोग – शास्त्रीय दृष्टिकोण
· 📗 बृहद्संहिता (वराहमिहिर) – अध्याय 9, नक्षत्र विचार:
·
"पुष्ये क्रयान् नवान् वस्त्रान् धातवः शुभदा मताः।
वृष्यं दानं
च आयुष्यं यानं च विशेषतः॥"
·
🔹 भावार्थ (Bilingual
Explanation):
पुष्य
नक्षत्र में पुरुषों द्वारा यदि नए वस्त्र, धातु (सोना-चाँदी आदि), वाहन, औषधियाँ या
वस्तुएं खरीदी जाएं
अथवा धारण की जाएं, तो वे आयु, यश, स्वास्थ्य व अर्थ की वृद्धि
करती हैं।
In Pushya Nakshatra, if men use or purchase new clothes, metals, vehicles, or
medicinal objects, they gain longevity, fame, health, and prosperity.
· 📜 मुहूर्त चिंतामणि – मुहूर्त कल्पलता टीका सहित
·
"पुष्ये पुरुषस्य क्रयो नववस्त्रादिकं यथा।
वर्धते
लाभसिद्धिश्च धनधान्यविवृद्धिकृत्॥"
·
🔹 भावार्थ (Translation):
Pushya Nakshatra bestows success and gain when a man purchases or uses
new items like clothes, property, or tools. It results in increase of wealth,
grains, and overall success.
· ✨ पुष्य नक्षत्र के विशेष प्रभाव पुरुषों पर:
🔸 क्रियाविशेष |
🔹 प्रभाव |
नए वस्त्र पहनना |
यश, सुंदरता, कार्यसिद्धि |
नया वाहन प्रयोग |
दीर्घकालिक लाभ, यात्रा में सफलता |
औषधि/आरोग्य वस्तुएं |
रोग नाश, बलवृद्धि |
व्यापारिक वस्तुएं |
लाभ, नफा, विस्तार |
निर्माण सामग्री (जैसे भवन या गृह वस्तु) |
स्थायित्व, शुभ गृह प्रवेश |
🔆 1. पुष्य नक्षत्र में शुभ मुहूर्त (ग्रहस्थिति एवं योगानुसार)
🌿 पुष्य नक्षत्र स्वयं में ही एक "सर्वसिद्धिदायक" नक्षत्र है, परंतु निम्न स्थितियाँ इसे अत्यधिक शुभ (महामुहूर्त तुल्य) बनाती हैं:
🔸 संयोग (योग) |
🔹 प्रभाव |
गुरुपुष्य योग (बृहस्पतिवार + पुष्य) |
विद्या, वस्त्र, धन, वाहन आदि के लिए सर्वश्रेष्ठ |
रविपुष्य योग (रविवार + पुष्य) |
औषधि, धनार्जन, यात्रा, भूमि क्रय |
सर्वार्थ सिद्धि योग + पुष्य |
नवीन वस्त्र, गृहप्रवेश, व्यापारारंभ आदि में सिद्धिकारक |
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