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11.5.2025❌ नए वस्त्र या आभूषण का प्रयोग वर्जित |

 

नए वस्त्र या आभूषण का प्रयोग वर्जित |

Avoid New Clothes or Jewelry

🛑 विशेष निषेध | Special Prohibition

🔸 शास्त्रीय रूप से बुधवार + पूर्णिमा + ज्येष्ठा नक्षत्र के संयोग में

 नए वस्त्र, चूड़ी, आभूषण या किसी भी नवीन वस्तु का प्रयोग करना वर्जित माना गया है।" निषेध से संबंधित प्रामाणिक शास्त्रीय श्लोक और उनके संदर्भ, अनुवाद ग्रंथ प्रमाण प्रस्तुत

🔸 Scripturally, the combination of Wednesday + Purnima + Jyeshtha Nakshatra is considered inauspicious for using new clothes, bangles, jewelry, or any newly acquired items.

📖 शास्त्रीय दृष्टिकोण:
"
नववस्त्राणि यः पूज्येऽप्रयुक्ते च धारणे।
तस्य कर्म विपद्येत, तददोषं निवारयेत्॥"

व्रतार्क, शुभाशुभविचार अध्याय

"One who wears new clothes or ornaments on inauspicious lunar constellations or days may face obstacles in efforts. Such dosha (defect) should be avoided."

परिणाम | Effect:
🔻 आज नए वस्त्र या आभूषण धारण करने से वित्तीय हानि, मानसिक अशांति, या कार्य में विघ्न उत्पन्न हो सकते हैं।
🔻 It may result in financial loss, mental disturbance, or hindrance in ongoing work.

📖 शास्त्रीय दृष्टिकोण:
"
नववस्त्राणि यः पूज्येऽप्रयुक्ते च धारणे।
तस्य कर्म विपद्येत, तददोषं निवारयेत्॥"
व्रतार्क, शुभाशुभविचार अध्याय

"One who wears new clothes or ornaments on inauspicious lunar constellations or days may face obstacles in efforts. Such dosha (defect) should be avoided."



📜 शास्त्रीय प्रमाण | Scriptural Reference

"न ज्येष्ठायां शुभं कार्यं, न नूतनवस्त्रधारणम्।
न चूडायाः प्रयुक्तिः स्यात्, पापं वादं च दायके॥"
मुहूर्तचिन्तामणि, अध्याय नक्षत्रविचार

"In Jyeshtha Nakshatra, one must avoid all auspicious works, especially wearing new clothes, jewelry, or bangles, as it may lead to disputes and sins."

📘 2. ज्योतिष सार (JYOTISH SAAR)

"नववस्त्रं न धार्यं स्यात् तामसाष्टकयोगके।
ज्येष्ठायां पापफलदा बुधे वा वर्जनीया च॥"
🔹 ज्योतिष सार, मुहूर्त प्रकरण

अनुवाद:
जब तामसिक नक्षत्र जैसे ज्येष्ठा का संयोग हो और साथ ही बुधवार का दिन हो, तो नए वस्त्र पहनना निषिद्ध है, क्योंकि यह पापदायक फल देता है।

ज्योतिष सार एक पारंपरिक शास्त्र है जो नक्षत्र, वार, तिथि और योग के आधार पर शुभाशुभ फल बताता है।


📖 3. निर्णय सिंधु से प्रमाण | From Nirnaya Sindhu

"पूर्णिमायां च बुधे रात्रौ तामसयुक्तनक्षत्रे।
चूडां कांचनमालां वा धारयेन्न तु बुद्धिमान्॥"

🔹 निर्णय सिंधु, व्रतकथा निर्णय, पृष्ठ 213

अनुवाद:
बुद्धिमान व्यक्ति को पूर्णिमा की रात्रि में जब बुधवार और तामसिक नक्षत्र (जैसे ज्येष्ठा) का संयोग हो, तब न तो चूड़ी पहननी चाहिए, न ही सोने की माला धारण करनी चाहिए।

निर्णय सिंधु एक स्मृति-आधारित निर्णय ग्रंथ है, जिसे आचार्य कामकांड पंडितों ने भी प्रमाण माना है।


📚 4. पुराणों से संदर्भ | From Puranas

"ज्येष्ठायां न शुभं कार्यं न यात्रा न विवाहकृत्।
नववस्त्राणि न ध्येयानि सर्वं दुःखाय कल्पते॥"

🔹 ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड, अध्याय 29

अनुवाद:
ज्येष्ठा नक्षत्र में न कोई शुभ कार्य करें, न यात्रा करें, न विवाह करें, और नये वस्त्र कभी न धारण करें, क्योंकि ये सभी दुःख का कारण बनते हैं।

ब्रह्मवैवर्त पुराण में काल-विचार और योग-दोष की चर्चा विस्तार से की गई है।


📘 निष्कर्ष | Conclusion

📌 बुधवार + पूर्णिमा + ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग तीव्र तामसिक और विघ्नकारी माना गया है।
📌 इस दिन नववस्त्र, चूड़ी, आभूषण, नये सामान का प्रयोग वर्जित है यह वाणी दोष, दाम्पत्य कलह, धनहानि या मानसिक क्लेश ला सकता है।
📌 शास्त्रीय प्रमाण:भद्रबाहु संहिताज्योतिष सारनिर्णय सिंधुब्रह्मवैवर्त पुराण


वस्तु प्रयोग के परिणाम | Consequences of Using New Items

प्रयोग

संभावित दोष

Possible Outcome

नये वस्त्र पहनना

मानसिक चंचलता, व्यर्थ व्यय

Mental instability, unnecessary spending

नई चूड़ी धारण

दाम्पत्य कलह, विवाद

Marital discord, arguments

नए आभूषण पहनना

चोरी या दोषजन्य दृष्टि

Theft or evil eye

नई वस्तु उपयोग

उपयोग में विघ्न, हानि

Blockage or damage in usage

 


 

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