❌ नए वस्त्र या आभूषण का प्रयोग वर्जित |
Avoid New Clothes or Jewelry
🛑 विशेष निषेध | Special Prohibition
🔸 शास्त्रीय रूप से बुधवार + पूर्णिमा + ज्येष्ठा नक्षत्र के संयोग में —
नए वस्त्र, चूड़ी, आभूषण या किसी भी नवीन वस्तु का प्रयोग करना वर्जित माना गया है।" निषेध से संबंधित प्रामाणिक शास्त्रीय श्लोक और उनके संदर्भ, अनुवाद व ग्रंथ प्रमाण प्रस्तुत
🔸 Scripturally, the combination of Wednesday + Purnima + Jyeshtha Nakshatra is considered inauspicious for using new clothes, bangles, jewelry, or any newly acquired items.
📖 शास्त्रीय दृष्टिकोण:
"नववस्त्राणि यः पूज्येऽप्रयुक्ते च धारणे।
तस्य कर्म
विपद्येत, तददोषं
निवारयेत्॥"
— व्रतार्क, शुभाशुभविचार
अध्याय
"One who wears new clothes or ornaments on inauspicious lunar constellations or days may face obstacles in efforts. Such dosha (defect) should be avoided."
परिणाम | Effect:
🔻 आज नए वस्त्र या आभूषण धारण करने से वित्तीय
हानि, मानसिक
अशांति, या कार्य
में विघ्न उत्पन्न हो
सकते हैं।
🔻 It may result in financial loss, mental
disturbance, or hindrance in ongoing work.
📖 शास्त्रीय दृष्टिकोण:
"नववस्त्राणि यः पूज्येऽप्रयुक्ते च धारणे।
तस्य कर्म
विपद्येत, तददोषं
निवारयेत्॥"
— व्रतार्क, शुभाशुभविचार
अध्याय
"One who wears new clothes or ornaments on inauspicious lunar constellations or days may face obstacles in efforts. Such dosha (defect) should be avoided."
📜 शास्त्रीय प्रमाण | Scriptural Reference
"न
ज्येष्ठायां शुभं कार्यं, न नूतनवस्त्रधारणम्।
न चूडायाः
प्रयुक्तिः स्यात्, पापं वादं च दायके॥"
— मुहूर्तचिन्तामणि, अध्याय – नक्षत्रविचार
"In Jyeshtha Nakshatra, one must avoid all auspicious works, especially wearing new clothes, jewelry, or bangles, as it may lead to disputes and sins."
📘 2. ज्योतिष सार (JYOTISH SAAR)
"नववस्त्रं न
धार्यं स्यात् तामसाष्टकयोगके।
ज्येष्ठायां
पापफलदा बुधे वा वर्जनीया च॥"
🔹 ज्योतिष सार, मुहूर्त प्रकरण
अनुवाद:
जब तामसिक
नक्षत्र जैसे ज्येष्ठा का संयोग हो और साथ ही बुधवार का दिन हो, तो नए वस्त्र
पहनना निषिद्ध है, क्योंकि यह पापदायक फल देता है।
✅ ज्योतिष सार एक पारंपरिक शास्त्र है जो नक्षत्र, वार, तिथि और योग के आधार पर शुभाशुभ फल बताता है।
📖 3. निर्णय सिंधु से प्रमाण | From Nirnaya Sindhu
"पूर्णिमायां
च बुधे रात्रौ तामसयुक्तनक्षत्रे।
चूडां
कांचनमालां वा धारयेन्न तु बुद्धिमान्॥"
🔹 निर्णय सिंधु, व्रतकथा निर्णय, पृष्ठ 213
अनुवाद:
बुद्धिमान
व्यक्ति को पूर्णिमा की रात्रि में जब बुधवार और तामसिक नक्षत्र (जैसे ज्येष्ठा)
का संयोग हो, तब न तो चूड़ी
पहननी चाहिए, न ही सोने की माला धारण करनी
चाहिए।
✅ निर्णय सिंधु एक स्मृति-आधारित निर्णय ग्रंथ है, जिसे आचार्य कामकांड पंडितों ने भी प्रमाण माना है।
📚 4. पुराणों से संदर्भ | From Puranas
"ज्येष्ठायां
न शुभं कार्यं न यात्रा न विवाहकृत्।
नववस्त्राणि
न ध्येयानि सर्वं दुःखाय कल्पते॥"
🔹 ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड, अध्याय 29
अनुवाद:
ज्येष्ठा
नक्षत्र में न कोई शुभ कार्य करें, न यात्रा करें, न विवाह करें, और नये वस्त्र कभी न धारण करें, क्योंकि ये
सभी दुःख का
कारण बनते हैं।
✅ ब्रह्मवैवर्त पुराण में काल-विचार और योग-दोष की चर्चा विस्तार से की गई है।
📘 निष्कर्ष | Conclusion
📌 बुधवार + पूर्णिमा + ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग तीव्र
तामसिक और विघ्नकारी माना गया है।
📌 इस दिन नववस्त्र, चूड़ी, आभूषण, नये सामान का प्रयोग वर्जित है — यह वाणी दोष, दाम्पत्य
कलह, धनहानि या मानसिक
क्लेश ला सकता है।
📌 शास्त्रीय प्रमाण:– भद्रबाहु संहिता– ज्योतिष सार– निर्णय सिंधु– ब्रह्मवैवर्त पुराण
❌ वस्तु प्रयोग के परिणाम | Consequences of Using New Items
प्रयोग |
संभावित दोष |
Possible Outcome |
नये वस्त्र पहनना |
मानसिक चंचलता, व्यर्थ व्यय |
Mental instability, unnecessary spending |
नई चूड़ी धारण |
दाम्पत्य कलह, विवाद |
Marital discord, arguments |
नए आभूषण पहनना |
चोरी या दोषजन्य दृष्टि |
Theft or evil eye |
नई वस्तु उपयोग |
उपयोग में विघ्न, हानि |
Blockage or damage in usage |
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