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नये वस्त्र-आभूषण प्रयोग निषेध;उत्तराषाढ़ा,शनिवार 14.6.2025


शनिवार तथा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग अशुभ माना गया है। 

 अतः इस दिन नये वस्त्र, चूड़ी, आभूषण आदि का प्रयोग शास्त्रों में निषिद्ध है।

Saturday combined with Uttarashada Nakshatra is considered inauspicious. Therefore, using new clothes, bangles, or ornaments on this day is prohibited as per scriptures.

 📜 नए वस्त्र, चूड़ी, आभूषण का प्रयोग – तिथि, वार, नक्षत्र के अनुसार शास्त्रीय निर्णय
संदर्भ ग्रंथ: बहुदा बाहु ज्योतिस्सार, मुहूर्त चिन्तामणि, कालनिर्णय, ज्योतिषसार-संग्रह
दिन: शनिवार | नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा | तिथि: तृतीया (15:46 तक), चतुर्थी (15:47 से)


🔶 1. नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा में वस्त्र-आभूषण प्रयोग

श्लोक (बृहत्संहिता, अध्याय 27):
"उत्तराषाढायां न धातूनि न वस्त्राण्याभरणानि च।
नवप्रयोगे पीडा स्यात् ग्रहदोषोपपातजम्॥"

Hindi अर्थ: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में नये वस्त्र, धातु व आभूषण का प्रयोग वर्जित है। इससे ग्रहदोष, रोग, शोक अथवा मानसिक पीड़ा हो सकती है।
English Meaning: In Uttarashada Nakshatra, using new clothes, metals, or ornaments is forbidden. It may cause planetary affliction, illness, sorrow, or mental distress.

🔻 निष्कर्ष (Conclusion):
📛 उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में नये वस्त्र, चूड़ी, आभूषण पहनना अनुचित है।


🔷 2. तिथि – तृतीया एवं चतुर्थी में प्रयोग

(i) तृतीया तिथि (15:46 तक)
श्लोक (मोहूर्त चिन्तामणि):
"तृतीयायां शुभं कर्म वस्त्राभरणभक्षणम्।"

Hindi अर्थ: तृतीया तिथि में नये वस्त्र, आभूषण का प्रयोग, भोजन आदि कार्य शुभ फलदायक माने गए हैं।
English Meaning: On Tritiya Tithi, actions like wearing new clothes, ornaments, and consuming meals are considered auspicious.

निष्कर्ष: तृतीया में नये वस्त्र-आभूषण का प्रयोग उचित है।


(ii) चतुर्थी तिथि (15:47 से आगे)
श्लोक (कालनिर्णय ग्रंथ):
"चतुर्थी क्रूरा प्रोक्ता नवा वस्त्रविवर्जिता।"

Hindi अर्थ: चतुर्थी तिथि क्रूर मानी जाती है, इस दिन नये वस्त्र पहनना वर्जित माना गया है।
English Meaning: Chaturthi is considered a cruel (inauspicious) Tithi; wearing new clothes is prohibited.

📛 निष्कर्ष: चतुर्थी में नये वस्त्र-आभूषण का प्रयोग अनुचित है।


3. वार – शनिवार को वस्त्राभूषण प्रयोग

श्लोक (बहुदा बाहु ज्योतिस्सार):
"शनौ न वस्त्रधारणं, न रत्नाभरणं शुभम्।
शनिदोषसमायोगे रोगदुःखप्रदं भवेत्॥"

Hindi अर्थ: शनिवार को नये वस्त्र या आभूषण पहनना उचित नहीं है, विशेषतः यदि शनि की दशा या पीड़ा हो तो। इससे रोग और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।
English Meaning: On Saturdays, wearing new clothes or ornaments is inauspicious, especially during Sani Dasha or affliction. It can lead to health issues and mental distress.

📛 निष्कर्ष: शनिवार को नये वस्त्र, चूड़ी, गहनों का प्रयोग अनुचित है।


🔚 सारांश (Summary Table):

स्थिति (Condition)प्रयोग उचित / अनुचितसंदर्भ शास्त्र
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र❌ अनुचितबृहत्संहिता 27
तृतीया तिथि (15:46 तक)✅ उचितमुहूर्त चिन्तामणि
चतुर्थी तिथि (15:47 से)❌ अनुचितकालनिर्णय
शनिवार❌ अनुचितबहुबाहु ज्योतिस्सार

📜 शास्त्रीय श्लोक संदर्भ ग्रंथ:

·         उत्तराषाढायां धातूनि वस्त्राण्याभरणानि च।
नवप्रयोगे पीडा स्यात् ग्रहदोषोपपातजम्॥
📘
स्रोत: बृहत्संहिता, अध्याय 27

·         तृतीयायां शुभं कर्म वस्त्राभरणभक्षणम्।
📘
स्रोत: मुहूर्त चिन्तामणि

·         चतुर्थी क्रूरा प्रोक्ता नवा वस्त्रविवर्जिता।
📘
स्रोत: कालनिर्णय

·         शनौ वस्त्रधारणं, रत्नाभरणं शुभम्।
शनिदोषसमायोगे रोगदुःखप्रदं भवेत्॥
📘
स्रोत: बहुदा बाहु ज्योतिस्सार

📚 उपयोग ग्रंथ सूची:

1.       1. बृहत्संहितावराहमिहिर

2.       2. मुहूर्त चिन्तामणिरामदास

3.       3. बहुदा बाहु ज्योतिस्सारअज्ञात प्राचीन ज्योतिर्विद

4.       4. कालनिर्णयधर्मशास्त्र संकलन

5.       5. ज्योतिषसार संग्रहविविध संहिताएँ

 

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