BIRTH नक्षत्र के अशुभ नक्षत्र, मंत्र एवं दान
यहाँ प्रत्येक नक्षत्र के तीन अशुभ नक्षत्रों के लिए अलग-अलग मंत्र और दान दिए गए हैं:
मुख्य नक्षत्र | अशुभ नक्षत्र 1 | मंत्र 1 | दान 1 | अशुभ नक्षत्र 2 | मंत्र 2 | दान 2 | अशुभ नक्षत्र 3 | मंत्र 3 | दान 3 |
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अश्विनी | मृगशिरा | ॐ सोमाय नमः | चावल, दूध | पुनर्वसु | ॐ अदितये नमः | घी, शक्कर | मघा | ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः | अन्न, जल |
भरणी | आर्द्रा | ॐ रुद्राय नमः | रुद्राक्ष, शहद | पुष्य | ॐ बृहस्पतये नमः | हल्दी, चने की दाल | पूर्वा फाल्गुनी | ॐ भगाय नमः | गुड़, तिल |
कृतिका | पुनर्वसु | ॐ अदितये नमः | सफेद वस्त्र | आश्लेषा | ॐ नागाय नमः | तांबे की वस्तुएँ | उत्तर फाल्गुनी | ॐ अर्यमाय नमः | दूध, चावल |
रोहिणी | पुष्य | ॐ बृहस्पतये नमः | हल्दी, चने की दाल | मघा | ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः | अन्न, जल | हस्त | ॐ सवित्रे नमः | सोना, घी |
मृगशिरा | आश्लेषा | ॐ नागाय नमः | तांबे की वस्तुएँ | पूर्वा फाल्गुनी | ॐ भगाय नमः | गुड़, तिल | चित्रा | ॐ त्वष्ट्रे नमः | शहद, वस्त्र |
आर्द्रा | मघा | ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः | अन्न, जल | उत्तर फाल्गुनी | ॐ अर्यमाय नमः | दूध, चावल | स्वाति | ॐ वायवे नमः | धान, काले तिल |
पुनर्वसु | हस्त | ॐ सवित्रे नमः | सोना, घी | चित्रा | ॐ त्वष्ट्रे नमः | शहद, वस्त्र | विशाखा | ॐ इन्द्राय नमः | शक्कर, घी |
पुष्य | स्वाति | ॐ वायवे नमः | धान, काले तिल | अनुराधा | ॐ मित्राय नमः | कंबल, तेल | ज्येष्ठा | ॐ इन्द्राय नमः | चांदी, पीला वस्त्र |
आश्लेषा | चित्रा | ॐ त्वष्ट्रे नमः | शहद, वस्त्र | विशाखा | ॐ इन्द्राय नमः | शक्कर, घी | मूल | ॐ निर्ऋतये नमः | काले वस्त्र, तिल |
मघा | अनुराधा | ॐ मित्राय नमः | कंबल, तेल | ज्येष्ठा | ॐ इन्द्राय नमः | चांदी, पीला वस्त्र | धनिष्ठा | ॐ वसुभ्यः नमः | सोना, गुड़ |
पूर्वा फाल्गुनी | विशाखा | ॐ इन्द्राय नमः | शक्कर, घी | मूल | ॐ निर्ऋतये नमः | काले वस्त्र, तिल | शतभिषा | ॐ वरुणाय नमः | जल, चांदी |
उत्तर फाल्गुनी | ज्येष्ठा | ॐ इन्द्राय नमः | चांदी, पीला वस्त्र | धनिष्ठा | ॐ वसुभ्यः नमः | सोना, गुड़ | पूर्वा भाद्रपद | ॐ अजैकपादाय नमः | काले वस्त्र, तिल |
हस्त | मूल | ॐ निर्ऋतये नमः | काले वस्त्र, तिल | शतभिषा | ॐ वरुणाय नमः | जल, चांदी | उत्तर भाद्रपद | ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः | तांबे की वस्तुएँ |
चित्रा | धनिष्ठा | ॐ वसुभ्यः नमः | सोना, गुड़ | पूर्वा भाद्रपद | ॐ अजैकपादाय नमः | काले वस्त्र, तिल | रेवती | ॐ पूषणे नमः | शहद, पीला वस्त्र |
स्वाति | शतभिषा | ॐ वरुणाय नमः | जल, चांदी | उत्तर भाद्रपद | ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः | तांबे की वस्तुएँ | अश्विनी | ॐ अश्विनीकुमाराय नमः | तिल, गुड़ |
विशाखा | पूर्वा भाद्रपद | ॐ अजैकपादाय नमः | काले वस्त्र, तिल | रेवती | ॐ पूषणे नमः | शहद, पीला वस्त्र | भरणी | ॐ यमाय नमः | काला तिल, लोहे की वस्तुएँ |
अनुराधा | उत्तराषाढ़ा | ॐ विश्वेदेवाय नमः | सफेद वस्त्र | अश्विनी | ॐ अश्विनीकुमाराय नमः | तिल, गुड़ | कृतिका | ॐ अग्नये नमः | घी, गुड़ |
ज्येष्ठा | रेवती | ॐ पूषणे नमः | शहद, पीला वस्त्र | भरणी | ॐ यमाय नमः | काला तिल, लोहे की वस्तुएँ | रोहिणी | ॐ ब्रह्मणे नमः | चावल, दूध |
मूल | अश्विनी | ॐ अश्विनीकुमाराय नमः | तिल, गुड़ | कृतिका | ॐ अग्नये नमः | घी, गुड़ | मृगशिरा | ॐ सोमाय नमः | चावल, दूध |
पूर्वाषाढ़ा | भरणी | ॐ यमाय नमः | काला तिल, लोहे की वस्तुएँ | रोहिणी | ॐ ब्रह्मणे नमः | चावल, दूध | आर्द्रा | ॐ रुद्राय नमः | रुद्राक्ष, शहद |
उत्तराषाढ़ा | कृतिका | ॐ अग्नये नमः | घी, गुड़ | मृगशिरा | ॐ सोमाय नमः | चावल, दूध | पुनर्वसु | ॐ अदितये नमः | घी, शक्कर |
श्रवण | रोहिणी | ॐ ब्रह्मणे नमः | चावल, दूध | आर्द्रा | ॐ रुद्राय नमः | रुद्राक्ष, शहद | पुष्य | ॐ बृहस्पतये नमः | हल्दी, चने की दाल |
धनिष्ठा | मृगशिरा | ॐ सोमाय नमः | चावल, दूध | पुनर्वसु | ॐ अदितये नमः | घी, शक्कर | आश्लेषा | ॐ नागाय नमः | तांबे की वस्तुएँ |
शतभिषा | आर्द्रा | ॐ रुद्राय नमः | रुद्राक्ष, शहद | पुष्य | ॐ बृहस्पतये नमः | हल्दी, चने की दाल |
अश्विनी नक्षत्र
मृगशिरा नक्षत्र के लिए - "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें और चावल व दूध का दान करें।
पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और घी व शक्कर का दान करें।
मघा नक्षत्र के लिए - "ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः" मंत्र का जाप करें और अन्न व जल का दान करें।
भरणी नक्षत्र
आर्द्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ रुद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और रुद्राक्ष व शहद का दान करें।
पुष्य नक्षत्र के लिए - "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें और हल्दी व चने की दाल का दान करें।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ भगाय नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
कृतिका नक्षत्र
पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और सफेद वस्त्र का दान करें।
आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ अर्यमाय नमः" मंत्र का जाप करें और दूध व चावल का दान करें।
रोहिणी नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र के लिए - "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें और हल्दी व चने की दाल का दान करें।
मघा नक्षत्र के लिए - "ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः" मंत्र का जाप करें और अन्न व जल का दान करें।
हस्त नक्षत्र के लिए - "ॐ सवित्रे नमः" मंत्र का जाप करें और सोना व घी का दान करें।
मृगशिरा नक्षत्र
आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ भगाय नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
चित्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ त्वष्ट्रे नमः" मंत्र का जाप करें और शहद व वस्त्र का दान करें।
आश्लेषा नक्षत्र के अशुभ नक्षत्र, उनके मंत्र और दान
आश्लेषा नक्षत्र से जुड़े तीन अशुभ नक्षत्रों और उनके निवारण के उपाय निम्नलिखित हैं:
1. चित्रा नक्षत्र (अशुभ प्रभाव निवारण)
- मंत्र: "ॐ त्वष्ट्रे नमः"
- दान: शहद, लाल वस्त्र और तांबे के बर्तन का दान करें।
2. विशाखा नक्षत्र (अशुभ प्रभाव निवारण)
- मंत्र: "ॐ इन्द्राय नमः"
- दान: तिल, शक्कर और पीले वस्त्र का दान करें।
3. मूल नक्षत्र (अशुभ प्रभाव निवारण)
- मंत्र: "ॐ नारायणाय नमः"
- दान: चावल, गुड़ और केले का दान करें।
विशेष उपाय:
- नागदेवता की पूजा करें और सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- रुद्राभिषेक कराएं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- भोजन में हल्दी और दूध का अधिक प्रयोग करें।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
- भरणी नक्षत्र के लिए - "ॐ यमाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- रोहिणी नक्षत्र के लिए - "ॐ चंद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और चावल व सफेद वस्त्र का दान करें।
- आर्द्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ रुद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और शहद व रुद्राक्ष का दान करें।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
- कृतिका नक्षत्र के लिए - "ॐ अग्नये नमः" मंत्र का जाप करें और तिल व तेल का दान करें।
- मृगशिरा नक्षत्र के लिए - "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें और दूध व सफेद पुष्प का दान करें।
- पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और घी व शक्कर का दान करें।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
- पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और घी व चावल का दान करें।
- आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ भगाय नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
पुनर्वसु नक्षत्र
- हस्त नक्षत्र के लिए - "ॐ सवित्रे नमः" मंत्र का जाप करें और सोना व घी का दान करें।
- चित्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ त्वष्ट्रे नमः" मंत्र का जाप करें और शहद व वस्त्र का दान करें।
- विशाखा नक्षत्र के लिए - "ॐ इन्द्राय नमः" मंत्र का जाप करें और तिल व शक्कर का दान करें।
पुष्य नक्षत्र
- स्वाति नक्षत्र के लिए - "ॐ वायवे नमः" मंत्र का जाप करें और हरे वस्त्र व मूंग का दान करें।
- अनुराधा नक्षत्र के लिए - "ॐ मित्राय नमः" मंत्र का जाप करें और दीपक व कंबल का दान करें।
- ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ वरुणाय नमः" मंत्र का जाप करें और जल व नीले पुष्पों का दान करें।
हस्त नक्षत्र
- मूल नक्षत्र के लिए - "ॐ रुद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और रुद्राक्ष व शहद का दान करें।
- शतभिषा नक्षत्र के लिए - "ॐ वरुणाय नमः" मंत्र का जाप करें और जल व नीले पुष्पों का दान करें।
- उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के लिए - "ॐ अच्युताय नमः" मंत्र का जाप करें और पीले वस्त्र व हल्दी का दान करें।
चित्रा नक्षत्र
- धनिष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ मंगलाय नमः" मंत्र का जाप करें और लाल वस्त्र व मसूर दाल का दान करें।
- पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और घी व चावल का दान करें।
- रेवती नक्षत्र के लिए - "ॐ वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें और पीले फल व वस्त्र का दान करें।
पूर्व भाद्रपद नक्षत्र
- पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और घी व सफेद वस्त्र का दान करें।
- आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ भगाय नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र
- पुष्य नक्षत्र के लिए - "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें और हल्दी व चने की दाल का दान करें।
- मघा नक्षत्र के लिए - "ॐ पितृभ्यः स्वाहा" मंत्र का जाप करें और तिल-गुड़ का दान करें।
- उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ अर्यमाय नमः" मंत्र का जाप करें और दूध व चावल का दान करें।
रेवती नक्षत्र
- आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए - "ॐ भगाय नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
- हस्त नक्षत्र के लिए - "ॐ सवित्रे नमः" मंत्र का जाप करें और सोना व घी का दान करें।
श्रवण नक्षत्र
- रोहिणी नक्षत्र के लिए - "ॐ चंद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और चावल व दूध का दान करें।
- आर्द्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ रुद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और शहद व रुद्राक्ष का दान करें।
- पुष्य नक्षत्र के लिए - "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें और हल्दी व चने की दाल का दान करें।
धनिष्ठा नक्षत्र
- मृगशिरा नक्षत्र के लिए - "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें और दूध व सफेद पुष्प का दान करें।
- पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और सफेद वस्त्र व घी का दान करें।
- आश्लेषा नक्षत्र के लिए - "ॐ नागाय नमः" मंत्र का जाप करें और तांबे की वस्तुओं का दान करें।
शतभिषा नक्षत्र
- आर्द्रा नक्षत्र के लिए - "ॐ रुद्राय नमः" मंत्र का जाप करें और शहद व रुद्राक्ष का दान करें।
- पुष्य नक्षत्र के लिए - "ॐ बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें और हल्दी व चने की दाल का दान करें।
- मघा नक्षत्र के लिए - "ॐ पितृभ्यः स्वाहा" मंत्र का जाप करें और तिल-गुड़ का दान करें।
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
- कृतिका नक्षत्र के लिए - "ॐ अग्नये नमः" मंत्र का जाप करें और गुड़ व तिल का दान करें।
- मृगशिरा नक्षत्र के लिए - "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें और चावल व दूध का दान करें।
- पुनर्वसु नक्षत्र के लिए - "ॐ अदितये नमः" मंत्र का जाप करें और सफेद वस्त्र का दान करें।
मघा नक्षत्र
- अनुराधा नक्षत्र के लिए - "ॐ मित्राय नमः" मंत्र का जाप करें और दीपक व कंबल का दान करें।
- ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ वरुणाय नमः" मंत्र का जाप करें और जल व नीले पुष्पों का दान करें।
- धनिष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ कुबेराय नमः" मंत्र का जाप करें और धन व धातु का दान करें।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
- विशाखा नक्षत्र के लिए - "ॐ इन्द्राय नमः" मंत्र का जाप करें और तिल व शक्कर का दान करें।
- मूल नक्षत्र के लिए - "ॐ नारायणाय नमः" मंत्र का जाप करें और चावल व गुड़ का दान करें।
- शतभिषा नक्षत्र के लिए - "ॐ वरुणाय नमः" मंत्र का जाप करें और जल व नीले पुष्पों का दान करें।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ वरुणाय नमः" मंत्र का जाप करें और जल व नीले पुष्पों का दान करें।
- धनिष्ठा नक्षत्र के लिए - "ॐ कुबेराय नमः" मंत्र का जाप करें और धन व धातु का दान करें।
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के लिए - "ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः" मंत्र का जाप करें और काले तिल व लोहे का दान करें।
निष्कर्ष
प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में नक्षत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यदि किसी विशेष नक्षत्र का प्रभाव नकारात्मक रूप में प्रकट हो रहा हो, तो उसके निवारण हेतु उपयुक्त मंत्रों का जाप और दान अत्यंत लाभकारी होता है। उचित उपायों को अपनाकर जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाई जा सकती है।
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