Om Ganpatye Name ,Em Hreem Kleem Nmah Sarv Siddhim Dehi Me Namh:
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भाग्यम फलति सर्वत्र न च विद्या ,न च पौरुषम समुद्र मथना लभे हरिर्लक्ष्मी ,हरौ विषम
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शुभ मुहूर्त मङ्गल कामना होली :
(विजेन्द्र –मृदुला, अपूर्वा ,शिशिर, सर्वेष्ठा एवं समस्त तिवारी परिवार
* रामजेंद्र-पवित्रा ,श्रेष्ठा, सौमित्र दीक्षित परिवार)
शुभकामना संदेश –
*अयं होली महोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च क्षेमस्थैर्य
आयुः आरोग्य ऐश्वर्य अभिवृद्घि कारकः भवतु अपि च श्री सद्गुरु कृपा प्रसादेन
सकलदुःखनिवृत्तिः आध्यात्मिक प्रगतिः श्रीभगवत्प्राप्तिः च भवतु
इति||
।। होलिल्याः हार्दिक शुभाशयाः ।।
(यह होली महोत्सव समस्त आत्मीय जनो के लिए सुख कल्याण स्थिरकारी हो |
आयु ,आरोग्य,एश्वर्य मे वृद्धि हो ,सद्गुरु की कृपा से समस्त दुखो कष्टों का निवारण हो कर ,आध्यात्मिक प्रगति एवं ईश्वर की प्राप्ति हो |
*आम की मंजरी या बोर चन्दन मिलाकर खाने का महत्व हे |
भगवान कृष्ण को झूले मे झूलने एवं ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र 11 बार बोलना चाहिए |
मध्यकी लकड़ी अर्जुन वृक्ष की श्रेष्ठ परंतु इसके अभाव मे एरंडकी लकड़ी प्रयुक्त |
शुभ होली-2024-मार्च
चतुर्दशी,प्रतिपदा एवं भद्रा को होली दहन शास्त्र विरुद्ध है,
इसलिए धर्म शास्त्रों में लिखित बातों को ध्यान में रखते हुए
होली दहन का शुभ समय
(होलिका दहन रात्रि 23.13 से 00.25 तथा पूजन शुभ समय )
*समस्त शुभ –मगल कार्य वर्जित –*
पूजा शुभ समय-रात्रि 22;06 तक भद्रा है, इसलिए रात्रि 23.13
के पश्चात होलिका दहन |
-रात्रि 23.13 से 00.25 तक होलिका पूजन शुभ समय ;
*होलिका अग्नि की राख अगले दिन प्रात: घर में लाकर रखने से परिवार की अशुभ अदद्र्श्य शक्तियों से सुरक्षा होती है।
होलिका दहन मंत्र-
दीप यान्यद्यते घोरे चिति राक्षसि सप्तमे |
हिताय सर्व जगत प्रीतये पार्वति पतये ||
होलिका विभूति वंदना मंत्र –
वन्दितासि सुरेंद्रेण ब्रहमणा शंकरेण च |
अतस्त्वं पाहि नो देवी भूते भूति प्रदे भव |
(आप इन्द्र, ब्रह्म एवं शङ्कर द्वारा पूजा कि गयी ,इसलिये हे देवी ,मेरी रक्षा करो |
हे भूते एश्वर्य प्रदायनी हो | )
मंत्र -' अस्म अभिर्भय असृक्पा त्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः
अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम् ।
हे होली , राक्षसी(असृक्पा) के भय से डरे हुए (संत्रस्त) मूर्खो (बालिशो)
से सृजित होने के कारण मै तुम्हारी पूजा करता हूँ |हे भूते ,
हमे सर्व एश्वर्य प्रदान करो |
मंगल प्रार्थना -
नाना
वर्ण विराजते हि गगनं,
सोल्लास
सर्वे जनाः।
प्रति बीथ्या अभिषिक्त बाल सुहृदा,
खेलन्ति
रंगेर्मुदा।।
आशासे उत्सवम इदं प्रहरयेद्
निखिलान् हि कष्ट अन्तव।
होली उत्सवम एतद हि
स्यात्,
सुसुफलं भूयो शुभ अशंदा।।
भावार्थ-
* होलिकोत्सव में आकाश विभिन्न वर्णों से विराजित होता है,
सभी उल्लास से परिपूर्णं रहते हैं।
बाल सखा ,गली गली में रंगों से खेलते हुये अनन्द्विभोरित होते हैं,
ऐसा होलि उत्सव हम सभी के कष्टों पर कठोर प्रहार कर
हमारे जीवन को सफलताओं तथा शुभान्षाशाओं से परिपूरित कर दे,
ऐसी प्रभु से प्रार्थना है|
होली पूजा पूर्व संकल्प विधि –
05pushp evm bina tute chavl rakhe.
-संकल्प पूजा पूर्व-
ऊँ विष्णु: विष्णु: विष्णु: श्रीमद्भगवतो महा पुरुषस्य विष्णोराज्ञया
अद्य दिवसे शनिवासरे ,काल नाम संवत्सरे संवत् __2080 फाल्गुन मासे शुभे शुक्लपक्षे पूर्णिमायां शुभ तिथि ------गौत्र (अपने गौत्र का नाम लें) उत्पन्ना ________ (अपने नाम का उच्चारण करें)
मम इह जन्मनि जन्मान्तरे वा सर्व पाप क्षय पूर्वक
दीर्घायु विपुल धन धान्यं भवनं वाहनंम सर्व एश्वर्यम ,
कीर्तिम पुत्र पौत्रान राज श्रियम देहि,सर्व आपदा च
विप्दाम नाशय नाशय,सर्व विजयंम च आरोग्यम,
सर्व शत्रुपराजय मम् दैहिक दैविक भौतिक त्रिविध ताप निवृत्यर्थं
सद अभीष्ट सिद्धयर्थे
प्रह्लाद नृसिंह होली इत्यादीनां पूजनम अहंम करिष्यामि।
ऊँ पुण्डरीकाक्ष: पुनातु।
गजाननं भूत गणादि सेवितंम कपित्थ जम्बू
फल चारु भक्षणम्।
उमा सुतम शोक विनाश
कारकम नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
ऊँ गं गणपतये नम: पंच उपचारार्थे गंध अक्षत पुष्पाणि सर्मपयामि।
(पुष्प एवं अक्षत (चावल) समर्पित करे (छोड़े).)
ऊँ अम्बिकायै नम: पंच उपचारार्थे गंध अक्षत पुष्पाणि सर्मपयामि।
(पुष्प एवं अक्षत (चावल) समर्पित करे (छोड़े).)
ऊँ नृसिंहाय नम: पंच उपचारार्थे गंध अक्षत समर्पयामि।
(पुष्प एवं अक्षत(चावल)समर्पित करे (छोड़े).)
ऊँ प्रह्लादाय नम: पंच उपचारार्थे गंध अक्षत समर्पयामि।
(पुष्प एवं अक्षत (चावल) समर्पित करे (छोड़े).)
असृक्प अभय संत्रस्तै: कृता त्वं होलि
बालिशै:
अतस्त्वां
पूजयिष्यामि भूते भूति प्रदा भव:॥
(पुष्प एवं अक्षत (चावल) समर्पित करे (छोड़े).)
Before pray-
- pashchim yaa uttar dishaa kee aur muh kar ,
daahinee hathelee men jal lekar
nimn mantr bole
oom viṣṇauah viṣṇauah viṣṇauah shreemadbhagavato mahaa puruṣasy viṣṇaoraagyayaa ady divase _shanivasre_kaal naam snvatsare smvat ___2080_ faalgun maase shubhe shuklapakṣe poorṇaimaayaan shubh tithi (shanivasre) ________ gautr (apane gautr kaa naam len) utpannaa ________ (apane naam kaa uchchaaraṇa karen) mam ih janmani janmaantare vaa sarv paap kṣay poorvak deerghaayu vipul dhan dhaanyn bhavann vaahannm sarv eshvaryam ,keertim putr pautraan raaj shriyam dehi,sarv aapadaa ch vipdaam naashay naashay,sarv vijaynm ch aarogyam,
sarv shatruparaajay mam daihik daivik bhautik trividh taap nivrityarthn sad abheeṣṭ siddhayarthe prahlaad nrisinh holee ityaadeenaan poojanam ahnm kariṣyaami.
Oom puṇaḍaaree kaakṣah punaatu.
Gajaanann bhoot gaṇaadi sevitn kapitthajamboofalachaarubhakṣaṇaam.
Umaasutn shokavinaashakaarakn namaami vighneshvarapaadapamajam॥
Oom gn gaṇaapataye namah pnchopachaaraarthe gndhaakṣatapuṣpaaṇai samarpayaami.
Oon ambikaayai namah pnch upachaaraarthe gndh akṣat puṣpaaṇai sarmapayaami.
Oom nrisinhaay namah pnch upachaaraarthe gndh akṣat samarpayaami.
Oom prahlaadaay namah pnch upachaaraarthe gndh akṣat samarpayaami.
Asrikp abhay sntrastaiah kritaa tvn holi baalishaiah
atastvaan poojayiṣyaami bhoote bhootipradaa bhavah॥
hsatheli ka jal pruthvi par chhor de.
दीप मंत्र
दीप याम्य अध्यते घोरे चिति राक्षसि सप्तमे ।हिताय सर्व जगत |
अयं होली महोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवार कृते च क्षेम स्थैर्य आयुः आरोग्य ऐश्वर्य अभिवृद्घि कारकः भवतु अपि च श्रीसद्कपा प्रसादेन सकल दुःख निवृत्तिः आध्यात्मिक प्रगतिः श्रीभगवत्प्राप्तिः च भवतु इति|
होलिका अग्नि की राख अगले दिन प्रात: घर में लाकर रखने से परिवार की अशुभ अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा होती है।
होलिका दहन मंत्र-
दीपयान्यद्यते घोरे चिति राक्षसि सप्तमे |
हिताय सर्व जगत प्रीतये पार्वति पतये ||
होलिका विभूति वंदना मंत्र –
वन्दितासि सुरेंद्रेण ब्रहमणा शङ्करेण च |
अतस्त्वं पाहि नो देवी भूते भूति प्रदे भव |
(आप इन्द्र, ब्रह्म एवं शङ्कर द्वारा पूजा कि गयी ,इसलिये हे देवी ,मेरी रक्षा करो | हे भूते एश्वर्य प्रदायनी हो | )
मंत्र -' अस्माभिर्भय असृक्पा त्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः
अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम् ।
(हे होली , राक्षसी(असृक्पा) के भय से डरे हुए (संत्रस्त) मूर्खो (बालिशो) से सृजित होने के कारण मै तुम्हारी पूजा करता हूँ |हे भूते , हमे सर्व एश्वर्य प्रदान करो |
-*अयं होली महोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च क्षेमस्थैर्य
आयुः आरोग्य ऐश्वर्य अभिवृद्घि कारकः भवतु अपि च श्री सद्गुरु कृपा प्रसादेन
सकलदुःखनिवृत्तिः आध्यात्मिक प्रगतिः श्रीभगवत्प्राप्तिः च भवतु इति||
।। होलिल्याः हार्दिक शुभाशयाः ।।
(यह होली महोत्सव समस्त आत्मीय जनो के लिए सुख कल्याण स्थिरकारी हो |
आयु ,आरोग्य,एश्वर्य मे वृद्धि हो ,सद्गुरु की कृपा से समस्त दुखो कष्टों का निवारण हो कर ,आध्यात्मिक प्रगति एवं ईश्वर की प्राप्ति हो | १ पान, १ सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ,सूखे नारियल में रख कर होली की 5 परिक्रमा कर अग्नि में अर्पित करें। ।
Upaay totke
चंद्र पुजा खीर भोग ,हनुमान जी एवं लक्ष्मी पुजा विशेष-
"श्रीम ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।
चन्द्रमसे नम:।
श्रीम क्लीं कृष्णाय नम:।
-यदि आपके घर का सामान चोरी होता हो या टोना किया जाता हो ,होली की रात को उपाय करे – अपना नाम, गौत्र उच्चारित कर हाथ मे जल लेकर
लेखक की अनुभूत है।
ये घर के चोर, चोरी की वस्तु उपयोग करता की आयु या दाम्पत्य साथी की आयु प्रतिष्ठा की हानी करती है।
चोरी करने वाली महिला के ,पिता की आयु कम एवं पुरुष की माता की आयु कम होती है।**
1-श्वेत -सरसों, गुग्गल, लोबान , पीपल के पत्ते ,गौमूत्र के छींटे गौघृत जावित्री, जटामासी व केसर इन सबको मिलाकर होली की अग्नि मे मध्यरात्रि मे दाल दे |
2-गोरोचन व तगर लाल कपड़े में बांधकर अपने घर में पूजा स्थान में रख दें। टोने-टोटके का असर समाप्त हो कर करनेवाले को कष्ट होगा।
- सर्व शत्रुन चौरान खादय 2 मारय 2 ,हं पवन नंदनाय नम:-पपीते के २१ बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर लें।हर बीज अभिमंत्रित करे |
*तुला,मिथुन,कुम्भ राशि या र,त, स,ग,के,छ अक्षर से प्रारंभ नाम या शनि,राहु दशा अन्तर्दशा* वाले होलिका अग्नि में सूखे नारियल को ऊपर से कास्ट कर उसमें तिल, नारियल, सरसो तैल भरकर "सभी प्रकार के अनिष्ट से सुरक्षा की कामना करते हुए अपने सिर के चारो ओर घूम कर अग्नि में डाल दे।
*धन बचत व्यापारिक लाभ*
गाय के गोबर की लक्ष्मी की प्रतिमा 12-1बजे दिन या मध्य रात्रि मे बना कर,सूखा ले फिर चांदी का सिक्का ,गुग्गल, लाल कपड़े में मौली से बांधकर तिजोरी में रखें,
*टोने एवं दुर्घटना से बचाव* पांच काली गुंजा लेकर होली की पांच परिक्रमा लगाकर पांचों गुन्जाओं को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर होली में फेंक दें।
*शीघ्र विवाह वृष, कन्या, मीन लग्न या राशि या नाम के प्रथम अक्षर - प,थ,वी,उ,ओ,ई ए, द,हेतु*
विष्णु, कृष्ण राधा, सीतराम, मंदिर या होली की अग्नि में -
१ पान, १ सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ,सूखे नारियल में रख कर होली की 5 परिक्रमा कर अग्नि में अर्पित करें। ।
।। होलिल्याः हार्दिक शुभाशयाः ।।
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