सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

28.3.2025राशि-भविष्य | Horoscope (Bilingual)

28.3.2025राशि-भविष्य | Horoscope (Bilingual)

🔮 प्रसिद्ध ज्योतिषी | Renowned Astrologer
(Palmist, Vastu, Astrology – Since 1972)
V.’K. TIWARI –
📞 9424446706

विशेष संदर्भ संबंधित - डॉ. आर. दीक्षित (वास्तु), डॉ. एस. तिवारी (वैदिक ज्योतिष)

📍 560102, Bangalore



📅 चैत्र मास - कृष्ण पक्ष
Chaitra Māh - Kṛiṣhṇa Pakṣh
(Chaitra Month - Krishna Paksha)

📅 दिन | Day: शुक्रवार | Shukrawar (Friday)
🌕 तिथि | Tithi: चतुर्दशी | Chaturdashi
🙏 पूजा | Worship: शिव संध्या समय एवं रात्रिकालीन।
🌙 चंद्र राशि | Moon Sign: कुंभ | Kumbh (Aquarius)
नक्षत्र | Nakshatra: पूर्वाभाद्रपद | Purva Bhadrapada
📿 व्रत - पर्व | Vrat – Parva: शिव पूजा | Shiva Worship
🔥 हवन एवं यज्ञ | Havan Evam Yagya (Fire Rituals & Offerings)

🔹 शुभ व अशुभ यज्ञ (Auspicious & Inauspicious Yagyas)
रुद्र शिव यज्ञ हवन | Rudra Shiva Yagya Hawanशुभ दिन (Auspicious)
नवग्रह यज्ञ हवन | Navgrah Yagya Hawanअशुभ दिन (Inauspicious)
विष्णु यज्ञ हवन | Vishnu Yagya Hawanअशुभ दिन (Inauspicious)
दुर्गा हवन | Durga Hawanप्रतियोगिता में सफलता तथा यश वैभव (For success in competition & prosperity)

🔮 आज का राशिफल | Today's Horoscope

मेष (Aries) – (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

🔹 आज का दिन विशेष शुभ रहेगा। (Today will be especially auspicious.)
🔹 व्यापारिक लाभ उत्तम रहेगा, जनसंपर्क में वृद्धि होगी। (Business profits will be good, networking will increase.)
🔹 रोजगार में अनुकूल स्थिति बनेगी, सफलता के योग हैं। (Favorable conditions in employment, chances of success.)

वृषभ (Taurus) – (, , , , वा, वी, वू, वे, वो)

🔹 समाजसेवा व प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिलेगी। (Success in social service & administrative work.)
🔹 आज नए कार्यों की शुरुआत से बचें। (Avoid starting new tasks today.)
🔹 आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी, राजनीति में सफलता मिलेगी। (Financial stability & political success are indicated.)

मिथुन (Gemini) – (का, की, कू, , , , के, को, ह)

🔹 कार्यक्षेत्र में अनुकूलता रहेगी, लेकिन पारिवारिक तनाव हो सकता है। (Favorable work conditions, but family stress.)
🔹 मित्र अपने वचन को पूरा नहीं कर पाएंगे। (Friends may not keep their promises.)
🔹 धन का निवेश संभव है, लेकिन यात्रा टालना बेहतर रहेगा। (Investment possible, but avoid travel.)

कर्क (Cancer) – (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

🔹 कार्य की अधिकता के कारण थकान महसूस कर सकते हैं। (Work overload may cause fatigue.)
🔹 महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं। (Obstacles in important work.)
🔹 यात्रा करने से बचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। (Avoid travel, take care of health.)

सिंह (Leo) – (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

🔹 विरोधियों पर विजय मिलेगी, लेकिन पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। (Victory over opponents, but stomach issues possible.)
🔹 किसी नई योजना की शुरुआत कर सकते हैं। (Can start a new plan.)
🔹 आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। (Financial condition will be stable.)

कन्या (Virgo) – (टो, , पी, पू, , , , पे, पो)

🔹 धन प्राप्ति के प्रबल योग हैं, रुका हुआ पैसा मिल सकता है। (Strong chances of money gain, pending payments may be received.)
🔹 प्रेम और दाम्पत्य जीवन सुखद रहेगा। (Love & married life will be pleasant.)
🔹 मानसिक शांति और संतोष की अनुभूति होगी। (Peace of mind and satisfaction.)

तुला (Libra) – (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

🔹 पारिवारिक जीवन में तनाव रह सकता है, दांपत्य जीवन में वाद-विवाद से बचें।
(Family life may be stressful, avoid arguments in married life.)
🔹 रोजगार में जोखिम लेने से बचें, महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें।
(Avoid taking risks in employment, read important documents carefully.)
🔹 संतान को लेकर चिंता बढ़ सकती है, लेकिन धैर्य बनाए रखें।
(Concerns about children may increase, but stay patient.)

वृश्चिक (Scorpio) – (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

🔹 स्वास्थ्य का ध्यान रखें, मानसिक तनाव हो सकता है।
(Take care of your health, mental stress is possible.)
🔹 विवादों से बचें, अहंकार को चोट लग सकती है।
(Avoid conflicts, your ego may get hurt.)
🔹 नई योजनाओं की शुरुआत करने से बचें, यात्रा स्थगित करना बेहतर रहेगा।
(Avoid starting new plans, postponing travel is advisable.)

धनु (Sagittarius) – (ये, यो, , भी, भू, , , , भे)

🔹 कार्य में सफलता मिलेगी, प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
(Success in work, increase in reputation.)
🔹 भाइयों, सहकर्मियों और कनिष्ठ वर्ग से सहयोग मिलेगा।
(Support from brothers, colleagues, and juniors.)
🔹 कार्य सिद्ध होंगे, लेकिन आज का काम आज ही निपटाना उचित रहेगा।
(Tasks will be completed, but it's best to finish today's work today.)

मकर (Capricorn) – (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी)

🔹 खर्च बढ़ सकते हैं, धन निवेश करने से पहले सोच-विचार करें।
(Expenses may increase, think before investing money.)
🔹 परिवार से जुड़े दायित्व बढ़ सकते हैं, संतान की ओर से चिंता रहेगी।
(Family responsibilities may increase, concerns regarding children.)
🔹 विवादों से दूर रहें, अधिकारी वर्ग से संबंध अच्छे बनाए रखें।
(Stay away from disputes, maintain good relations with superiors.)

कुंभ (Aquarius) – (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

🔹 जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे, मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा।
(Positive changes in life, enjoy your favorite food.)
🔹 उत्तम वस्त्र और भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होंगी।
(Receive fine clothing and material comforts.)
🔹 परिवार और दाम्पत्य जीवन में खुशहाली रहेगी, सौभाग्य और सम्मान मिलेगा।
(Happiness in family and married life, good fortune, and respect.)

मीन (Pisces) – (दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची)

🔹 आर्थिक स्थिति कमजोर रह सकती है, खर्चों पर नियंत्रण रखें।
(Financial situation may be weak, control expenses.)
🔹 ध्यान रखें, कोई बहुमूल्य वस्तु खो सकती है।
(Be careful, you may lose something valuable.)
🔹 स्वास्थ्य पर ध्यान दें, मानसिक अशांति हो सकती है।
(Take care of your health, mental unrest possible.)

*****************************************************************

🔹 ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedies)

शुभ मंत्र | Auspicious Mantras
📿 ॐ सदाशिवाय नम: (Om Sadashivaya Namah)
📿 ॐ साम्ब सदाशिवाय नम: (Om Samba Sadashivaya Namah)
📿 ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ॐ: (Om Aim Hreem Shiva Gaurimay Hreem Aim Om)

आज के निषिद्ध कार्य (Avoid Today)
🚫 नारियल, आंवला, नमक, तिल का तेल न खाएं। (Avoid coconut, amla, salt, sesame oil.)
🚫 लाल रंग की सब्जी (चुकंदर आदि) खाने से बचें। (Avoid red vegetables like beetroot.)
🚫 कांसे के बर्तन में भोजन न करें। (Avoid eating in bronze utensils.)
🚫 बेल पत्र न तोड़ें। (Do not pluck Bel leaves today.)

अनुकूल कार्य (Auspicious Activities)
लेखन, वास्तु, शिल्प कार्य, आमोद-प्रमोद, अस्त्र-शस्त्र धारण। (Writing, architecture, crafts, entertainment, weapons handling.)
🔥 युद्ध, प्रतियोगिता, निर्माण कार्य के लिए अनुकूल दिन। (Good day for battle, competitions, construction.)


🔹 ज्योतिष शिरोमणि – V K Tiwari 9424446706
📞 (9424446706, Astro Vastu & Palmist)

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...