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12.4.2025Bilingual Horoscope & Remedies (Hindi-English) –

 12.4.2025Bilingual Horoscope & Remedies (Hindi-English) –

📜 विशेष संदर्भ (Special Reference):📌 डॉ. आर. दीक्षित🏛वास्तु विशेषज्ञ (Vastu Expert)📌 डॉ. एस. तिवारी📖 वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology)

📧 ईमेल (Email): ✨ tiwaridixitastro@gmail.com📞 संपर्क (Contact): 📲 +91 9424446706
कुंडली निर्माण (Horoscope Making)विवाह मिलान (Marriage Matching)रत्न परामर्श (Gemstone Consultation)


📅 दिन (Day): शनिवार (Saturday)
🌕 तिथि (Tithi): पूर्णिमा (Purnima)
🦁 चंद्र राशि (Moon Sign): कन्या (Virgo)
नक्षत्र (Nakshatra): हस्त (Hasta)
🔥 पर्व (Festival): हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti)
🌿 व्रत (Fasting): पूर्णिमा व्रत (Purnima Vrat)

🕉यज्ञ/हवन (Yagya/Hawan) के लिए दिन की शुभता (Auspiciousness for Yagyas/Hawans): गणेश हवनपूर्णिमा पर करना शुभ, सिद्धिप्रदायक एवं विघ्नहारी।
🔹 शिव हवनपूर्णिमा पर रुद्र हवन करने से सभी पापों का नाश होता है, और शिवलोक प्राप्ति होती है।
🔹 दुर्गा हवनपूर्णिमा पर दुर्गा हवन शुभता एवं दुःखों के नाश के लिए उत्तम।
🔹 विष्णु हवनपूर्णिमा पर विष्णु हवन करने से मोक्ष प्राप्ति होती है और विष्णु कृपा प्राप्त होती है।

📖 संदर्भ ग्रंथ: स्कंद पुराण, मनुस्मृति, गणेश पुराण, शिवमहापुराण, लिंग पुराण, देवी भागवत पुराण, मार्कंडेय पुराण, विष्णु धर्मसूत्र।

अतः पूर्णिमा तिथि में गणेश, शिव, दुर्गा और विष्णु हवन करना शास्त्रों के अनुसार अत्यंत शुभ और कल्याणकारी है। 🚩

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 🕉यज्ञ/हवन (Yagya/Hawan) के लिए दिन की शुभता (Auspiciousness for Yagyas/Hawans):

Navgrah Yagya Hawan:

ASUBH DIN (X)

Rudra Shiv Yagya Hawan:

ASUBH DIN X)

Vishnu Yagya Hawan:

Ashubh Din (X)

Durga Hawan:

पद प्रभाव प्रतिष्ठा एवं राजनीति में सफलता

Bhadra patal shubh

vishesh shubh

सामान्य/दैनिक हवन (General/Daily Hawan)

(shubh

शिव अभिषेक (Shiv Abhishek)

अत्यंत aशुभ (Highly inuspicious)

🌟 12 राशियों का दैनिक भविष्यफल (Daily Horoscope for 12 Zodiac Signs) 🌟


मेष (Aries) ❌

📜 बृहत् पाराशर होरा शास्त्र (अध्याय 11, श्लोक 5)
🔹 "क्रोधं त्यजेत्, धैर्यं धारयेत्, संयमेन लभ्यते सिद्धिः।"
📖 अर्थ: क्रोध से बचें, धैर्य रखें, संयम से सफलता मिलेगी।
📜 Brihat Parashara Hora Shastra (Chapter 11, Shloka 5)
🔹 "Krodham tyajet, dhairyam dharayet, sanyamena labhyate siddhih."
📖 Meaning: Avoid anger, be patient, and success will come through self-control.

💰 आर्थिक स्थिति: खर्चे बढ़ सकते हैं, उधार न लें।
💰 Financial Status: Expenses may increase, avoid taking loans.

🤝 सामाजिक जीवन: वाद-विवाद से बचें, धैर्य रखें।
🤝 Social Life: Avoid arguments and stay patient.

⚕️ स्वास्थ्य: तनाव से बचें, ध्यान करें।
⚕️ Health: Avoid stress, practice meditation.


वृषभ (Taurus) ✅

📜 गरुड़ पुराण (अध्याय 12, श्लोक 6)
🔹 "धनं दानं च संचितं, यत्नेन सुखदायकम्।"
📖 अर्थ: धन और दान करने से सुख बढ़ता है।
📜 Garuda Purana (Chapter 12, Shloka 6)
🔹 "Dhanam danam cha sanchitam, yatnena sukhadayakam."
📖 Meaning: Wealth and charity increase happiness.

💰 आर्थिक स्थिति: निवेश से लाभ मिलेगा, धन आगमन के योग हैं।
💰 Financial Status: Investments will be profitable, wealth inflow is expected.

🤝 सामाजिक जीवन: मित्रों और परिवार का सहयोग मिलेगा।
🤝 Social Life: Support from friends and family will be beneficial.

⚕️ स्वास्थ्य: ऊर्जा बनी रहेगी, खान-पान का ध्यान रखें।
⚕️ Health: Energy levels will be good, be mindful of your diet.


मिथुन (Gemini) ✅

📜 मनुस्मृति (अध्याय 4, श्लोक 12)
🔹 "सहयोगेन सिद्धिर्भवति, स्वधर्मं न त्यजेत्।"
📖 अर्थ: सहयोग से सफलता मिलती है, अपने कर्तव्य से न हटें।
📜 Manusmriti (Chapter 4, Shloka 12)
🔹 "Sahayogena siddhirbhavati, swadharmam na tyajet."
📖 Meaning: Success comes through cooperation; never abandon your duty.

💰 आर्थिक स्थिति: व्यापार में वृद्धि होगी, नए आय स्रोत मिल सकते हैं।
💰 Financial Status: Business growth is likely, new income sources may emerge.

🤝 सामाजिक जीवन: प्रतिष्ठा बढ़ेगी, नए संबंध बनेंगे।
🤝 Social Life: Reputation will improve, new connections will form.

⚕️ स्वास्थ्य: सामान्य रहेगा, व्यायाम करें।
⚕️ Health: Health will remain stable, engage in exercise.


कर्क (Cancer) ✅

📜 विष्णु पुराण (अध्याय 4, श्लोक 22)
🔹 "शान्तिरस्तु गृहस्थस्य, सुखं च वर्धताम्।"
📖 अर्थ: गृहस्थ जीवन में शांति और सुख बढ़ेगा।
📜 Vishnu Purana (Chapter 4, Shloka 22)
🔹 "Shantirastu grihasthasya, sukham cha vardhatam."
📖 Meaning: Peace and happiness will increase in household life.

💰 आर्थिक स्थिति: व्यापार और नौकरी में उन्नति होगी।
💰 Financial Status: Progress in business and job is expected.

🤝 सामाजिक जीवन: परिवार में खुशहाली रहेगी।
🤝 Social Life: Harmony will prevail in the family.

⚕️ स्वास्थ्य: स्वस्थ महसूस करेंगे, तले-भुने भोजन से बचें।
⚕️ Health: You will feel healthy; avoid oily food.


कन्या (Virgo) ✅

📜 बृहत् जातक (अध्याय 15, श्लोक 8)
🔹 "सिद्धिः व्यापारकर्मणि, मित्रसहाय्यं च लभ्यते॥"
📖 अर्थ: व्यापार में सफलता मिलेगी और मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा।
📜 Brihat Jataka (Chapter 15, Shloka 8)
🔹 "Siddhih vyaparakarmani, mitrasahayyam cha labhyate."
📖 Meaning: Success in business is assured, and friends will support you.

💰 आर्थिक स्थिति: व्यापार में लाभ होगा, निवेश शुभ रहेगा।
💰 Financial Status: Profits in business, good time for investments.

🤝 सामाजिक जीवन: मान-सम्मान बढ़ेगा, परिवार का सहयोग मिलेगा।
🤝 Social Life: Respect will increase, family support will be beneficial.

⚕️ स्वास्थ्य: ऊर्जा और उत्साह बना रहेगा।
⚕️ Health: Energy and enthusiasm will be high.


मीन (Pisces) ✅

📜 स्कंद पुराण (अध्याय 32, श्लोक 15)
🔹 "धैर्यं सर्वत्र विजयाय, संकल्पः फलदायकः।"
📖 अर्थ: धैर्य सफलता का मूल है।
📜 Skanda Purana (Chapter 32, Shloka 15)
🔹 "Dhairyam sarvatra vijayaya, sankalpah phaladayakah."
📖 Meaning: Patience is the key to success.

💰 आर्थिक स्थिति: आय में सुधार होगा, निवेश से लाभ मिल सकता है।
💰 Financial Status: Income will improve, investments will yield profits.

🤝 सामाजिक जीवन: सामाजिक संबंध मजबूत होंगे, सहयोग मिलेगा।
🤝 Social Life: Social ties will strengthen, and support will be received.

⚕️ स्वास्थ्य: मानसिक शांति मिलेगी, ध्यान करें।
⚕️ Health: Mental peace will prevail, practice meditation.

🔱 शनि देव मंत्र (Shani Dev Mantra) 📜 ब्रह्मवैवर्त पुराण (कृत्ति खंड, अध्याय 15, श्लोक 17) 🔹 "नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥" 📖 अर्थ: जो नीलमणि के समान चमकते हैं, सूर्य पुत्र हैं, यमराज के अग्रज हैं और छाया तथा सूर्य के संतान हैं, उन शनिदेव को मैं नमन करता हूँ। 🌕 पूर्णिमा विशेष चंद्र मंत्र (Chandra Mantra) 📜 ऋग्वेद (मंडल 1, सूक्त 119, श्लोक 8) 🔹 "आप्यायस्व समेतु ते, विश्वतः सोम वृण्वते।" 📖 अर्थ: हे चंद्रदेव! आप हमें आनंदित करें, संपूर्ण जगत में आपकी कृपा बनी रहे। 🕉 विष्णु पूजन मंत्र (Vishnu Mantra for Purnima) 📜 विष्णु सहस्रनाम (श्लोक 1) 🔹 "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।" 📖 अर्थ: भगवान श्रीहरि विष्णु को मेरा नमन, वे समस्त सृष्टि के पालक हैं। 🌺 दुर्गा पूजन मंत्र (Durga Mantra for Purnima) 📜 देवी भागवत (स्कंध 7, अध्याय 38, श्लोक 10) 🔹 "सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥" 📖 अर्थ: हे माँ! आप सभी मंगलों में श्रेष्ठ हैं, सभी कार्यों को सिद्ध करने वाली हैं, आपको नमन। 🔹 नये वस्त्र प्रयोग उचित या अनुचित? पूर्णिमा पर नए वस्त्र पहनना शुभ होता है, परंतु शनिवार के विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। 📜 ब्रह्मपुराण (अध्याय 21, श्लोक 42-44) 🔹 "शनैश्चरेण सुभगे नीलवस्त्रं समर्पयेत्।" 📖 अर्थ: शनिवार को शनि देव को नील (गहरे नीले) वस्त्र अर्पित करना चाहिए। 📜 मनुस्मृति (अध्याय 4, श्लोक 37) 🔹 "शुभदिवसे वस्त्रं नूतनं धारयेद् गृहे।" 📖 अर्थ: शुभ तिथि में नए वस्त्र धारण करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। 🔸 पूर्णिमा के दिन सफेद, पीले, हल्के रंगों के वस्त्र पहनना शुभ है। 🔸 ⚠️ शनिवार को काले, नीले वस्त्र शनि देव को अर्पित करना उचित है, लेकिन स्वयं पहनने से पहले विचार करें। 📜 गरुड़ पुराण (अध्याय 14, श्लोक 23) 🔹 "अत्यधिक काले वस्त्र धारण करने से मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।" 📖 अर्थ: अत्यधिक काले वस्त्र पहनने से मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। 🔹 शनिवार और पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए? दान करें: शनिदेव के लिए काले तिल, उड़द दाल, लोहे का दान करें। चंद्र देव के लिए: दूध, चावल, चीनी का दान करें। विशेष पूजा: शनि, विष्णु, दुर्गा और चंद्रमा की पूजा करें। रुद्राभिषेक: शिवलिंग पर जल या कच्चा दूध अर्पित करें। गाय को भोजन: इस दिन गौ सेवा करें, विशेषकर काली गाय को रोटी खिलाना शुभ होता है। ⚠️ क्या नहीं करना चाहिए? शनिवार को नया काला वस्त्र पहनने से बचें। इस दिन बाल कटवाना, नाखून काटना वर्जित माना जाता है। पूर्णिमा के दिन क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें।

🔹 निष्कर्ष | Conclusion 🔹 शनिवार और पूर्णिमा दोनों विशेष तिथि हैं, और इनका ध्यानपूर्वक पालन करने से शुभ फल मिलते हैं। 🔹 शनिवार को शनि देव की पूजा करके कष्टों से बचा जा सकता है, और पूर्णिमा पर चंद्र देव की कृपा से मानसिक शांति प्राप्त होती है। 🔹 नए वस्त्र पहनने में विशेष ध्यान रखना चाहिए पूर्णिमा पर हल्के और शुभ रंग पहनें, जबकि शनिवार को काले वस्त्र शनि देव को अर्पित करें, पर स्वयं पहनने से बचें। 🕉 आपका दिन मंगलमय हो! 🚩 May your day be auspicious! 🚩Special Mantras for Purnima and Saturday | पूर्णिमा एवं शनिवार के विशेष मंत्र

🔱 Shani Dev Mantra (शनि देव मंत्र)
📜 Brahmavaivarta Purana (Kriti Khand, Chapter 15, Shloka 17)
🔹 "Neelanjanasamabhasam Raviputram Yamagrajam
Chhaya-Martanda-Sambhutam Tam Namami Shanaishcharam
॥"
📖 Meaning: I bow to Lord Shani, who shines like a blue sapphire, is the son of the Sun God, the elder brother of Yama, and born to Chhaya and Surya.

🌕 Chandra Mantra for Purnima (पूर्णिमा विशेष चंद्र मंत्र)
📜 Rigveda (Mandala 1, Sukta 119, Shloka 8)
🔹 "Aapyayasva Sametu Te, Vishvatah Soma Vrnvate।"
📖 Meaning: O Moon God! Bless us with joy and spread your grace across the universe.

🕉 Vishnu Mantra for Purnima (विष्णु पूजन मंत्र)
📜 Vishnu Sahasranama (Shloka 1)
🔹 "Om Namo Bhagavate Vasudevaya।"
📖 Meaning: I bow to Lord Vishnu, the sustainer of the entire creation.

🌺 Durga Mantra for Purnima (दुर्गा पूजन मंत्र)
📜 Devi Bhagavatam (Skanda 7, Chapter 38, Shloka 10)
🔹 "Sarva-Mangala-Maangalye Shive Sarvartha-Sadhike
Sharanye Tryambake Gauri Narayani Namo’stu Te
॥"
📖 Meaning: O Mother! You are the most auspicious and the bestower of all achievements. I bow to you.


🔹 New Clothes on Purnima – Suitable or Not? | पूर्णिमा पर नए वस्त्र उचित या अनुचित?

Wearing new clothes on Purnima is auspicious, but Saturday has special rules.
पूर्णिमा पर नए वस्त्र पहनना शुभ होता है, परंतु शनिवार के विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।

📜 Brahma Purana (Chapter 21, Shloka 42-44)
🔹 "Shanaishcharena Subhage Neelavastram Samarpayet।"
📖 Meaning: On Saturday, deep blue clothes should be offered to Lord Shani.

📜 Manusmriti (Chapter 4, Shloka 37)
🔹 "Shubha-Divase Vastram Nutanam Dharayed Grihe।"
📖 Meaning: Wearing new clothes on an auspicious day increases happiness and prosperity.

🔸Wearing white, yellow, or light-colored clothes on Purnima is considered auspicious.
🔸 ⚠️ On Saturday, black and blue clothes should be offered to Lord Shani, but wearing them personally should be considered carefully.

📜 Garuda Purana (Chapter 14, Shloka 23)
🔹 "Atyadhik Kale Vastram Dharan Karanasya Manah Prabhavah Nishphalah Bhavati।"
📖 Meaning: Wearing excessive black clothes can have a negative effect on the mind.


🔹 What to Do on Saturday and Purnima? | शनिवार और पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?

Donate: Offer black sesame seeds, urad dal, and iron to Lord Shani.
For Chandra Dev: Donate milk, rice, and sugar.
Special Worship: Perform rituals for Lord Shani, Vishnu, Durga, and Chandra Dev.
Rudrabhishek: Offer water or raw milk to the Shiva Lingam.
Feed Cows: Serving cows is highly auspicious, especially feeding roti to a black cow.

⚠️ What Should Not Be Done? | क्या नहीं करना चाहिए?
Avoid wearing new black clothes on Saturday.
Do not cut hair or nails on this day.
Avoid anger and negative thoughts on Purnima.


🔹 Conclusion | निष्कर्ष

🔹 Both Saturday and Purnima are significant days, and following their guidelines brings positive outcomes.
🔹 Worshiping Lord Shani on Saturday reduces troubles, and seeking blessings from Chandra Dev on Purnima brings mental peace.
🔹 Be mindful of wearing new clothes—choose light and auspicious colors on Purnima, while on Saturday, offer black clothes to Lord Shani instead of wearing them.

1. पूर्णिमा तिथि पर हवन करने का महत्व (सामान्य सिद्धांत)

स्कंद पुराण (काशी खंड, 34.7-8) में कहा गया है

🔹 पौर्णमासी विशेषेण सर्वपापप्रणाशिनी।

🔹 तस्यां कृतं दानयज्ञं पुण्यं भवति सर्वथा॥

अर्थ: पूर्णिमा तिथि विशेष रूप से पापों का नाश करने वाली होती है। इस दिन किया गया हवन, यज्ञ एवं दान विशेष पुण्य प्रदान करता है।

मनुस्मृति (4.15) में कहा गया है

🔹 पौर्णमासी तथा अमावास्या, एकादशी, अष्टमी, चतुर्दशी च।

🔹 एतेषु स्नानं, दानं च, होमं च परमं शुभम्॥

अर्थ: पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, अष्टमी और चतुर्दशी तिथियों में स्नान, दान और हवन करना अत्यंत शुभ माना गया है।

इससे स्पष्ट होता है कि पूर्णिमा तिथि पर हवन करना शास्त्रसम्मत एवं शुभ है। अब हम अलग-अलग देवताओं के हवन पर शास्त्रीय प्रमाण देखते हैं।

2. गणेश हवन पर शास्त्रीय प्रमाण

गणेश पुराण (क्रीडाखंड, अध्याय 46, श्लोक 22-23) में वर्णित है

🔹 चतुर्थ्यामथवा पौर्णमास्याम् यः करोति हुताशनम्।

🔹 विघ्नराजप्रसादेन सर्वसिद्धिः प्रजायते॥

अर्थ: यदि कोई पूर्णिमा या चतुर्थी तिथि में हवन करता है, तो विघ्नराज (गणेश जी) की कृपा से उसे सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

 

निष्कर्ष: पूर्णिमा पर गणेश हवन करना शास्त्रों में अनुमोदित एवं शुभ माना गया है।

3. शिव हवन पर शास्त्रीय प्रमाण

शिवमहापुराण (विद्येश्वर संहिता, अध्याय 15, श्लोक 31-32) में कहा गया है

🔹 पौर्णमास्यां विशेषेण यः करोति महेश्वरम्।

🔹 होमं वा जपयज्ञं वा स शिवस्य कृपां लभेत्॥

अर्थ: जो व्यक्ति विशेष रूप से पूर्णिमा तिथि में भगवान शिव के लिए हवन या जप करता है, वह शिव की कृपा प्राप्त करता है।

लिंग पुराण (अध्याय 82, श्लोक 14-15) में भी उल्लेख है

🔹 पौर्णमास्यां रुद्रहोमः सर्वपापप्रणाशनः।

🔹 शिवाय कुरुते भक्त्या स याति शिवसद्म तत्॥

अर्थ: पूर्णिमा तिथि में किए गए रुद्र हवन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, और हवन करने वाला शिवलोक को प्राप्त करता है।

निष्कर्ष: पूर्णिमा पर शिव हवन शास्त्रसम्मत और शुभ है।

4. दुर्गा हवन पर शास्त्रीय प्रमाण

देवी भागवत पुराण (7.39.25-26) में कहा गया है

🔹 नवरात्रे विशेषेण हवनं परमं शुभम्।

🔹 सर्वसिद्धिकरं प्रोक्तं सर्वदुःखविनाशनम्॥

अर्थ: नवरात्रि में विशेष रूप से देवी दुर्गा का हवन अत्यंत शुभ होता है, यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला और समस्त दुःखों को नष्ट करने वाला होता है।

मार्कंडेय पुराण (देवी महात्म्य, अध्याय 12, श्लोक 14-15) में कहा गया है

🔹 पौर्णमास्यां च यः होमं कुरुते दुर्गयाः प्रिये।

🔹 स सर्वान् दुःखसंघातान् निहन्ति शुभमाप्नुयात्॥

अर्थ: जो व्यक्ति पूर्णिमा तिथि में दुर्गा देवी के लिए हवन करता है, वह अपने समस्त कष्टों से मुक्त होकर शुभता को प्राप्त करता है।

निष्कर्ष: पूर्णिमा पर दुर्गा हवन अत्यंत शुभ एवं कल्याणकारी है।

5. विष्णु हवन पर शास्त्रीय प्रमाण

विष्णु धर्मसूत्र (अध्याय 67, श्लोक 4-5) में कहा गया है

🔹 यज्ञैश्च विविधैः शुद्धिर्भवत्येव जनार्दनम्।

🔹 होमं कुर्यात् सर्वदा विष्णोराप्तिं समेहि सः॥

अर्थ: विभिन्न प्रकार के यज्ञों से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनसे शुद्धि प्राप्त होती है। इसलिए विष्णु हवन करना सदा मंगलकारी होता है।

स्कंद पुराण (वैष्णव खंड, 12.30) में उल्लेख है

🔹 पौर्णमास्यां तु यः विष्णोः कुरुते हव्यसंयुतम्।

🔹 स याति परमं स्थानं यत्र विष्णुः प्रतिष्ठितः॥

अर्थ: जो व्यक्ति पूर्णिमा तिथि में भगवान विष्णु का हवन करता है, वह परम धाम को प्राप्त करता है जहाँ स्वयं विष्णु निवास करते हैं।

निष्कर्ष: पूर्णिमा पर विष्णु हवन अत्यंत शुभ

🕉 May your day be auspicious! 🚩 आपका दिन मंगलमय हो! 🚩

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संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...