सोमधोबिन की कहानी:
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कथा के अनुसार, एक बार एक महिला थी जिसका नाम सोमधोबिन था। वह एक गरीब धोबिन (धोबी का पत्नी) थी।
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उसके एक भाई और पति थे।
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उस समय के एक विशेष सोमवती अमावस्या पर, उसने अपने भाई के लिए पूजा और व्रत किया।
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उसकी भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होकर भगवान सोम (चंद्र देव) ने उसकी प्रार्थना स्वीकार की।
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भगवान सोम ने उसके पति को नया जीवन (जीवनदान) दिया क्योंकि वह मर चुका था या जीवन संकट में था।
3. पीपल वृक्ष पूजा:
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सोमवती अमावस्या पर पीपल वृक्ष का पूजन बहुत शुभ माना जाता है।
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पीपल वृक्ष को वसुधा का प्रतीक माना गया है, जिसमें सूर्य और चंद्र दोनों देवों का वास माना जाता है।
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पीपल की छाया में पूजा करने से दोष नष्ट होते हैं और परिवार में सौभाग्य आता है।
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