नए वस्त्र प्रयोग एवं आहार🔱 पूर्वाषाढ़ा – पंचमी- शनिवार – 17.5.2025 नए वस्त्र प्रयोग एवं आहार
🌌 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (Purvashadha Nakshatra)
देवता: आप: (जल की देवी)
तत्व: जल
शुभ कार्य: विजय प्राप्ति, प्रतियोगिता, लक्ष्य निर्धारण, दृढ़ निश्चय
🕉️ श्लोक:
पूर्वाषाढा
स्थितो नक्षत्रे कर्माणि वै विजयप्रदा।
🌸 अर्थ: पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आरंभ किए गए कार्यों में
विजय की संभावना अधिक होती है।
🔻 अशुभ प्रभाव:
- आत्ममुग्धता या अति-आत्मविश्वास से बचें।
- जल से जुड़े जोखिमों में सावधानी रखें।
🔶 पंचमी तिथि (Panchami Tithi)
🌿 शुभ प्रभाव / Auspicious Effects:
- विद्या, शिल्प, कला, बुद्धि, योजना व नवाचार के लिए अनुकूल।
- धार्मिक कृत्य व व्रत के लिए उत्तम।
🕉️ शास्त्रीय श्लोक:
पंचमी
धर्मकर्मायाः, कल्याणाय शुभा स्मृता।
🌸 अर्थ: पंचमी तिथि धर्म, पुण्य और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम मानी गई
है।
🚫 अशुभ प्रभाव / Inauspicious Effects:
- अत्यधिक क्रोध या ग़लत निर्णय लेने से बचें।
- वाणी पर नियंत्रण न रखने से विवाद हो सकता है।
🌙 चंद्रमा धनु राशि में (Moon in Sagittarius)
- उच्च विचार, दर्शन, धर्म, यात्रा के प्रति रुचि
- आज विचारशीलता बढ़ेगी, परंतु जल्दबाज़ी से बचें।
🔱 शनिवार (Saturday) विशेष प्रभाव:
🔹 कर्तव्य और अनुशासन का दिन।
🔹 शनिदेव की कृपा प्राप्ति हेतु सेवा, दान, और संयम आवश्यक।
🔹 श्रमसाध्य कार्यों के लिए उत्तम दिन।
🔸 क्या करें (What to do):
- शनिदेव को तिल, तेल अर्पण करें।
- गरीबों को काला वस्त्र, उड़द, तेल दान करें।
- अनुशासन व संयम रखें।
- जल तत्व व कर्म पर ध्यान दें।
⛔ क्या न करें (What to avoid):
- क्रोध, कटु वाणी, अनुशासनहीनता
- अंधविश्वास या टालमटोल
- पीठ पीछे किसी की निंदा
🪔 शुभ समय व अनुशंसा (Shubh Actions Today):
- दर्शन-ध्यान: श्री शनिदेव, आप: देवी (पूर्वाषाढ़ा की अधिष्ठात्री)
- उपाय: जल स्रोतों की सफाई, कुएँ/तालाब में तिल अर्पण
- दान: तिल, कंबल, छाता, काला कपड़ा
- मंत्र:
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" – 108 बार
"ॐ आपो हिष्ठा मयोभुवाः।" – पूर्वाषाढ़ा हेतु जलमंत्र
🌟 निष्कर्ष (Summary):
शनिवार +
पंचमी + पूर्वाषाढ़ा + धनु चंद्र = साहसी निर्णय, अध्यात्म व कर्मयोग का मेल।
संतुलन रखें
– अति
आत्ममुग्धता व क्रोध से बचें। जल व कर्म दोनों को पवित्र रखें।
🔱 – पूर्वाषाढ़ा ,शनिवार – पंचमी: नए वस्त्र व वास्तु प्रयोग-17.5.2025
📜 शास्त्रीय प्रमाण:1. निर्णयसिन्धु, तिथि निर्णय प्रकरण:
"पञ्चमी धर्मकर्मायाः, कल्याणाय शुभा स्मृता। उपवासव्रतानां च विशेषेण विधीयते॥"
👉 अर्थ: पंचमी तिथि धर्म, पुण्य और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी गई है।
2. जातक पारिजात (अध्याय 4):
"पूर्वाषाढायां युद्धाय, विजयानां च साधने।
जलसेवा धनार्जनं, योग्यं कर्म सदा स्मृतम्॥"
👉 अर्थ: पूर्वाषाढ़ा में जल संबंधी कार्य, योजना, संघर्ष आदि श्रेष्ठ माने गए हैं।
3. स्कंद पुराण – शनिमाहात्म्य:
"शनिवारे तु यः कुर्यात्, स्नानं दानं शिवार्चनम्।
स याति परमं स्थानं, शनेः कृपा सदा लभेत्॥"
👉 अर्थ: शनिवार को स्नान, दान, शिव/शनि पूजन करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
📘 भद्रबाहु संहिता – वस्त्र व वास्तु प्रयोग
"शनिवारे न नूतनं वस्त्रं धारयेत्। न तैलाभिषेकं कुर्यात्, न गृह प्रवेशः।"
👉 अर्थ: शनिवार को नया वस्त्र धारण, तैल मर्दन, या नए गृह में प्रवेश वर्जित है।
🧾 नए वस्त्र व वास्तु प्रयोग निषेध – निर्णयसिन्धु प्रमाण
निर्णयसिन्धु अनुसार – शनिवार, विशेषकर पंचमी व उग्र नक्षत्रों (पूर्वाषाढ़ा) में –
"नूतन वस्त्रधारणं, नूतन गृहनिर्माणं, वहन क्रय विक्रय च शनौ निषिद्धम्।"
👉 अर्थ: शनिवार को नया वस्त्र पहनना, नया घर बनाना या खरीदना, वाहन खरीदना निषिद्ध है।
✅ निष्कर्ष
शनिवार + पंचमी + पूर्वाषाढ़ा – ये संयोग अत्यंत सावधानी का सूचक है। इस दिन नया वस्त्र, गृह-प्रवेश, वाहन, बहुमूल्य वस्तुओं की खरीद आदि से बचना चाहिए। यदि अति आवश्यक हो तो विधिपूर्वक शनि मंत्र, जलदान, तिलदान आदि करने के पश्चात कार्य करें।
📘 नए वस्त्र एवं वास्तु प्रयोग – शास्त्रीय निषेध
📖 भद्रबाहु संहिता:
"शनिवारे न नूतनं वस्त्रं धारयेत्। न तैलाभिषेकं कुर्यात्, न गृह प्रवेशः।"
👉 अर्थ: शनिवार को नया वस्त्र पहनना, तैल मर्दन करना अथवा नए घर में प्रवेश करना वर्जित है।
📖 निर्णयसिन्धु:
"शनौ निषिद्धं वस्त्रधारणं, वहन क्रय विक्रय च।"
👉 अर्थ: शनिवार को वस्त्र धारण, वाहन खरीद, व्यापार आरंभ निषेध माने गए हैं।
✅ क्या करें (शनिवार – पूर्वाषाढ़ा – पंचमी)
📖 स्कंद पुराण – जलदान माहात्म्य:
"जलदानं परं पुण्यं, सर्वतीर्थसमं स्मृतम्। विशेषतः शनौ दत्तं, पापिनां पातकं हरेत्॥"
👉 अर्थ: शनिवार को जलदान समस्त तीर्थ स्नान के समान पुण्यदायी है।
📖 नित्याचार संग्रह:
"पञ्चम्यां शुभकर्माणि, संकल्पाः सिद्दिदायकाः।"
👉 अर्थ: पंचमी तिथि में योजना बनाना, संकल्प लेना अत्यंत फलदायी है।
📖 मनुस्मृति:
"शनौ नित्यं अध्ययनं, ध्यानं च प्रशस्यते। शनैः शनैः बुधिं युक्त्वा, ब्रह्मविद्या विवर्धते॥"
👉 अर्थ: शनिवार को अध्ययन, चिंतन व ध्यान श्रेष्ठ माने गए हैं।
❌ क्या न खाएं
📖 मनुस्मृति 5.5:
"मांसं मद्यं च तीक्ष्णानि, त्याज्यानि शनिवासरे। रजस्तामसवृद्ध्यर्थं, पापं स्यात् तदनुष्ठिते॥"
👉 अर्थ: मांस, मदिरा व तीव्र मसाले शनिवार को त्याज्य हैं, ये रजस-तमस को बढ़ाते हैं।
✅ क्या खाएं
📖 ब्रह्मवैवर्त पुराण – प्रकृति खंड:
"शनैश्चराय प्रियं तु, माषं च कृष्णतिलं तथा। कालायनं सदा दत्त्वा, शनिदोषं निवारयेत्॥"
👉 अर्थ: शनिदेव को उड़द दाल, काले तिल, काले चने प्रिय हैं।
📖 भावप्रकाश निघंटु (शाक वर्ग):
"कुष्मांडो लघुशीतोष्णः, ग्रहपीडा विनाशनः। सत्ववृद्धिकरः प्रोक्तः, स्निग्धः पित्तकफापहः॥"
👉 अर्थ: कद्दू (कुष्मांड) ग्रह पीड़ा दूर करने वाला, सात्विक व पित्त शांत करने वाला आहार है।
📖 भैषज्य रत्नावली:
"नारिकेल जलं रम्यं, पित्तदाहप्रशान्तये। शीतलं तृप्तिदं सौम्यं, ग्रहदोष विनाशनम्॥"
👉 अर्थ: नारियल जल शीतल, तृप्तिदायक और ग्रहदोष शमनकारी है।
✅ क्या करें:
1. योजना, संकल्प और अध्ययन
📖 नित्याचार संग्रह:
"पञ्चम्यां
शुभकर्माणि, संकल्पाः सिद्दिदायकाः।"
👉 पंचमी तिथि में लिए गए संकल्प सिद्ध होते हैं।
📖 मनुस्मृति:
"शनौ नित्यं
अध्ययनं, ध्यानं च प्रशस्यते।"
👉 शनिवार को अध्ययन और ध्यान श्रेष्ठ कर्म हैं।
2. जल संरक्षण व दान
📖 स्कंद पुराण:
"जलदानं परं
पुण्यं, सर्वतीर्थसमं स्मृतम्। विशेषतः शनौ
दत्तं, पापिनां पातकं हरेत्॥"
👉 शनिवार को जलदान समस्त तीर्थस्नान के समान पुण्यदायक
है।
❌ क्या न करें:
1. नया वस्त्र या वाहन प्रयोग
📖 भद्रबाहु संहिता:
"शनिवारे न
नूतनं वस्त्रं धारयेत्।"
📖 निर्णय सिंधु:
"शनौ
निषिद्धं वस्त्रधारणं, वहन क्रय
विक्रय च।"
👉 शनिवार को नए वस्त्र पहनना, वाहन खरीदना वर्जित है।
2. तामसिक आहार त्यागें
📖 मनुस्मृति (अध्याय 5):
"मांसं मद्यं
च तीक्ष्णानि, त्याज्यानि शनिवासरे।"
👉 मांस, मदिरा, तीखे मसाले शनिवार को वर्जित माने गए हैं।
🍲 आहार संबंधी निर्देश:
✅ क्या खाएं:
📖 ब्रह्मवैवर्त पुराण (प्रकृति खंड):
"शनैश्चराय
प्रियं तु, माषं च कृष्णतिलं तथा। कालायनं सदा
दत्त्वा, शनिदोषं निवारयेत्॥"
👉 शनिदेव को काले चने, उड़द, काले तिल प्रिय हैं।
📖 भावप्रकाश निघंटु (शाक वर्ग):
"कुष्मांडो
लघुशीतोष्णः, ग्रहपीडा विनाशनः।"
👉 कद्दू (कुष्मांड) ग्रह पीड़ा को शमन करता है।
📖 भैषज्य रत्नावली:
"नारिकेल जलं
रम्यं, शीतलं तृप्तिदं सौम्यं।"
👉 नारियल जल पित्त शमन व ताजगी देने वाला है।
🔹 अनुशंसित खाद्य:
• काले चने, उड़द, कद्दू
• काले तिल से
बना भोजन
• ककड़ी, खीरा, नारियल जल
• सरसों का
तेल में बना सादा भोजन
❌ क्या न खाएं:
• मांसाहार, मदिरा
• अत्यधिक
मसालेदार, खट्टे, गरिष्ठ भोजन
• अत्यधिक गरम
व रूखा आहार
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शनिवार
अनिष्ट नाशक एवं सफलता के उपाय-
-सुख,सौभाग्य वृद्धि के लिए –
स्नान जल मे काले तिल मिला कर स्नान करे | |
-पीपल वृक्ष की जड़ के समीप तैल का दीपक लगाए |
मंत्र बोले-ॐपिप्पलाद ऋषये नमः |
- बाधा मुक्ति के लिए दान-उड़द ,तिल,काला,वस्त्र,,
नीले पुष्प,लोभान,करे |
दान -काली गाय,वृद्ध,सेवक,को दे सकते है||
घर से प्रस्थान पूर्व क्या खाएं दिन दोष आपत्ति निराककरण के लिए –तिल,भात ,उड़द,अदरख मे सेकोई या सभी पदार्थ उपयोग करना चाहिए |जिन का शनि ठीक न हो वे उड़द प्रयोग न करे |
सफलता के लिए -आज के मंत्र-
शनि का गायत्री मंत्र-
त्रिपद मंत्र की तुलना मे श्रेष्ठ पंच पाद गायत्री मंत्र प्रयोग करे -
ॐ सूर्य पुत्राय विद्महे ,मृत्यु रुपाय धीमहि ,तन्नो सौरिः प्रचोदयात् ॥
आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे सावादोंम | या
ऊॅ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नौ शनिः प्रचोदयात् ।
।|आपो ज्योति रस अमृतम | आपो ज्योति रस अमृतम |परो रजसे सावादोंम |
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥
जैन मंत्र-
णमो लोए सव्वसाहूणं|
ॐ ह्रीं शनि ग्रहा अरिष्ट निवारक णमो लोए सव्वसाहूणं|
श्री मुनि सुव्रत नाथ जिनेन्द्राय नम: सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा।
मम (अपना नाम) दुष्ट ग्रह रोग कष्ट निवारणं सर्वशांतिं कुरू कुरू हूँ फट् स्वाहा।
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