मंत्र -चिकित्सा, रोग निवारण, एवं भय
मुक्ति-
Om Namo Bhagawathe Mahasudarshanaya, Vasudevaya, Amrutha kalashahastaya, Sakala Bhayavinashaya, Sarva roga nivaranaya, Trilokapathaye, Triloka nidhaye, Om Sree Mahavishnu Swaroopaya, Om Sree Sree Oushadha Chakra Narayananaya Namah.-hindi granth naam shlok arth.prabhav
यह मंत्र एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तुति है जो भगवान महा सुदर्शन और भगवान श्रीविष्णु को समर्पित है। नीचे इसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ, संभावित ग्रंथ संदर्भ, और मंत्र का प्रभाव (प्रभाव/प्रभावशीलता) दिया गया है:
🔸 मूल मंत्र
Om Namo Bhagawathe Mahasudarshanaya, Vasudevaya, Amrutha kalashahastaya, Sakala Bhayavinashaya, Sarva roga nivaranaya, Trilokapathaye, Triloka nidhaye, Om Sree Mahavishnu Swaroopaya, Om Sree Sree Oushadha Chakra Narayananaya Namah.
🔹 हिंदी अर्थ (श्लोक का भावार्थ):
ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाय – मैं भगवान
महा सुदर्शन को नमस्कार करता हूँ।
वासुदेवाय – श्रीकृष्ण
रूपी वासुदेव को।
अमृत कलश
हस्ताय – जिनके हाथों
में अमृत कलश है।
सकल भय
विनाशाय – जो सभी
प्रकार के भय का नाश करते हैं।
सर्व रोग
निवारणाय – जो समस्त
रोगों का निवारण करते हैं।
त्रैलोक्य
पथये – जो तीनों
लोकों के स्वामी हैं।
त्रैलोक्य
निधये – जो तीनों
लोकों का आधार और रक्षक हैं।
ॐ श्री
महाविष्णु स्वरूपाय – जो स्वयं श्री महाविष्णु के स्वरूप हैं।
ॐ श्री श्री
औषध चक्र नारायणाय नमः – औषधि चक्रधारी श्री नारायण को नमन।
📜 ग्रंथ संदर्भ (संभावित):
यह मंत्र "सुदर्शन कवच", "सुदर्शन अष्टक" या "औषध नारायण स्तोत्र" से प्रेरित है। विशेष रूप से, यह औषध चक्र नारायण की उपासना में प्रयुक्त होता है जो भगवान विष्णु का एक चिकित्सा-रक्षक स्वरूप है। कुछ वैदिक अनुष्ठानों में यह आयुर्वेदिक चिकित्सा, रोग निवारण, एवं भय मुक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।
✨ प्रभाव / लाभ (Prabhav):
- रोगों से मुक्ति – इस मंत्र का जप रोग निवारण के लिए अति शुभ माना जाता है।
- भय का नाश – सभी प्रकार के मानसिक, आत्मिक व भौतिक भय से मुक्ति मिलती है।
- चिकित्सा शक्ति – यह मंत्र 'औषध नारायण' को समर्पित है, जो औषधियों को दिव्यता प्रदान करते हैं।
- आध्यात्मिक रक्षा – यह मंत्र साधक की त्रिलोकों से रक्षा करता है।
- काल दोष और नकारात्मकता से मुक्ति – विशेष रूप से ग्रह बाधा, नजर दोष या तांत्रिक प्रभाव के निवारण में भी सहायक।
\इस मंत्र का दैनिक जप पद्धति या पूजा विधि -
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और विशेष रूप से रोग निवारण, भय से रक्षा, और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए उपयुक्त माना जाता है। नीचे इसकी दैनिक जप विधि, पूजा पद्धति, और उपयुक्त प्रारंभ दिवस (Prarambh Din) व तिथि (Tithi) का वर्णन किया गया है:
🔱 दैनिक जप विधि – Mahasudarshana Mantra Daily Japa Vidhi
🌅 1. पूजन से पूर्व तैयारी:
- प्रातः स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें (सफ़ेद या पीतांबर)।
- पूजा स्थान को शुद्ध करें।
- भगवान विष्णु या सुदर्शन चक्र की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएं – घी या तिल के तेल से।
- पुष्प, अक्षत, तुलसी पत्र, चंदन, जल पात्र, और धूप की व्यवस्था रखें।
📿 2. संकल्प (Sankalp) लें:
"मैं (अपना नाम) आज से प्रतिदिन भगवान महा सुदर्शन नारायण की कृपा हेतु यह मंत्र जप करता/करती हूँ, रोग व भय नाश के लिए।"
🙏 3. मंत्र जप विधि:
🔁 जप संख्या: कम से कम 108 बार (1 माला) प्रतिदिन
मंत्र:
"ॐ नमो भगवते
महा सुदर्शनाय वासुदेवाय अमृत कलश हस्ताय सकल भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय
त्रैलोक्य पथये त्रैलोक्य निधये ॐ श्री महाविष्णु स्वरूपाय ॐ श्री श्री औषध चक्र
नारायणाय नमः।"
📿 जप तुलसी या स्फटिक माला से करें।
🧘♂️ ध्यान में भगवान विष्णु को औषध चक्रधारी रूप में कल्पना करें।
🌸 4. पूजन के अंत में प्रार्थना करें:
"हे सुदर्शन चक्रधारी प्रभु! मेरे समस्त रोग, कष्ट, भय और बाधाओं का नाश करें और जीवन में आरोग्य, बल और सुख प्रदान करें।"
📅 उपयुक्त प्रारंभ दिवस (Prarambh Din) व तिथि (Tithi):
🔆 शुभ दिन |
🌙 शुभ तिथि |
गुरुवार (विष्णु से संबंधित दिन) |
एकादशी (विशेषकर मोहिनी, पद्मिनी, विजया एकादशी आदि) |
रविवार (रोग शमन हेतु) |
श्रवण नक्षत्र तिथि (विष्णु प्रिय नक्षत्र) |
सुदर्शन जयंती (श्रावण शुक्ल एकादशी के आस-पास) |
विशेष फलदायी |
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