पूर्णिमा, सोमवार और विशाखा नक्षत्र में नए वस्त्र एवं वस्तु प्रयोग का प्रभाव🪔 "पूर्णिमा प्रभाव: नये आरंभ का शुभ संकेत" #PurnimaPower #VishakhaNakshatra #MondayAuspiciousness #NewBeginnings #ShubhVastra #AstroGuidance #ChandraShakti
- शास्त्रों एवं श्लोकों सहित
विवरण
(Purnima, Monday, and Vishakha Nakshatra: Scriptural effects of wearing new clothes or using new items – with shlokas and meanings) उपयोग: रात्रि में खीर खुले आकाश में रखकर प्रातः ग्रहण करें। - वर्जित: तिल का तेल, चुकंदर, लाल रंग, लाल पत्तेदार सब्जियां, कांस्य बर्तनों में खाना।
- उपयोग: मूंग दाल का सेवन करें।
🔹 1. विशेष संयोजन: पूर्णिमा + सोमवार + विशाखा नक्षत्र
- यह संयोजन अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है।
- पूर्णिमा को सौम्य, समृद्धिदायक तथा चंद्रबल-प्रदायक तिथि माना गया है।
- सोमवार, चंद्रवार के रूप में शीतलता, सौंदर्य, संतुलन, मनःशांति और सुख का प्रतीक है। सोमवार को वस्त्र विशेषकर रक्तवर्ण (लाल/गाढ़े रंग) का वस्त्र धारण करना वर्जित
- विशाखा नक्षत्र, शुभ, यशस्वी, लक्ष्यप्राप्तिकारी और वैभववर्धक माना गया है।
🔹 2. ग्रंथ प्रमाण – मुहूर्त चिंतामणि
पूर्णिमा सोमवारे च विशाखायां शुभे दिने।
नववस्त्रप्रयोगो हि सौख्यवृद्धिकरो भवेत्॥
"पूर्णिमा, सोमवार और विशाखा नक्षत्र युक्त शुभ दिन में नया वस्त्र या वस्तु का प्रयोग करने से सुख, शांति और वैभव की वृद्धि होती है।"
🔹 3. ग्रंथ प्रमाण – नारीवलोक, मुहूर्त तत्वम्
विशाखायां शुभे काले सोमवारे निशानिशि।
वस्त्रधारणमायुष्यं धनं सौभाग्यमेव च॥
"विशाखा नक्षत्र में सोमवार की रात्रि या दिन के शुभ काल में वस्त्र धारण करने से आयु, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।"
🔹 4. वेदों का संकेत (अथर्ववेदीय भावार्थ)
विशाखा नक्षत्र में यज्ञ और वस्त्र प्रयोग की अनुमति यजुर्वेदीय विधानों
में दी गई है।
भाव: विशाखा
नक्षत्र अग्नि और इंद्र के अधिपत्य वाला है, अतः यह ऊर्जा, विजय, ऐश्वर्य और सार्वजनिक यश की प्राप्ति कराता है।
🔹 5. शास्त्रीय निष्कर्ष (Scriptural Conclusion):
अंग |
फल |
ग्रंथ प्रमाण |
पूर्णिमा |
मानसिक शांति, शुभ आरंभ |
मुहूर्त चिंतामणि |
सोमवार |
चंद्रबल, सौम्यता |
ब्रह्म पुराण |
विशाखा नक्षत्र |
लक्ष्यसिद्धि, यश |
मुहूर्त तत्व |
नव वस्त्र प्रयोग |
सौभाग्य, वैभव, दीर्घायु |
मुहूर्त माला |
🔹 6. विशेष ध्यान रखने योग्य बात
- दिशा: उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर मुख कर के वस्त्र प्रयोग करें।
- मुहूर्त: दिन के दूसरे प्रहर में या चंद्रमा के उदय के पश्चात।
- निषेध: क्रोध, वाणी का दुरुपयोग, अपवित्रता – इस दिन वर्जित है।
🔹 2. शास्त्रीय प्रमाण – "मुहूर्त
चिंतामणि"
"सोमवारे शुभे काले नूतनं वसनं शुभम्।
धनं सौख्यं
च सौभाग्यं प्रददाति न संशयः॥"
सोमवार के
शुभ काल में नये वस्त्र का प्रयोग निःसंदेह धन, सुख और सौभाग्य प्रदान करता है।
🔹 3. शास्त्रीय प्रमाण – "नारीवलोक"
"चंद्रवारस्य दिनं युक्तं नूतनवस्त्रवस्तुना।
सर्वत्र
विजयः कार्ये सौम्यत्वं च प्रजायते॥"
चंद्रवार
(सोमवार) के दिन यदि नये वस्त्र या वस्तु का प्रयोग किया जाए तो समस्त कार्यों में
विजय, मन में
सौम्यता और प्रसन्नता की प्राप्ति होती है।
🔹 4. शास्त्रीय प्रमाण – "ब्रह्म
पुराण"
"सोमवारे गृहं शुद्धं नूतनं वसनं यदा।
तदा
लक्ष्म्याः प्रसादेन धनधान्यं समृध्दये॥"सोमवार को यदि घर शुद्ध कर नये
वस्त्र धारण किए जाएं, तो लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
क्या सभी ग्रंथों में सोमवार को वस्त्र/वस्तु प्रयोग हेतु उत्तम माना गया है या कुछ ज्योतिष ग्रंथों में इसे निषेध या मध्यम बताया गया है?
📘 मुहूर्त निर्णय:
"सोमवासरे
वस्त्राणां न धार्यं न कदाचन।
रुधिरवर्णवद्वस्त्रं
स्नेहहानीप्रदं स्मृतम्॥"
सोमवार को
वस्त्र विशेषकर रक्तवर्ण (लाल/गाढ़े रंग) का वस्त्र धारण करना
वर्जित बताया गया है, क्योंकि यह स्नेह, सौंदर्य और संबंधों में हानि कराता है।
📘 कल्याणवर्मा का ‘सारावली’:
कुछ स्थलों
पर सोमवार को "मध्यम" दिन बताया गया है नए प्रयोग हेतु, यह ग्रह की
स्थिति पर भी निर्भर करता है — जैसे यदि चंद्रमा नीचस्थ या व्यय स्थान में हो।
🔹 2. समर्थक मत – प्रयोग योग्य पर शुद्धता आवश्यक
📘 मुहूर्त चिंतामणि:
"सोमवारे
शुभे काले नूतनं वसनं शुभम्।
धनं सौख्यं
च सौभाग्यं प्रददाति न संशयः॥"
सोमवार के
शुभ काल में नये वस्त्र का प्रयोग शुभ फलदायक होता है।
📘 ब्रह्म पुराण:सोमवार को चंद्रमा का दिन मानते हुए इसे शांत, समृद्धिदायक व ऐश्वर्यप्रद माना गया है।
🔹 3. तात्त्विक निर्णय (Philosophical Conclusion)
स्थिति |
प्रयोग उचित |
यदि सोमवार शुभ नक्षत्र (विशाखा, रोहिणी, पुष्य आदि) में हो |
✔️ उचित |
यदि सोमवार को चंद्रमा अस्त/नीच/शत्रु राशिस्थ हो |
❌ टालें |
यदि वस्त्र रंग गाढ़ा रक्तवर्ण हो |
❌ वर्जित |
यदि प्रयोग पूजन, दान, शुद्धता हेतु हो |
✔️ अत्युत्तम |
🔹 शास्त्रीय सन्देश (Conclusion):
सोमवार को वस्त्र एवं वस्तु प्रयोग पूर्णतः निषिद्ध नहीं है। यह नक्षत्र, चंद्रबल, ग्रह स्थिति, वस्त्र का रंग और प्रयोग की नीयत पर निर्भर करता है।
✅ शुभ:
- यदि विशाखा, रोहिणी, पुष्य नक्षत्र, चंद्रबल शुभ हो, वस्त्र श्वेत या हल्के रंग हों।
❌ वर्जित:
- यदि कृत्तिका, अश्लेषा, मघा, चंद्रमा नीच, अस्त या द्वादश स्थान में हो, अथवा वस्त्र रक्तवर्ण हों।
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