शुक्रवार, द्वादशी+त्रयोदशी
तिथि (14:56 से), और हस्त नक्षत्र के अनुसार-
नए वस्त्र, वस्तुएं, त्रयोदशी
तिथि वस्त्र और आभूषण धारण करना शुभ
शुक्रवार नवीन वस्त्र धारण के लिए शुभ
हस्त नक्षत्र नवीन वस्त्र धारण के लिए शुभ
🌸 शुक्रवार + हस्त नक्षत्र + द्वादशी/त्रयोदशी तिथि का संयोग
यह संयोग शुक्र, चंद्र, और सूर्य प्रभावों का एक सुंदर समन्वय है – जो सौंदर्य, समृद्धि, मानसिक संतुलन, और आरोग्य देता है।
🔮 हस्त नक्षत्र से जुड़े देवता और ग्रह:
- नक्षत्र: हस्त
- देवता: सविता (सूर्य का एक रूप)
- ग्रह स्वामी: चंद्रमा (Moon)
- प्रभाव क्षेत्र: हाथों का कार्य, शिल्प, सुंदरता, आभूषण, परिधान
🧿 कौन से ग्रह संबंधित हैं वस्त्र, चूड़ी, आभूषण से?
वस्तु |
संबंधित ग्रह |
प्रभाव |
नए वस्त्र |
शुक्र |
प्रेम, आकर्षण, वैवाहिक सुख |
आभूषण (सोना) |
सूर्य + शुक्र |
आत्मविश्वास, यश, सौंदर्य, धन वृद्धि |
चांदी के आभूषण |
चंद्र |
शीतलता, मन की शांति, स्वास्थ्य |
📅 द्वादशी तिथि का प्रभाव (Dwadashi Tithi Impact)
14:56 PM Till;
द्वादशी तिथि विष्णु जी को समर्पित मानी जाती है। इस दिन नवीन वस्त्र, आभूषण या वस्तुएं धारण करने से धार्मिक पुण्य, धन की वृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
"द्वादश्यां विष्णुपूजा च, वस्त्राभरणधारणम्।
पुण्यं लभते
नित्यं, विष्णुलोकं स गच्छति॥"
अर्थ: द्वादशी तिथि में विष्णु पूजन, वस्त्र और आभूषण धारण करने से व्यक्ति को नित्य पुण्य की प्राप्ति होती है और वह विष्णु लोक को प्राप्त करता है।
📅 त्रयोदशी तिथि का प्रभाव (Trayodashi Tithi Impact)From14:57Pm
त्रयोदशी तिथि - इस दिन नवीन वस्त्र, आभूषण या वस्तुएं धारण करने से आयु में वृद्धि, रोगों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
"त्रयोदश्यां शिवपूजा च, वस्त्राभरणधारणम्।
दीर्घायुष्यम्
आरोग्यं च, मोक्षं च लभते नरः॥"
अर्थ: त्रयोदशी तिथि में शिव पूजन, वस्त्र और आभूषण धारण करने से व्यक्ति दीर्घायु, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति करता है।
🌸 शुक्रवार का प्रभाव (Friday Impact)
शुक्रवार - सौंदर्य, प्रेम, विलासिता और आभूषणों का कारक है। इस दिन नवीन वस्त्र, आभूषण या वस्तुएं धारण करने से वैवाहिक सुख, धन की वृद्धि और सौंदर्य में निखार आता है।
"शुक्रवासरे शुभे काले, वस्त्राभरणधारणम्।
सौंदर्यं
प्रेमसंपन्नं, सुखं सौभाग्यम् आप्नुयात्॥"
अर्थ: शुभ शुक्रवार के दिन वस्त्र और आभूषण धारण करने से व्यक्ति सौंदर्य, प्रेम, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति करता है।
🌟 हस्त नक्षत्र का प्रभाव (Hasta Nakshatra Impact)
हस्त नक्षत्र - इस नक्षत्र में नवीन वस्त्र, आभूषण या वस्तुएं धारण करने से कौशल में वृद्धि, मानसिक शांति और सौंदर्य में निखार आता है।
"हस्ते नक्षत्रे शुभे काले, वस्त्राभरणधारणम्।
कौशलं
सौंदर्यं च, मनःशांति समृद्धिम्॥"
अर्थ: शुभ हस्त नक्षत्र के समय वस्त्र और आभूषण धारण करने से व्यक्ति को कौशल, सौंदर्य, मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
🧘♀️ संक्षेप में (Summary)
तिथि / नक्षत्र |
प्रभाव |
द्वादशी |
विष्णु कृपा, पुण्य, धन वृद्धि |
त्रयोदशी |
शिव कृपा, दीर्घायु, रोगों से मुक्ति |
शुक्रवार |
शुक्र कृपा, सौंदर्य, प्रेम, वैवाहिक सुख |
हस्त नक्षत्र |
चंद्र और सविता कृपा, कौशल, सौंदर्य, मानसिक शांति |
मुहूर्त चिंतामणि और मुहूर्त मार्तण्ड के अनुसार:
यात्राप्रवेशसङ्ग्रामवस्त्रभूषणमङ्गलम्।
व्रतबन्धं विनान्यत्र शुभा शुक्लत्रयोदशी॥"
अर्थ: शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि में यात्रा, गृह प्रवेश, युद्ध, वस्त्र-आभूषण धारण और मंगल कार्य करना शुभ होता है; परंतु व्रत बंधन के लिए यह तिथि उपयुक्त नहीं है।
यह श्लोक स्पष्ट रूप से वस्त्र और आभूषण धारण को त्रयोदशी तिथि में शुभ मानता है।
🌸 शुक्रवार:
मुहूर्त मार्तण्ड में शुक्रवार को नवीन वस्त्र धारण के लिए शुभ माना गया है।
"नये कपड़े पहनें तीन वार कपड़ा
पहिरै तीनि बार।
बुध बृहस्पत सुक्रवार। हारे अबरे इतवार।
भड्डर का है यही बिचार।।"
अर्थ: नवीन वस्त्र धारण करने के लिए बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार का दिन विशेष शुभ होता 🌟 हस्त नक्षत्र:
मुहूर्त चिंतामणि में हस्त नक्षत्र को नवीन वस्त्र धारण के लिए शुभ माना गया है।
श्लोक (मुहूर्त चिंतामणि)
"हस्तचित्रास्वातीशुभा विशाखा।
अनुराधा चैव धनिष्ठा रेवती।
अश्विनी पुष्यश्च पुनर्वसुः स्यात्।
नूतनवस्त्रधारणे शुभानि।"
"नवीन वस्त्र धारण मुहूर्तः- हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा, अश्विनी, धनिष्ठा तथा रेवती नक्षत्र, गुरुवार, शुक्रवार तथा बुधवार ये दिन एवं वृष, मिथुन, कन्या और मीन लग्न स्त्रियों के लिए नवीन वस्त्रधारण करने के लिए शुभ हैं।
अर्थ: हस्त नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करना शुभ होता है, विशेषकर गुरुवार, शुक्रवार और बुधवार के दिन।
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