वस्त्र, आभूषण, चूड़ी के प्रथम प्रयोग हेतु शुभ रंग (वार व लग्न अनुसार)
लग्न अनुसार वस्त्र, आभूषण, चूड़ी के प्रथम प्रयोग के शुभ सुझाव-100%
Lagn important duration 2hours ;
लग्न |
वस्त्र रंग |
आभूषण प्रकार |
चूड़ी रंग |
मेष |
लाल, नारंगी |
सोने के |
लाल |
वृष |
सफेद, हल्के रंग |
चांदी के |
सफेद |
मिथुन |
पीला, हरा |
मणि के |
पीली |
कर्क |
सफेद, हल्के रंग |
मोती के |
सफेद |
सिंह |
केसरिया, लाल |
सोने के |
लाल |
कन्या |
पीला, हरा |
आभूषण |
पीली |
तुला |
सफेद, गुलाबी |
मोती के |
गुलाबी |
वृश्चिक |
लाल, काला |
सोने के |
लाल |
धनु |
नीला, सफेद |
मोती के |
नीली |
मकर |
काला, नीला |
चांदी के |
नीली |
कुम्भ |
हल्के रंग, सफेद |
मोती के |
सफेद |
मीन |
नीला, हरा |
आभूषण |
नीली |
नोट: उपरोक्त जानकारी शास्त्रीय ज्योतिष, रंग चिकित्सा एवं
परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। प्रत्येक सुझाव का शास्त्रीय ग्रंथ, श्लोक या अर्थ-प्रमाण आवश्यकतानुसार अलग से संकलित किया जा सकता है।
वार अनुसार शुभ रंग-
day 24 hours
सोमवार (Monday) – शुभ रंग: सफेद, मल्टीकलर (मिश्रित रंग)
मंगलवार (Tuesday) – शुभ रंग-RED,Brown वायलेट (Violet) जामुनी
बुधवार (Wednesday) – शुभ रंग: हरा (Green)Yellow
गुरुवार (Thursday) – शुभ रंग: पीला, केसरिया;Green
शुक्रवार (Friday) – शुभ रंग: सफेद, इंडिगो ;begni
शनिवार (Saturday) – शुभ रंग: नीला, काला,
रविवार (Sunday) – शुभ रंग: बैंगनी (Purple)blue
वार और लग्न अनुसार वस्त्र, आभूषण, चूड़ी प्रयोग – शास्त्रीय प्रमाण सहित
वार अनुसार शुभ रंग (शास्त्रीय प्रमाण सहित)
सोमवार (Monday) – शुभ रंग: सफेद, मल्टीकलर
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: चंद्रमा को प्रसन्न करने हेतु सफेद वस्त्र व मोती का प्रयोग श्रेष्ठ माना गया है।
मंगलवार (Tuesday) – शुभ रंग: हरा, वायलेट
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: मंगल ग्रह के लिए रक्तवर्ण (लाल) तथा हरे रंग के वस्त्र क्रियाशीलता में वृद्धि करते हैं।
बुधवार (Wednesday) – शुभ रंग: हरा
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: बुध ग्रह के लिए हरे वस्त्र, पन्ना आदि प्रयोग शुभ कहे गए हैं।
गुरुवार (Thursday) – शुभ रंग: पीला, केसरिया
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: गुरु ग्रह हेतु पीताम्बर, स्वर्णाभूषण का प्रयोग विद्या एवं धर्म हेतु शुभ।
शुक्रवार (Friday) – शुभ रंग: सफेद, इंडिगो
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: शुक्र हेतु शुभ्रवस्त्र, चांदी, सुंदर वस्त्रों का प्रयोग विवाह व ऐश्वर्य हेतु शुभ।
शनिवार (Saturday) – शुभ रंग: नीला, काला, जामुनी
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: शनि हेतु श्यामवर्ण, नीलवर्ण वस्त्र, लोहे अथवा काले धातु के प्रयोग से दोषशमन होता है।
रविवार (Sunday) – शुभ रंग: बैंगनी
➡️ शास्त्रीय संदर्भ: सूर्योपासना हेतु रक्तवर्ण, नारंगी एवं
बैंगनी वस्त्र आत्मबल वृद्धि करते हैं।
लग्न अनुसार वस्त्र, आभूषण, चूड़ी – शास्त्रीय संदर्भ सहित
लग्न |
वस्त्र रंग |
आभूषण प्रकार |
चूड़ी रंग |
शास्त्रीय प्रमाण |
मेष |
लाल, नारंगी |
सोने के आभूषण |
लाल |
मंगल स्वामी होने से तामसिक रंगों व स्वर्ण प्रयोग शुभ। |
वृष |
सफेद, हल्के रंग |
चांदी के आभूषण |
सफेद |
शुक्र स्वामी – शांत, स्निग्ध रंग व रजतधातु उपयुक्त। |
मिथुन |
पीला, हरा |
मणि के आभूषण |
पीली |
बुध स्वामी – मणि व हरे पीले वस्त्र से वाक् शक्ति में वृद्धि। |
कर्क |
सफेद, हल्के रंग |
मोती के आभूषण |
सफेद |
चंद्र स्वामी – शांत रंग व मोती से मन स्थिर रहता है। |
सिंह |
केसरिया, लाल |
सोने के आभूषण |
लाल |
सूर्य स्वामी – तेजस्विता हेतु सूर्य वर्ण व सुवर्ण प्रयोग। |
कन्या |
पीला, हरा |
सरल आभूषण |
पीली |
बुध स्वामी – सरलता, अध्ययन में प्रबलता हेतु। |
तुला |
सफेद, गुलाबी |
मोती के आभूषण |
गुलाबी |
शुक्र स्वामी – प्रेम व सौंदर्य वृद्धि हेतु रजस गुणयुक्त रंग। |
वृश्चिक |
लाल, काला |
सोने के आभूषण |
लाल |
मंगल स्वामी – तेजस्वी रंग, कांति वृद्धि में सहायक। |
धनु |
नीला, सफेद |
मोती के आभूषण |
नीली |
गुरु स्वामी – श्वेत, शील व नीले रंग धार्मिक भाव बढ़ाते हैं। |
मकर |
काला, नीला |
चांदी के आभूषण |
नीली |
शनि स्वामी – श्यामवर्ण से ग्रह शांत होते हैं। |
कुम्भ |
हल्के रंग, सफेद |
मोती के आभूषण |
सफेद |
शनि व राहु प्रभाव – मनोबल वृद्धि हेतु श्वेत प्रयोग। |
मीन |
नीला, हरा |
सरल आभूषण |
नीली |
गुरु व चंद्र प्रभाव – शांत सौम्य रंग शुभ।
|
🔶 0१. तिथि के आधार पर (Tithi-wise Use)100%
तिथि |
वस्त्र |
वास्तु |
आभूषण |
चूड़ी |
प्रतिपदा–नवमी |
✅ |
✅ |
✅ |
✅ |
दशमी–द्वादशी |
✅ |
✅ |
✅ |
✅ |
त्रयोदशी–पूर्णिमा |
✅ |
✅ |
✅ |
✅ |
अमावस्या |
❌ |
❌ |
❌ |
❌ |
अष्टमी/चतुर्दशी |
⚠️ |
❌ |
⚠️ |
⚠️ |
0%🔷1. वार के आधार पर (Weekday-wise Use)60%
वार |
वस्त्र |
वास्तु |
आभूषण |
चूड़ी |
रविवार |
✅ (केसरिया/गेरुआ) |
✅ (राजकीय वास्तु हेतु) |
✅ |
✅ |
सोमवार |
✅ (श्वेत/नीला) |
✅ (चंद्र-शीतल कार्य हेतु) |
✅ |
✅ |
मंगलवार |
⚠️ (लाल/गेरुआ ठीक) |
❌ (भूमि/नवगृह कार्य वर्ज्य) |
⚠️ (मंगलिक दोष हो तो वर्ज्य) |
⚠️ |
बुधवार |
✅ (हरा) |
✅ (वाणिज्यिक वास्तु हेतु) |
✅ |
✅ |
गुरुवार |
✅ (पीला) |
✅ (पूजनीय गृह हेतु श्रेष्ठ) |
✅ (स्वर्णाभूषण श्रेष्ठ) |
✅ |
शुक्रवार |
✅ (गुलाबी/सफेद) |
✅ (सौंदर्य/स्त्रियों हेतु वास्तु शुभ) |
✅ (रत्न, चूड़ी, बिंदी आदि) |
✅ |
शनिवार |
⚠️ (नीला/काला) |
❌ (नवगृह कार्य वर्ज्य) |
⚠️ |
⚠️ |
🌟 27 नक्षत्रों में वस्त्र, आभूषण, चूड़ी और वास्तु के शुभ-अशुभ प्रयोग (✔️ = शुभ, ❌ = अशुभ, ⚠️ = मध्यम / सावधानी)70%
🕉️ शास्त्रीय संकेतानुसार:
- शुभ नक्षत्र: ✔️ — नये वस्त्र, गहने, चूड़ियाँ, वास्तु कार्य हेतु श्रेष्ठ
- अशुभ नक्षत्र: ❌ — इन कार्यों में वर्जना या निषेध
- मध्यम नक्षत्र: ⚠️ — शुद्धि या विशेष प्रयोजन पर संभव
नक्षत्र |
वस्त्र |
आभूषण / चूड़ी |
वास्तु |
अश्विनी |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
भरणी |
❌ |
❌ |
❌ |
कृत्तिका |
❌ |
❌ |
❌ |
रोहिणी |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
मृगशिरा |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
आर्द्रा |
❌ |
❌ |
❌ |
पुनर्वसू |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
पुष्य |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
आश्लेषा |
❌ |
❌ |
❌ |
मघा |
❌ |
❌ |
❌ |
पूर्वा फाल्गुनी |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
उत्तर फाल्गुनी |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
हस्त |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
चित्रा |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
स्वाति |
⚠️ |
⚠️ |
⚠️ |
विशाखा |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
अनुराधा |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
ज्येष्ठा |
❌ |
❌ |
❌ |
मूल |
❌ |
❌ |
❌ |
पूर्वाषाढ़ा |
❌ |
❌ |
❌ |
उत्तराषाढ़ा |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
श्रवण |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
धनिष्ठा |
⚠️ |
⚠️ |
⚠️ |
शतभिषा |
❌ |
❌ |
❌ |
पूर्वा भाद्रपद |
❌ |
❌ |
❌ |
उत्तर भाद्रपद |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
रेवती |
✔️ |
✔️ |
✔️ |
📜 श्लोक आधारित संकेत:
"पुष्य रोहिण्यादिषु शुभं वस्त्रधारणम्।" "हस्ते चित्रायां च स्वर्णाभरणधारणे शुभम्।" "आर्द्राश्लेषामूलादिषु तन्निषेधः कथितः।"
(उपयुक्त ज्ञान मुहूर्त चिंतामणि, भद्रबाहु संहिता, ज्योतिष सार, धर्मसिन्धु आदि ग्रंथों से संकलित है
🔸 ३. नक्षत्र के आधार पर (Nakshatra-wise Use)
नक्षत्र |
नाम |
वस्त्र |
वास्तु |
आभूषण |
चूड़ी |
सौम्य |
रोहिणी, पुष्य, श्रवण |
✅ |
✅ |
✅ |
✅ |
मृदु |
मृगशिरा, अनुराधा, रेवती |
✅ |
✅ |
✅ |
✅ |
उग्रह/क्रूर |
भरणी, कृत्तिका, अश्विनी |
⚠️ |
⚠️ |
⚠️ |
⚠️ |
तीक्ष्ण/दारुण |
अर्द्रा, मूल, अश्लेषा |
❌ |
❌ |
❌ |
❌ |
🌟 27 नक्षत्रों में वस्त्र, आभूषण, चूड़ी, वास्तु प्रयोग के योग
नक्षत्र |
वस्त्र |
आभूषण / चूड़ी |
वास्तु आरंभ |
अश्विनी |
शुभ |
शुभ |
शुभ |
भरणी |
वर्जित |
वर्जित |
वर्जित |
कृत्तिका |
अशुभ |
वर्जित |
वर्जित |
रोहिणी |
अति शुभ |
चांदी/मोती शुभ |
शुभ |
मृगशिरा |
शुभ |
सफेद धातु |
शुभ |
आर्द्रा |
निषेध |
रक्तमणि वर्जित |
अशुभ |
पुनर्वसू |
शुभ |
शुभ |
शुभ |
पुष्य |
अति शुभ |
स्वर्ण/मोती विशेष शुभ |
शुभतम |
आश्लेषा |
वर्जित |
चूड़ी वर्जित |
वर्जित |
मघा |
वर्जित |
गहने निषेध |
वास्तु निषेध |
पूर्वा फाल्गुनी |
शुभ |
चूड़ी शुभ |
शुभ |
उत्तर फाल्गुनी |
शुभ |
रत्न धारण योग्य |
शुभ |
हस्त |
शुभ |
चांदी/सोना |
शुभ |
चित्रा |
शुभ |
नवरत्न संभव |
शुभ |
स्वाति |
सावधानी |
मध्यम |
यात्रा हेतु श्रेष्ठ |
विशाखा |
शुभ |
शुभ |
शुभ |
अनुराधा |
शुभ |
शुभ |
शुभ |
ज्येष्ठा |
वर्जित |
माणिक्य निषेध |
वास्तु निषेध |
मूल |
निषेध |
काले वस्त्र निषेध |
वर्जित |
पूर्वाषाढ़ा |
वर्जित |
चूड़ी निषेध |
वर्जित |
उत्तराषाढ़ा |
शुभ |
हल्के रत्न शुभ |
शुभ |
श्रवण |
अति शुभ |
मोती/स्वर्ण शुभ |
शुभतम |
धनिष्ठा |
मध्यम |
लाल वस्त्र सम्भव |
यात्रा हेतु |
शतभिषा |
निषेध |
गहरे रत्न वर्जित |
अशुभ |
पूर्वा भाद्रपद |
वर्जित |
लाल/काले रंग निषेध |
वर्जित |
उत्तर भाद्रपद |
शुभ |
सफेद धातु शुभ |
शुभ |
रेवती |
शुभ |
हल्के गहने शुभ |
शुभ |
***************************************************
तिथि, वार, नक्षत्र अनुसार वस्त्र, आभूषण, चूड़ी के शुभ-अशुभ प्रयोग
यह सारांश शास्त्रीय ग्रंथों जैसे भद्रबाहु संहिता, मुहूर्त चिंतामणि, धर्मसिंधु आदि
पर आधारित है।
यहाँ प्रमुख तिथि, वार, और नक्षत्र के अनुसार वस्त्र, आभूषण, चूड़ी के शुभ-अशुभ प्रयोग दिए गए हैं।
✔️ - शुभ, ❌ - अशुभ, ⚠️ - सावधानी से उपयोग करें।
तिथि |
वार (दिन) |
नक्षत्र |
वस्त्र (रंग/प्रकार) |
आभूषण |
चूड़ी |
अमावस्या |
मंगलवार |
रोहिणी |
लाल ✔️ |
सोना ✔️ |
लाल ✔️ |
पूर्णिमा |
शुक्रवार |
मृगशिरा |
सफेद ✔️ |
चांदी ✔️ |
सफेद ✔️ |
द्वितीया |
सोमवार |
पुनर्वसू |
हरा ⚠️ |
मणि ⚠️ |
हरी ⚠️ |
तृतीया |
गुरुवार |
पूर्वा फाल्गुनी |
नीला ✔️ |
मोती ✔️ |
नीली ✔️ |
चतुर्थी |
शनि |
उत्तर फाल्गुनी |
पीला ✔️ |
पन्ना ✔️ |
पीली ✔️ |
पंचमी |
रविवार |
हस्त |
सुनहरा ✔️ |
मुक्ता ✔️ |
सुनहरा ✔️ |
षष्ठी |
मंगलवार |
चित्रा |
लाल ✔️ |
लाल पत्थर ✔️ |
लाल ✔️ |
सप्तमी |
बुध |
स्वाति |
सफ़ेद ⚠️ |
चांदी ⚠️ |
सफ़ेद ⚠️ |
अष्टमी |
गुरुवार |
विशाखा |
नीला ✔️ |
नीला पत्थर ✔️ |
नीला ✔️ |
नवमी |
शुक्रवार |
अनुराधा |
हरा ✔️ |
पन्ना ✔️ |
हरा ✔️ |
दशमी |
शनिवार |
ज्येष्ठा |
काला ❌ |
काला ❌ |
काला ❌ |
एकादशी |
रविवार |
मूल |
काला ❌ |
काला ❌ |
काला ❌ |
द्वादशी |
सोमवार |
पूर्वाषाढ़ा |
नीला ❌ |
नीला ❌ |
नीला ❌ |
त्रयोदशी |
मंगलवार |
उत्तराषाढ़ा |
सफ़ेद ✔️ |
सफेद ✔️ |
सफेद ✔️ |
चतुर्दशी |
बुध |
श्रवण |
हरा ✔️ |
हरा ✔️ |
हरा ✔️ |
पूर्णिमा |
गुरुवार |
धनिष्ठा |
सुनहरा ⚠️ |
सुनहरा ⚠️ |
सुनहरा ⚠️ |
अमावस्या |
शुक्रवार |
शतभिषा |
काला ❌ |
काला ❌ |
काला ❌ |
प्रथमा |
शनिवार |
पूर्वा भाद्रपद |
लाल ❌ |
लाल ❌ |
लाल ❌ |
द्वितीया |
रविवार |
उत्तर भाद्रपद |
सफेद ✔️ |
सफेद ✔️ |
सफेद ✔️ |
तृतीया |
सोमवार |
रेवती |
नीला ✔️ |
नीला ✔️ |
नीला ✔️ |
************************
📚 1. शास्त्रीय ग्रंथ और प्रमाण (वस्त्र, आभूषण, चूड़ी के प्रथम प्रयोग हेतु)
🪔 (क) भृगु संहिता :
श्लोक:
"शुभे दिवसे शुभे नक्षत्रे शुभवर्णवसानभूषिताः।
धर्मार्थकाममोक्षार्थं वस्त्राणि प्रतिपद्यन्ते॥"
अर्थ:
शुभ दिन, शुभ नक्षत्र, शुभ रंग और आभूषणों सहित जब वस्त्र धारण किए जाएँ, तब वे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के साधक बनते हैं।
🪔 (ख) भद्रबाहु संहिता
श्लोक:
"वारनक्षत्रतिथीनां संयोगे शुभमुत्तमम्।
नवानां वसनानां च प्रथमे धारणे शुभम्॥"
अर्थ:
वार, तिथि और नक्षत्र के शुभ संयोग पर नये वस्त्र या आभूषण का प्रथम प्रयोग विशेष शुभ होता है।
🪔 (ग) निरणयसिन्धु
श्लोक:
"वस्त्रालंकारसंसर्गे शुभनक्षत्रसंयुतम्।
युक्तं च शुभकाले च प्रारम्भः सर्वसिद्धिदः॥"
अर्थ:
वस्त्र और आभूषण का प्रयोग यदि शुभ नक्षत्र और शुभ मुहूर्त में किया जाए, तो कार्य में सफलता मिलती है।
🪔 (घ) मनोसागरी
श्लोक:
"शुभदिने शुभवस्त्रं धारयित्वा नरः शुभम्।
नववस्त्राणि यत्रैव तत्र लक्ष्मी स्थिरा भवेत्॥"
अर्थ:
शुभ दिन शुभ वस्त्रों का प्रयोग करने वाला व्यक्ति सुख-समृद्धि प्राप्त करता है; नये वस्त्र में लक्ष्मी स्थायी होती हैं।
🪔 (ङ) महाभारत - अनुशासन पर्व
श्लोक:
"अलङ्कारः पुरुषस्य भूषणं न तु केवलम्।
कालोऽपि यत्र संगतः शुभं तत्र न संशयः॥"
अर्थ:
आभूषण केवल श्रृंगार नहीं, बल्कि शुभता के प्रतीक हैं; यदि उनका प्रयोग उचित समय पर हो, तो वे मंगलदायक होते हैं।
🪔 (च) रामायण – अयोध्या काण्ड
संदर्भ:
भरत को राम की खड़ाऊ प्राप्त होने के समय सीता द्वारा नया वस्त्र और आभूषण पहनाकर विदा किया गया —
"शुभ वस्त्र भूषण परिधान कर, लक्ष्मीवत् शोभित हुई सीता"
अर्थ:
नये वस्त्र-आभूषण सिर्फ सौंदर्य नहीं, प्रतीक होते हैं विशेष भाव, मंगल कार्य, या शक्ति के।
🧿 उपसंहार / सार-संक्षेप
विषय | शास्त्रीय संदेश |
---|---|
वस्त्र | शुभ दिन, शुभ नक्षत्र और शुभ तिथि में नये वस्त्र धारण करने से लक्ष्मी की कृपा स्थिर होती है। |
आभूषण | रत्न, मोती, स्वर्ण-चांदी का उपयोग दिन/लग्न अनुसार किया जाए, तो भाग्य वृद्धि होती है। |
चूड़ी | चूड़ी (मुख्यतः स्त्रियों हेतु) रंग और धातु के अनुसार मानसिक संतुलन और वैवाहिक सुख बढ़ाती है। |
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