मुख्य वृक्षों का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व, पूजन विधि, एवं संबंधित ग्रंथों में उल्लेख Religious and Astrological Significance of Major Trees, Worship Method, and
📜 पवित्र ग्रंथों में वृक्षों का महत्व 📜
भारतीय सनातन संस्कृति में वृक्षों का विशेष स्थान रहा है, जिसका उल्लेख वेदों, उपनिषदों, पुराणों एवं अन्य ग्रंथों में मिलता है। वृक्षों को देवतुल्य माना गया है, और उनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। यहाँ विभिन्न ग्रंथों में उल्लिखित वृक्षों के महत्व के कुछ प्रमाण दिए जा रहे हैं—
🌳 वेदों में वृक्षों का महत्व 🌳
1. ऋग्वेद (Rigveda)
🔹 ऋग्वेद 10.97.5
📜 "वनस्पतिं वनस्पते शतवल्शोऽसि, शतस्याक्षस्य धारय:।"
👉 अर्थ: हे वनस्पति! तू सैकड़ों शाखाओं वाला है, तू सौ आंखों की तरह (सर्वदर्शी) है, हमें आरोग्य प्रदान कर।
2. अथर्ववेद (Atharvaveda)
🔹 अथर्ववेद 5.4.3
📜 "अश्वत्थो देवसदनं चैत्यमलमलम्, तस्मिन्यः शरणं ब्रूते स मुक्तो भवति द्विजः॥"
👉 अर्थ: पीपल देवताओं का निवास स्थान है, जो इसकी शरण में आता है, वह मोक्ष प्राप्त करता है।
📖 पुराणों में वृक्षों का महत्व 📖
1. स्कंद पुराण (Skanda Purana)
🔹 स्कंद पुराण, काशी खंड
📜 "अश्वत्थमेकं पिचुमन्दमेकं, न्यग्रोधमेकं दशतुल्यवृक्षम्।"
👉 अर्थ: एक पीपल का वृक्ष, एक नीम का वृक्ष और एक वट वृक्ष दस सामान्य वृक्षों के बराबर पुण्य देने वाले हैं।
2. पद्म पुराण (Padma Purana)
🔹 पद्म पुराण, सृष्टि खंड
📜 "यस्य तुलसीं गृहे नित्यं पूज्यते सदा। तस्य गृहे न जायन्ते दरिद्रव्याधिपीडिताः॥"
👉 अर्थ: जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहाँ दरिद्रता और रोग नहीं आते।
3. विष्णु पुराण (Vishnu Purana)
🔹 विष्णु पुराण 3.8.15
📜 "वृक्षाणां पतयः सर्वे पूज्याः पूजाविधानतः। यः पूजयति धर्मात्मा स याति परमां गतिम्॥"
👉 अर्थ: समस्त वृक्ष पूजनीय हैं, जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा करता है, वह परमगति को प्राप्त होता है।
📚 महाभारत और रामायण में वृक्षों का वर्णन 📚
1. महाभारत (Mahabharata)
🔹 महाभारत, वनपर्व
📜 "शमी शमयते पापं शमी शत्रुविनाशिनी। अर्जुनस्य धनुर्धारि रामस्य प्रियदर्शिनी॥"
👉 अर्थ: शमी वृक्ष पापों को शांत करता है, शत्रुओं का नाश करता है। अर्जुन और श्रीराम को प्रिय है।
2. रामायण (Ramayana)
🔹 रामायण, अरण्यकांड
📜 "वनं तत् शोभते राजन् पुष्पितैः विविधैः द्रुमैः।"
👉 अर्थ: हे राजन! यह वन विभिन्न प्रकार के पुष्पित वृक्षों से सुशोभित है।
Religious and Astrological Significance of Major Trees, Worship Method, and References in Scriptures1. पीपल (Ficus Religiosa)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- स्कंद पुराण – पीपल को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना गया है।
- विष्णु पुराण – यह वृक्ष देवगुरु बृहस्पति से संबंधित है।
- गरुड़ पुराण – पीपल जल अर्पण से पितृ दोष निवारण होता है।
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पूजन दिन: शनिवार और
अमावस्या
🌕 पूजन महीना: वैशाख, कार्तिक
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
✅ लाभ: पितृ दोष निवारण, शनि ग्रह शांति, मानसिक शांति
2. बरगद (Ficus Benghalensis)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- महाभारत – इस वृक्ष को दीर्घायु और संतान सुख का प्रतीक बताया गया है।
- स्कंद पुराण – वट सावित्री व्रत में पूजन अनिवार्य।
- पद्म पुराण – बरगद का पूजन अक्षय पुण्य देने वाला बताया गया है।
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पूजन दिन: वट सावित्री
पूर्णिमा
🌕 पूजन महीना: ज्येष्ठ
(मई-जून)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ वटाय नमः"
✅ लाभ: संतान सुख, दीर्घायु, सौभाग्य वृद्धि
3. नीम (Azadirachta Indica)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- अथर्ववेद – नीम को आरोग्य प्रदायक बताया गया है।
- आयुर्वेद ग्रंथ चरक संहिता – रोग नाशक और वात-पित्त दोष दूर करने वाला।
- स्कंद पुराण – नीम की पूजा रोग निवारण के लिए की जाती है।
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पूजन दिन: रविवार
🌕 पूजन महीना: चैत्र
(मार्च-अप्रैल)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ: रोग नाश, शुद्ध पर्यावरण, मंगल दोष निवारण
4. तुलसी (Ocimum Sanctum)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- पद्म पुराण – तुलसी को मोक्षदायिनी बताया गया है।
- विष्णु पुराण – भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है।
- गरुड़ पुराण – तुलसी पत्र से भगवान को जल अर्पण करने से पाप नाश होता है।
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पूजन दिन: एकादशी, कार्तिक मास
में प्रतिदिन
🌕 पूजन महीना: कार्तिक
(अक्टूबर-नवंबर)
🪔 दीपक: तिल के तेल या घी का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ तुलस्यै नमः"
✅ लाभ: मोक्ष प्राप्ति, ग्रह शांति, सकारात्मक ऊर्जा
5. बेल (Aegle Marmelos)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- शिव पुराण – बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
- अथर्ववेद – यह स्वास्थ्यवर्धक एवं रोगनाशक है।
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पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र: "ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ: शिव कृपा, रोग नाश, मानसिक शांति
6. शमी (Prosopis Cineraria)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- महाभारत – अर्जुन ने अपने शस्त्र शमी वृक्ष में छुपाए थे।
- रामायण – विजय प्राप्ति के लिए शमी पूजन का वर्णन।
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पूजन दिन: विजयादशमी
🌕 पूजन महीना: आश्विन
(सितंबर-अक्टूबर)
🪔 दीपक: सरसों के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ शं शनैश्चराय नमः"
✅ लाभ: शनि दोष निवारण, विजय प्राप्ति
7. आम (Mangifera Indica)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- वेदों में उल्लेख – आम के पत्ते शुभ एवं पूजन में आवश्यक।
- रामायण – भगवान राम के वनवास में आम वृक्ष का उल्लेख।
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पूजन दिन: गुरुवार
🌕 पूजन महीना: वैशाख
(अप्रैल-मई)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ ब्रह्माय नमः"
✅ लाभ: बुध ग्रह शांति, संतान सुख, घर में सुख-शांति
8. कदंब (Neolamarckia Cadamba)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- श्रीमद्भागवत पुराण – भगवान श्रीकृष्ण की लीला इस वृक्ष से जुड़ी है।
- स्कंद पुराण – यह शुभता का प्रतीक माना गया है।
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पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
✅ लाभ: बुध दोष निवारण, व्यापार वृद्धि, विद्या प्राप्ति
9. चंपा (Plumeria)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- देवी भागवत – चंपा पुष्प मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है।
- स्कंद पुराण – सौभाग्य एवं वैवाहिक सुख के लिए उपयोगी।
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पूजन दिन: शुक्रवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र: "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"
✅ लाभ: शुक्र दोष निवारण, सौभाग्य, सुख-शांति
10. आक (Calotropis)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- शिव पुराण – आक के पुष्प भगवान शिव को अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।
- अथर्ववेद – आक का पौधा नकारात्मक ऊर्जा नष्ट करता है।
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पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र: "ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ: रोग निवारण, शत्रु बाधा नाश 11. अशोक (Saraca Asoca)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- रामायण – देवी सीता अशोक वाटिका में थीं।
- स्कंद पुराण – अशोक वृक्ष को शोक नाशक बताया गया है।
- अथर्ववेद – इसे मानसिक शांति प्रदान करने वाला वृक्ष माना गया है।
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पूजन दिन: मंगलवार एवं
चैत्र नवरात्रि
🌕 पूजन महीना: चैत्र
(मार्च-अप्रैल)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः"
✅ लाभ:
- शोक एवं मानसिक तनाव नाश
- वैवाहिक जीवन में सुख
- मंगल दोष निवारण
12. नागकेसर (Mesua Ferrea)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- महाभारत – इस वृक्ष के फूल अत्यंत शुभ माने गए हैं।
- पद्म पुराण – लक्ष्मी पूजन में उपयोगी।
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पूजन दिन: शुक्रवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र:
"ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"
✅ लाभ:
- धन-वैभव की वृद्धि
- शुक्र ग्रह दोष निवारण
13. पारिजात (Nyctanthes Arbor-Tristis)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- भागवत पुराण – इसे स्वर्ग से प्राप्त दिव्य वृक्ष माना गया है।
- महाभारत – भगवान श्रीकृष्ण ने इसे इंद्र से प्राप्त किया था।
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पूजन दिन: बृहस्पतिवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
✅ लाभ:
- बृहस्पति दोष निवारण
- आध्यात्मिक उन्नति
14. केला (Musa)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- विष्णु पुराण – भगवान विष्णु को अर्पित होता है।
- स्कंद पुराण – गुरुवार को पूजन करने से गुरु ग्रह शांत होते हैं।
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पूजन दिन: गुरुवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ बृं बृहस्पतये नमः"
✅ लाभ:
- बृहस्पति दोष निवारण
- सुख-समृद्धि वृद्धि
15. अनार (Punica Granatum)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- अथर्ववेद – इसे रोग नाशक एवं स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है।
- स्कंद पुराण – शक्ति पूजन में अनार के फूल अर्पित होते हैं।
🛕
पूजन दिन: मंगलवार
🌕 पूजन महीना: चैत्र
(मार्च-अप्रैल)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
✅ लाभ:
- मंगल दोष निवारण
- रोग एवं नकारात्मक ऊर्जा नाश
16. लोध्र (Symplocos Racemosa)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- अथर्ववेद – इसे सौंदर्य वर्धक बताया गया है।
- आयुर्वेद ग्रंथ चरक संहिता – त्वचा रोगों के लिए लाभकारी।
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पूजन दिन: शुक्रवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र:
"ॐ श्रीं सौंदर्याय नमः"
✅ लाभ:
- शुक्र ग्रह शांति
- सौंदर्य एवं आकर्षण वृद्धि
17. अर्जुन (Terminalia Arjuna)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- महाभारत – अर्जुन इस वृक्ष के नाम पर ही प्रसिद्ध हुए।
- अथर्ववेद – हृदय रोग नाशक।
🛕
पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: वैशाख
(अप्रैल-मई)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ:
- हृदय रोग निवारण
- साहस एवं आत्मविश्वास वृद्धि
18. गुड़हल (Hibiscus)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- देवी भागवत पुराण – माँ काली को अर्पित किया जाता है।
- स्कंद पुराण – शक्ति पूजा में विशेष महत्व।
🛕
पूजन दिन: शनिवार
🌕 पूजन महीना: आश्विन
(सितंबर-अक्टूबर)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: दक्षिण
🕉 मंत्र:
"ॐ क्रीं कालीकायै नमः"
✅ लाभ:
- शनि ग्रह शांति
- शत्रु नाश
19. शाल (Shorea Robusta)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- रामायण – श्रीराम ने शाल वन में समय बिताया था।
- महाभारत – शाल वृक्ष को बल एवं धैर्य का प्रतीक माना गया है।
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पूजन दिन: मंगलवार
🌕 पूजन महीना: माघ
(जनवरी-फरवरी)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ रामाय नमः"
✅ लाभ:
- मंगल दोष निवारण
- साहस एवं आत्मविश्वास वृद्धि
20. कचनार (Bauhinia Variegata)
📜 संबंधित ग्रंथ:
- अथर्ववेद – रोग निवारण के लिए उपयोगी।
- स्कंद पुराण – इसे महादेव का प्रिय वृक्ष बताया गया है।
🛕
पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: फाल्गुन
(फरवरी-मार्च)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र:
"ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ:
- रोग एवं नकारात्मक ऊर्जा नाश
- आध्यात्मिक उन्नति
📚 प्राचीन ग्रंथ जहां वृक्षों का उल्लेख मिलता है:
- ऋग्वेद – वृक्षों का आध्यात्मिक महत्व
- यजुर्वेद – विभिन्न वृक्षों की औषधीय एवं पूजन विधियां
- अथर्ववेद – वृक्षों के रोगनाशक गुण
- स्कंद पुराण – वृक्षों की पूजा से जुड़े नियम
- विष्णु पुराण – धार्मिक अनुष्ठानों में वृक्षों का उपयोग
1️⃣ पीपल (Ficus Religiosa)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – पीपल को 'वृक्षों का
राजा' कहा गया है।
✅ अथर्ववेद – इसे सभी
रोगों का नाश करने वाला बताया गया है।
✅ स्कंद पुराण – पीपल की जड़
में ब्रह्मा, तने में विष्णु, और पत्तों
में शिव का वास माना गया है।
✅ विष्णु
पुराण – इसे अश्वत्थ
वृक्ष कहा गया है, जिसमें
भगवान विष्णु स्वयं निवास करते हैं।
🛕
पूजन दिन: शनिवार एवं
अमावस्या
🌕 पूजन महीना: कार्तिक
(अक्टूबर-नवंबर)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
✅ लाभ:
- शनि दोष निवारण
- वंश वृद्धि एवं संतान सुख
- धन, समृद्धि, एवं मानसिक शांति
2️⃣ वट वृक्ष (Ficus Benghalensis)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – इसे
दीर्घायु प्रदान करने वाला वृक्ष माना गया है।
✅ अथर्ववेद – वट वृक्ष की
छाल औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
✅ स्कंद पुराण – इसे वट
सावित्री व्रत में पूजनीय माना गया है।
✅ विष्णु
पुराण – भगवान
विष्णु इसे 'अखण्ड ऊर्जा
का प्रतीक' कहते हैं।
🛕
पूजन दिन: वट सावित्री
व्रत (ज्येष्ठ पूर्णिमा)
🌕 पूजन महीना: ज्येष्ठ
(मई-जून)
🪔 दीपक: तिल के तेल का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ वटाय नमः"
✅ लाभ:
- वैवाहिक जीवन में सुख
- लंबी आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य
- गुरु ग्रह दोष निवारण
3️⃣ बेल (Aegle Marmelos)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – बेलपत्र को
भगवान शिव के प्रिय पत्रों में से एक बताया गया है।
✅ अथर्ववेद – इसका फल एवं
पत्तियां पाचन और त्वचा रोगों में लाभकारी हैं।
✅ स्कंद पुराण – बेलपत्र से
शिवलिंग का अभिषेक करने का महत्व बताया गया है।
✅ विष्णु
पुराण – इसे पवित्र
एवं मोक्षदायक माना गया है।
🛕
पूजन दिन: सोमवार
🌕 पूजन महीना: श्रावण
(जुलाई-अगस्त)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर
🕉 मंत्र:
"ॐ नमः शिवाय"
✅ लाभ:
- शिव कृपा प्राप्ति
- मानसिक शांति एवं मोक्ष
- त्वचा रोग एवं पाचन शक्ति सुधार
4️⃣ आम (Mangifera Indica)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – आम के
पत्तों से यज्ञ एवं हवन किया जाता है।
✅ अथर्ववेद – इसे जीवनी
शक्ति बढ़ाने वाला बताया गया है।
✅ स्कंद पुराण – इसे शुभता
एवं समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
✅ विष्णु
पुराण – आम के फल को
भगवान विष्णु को अर्पित करने की परंपरा है।
🛕
पूजन दिन: रविवार
🌕 पूजन महीना: चैत्र
(मार्च-अप्रैल)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ श्रीं विष्णवे नमः"
✅ लाभ:
- ग्रह दोष निवारण
- संतान सुख
- स्वास्थ्य एवं समृद्धि
5️⃣ तुलसी (Ocimum Sanctum)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – तुलसी को
स्वास्थ्य वर्धक बताया गया है।
✅ अथर्ववेद – इसे
संक्रामक रोगों को रोकने वाला औषधीय पौधा माना गया है।
✅ स्कंद पुराण – तुलसी विवाह
का महत्व बताया गया है।
✅ विष्णु
पुराण – तुलसी को
भगवान विष्णु की प्रिय देवी माना गया है।
🛕
पूजन दिन: एकादशी एवं
कार्तिक मास
🌕 पूजन महीना: कार्तिक
(अक्टूबर-नवंबर)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: उत्तर-पूर्व
🕉 मंत्र:
"ॐ तुलस्यै नमः"
✅ लाभ:
- घर में पवित्रता एवं सकारात्मक ऊर्जा
- रोगों से रक्षा
- पाप नाश एवं मोक्ष प्राप्ति
6️⃣ कदंब (Neolamarckia Cadamba)
📖 संबंधित ग्रंथ:
✅ यजुर्वेद – कदंब वृक्ष
का छाया में बैठना मानसिक शांति देता है।
✅ अथर्ववेद – इसे सुगंधित
एवं औषधीय गुणों से युक्त बताया गया है।
✅ स्कंद पुराण – भगवान कृष्ण
की लीलाओं का प्रमुख वृक्ष है।
✅ विष्णु
पुराण – भगवान
श्रीकृष्ण का प्रिय वृक्ष बताया गया है।
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पूजन दिन: बुधवार
🌕 पूजन महीना: भाद्रपद
(अगस्त-सितंबर)
🪔 दीपक: घी का
📍 दिशा: पश्चिम
🕉 मंत्र:
"ॐ गोविंदाय नमः"
✅ लाभ:
- बुध ग्रह दोष निवारण
- संतान सुख एवं बुद्धि वृद्धि
- आध्यात्मिक उन्नति
📚 प्राचीन ग्रंथ जहां वृक्षों का उल्लेख मिलता है:
- ऋग्वेद – वृक्षों का आध्यात्मिक महत्व
- यजुर्वेद – विभिन्न वृक्षों की औषधीय एवं पूजन विधियां
- अथर्ववेद – वृक्षों के रोगनाशक गुण
- स्कंद पुराण – वृक्षों की पूजा से जुड़े नियम
- विष्णु पुराण – धार्मिक अनुष्ठानों में वृक्षों का उपयोग
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