किन तिथियों को शिव पूजा फल शीघ्र-
प्रत्येक महीने में भी शिवजी की अष्टमी या चतुर्दशी तिथि को पूजा ,संध्या या रात्रि काल में करने से (सावन के माह में सोमवार भी )आपत्ति-विपत्ति निराकृत एवं सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं ।
मनोकामना पूर्ति के लिए
कहाँ पूजाकरने पर शीघ्र फल- शिवलिंग-
घर की तुलना मे,पीपल, वट या बेलपत्र वृक्ष के नीचे या ज्योतिर्लिंग,स्वयं स्थापित लिंग,नर्मदा,गंगा के किनारे या तीर्थ स्थल पर शिव पूजा शीघ्र फल दायिनी होती है।
पार्थिव उत्तम शिवलिंग, पारद शिवलिंग का पूजन अथवा नर्मदेश्वर शिवलिंग का पूजन विशेष उपयोगी होता है।
इच्छा या मनोकामना के लिए किस वस्तु से शिवजी का पूजन करें -
(संदर्भ-शिव एवम अन्य पुराण )
अ-पुष्प,पत्ती ,फल अर्पण कर मनोकामना पूर्ण करे-
1- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कमल बिल्वपत्र ' सतपत्र और शंख पुष्प से शिव पूजन करने से धन में वृद्धि या संचय होता है। सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं।
2- उच्च पद या राज्य रोजगार या राजनीतिक पद के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा कमल बिल्वपत्र ' सतपत्र और शंख पुष्पी के पुष्पों से की जाना चाहिए ।
3-शिव शंखपुष्पी के पुष्पों से पूजन करने से लोक और परलोक दोनों में सुधार होता है।
प्रत्येक महीने में भी शिवजी की अष्टमी या चतुर्दशी तिथि को पूजा ,संध्या या रात्रि काल में करने से (सावन के माह में सोमवार भी )आपत्ति-विपत्ति निराकृत एवं सर्व कामनाएं पूर्ण होती हैं ।
मनोकामना पूर्ति के लिए
कहाँ पूजाकरने पर शीघ्र फल- शिवलिंग-
घर की तुलना मे,पीपल, वट या बेलपत्र वृक्ष के नीचे या ज्योतिर्लिंग,स्वयं स्थापित लिंग,नर्मदा,गंगा के किनारे या तीर्थ स्थल पर शिव पूजा शीघ्र फल दायिनी होती है।
पार्थिव उत्तम शिवलिंग, पारद शिवलिंग का पूजन अथवा नर्मदेश्वर शिवलिंग का पूजन विशेष उपयोगी होता है।
इच्छा या मनोकामना के लिए किस वस्तु से शिवजी का पूजन करें -
(संदर्भ-शिव एवम अन्य पुराण )
अ-पुष्प,पत्ती ,फल अर्पण कर मनोकामना पूर्ण करे-
1- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कमल बिल्वपत्र ' सतपत्र और शंख पुष्प से शिव पूजन करने से धन में वृद्धि या संचय होता है। सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं।
2- उच्च पद या राज्य रोजगार या राजनीतिक पद के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा कमल बिल्वपत्र ' सतपत्र और शंख पुष्पी के पुष्पों से की जाना चाहिए ।
3-शिव शंखपुष्पी के पुष्पों से पूजन करने से लोक और परलोक दोनों में सुधार होता है।
4-बेल पत्र और कमल पुष्प से पूजन से रोजगार,राज्य उच्च पद प्राप्त होता है ।
5-कारागार से मुक्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष विधान है ।
6-रोगी व्यक्ति को पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना चाहिए ।
7- विद्या प्राप्ति के लिए भी पार्थिव शिवलिंग श्रेष्ठ माने गए हैं परंतु इसमें घी अर्पित करना चाहिए या घी से अभिषेक करना चाहिए।
5-कारागार से मुक्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष विधान है ।
6-रोगी व्यक्ति को पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना चाहिए ।
7- विद्या प्राप्ति के लिए भी पार्थिव शिवलिंग श्रेष्ठ माने गए हैं परंतु इसमें घी अर्पित करना चाहिए या घी से अभिषेक करना चाहिए।
8-मुकदमे आदि में विजय
के लिए कमल पुष्प श्रेष्ठ माने गए हैं।
9- यश प्राप्ति के लिए या वाहन प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग 1000 हो जिनकी पूजा करने से फल प्राप्त होता है।
10- ज्ञान या विद्या या प्रतियोगिता में सफलता के लिए कमल पुष्प से पूजन करने का विधान है।
11- दीर्घायु की अभिलाषा रखने वालों को दूर्वा से उनका उनकी पूजा करना चाहिए।
12- पुत्र की अभिलाषा वालों को धतूरे के फूलों से पूजा करना चाहिए।
13-लाल डंठल वाला धतूरा यश के लिए।
14-कनेर के पुष्प रोगों को समाप्त करते हैं।
15 बंधुक या गुल दुपहरिया के पुष्प से रत्न आभूषण की प्राप्ति होती है ।
16-चमेली के पुष्प से पूजन करने से वाहन सुख प्राप्त होता है ।
17-अलसी के फूलों से विष्णु जी की प्रियता।
17- शमी के पत्तों से चिंता मुक्ति,मोक्ष प्राप्त होता है ।
17-अविवाहित पुरुष को-बेला के पुष्प अर्पित करने से शुभ लक्षणों परिवारिक पत्नी प्राप्त प्राप्त होती है।
18-जूही के फूल से पूजा करने से धन धान्य पर अन्नपूर्णा की कृपा रहती है।
19- कनेर के पुष्प से वस्त्र एवं संपदा भी प्राप्त होती है ।
20-सेंदुवारी या शेफालिका के फूल से मन में निर्मलता कोमल का आध्यात्मिक स्थिति बढ़ती है।
21-विल्बपत्र से पूजन करने से कामनाओं की प्राप्ति होती है।
22- हरसिंगार के फूल पूजा करना सुख संपत्ति में वृद्धि करता है ।
23-राई के फूल से पूजा करने से विरोधी शत्रु का अनिष्ट होता है।
24- अखंड चावल जो टूटे हुए ना हो उनको चढ़ाने से लक्ष्मी की वृद्धि होती है ।
25-तिलों के द्वारा भगवान की पूजा करने से पाप एवं कष्ट तथा आकस्मिक हानि नष्ट होकर कल्याण होता है।
26- राइ से शिवपूजन शत्रु विनाशक कहा गया है ।
27-अरहर की पत्तियों से पूजन करना विशेष कामनाओं की पूर्ति कारक है।नाना प्रकार के सुखों के लिए अरहर की पत्तियां विशेष उपयोगी है
28- काली मिर्च से पूजा करना शत्रु का नाष्ठक है ।
9- यश प्राप्ति के लिए या वाहन प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग 1000 हो जिनकी पूजा करने से फल प्राप्त होता है।
10- ज्ञान या विद्या या प्रतियोगिता में सफलता के लिए कमल पुष्प से पूजन करने का विधान है।
11- दीर्घायु की अभिलाषा रखने वालों को दूर्वा से उनका उनकी पूजा करना चाहिए।
12- पुत्र की अभिलाषा वालों को धतूरे के फूलों से पूजा करना चाहिए।
13-लाल डंठल वाला धतूरा यश के लिए।
14-कनेर के पुष्प रोगों को समाप्त करते हैं।
15 बंधुक या गुल दुपहरिया के पुष्प से रत्न आभूषण की प्राप्ति होती है ।
16-चमेली के पुष्प से पूजन करने से वाहन सुख प्राप्त होता है ।
17-अलसी के फूलों से विष्णु जी की प्रियता।
17- शमी के पत्तों से चिंता मुक्ति,मोक्ष प्राप्त होता है ।
17-अविवाहित पुरुष को-बेला के पुष्प अर्पित करने से शुभ लक्षणों परिवारिक पत्नी प्राप्त प्राप्त होती है।
18-जूही के फूल से पूजा करने से धन धान्य पर अन्नपूर्णा की कृपा रहती है।
19- कनेर के पुष्प से वस्त्र एवं संपदा भी प्राप्त होती है ।
20-सेंदुवारी या शेफालिका के फूल से मन में निर्मलता कोमल का आध्यात्मिक स्थिति बढ़ती है।
21-विल्बपत्र से पूजन करने से कामनाओं की प्राप्ति होती है।
22- हरसिंगार के फूल पूजा करना सुख संपत्ति में वृद्धि करता है ।
23-राई के फूल से पूजा करने से विरोधी शत्रु का अनिष्ट होता है।
24- अखंड चावल जो टूटे हुए ना हो उनको चढ़ाने से लक्ष्मी की वृद्धि होती है ।
25-तिलों के द्वारा भगवान की पूजा करने से पाप एवं कष्ट तथा आकस्मिक हानि नष्ट होकर कल्याण होता है।
26- राइ से शिवपूजन शत्रु विनाशक कहा गया है ।
27-अरहर की पत्तियों से पूजन करना विशेष कामनाओं की पूर्ति कारक है।नाना प्रकार के सुखों के लिए अरहर की पत्तियां विशेष उपयोगी है
28- काली मिर्च से पूजा करना शत्रु का नाष्ठक है ।
विशेष- चंपा और केवड़ा छोड़कर सभी पुष्प भगवान को समर्पित किए जा सकते
हैं।
ब-अनवरत धारा से पूजा-
ब-अनवरत धारा से पूजा-
पूजा करते समय अर्थात उनके ऊपर अनवरत जलधारा अभिषेक शिव के मंत्र-रूद्र ;
महारुद्र द्वारा या मृत्युंजय मंत्र द्वारा करने से मनोकामना
पूर्ति होती है ।
1-सुख संतान की वृद्धि के लिए जल की धारा विशेष उपयोगी है ।
2-संतान के लिए-घी की धारा से अभिषेक करने पर वंश की वृद्धि होती है ।
3-दूध और शक्कर
मिश्रित से धारा से
अभिषेक करने पर बुद्धि में वृद्धि होती है।
4-शरीर में रोग उत्पन्न होना, क्लेश होना इसके लिए
दूध की धारा से समस्त कष्ट
एवं दुख दूर हो जाते हैं ।
5-शत्रु के नाश के लिए तेल की धारा से अभिषेक करना चाहिए ।
6-सुगंधित तेल की धारा
से भोग और ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं।
7- गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर आनंद प्रसन्नता प्राप्ति होती है
8- गंगाजल की धारा से भोग और मोक्ष दोनों फल प्राप्त होते हैं।
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