किस रंग की राखी आपको भाग्य सफलता स्वास्थ्य ज्ञान सुप्रसिद्ध देगी- सनातन हिंदू धर्म तथा जैविक वैदिक पूजा अर्चना अधिकारियों में रंगों का विशेष महत्व है क्योंकि नवग्रहों के अपने-अपने रंग हैं और उनके रंग के प्रभाव से अथवा उनकी रचनाओं से निकलने वाले प्रभाव से कोई अछूता नहीं है। इसलिए रक्षाबंधन जैसे सामाजिक एवं वैदिक पर्व के अवसर पर यदि हम यजमान या अपने भाई की रक्षा प्रगति या कल्याण चाहते हैं तो उनको उनकी राशि या उनके प्रचलित नाम के प्रथम अक्षर के अनुसार ही रक्षा सूत्र बांधा जानाचाहिए। यदि रक्षा सूत्र धागे से निर्मित नहीं है तो किसी धातु का हो तो पीला एवं सफेद रंग महत्वपूर्ण एवं बाजार में राखी के रूप में उपलब्ध होता है। - Aries मेष राशि - चू,चे,चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.
मेष
राशि - विद्यार्थियों या प्रतियोगी परीक्षा वालों के लिए नारंगी, भाग्य वर्धक पीला रंग एवं स्वास्थ्य
यश प्रतिष्ठा के लिए लाल रंग की राखी उपयोगी सिद्ध होगी।
Tarusवृष राशि -
ई, उ,ए, ओ, वा,वी, वू,वे, वो.
- वृषभ राशि - विद्या ज्ञान प्रतियोगिता के लिए हरे रंग,भाग्य के लिए नीली रंग तथा स्वास्थ्य, यश के लिए सफेद रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी ।
Geminiमिथुन राशि - का, की, कू,घ,ड,छ,के, को, ह.
-मिथुन राशि के लिए विद्या ज्ञान प्रतियोगिता लेखन अथवा पत्रकार या लेखा कार्य से संबंध /जुड़े वर्ग के लिए सफेद रंग तथा भाग्य वृद्धि के लिए बाधा दूर करने के लिए नीले रंग की राखी एवं यश प्रतिष्ठा स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्धि के लिए हरे रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी।
Cancerकर्क राशि - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू,डे,डो.
- कर्क राशि के लिए लेखन से संबंधित जुड़ा वर्ग लेखा, विद्वता, विद्या से संबंधित वर्ग तथा विद्यार्थी आदि के लिए गहरे लाल रंग की राखी ,भाग्य के लिए या प्रगति के लिए पीली रंग की राखी एवं स्वास्थ्य प्रतिष्ठा के लिए श्वेत या नारंगी या केसरिया रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी Leo सिंह राशि 🐅 - मा, मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू, टे. -सिंह राशि के लिए विद्या ज्ञान प्रतियोगिता लेखन लिखा आदि के लिए पीली ,भाग्य के लिए गहरी लाल रंग की राखी एवं स्वास्थ्य संस्था के लिए नारंगी, गुलाबी, केसरिया रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी।
कन्या राशि🏻♀️- टो,प,पी, पू,ष,ण,ठ,पे, पो.
-कन्या राशि के लिए विद्या ज्ञान प्रतियोगिता लेखन, लेखा कार्य वालों के लिए नीले रंग की, भाग्य के लिए गहरी लाल रंग की एवं स्वास्थ्य प्रतिष्ठा के लिए हरे रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी।
Libra तुला राशि - रा, री, रू,रे, रो, ता,ती, तू, ते.
-तुला राशि वालों के लिए विद्या प्रतियोगिता लेखन लिखा आदि या उससे जुड़े आजीविका वालों के लिए नीली बैंगनी जामुनी रंग की, भाग्य प्रगति एवं बाधाएं दूर करने के लिए हरे रंग की राखी तथा स्वास्थ्य प्रतिष्ठा के लिए सफेद या फिरोजी रंग की राशि विशेष उपयोगी सिद्ध होगी ।
Scorpioवृश्चिक राशि -
तो, ना, नी,नू,ने, नो, या, यी,यू.
-वृश्चिक राशि -विद्या ,ज्ञान ,प्रतियोगिता, लेखन लेखा पत्रकार आदि के लिए पीले रंग की, भाग्य प्रगति विपत्ति दूर करने के लिए हरी,यश प्रसिद्धि एवं स्वास्थ्य के लिए नारंगी या सफेद रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी |
Sagittariusधनु राशि - ये, यो, भ,भी, भू, ध,फ,ढ,भे.
-धनु राशि के लिए ज्ञान प्रतियोगिता लेखन लेखा आदि कार्य से जुड़े वर्ग के लिए गहरे लाल रंग की, भाग्य प्रगति एवं सफलता के लिए नारंगी या गुलाबी रंग की ,स्वास्थ्य यश प्रतिष्ठा के लिए पीले रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी |
Capriconमकर राशि - भो,जा, जी, खी,खू,खे, खो, ग,गी.
-मकर राशि के लिए लेखन ,लेखा ,ज्ञान पत्रकार ,कोचिंग ,पठन -पाठन आदि के लिए फिरोजी , सफेद रंग या बहुरंगी राखी विशेष उपयोगी होगी , बाधा , आपत्ति विपत्ति दूर करना या भाग्य वृद्धि के लिए हरे रंग की, स्वास्थ्य यश प्रतिष्ठा के लिए नीली बैंगनी जामुनी रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होंगी.
Aquraiusकुंभ राशि - गू, गे,गो, सा, सी, सू,से, सो, द.
- कुंभ राशि के लिए लेखन ,लेखा ,ज्ञान ,विद्या ,प्रतियोगिता आदि क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए हरे रंग की आपत्ति विपत्ति विघ्न बाधाएं दूर करने की दृष्टि से या भाग्य वर्धक सफेद या बहुरंगी राखी तथा स्वास्थ्य प्रतिष्ठा सुख शांति के लिए नीले रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी. - Piscesमीन राशि - दी, दू,थ,झ,ञ,दे, दो, चा,ची
मीन
राशि के लिए लेखन लेखा ज्ञान प्रतियोगिता पठन वाचन प्रवचन से जुड़े वर्ग के लिए
नारंगी या सफेद रंग, भाग्य
प्रगति धन संचय आदि के लिए गहरे लाल रंग की तथा स्वास्थ्य यश प्रतिष्ठा के लिए
पीले रंग की राखी विशेष उपयोगी सिद्ध होगी।
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श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें : १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे । २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए । ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं । श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते किस तिथि की श्राद्ध नहीं - १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चाहिए । पिता जीवित हो तो, गया श्राद्ध न करें । २. मां की मृत्यु (सौभाग्यवती स्त्री) किसी भी तिथि को हुईं हो , श्राद्ध केवल
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