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पाकिस्तान आक्रमक:?, क्या होगा उसका हाल ?

अगस्त-अक्तूबर=हश्र

पाकिस्तान बुधवार के दिन
13 अगस्त 1947 रात्रि 23:30 पर अस्तित्व मे आया | कराची इसका प्रमुख स्थल माना गया |
कुंडली-
पाकिस्तान की जन्म कुंडली का लग्न मेष ,वृषभ राशि पर राहु, मिथुन राशि पर चंद्र मंगल ,कर्क राशि पर सूर्य बुध शुक्र शनि ,शनि उपग्रह गुलिक,सिंह राशि पर प्राणपद, तुला राशि पर गुरु ,वृश्चिक पर केतु ,धनु राशि पर धूम राहु का उपग्रह एवं कर्क राशि पर शनि का ग्रह गुलिक विराजित है |
कुंडली ग्रह का विश्लेषण-
राहु दूसरे भाव में मारक स्थान है | वृषभ राशि का उच्च अभिलाषी। अधिक बली है इसका नवम भाव पर प्रभाव या दृष्ट 81% है।  पांचवा भाव भी बलि है इस पर भी  प्रतिशत दृष्टि  है | राहु दशम भाव भी बलि है 86% दृष्टि है |राहु मिथुन  में उच्च का माना जाता है। राहू विच्छेदक ग्रह ,आकस्मिक घटना वाला ,कुटिल ,असत्य,स्वार्थी |
कुप्रभाव- आर्थिक मंत्रालय, राज्य की बचत, बैंक बेलैंस, रिजर्व बैंक की निधि या धन व आर्थिक मामलोंमे |
लग्नेश मंगल तीसरे भाव में है | लग्नेश मंगल शत्रु राशि में है |अष्टमेश का स्वामी एवं भाग्य भाव पर प्रभाव डाल रहा है |
गोचर  के कुप्रभाव- परिवहन, टेलीकम्युनिकेशन, पोस्टल सर्विसेज, और अन्य देशों के साथ संधियों का विखंडन |
चंद्र चतुर्थ भाव का स्वामी होकर ,राशि से12 भाव में स्थित है । साहस एवं पहल करने की अद्भुत क्षमता प्रदान करता है ।चंद्रमा पुष्कर नवमांश में है|
आकस्मिक एवं पूर्ण सहयोग मित्र वर्ग से विजयप्रद |
जबकि नवांश पर दृष्टिपात करें तो सिंह लग्न में केतु एवं कुंभ लग्न में राहु
कुंडली के ग्रहों की अशुभ ग्रह स्थिति-
-चतुर्थेश चंद्र अपने घर से से 12वे भाव  में |
-सूर्य अपनी राशि से 12वे भाव  में |
-बुध तृतीयेश एवं षष्ठेश दूसरे एवं ग्यारहवें भाव पर प्रभाव डाल रहे हैं |
-शनि दशम एकादश भावेश शत्रु के साथ है |
-शुक्र द्वितीयेश, सप्तमेश,शत्रु राशि पर एवं सूर्य के साथ अपनी राशि से तीसरा दसवां भाग्य |
-गुरु शत्रु राशि मे और अपने भाव से 11वां है|
गोचर पर दृष्टि :शनि इस लग्न का विशेष अकारक |
जन्मकालिक या जन्मकुंडली मे ग्रह से शनि मकर राशि पर कुप्रभाव -
 1-सूर्य से सातवां शनि अशुभ स्थिति बना रहा है |यह राज्य एवं रोजगार दोनों --क्षेत्र में स्थिरता एवं बाधा उत्पन्न करेगा | अपयश आरोप कारक है| 2- बुध शुक्र से सातवां शनि – विदेश संबंधों में बिखराव एवं व्यापार में गिरावट का संकेतक है | आर्थिक विपन्नता,अपयश,
3-जन्मकालिन गुरु से चौथे स्थान पर गोचर में शनि चौथा है|
यह स्पष्ट रूप से निम्न वर्ग या निम्न कर्मी वर्ग से, अनैतिक कर्मी हानि एवं भूमि का नाश ,भाग्य बाधा दर्शा रहा है | जनता को कष्ट पीड़ा, आंतरिक आंदोलन, आय का अभाव,राज्य हानि,प्रभुत्व मे कमी |
- कैबिनेट, आंतरिक एवं विदेशी मामले, यात्रा, जनता के साथ संबंध, व्यापार एवं संधि आदि की स्थिति विकट बनेगी । जनता के व्यवहार आरोप,आक्रोश,एवं हुरू ग्रह धर्म का भी कारक हे इसलिए धर्मज्ञ मुल्ला मौलवी भी सायोग नहीं करेंगे । राष्ट्र में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा
-यदि पाकिस्तान ने कुछ दुस्साहस जो उसको मंगल एवं चंद्रमा पहल करने में साहस प्रदान करते हैं तो उसको भूमि का नाश स्पष्ट रूप से होना त है जब तक कि मकर राशि पर है ।
जन्म कुंडली में स्थित ग्रह सूर्य ,शनि, बुध,शुक्र से शनि का 7वे ,मकर राशि पर होना निश्चित रूप से पाकिस्तान के लिए अति कठिनाई पूर्ण रहेगा |
-राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधन, माइंस, सार्वजनिक इमारतें, फसलें, जमीन, शांति, राजनीतिक स्थिरता, प्राकृतिक आपदा, कानून व्यवस्था, घर व अन्य समुदायों से सद्भाव की कमी को दर्शा रहा  है।
चंद्र मंगल जो उसको दुस्साहस एवं साहस पूर्ण पहल करने की शक्ति देते हैं |
(यदि उसका प्रयोग पाकिस्तान द्वारा किया गया तो भूमि संपदा का नाश या भूमि के हानि स्पष्ट रूप से होना तय है। )
-चतुर्थ स्थान पर शनि का उपग्रह गुलिक एवं भाग्य स्थान पर राहु का उपग्रह धूम की स्थिति भी स्पष्ट रूप से यह दर्शा रही है कि मकरस्थ शनि भारी परेशानी, पाकिस्तान को निश्चित रूप से बड़ी हानि एवं दीनता की स्थिति में खड़ा करने को तत्पर है |
साहसिक पहल एवं नेतृत्व परिवर्तन,आंतरिक विरोध आंदोलन का संभावित समय -
1-सामान्य सिद्धांत से भी जन्म राशि एवं नाम राशि के आधार पर ,पाकिस्तान के लिए अक्टूबर अगस्त एवं जून माह कभी भी निर्णय के लिए उचित नहीं है | सर्वाधिक नेतृत्व  परिवर्तन एवं उसके द्वारा गलत निर्णय लिए जाएंगे जो उसके लिए हितकारी ही सिद्ध होंगे |
इसमें सूर्य की स्थिति विशेष रूप से जन्म कालिक चंद्रमा एवं नाम से अशुभ स्थिति में होती है |
2-पाकिस्तान के द्वारा जब भी कोई दुस्साहस पहल या आंतरिक परिवर्तन होंगे तो इस बात की संभावना होगी कि माह की 6 से 20 तारीख तक होगी |
3- कृष्ण पक्ष घटना प्रधान ,द्वितीय,सप्तमी,विशेष द्वादशी तिथि होगी| |
4-पाकिस्तान में आंतरिक आंदोलन एवं उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण ,यूद्ध्क स्थिति नाने वाला सर्वाधिक प्रमुख दिन  / अशुभ मंगलवार या रविवार का दिन ही होगा |
दशा फल- साहसिक पहल बनाम युद्ध या आंतरिक ,जनधन हानि,नेतृत्व संकट देश पर संकट |
काल चक्र एवं पदनाधांश दशा आधार (राशि दशा सूक्ष्म श्रेष्ठ सटीक ,ग्रह दशा महत्वपूर्ण नहीं –मेरा मत) -
1--लग्न कुंडली मे –,वृष मे कन्या ,(राशि दशा मे )अंतर्दशा के अनुसार-
17 अगस्त-29 अगस्त; 06 अक्तूबर-18 अक्तूबर |
काल चक्र दशा मे तुला मे मेष फरवरी 2021 तक अशुभ |
2-कर्म कुंडली ,मे अर्थात कर्मफल के दुष्परिणाम का समय – पदनाधांश दशा आधार-
20 जुलाई से 04 अगस्त;19 अगस्त से 18 सितंबर ;06 अक्तूबर से 18 अक्तूबर |

3- भाग्य कुंडली की दशा मे 27 जून से 6 जुलाई ; 24 अगस्त से 18 सितंबर;02 दिसंबर से -27 दिसंबर; विशेष-8-10 एवं 12-18 जुलाई |


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