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राशि भविष्य 2020-7 अगस्त 06:57: से 9 अगस्त19:06:;

राशि भविष्य 2020-7 अगस्त 06:57: से 9 अगस्त19:06:;
सभी राशि के लिए - स्नान ,दान ,ग्रह,नक्षत्र के मंत्र से कष्ट आने से रोके |

07अगस्त--

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ॥ ॐ अजैकपदे नम:।
पुष्पदंतनाथ प्रार्थना|
न जल मे मिलाएँ  सौभाग्य वृद्धि के लिए नदी या तीर्थ जल,पिपरामुल,जायफल ,केसर,चंदन ,हल्दी, |
      बाधा मुक्ति के लिए दान- चावल ,चांदी मिश्री ,सफेद पुष्प, दही ,सफेद वस्त्र, सफेद चंदन, सुगंधित द्रव्य(सफ़ेद गाय को |
(दान किसे दे - सफ़ेद गाय कन्या या देवी मंदिर) |

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08अगस्त-
स्नान जल मे मिलाएँ  सौभाग्य वृद्धि के लिए काले तिल, लोबान ,
       बाधा मुक्ति के लिए दान-उरद,तिल,लोभान,काला,वस्त्र,,नीले पुष्प,(काली गाय,वृद्ध,सेवक,कनिष्ठ)
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥ ॐ अहिर्बुधन्याय नम:

 

मुनि सुव्रतनाथ प्रार्थना|
09अगस्त-
- स्नान जल मे मिलाएँ  कनेर पुष्प ,केस,खस, इलायची ,
       दान-गुड,लाल,वस्त्र,पुष्प, तांबा नारंगी वस्तु,लाल चन्दन कनेर लाल पुष्प,(लाल गाय,(लाल गाय ,सूर्य मंदिर, 10 वर्ष तक के बच्चे,विष्णु,कृष्ण)
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ॥ ॐ पूषणे नम:
ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ।
ऊँ ह्रीं अर्हं सूर्य ग्रहारिष्ट निवारक।
 श्री पद्म प्रभु जिनेन्द्राय नमः सर्वशांतिं कुरू कुरू स्वाहा।
1-*To be Consumed for success-
 सफलता के लिए,घर से प्रस्थान के समय क्या खाये –
दिनांक 04-खिचड़ी-
दिनांक 05-घी;
दिनांक –06जौ;
2-*Avoid-( त्याज्य,वर्जित )कष्ट,बाधा से वचाव-
दिनांक के सामने लिखे पदार्थ का भोजन नहीं करिएगा
दिनांक 05-परवल;
दिनांक 04 कद्दू-
दिनांक –06 फल,तिल या इनसे निर्मित पदार्थ;
1-*To be Consumed for success-
 सफलता के लिए,घर से प्रस्थान के समय क्या खाये –
दिनांक –07 हलवा
दिनांक 08खिचड़ी-
दिनांक 0स्वर्ण जल पी कर -;

2-*Avoid-( त्याज्य,वर्जित )कष्ट,बाधा से वचाव-
दिनांक के सामने लिखे पदार्थ का भोजन नहीं करिएगा
दिनांक –07–मूली;
दिनांक 08-फल,खटाई;
दिनांक 09-तैल ;

 

 मेष राशि   - चू,चे,चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ. 
-“यात्राव्यय,विवाद,जोखिम के कार्य एवं मीटिंग,परामर्श लंबित स्थगित रखिए या अतिरिक्त सूझबूझ से समय निकालिए |
आर्थिक दृष्टि से यह समय कठिनाइयों से परिपूर्ण है । खर्चे बढ़ेंगे । अपनी धन सम्पदा का ध्यान रखें क्योंकि आपकी कोई बहुमूल्य वस्तु खो सकती है । अपव्यय से बचें । अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों के प्रति विशेष सचेत रहें क्योंकि संभव है आपको मनवांछित फल न मिले । स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है । इस काल में आँखों में कोई संक्रमण हो सकता है अत: आँखों का विशेष ध्यान रखें । मानसिक रुप से आप व्यथा व बैचेनी अनुभव कर सकते हैं । आप अकर्मण्यता अथवा ईर्ष्या की भावना से भी त्रस्त हो सकते हैं । आप अपने निर्णय लेने में तथा दूसरों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें तथा आवेश में न आएँ ।  अपना सम्मान व प्रतिष्ठा बनाए रखने का विशेष ध्यान रखना पड़ सकता है ।
दिनांक09-प्रशासकीय,योजना,  के वर्ग ,व्यापारिक नए कार्य, यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षरबैठक ,कर्मचारी अधिकारी से विचार-विमर्शजन संपर्क या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
वृष राशि  -  , ,, , वा,वी, वू,वे, वो. 
समग्र दृष्टि से ,ग्रह सर्व सुख शांति सफलता देने के लिए तत्पर हैं  | इस माह इतना अनुकूल समय न मिला है ओर न ही आपको शेष दिनो मे  मिलेगा | प्रत्येक कार्य आपके अनुकूल होगा | 
यह समय आपको अधिक धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक होगा । यदि आप कृषि से सम्बन्धित हैं तो उपज सामान्य से अधिक होगी । आपको अटकी हुई धनराशि भी प्राप्त हो सकती है ।  व्यक्तिगत रुप से यह समय आपको प्रसन्नता, सुख व विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के साथ आनन्ददायक है । परिवार के सदस्यों का मेलमिलाप व पुराने मित्रों के साथ एकत्रित होकर पुनर्मिलन के भी सुअवसर हैं । विवाहित व्यक्तियों के दाम्पत्य सुख की पूर्ण संभावना है । इस पूरे काल में आप मानसिक रुप से प्रसन्न व शान्तचित्त रहेंगे ।
 दिनांक08-प्रशासकीय,योजना,  के वर्ग ,व्यापारिक नए कार्य, यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षरबैठक ,कर्मचारी अधिकारी से विचार-विमर्शजन संपर्क या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

मिथुन राशि   - का, की, कू,,,,के, को, ह. 
         माह की सर्वश्रेष्ठ अवधि का सर्वाधिक ,बिना समय का अपव्यय कर,अधिकतम उपयोग प्रयोग करिए | जिस कार्य को भी प्रारम्भ करेंगे ,उसकी पूर्णता सुनिश्चित समझिए ,फिर नेवाले कई दिन तक निर्णय या कार्य श्री गणेश के लिए सर्वोत्तम समय नहीं मिलेगा |
यह समय इच्छापूर्त्ति, लक्ष्यप्राप्ति तथा सांसारिक व भौतिक सुख प्राप्त करने का है । यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं तो यही उपयुक्त समय है क्योंकि इसमें सफलता निश्चित है । इस काल के अनुकूल होने के कारण आप व आपका परिवार सामान्य रुप से सुखी रहेंगे ।  यह समय आपके कार्यस्थल के लिए भी शुभ है । आप सम्मान, पदोन्नति एवम् प्रशंसा की आशा कर सकते हैं । इस समय आप सत्ता में अधिकारी के पद पर आसीन हो सकते हैं तथा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं । इस विशेष समय में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी ।
  कर्क राशि  - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू,डे,डो. 
भाग्य एवं संतान सुख बाधा विघ्न,बाधा ,कष्ट,स्वागत करने को आतुर हें | अपनी भावनाओ पर नियंत्रण रखिएआपके प्रयासो को सफलता के पंख  लगने ही वाले हैं  | 
यह किसी आशंका का सूचक है। आपको अपने व्यापार अथवा कार्यालय में साधारण दिनों से अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है । पेट की गड़बड़ अथवा छाती का कष्ट हो सकता है अत: स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें । भी है । आप किसी धार्मिक अनुष्ठान अथवा दान जैसा पुण्य कार्य सफलतापूर्वक करेंगे । आपको समाज में प्रसिद्धि भी मिलने की संभावना है ।  शत्रुओं पर विशेष नजर रखें क्योंकि उन्हीं के कारण हानि होने की संभावना है |
सिंह राशि 🐅 - मा, मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू, टे. 
प्रत्येक दृष्टि से बाधक,समय को शांति पूर्वक निकालिए |किसी भी प्रकार के जोखिम या निर्णय का परामर्श नहीं दिया जा सकता |शारीरिक कष्ट,यात्रा एवं वाहन से  कष्ट संभव है |
यह रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों व बाधाओं का द्योतक है । अपने वरिष्ठ व उच्चाधिकारी से कार्यालय में मधुर सम्बन्ध रखें क्योंकि आप उनकी नजरों में गिरना नहीं चाहते । उनसे किसी भी प्रकार की असहमति अथवा विवाद से बचें ।  स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की भी आवश्यकता है । स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें क्योंकि पाचन तंत्र व श्वसन तंत्र में समस्या हो सकती है । व्यर्थ की चिन्ता व भय को पास न फटकने दें |
 विशेष दिनांक 07 अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
कन्या राशि- टो,,पी, पू,,,,पे, पो. 
 । इस समय जीवन में कुछ सकारात्मक परिवर्तन होंगे । यह समय सुख व कार्यों में सफलता का द्योतक है ।  आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए शुभ है ।  यह अवधि आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में भी सहायक होगी । इसके अतिरिक्त नए मित्र, विशेषकर विपरीत लिंग वाले मित्र बनाने हेतु यह समय अनुकूल है । दाम्पत्य जीवन में सुख रहेगा और आपको अपने जीवनसाथी के साथ आमोद-प्रमोद के अवसर भी मिलेंगे । संतान आपके जीवन के सुख में और अधिक वृद्धि करेगी । वर्ष की इस अवधि में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा । मन की शान्ति पुन: प्राप्त होगी । आप स्वयं अपने आप में व परिवार के साथ शान्ति अनुभव करेंगे । इस अवधि को कुल मिलाकर सुख से परिपूर्ण कहा जा सकता है ।
दिनांक08-प्रशासकीय,योजना,  के वर्ग ,व्यापारिक नए कार्य, यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षरबैठक ,कर्मचारी अधिकारी से विचार-विमर्शजन संपर्क या विवादास्पद मामलों मे सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
 तुला राशि  - रा, री, रू,रे, रो, ता,ती, तू, ते. 
      उदर कष्ट संभव है | रोजगार,व्यवसाय मे आशा के अनुरूप सफलता की प्रबल संभावनाएं है | शत्रु वर्ग के विरुद्ध सफलता का उत्तम अवसर है | विवादास्पद मामलों मे प्रयासो के सुपरिणाम अवश्य ही मिलेंगे  |यह समय आगे बढ़ कर लक्ष्य को पकड़ लेने का है क्योंकि आप सफल हो सकते हैं । यह समय आपके लिए आपके हिस्से की प्रतिष्ठा व पहचान पाने का हो सकता है । आप शत्रुओं पर विजय पाएँगे, नए मित्र भी बनाएँगे, विशेष रुप से विरीत लिंग वालों को ।  स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप नीरोग काया का आनन्द उठाएँगे । कुल मिलाकर इस अवधि में आप प्रसन्न रहेंगे ।
विशेष दिनांक 07 अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
वृश्चिक राशि  -  तो, ना, नी,नू,ने, नो, या, यी,यू. 
    आपको अपने द्वारा ली गई जिम्मेदारी अथवा कार्य में निराशा ही हाथ लगेगी ।  ।  अपने कार्य इच्छानुसार पूरे न कर पाने के कारण आप मानसिक रुप से अशांत रहेंगे । जो भी हो आपको इस कटु सत्य को झेलना ही पड़ेगा जबकि आपके मित्रों को मनचाही सराहना मिलेगी, और इस सबसे आप और भी त्रस्त होंगे ।  वित्तीय दृष्टि से भी अपके लिए ये कठिन समय है । आप कुछ रुपया गँवा सकते हैं अथवा आपको हानि हो सकती है अत: धन व्यय करने पर नियंत्रण रखें ।  स्वास्थ्य की ओ सदा से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है । आप पेट की समस्याओं अथवा हवा में व्याप्त कीटाणुओं के संक्रमण से बीमार हो सकते हैं । निराशा जीवन को अकर्मण्य अथवा सुस्त बना सकती है । विशेष सावधानी रहें व कुछ ऐसा न करें जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा अथवा कार्यालय में सम्मान कम हो ।
 विशेष दिनांक 07 -9 अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा 
 धनु राशि   - ये, यो, ,भी, भू, ,,,भे. 
       शारीरिक मानसिक कम से कम पूर्ण मनोयोग से धैर्य,शांति एवं भावनाओं पर नियंत्रण रखिए | सक्रियता , विनियोजन,विपणन ,लेनदेन ,महत्वपूर्ण कार्य लंबित / स्थगितरखना ही श्रेयष्कर होगा |
स्वयं का व परिवार के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना व सावधानी बरतना आवश्यक है । हो सकता है कि आपको पेट की गड़बड़ी व छाती में बैचेनी जैसी समस्याएँ झेलनी पड़े । स्वास्थ्य में गिरावट चिन्ता का विषय बन सकता है । परिवार के किसी सदस्य अथवा सम्बन्धी का स्वास्थ्य चिन्ता का कारण बन सकता है ।  मानसिक रुप से आप अशांत व आस-पास के व्यक्तियों के प्रति सशंकित रह सकते हैं । आप विषाद, व्यर्थ का भय व मानसिक संताप को दूर रखने का भरसक प्रयास करें । अपने आत्मविश्वास पर उस समय विशेष रुप से भरोसा रखें । अपने मानसिक संतुलन को स्थिरता प्रदान करके बनाए रखें ।  आर्थिक दृष्टि से यह कठिन समय है, खर्चे बढ़ सकते हैं और आप द्वारा की गई गलतियाँ कार्य को प्रभावित कर सकती हैं ।
विशेष दिनांक 07 अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
मकर राशि -  भो,जा, जी, खी,खू,खे, खो, ,गी. 
विरोधियों एवं लंबित कार्य मे सफलता मिलेगी |
यह समय धन की दृष्टि से भी सौभाग्यपूर्ण है । बकाया राशि की प्राप्ति, धन की प्राप्ति तथा कार्य के फलस्वरुप आर्थिक लाभ की आप आशा कर सकते हैं ।  घर के लिए भी यह समय सुख से परिपूर्ण है । आपको अति उत्तम भोजन, वस्त्र  मिल सकता है । आपके सामने आने वाली हर परिस्थिति व सम्पन्न किया गया हर कार्य आपको प्रसन्नता देगा । मन में पूर्ण संतोष का साम्राज्य रहेगा । यदि आप पुरुष हैं स्त्री मित्र और स्त्री हैं तो पुरुष बनेंगे और उनके साथ अच्छा समय व्यतीत होगा ।
विशेष दिनांक 07 अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |
कुंभ राशि  - गू, गे,गो, सा, सी, सू,से, सो, द.   
आर्थिक एवं पारिवारिक पक्ष के सुख मे कमी होगी |
यह विशेष रुप से धन की हानि दर्शाता है । इस दौरान आप लोगों से अपने व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें । इन दिनों यदि आप विवाद में भी पड़ें तो वह व्यर्थ में झगड़े का रुप ले सकता है । आपके सम्मान के लिए ये अत्यंत नाजुक दौर है । अपना सम्मान व प्रतिष्ठा बचाए रखें क्योंकि तनिक सी भी असावधानी इन्हें ठेस पहुँचा सकती है ।  कार्यालय में बाधाएं आ सकती हैं मानसिक रुप से भी सदा की भाँति उत्फुल्ल न रहकर असंतोष अनुभव करेंगे । इस समय आँखों पर विशेष ध्यान दें व सतर्कता बरतें । इन दिनों आपको भोजन भी इतना रुचिकर नहीं लगेगा जैसा हमेशा लगता है । बस, जीवन में एक असंतोष सा छाया रहेगा ।
मीन राशि  - दी, दू,,,,दे, दो, चा,ची 
समाचार या प्रिय आत्मीय से मिलन,तथा सुखद स्थितियाँ आनंदित करेंगी |यह आपके जीवन में प्रत्यक्ष रुप से सकारात्मक परिवर्तन लाएगा । उनमें से एक है मन पसन्द इच्छित भोजन का आनन्द ।  आपको शारीरिक सुख-साधन, उत्तम वस्त्र व सुगंध तथा अन्य इच्छित सांसारिक वस्तुएं मिलेंगी। इस समय सर्वोत्तम मित्र व परिचित निश्चित रुप से मिलेंगे । विपरीत लिंग वालों से मित्रता का भी पूर्वाभास है । इस प्रकार के सम्बन्ध आपको शारीरिक एवम् भावनात्मक तुष्टि देंगे । आपके दाम्पत्य जीवन में भी आम दिनों की तुलना में अधिक आनन्द होगा । दाम्पत्य जीवन में आप अपने साथी के प्रेम में वृद्धि की आशा कर सकते हैं ।  इसके अतिरिक्त सौभाग्य, सुख व उच्चतम सम्मान इस अवधि की विशेषता है  आर्थिक रुप से भी यह एक अच्छा समय है । पुराने दिए ऋणों, आर्थिक लक्ष्य प्राप्ति तथा कार्य में उन्नति भी हो सकती है ।
 विशेष दिनांक 07-8अगस्त-को यात्रा,निर्णय,नए कार्य का शुभारंभ , महत्वपूर्ण हस्ताक्षरबैठक , सम्बोधनजन संपर्क या सुझाव , उद्घोषणा आदि स्थगित रखना उचित होगा |

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A- Day, Colors, Number, Month, Gems, Direction
         Person- Doctor, Better half, Boss, Servant. Friends,
         Place-Collage, Institute, Apartment ,City, Area
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दान -क्या ,किसको,किस दिनांक को करे| Gift-which things, To whom, When
-कौन2 से देवता , मंत्र ,आपके कुल के देवता,  God, Godess, Fast day
C किसके साथ जीवन सुखी रहेगा ?
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गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नारंगी एवं लाल रंग के वस्त्र वस्तुओं का विशेष महत्व है। लाल पुष्प अक्षत रोली कलावा या मौली दूध द

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र हो | - क

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन करिये | चंद्रहासोज्

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश पर -