🌑 ७ सितम्बर २०२५ – चन्द्र - ग्रहण प्रभावित क्षेत्र और संभावित प्रभाव
BY PT V.K.TIWARI
(Since 1972) Astrologer,
Panchang Specialist, Vastu Consultant
विशेष सहयोग: Dr. R. Dixit (Vastu);Dr S.Tiwari-Vedik Astrology & Dr shikha
Pandey
ईमेल: triwari.dixitastro@gmail.com
मोबाइल: 9424446706
पिन: 560102
भूमिका (Introduction)
इस दिन भाद्रपद मास,
पूर्णिमा तिथि पर चन्द्र ग्रहण घटित होगा। यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र एवं कुम्भ राशि में घटित होगा।
ग्रहण भारत,
पाकिस्तान,
जापान,
रूस,
अरब देशों,
ऑस्ट्रेलिया आदि में दृश्यमान होगा। जिन देशों में यह प्रत्यक्ष देखा जाएगा,
वहाँ पर इसके प्रभाव २ मार्च २०२६ तक अनुभव किए जाएँगे।
शास्त्रीय महत्त्व (Scriptural Importance)
🔹 बृहत् संहिता
(वराहमिहिर)
–
"ग्रहणे दृष्टमपि यत्र भूमौ तत्रैव फलम्।"
👉 अर्थात
– ग्रहण जिस देश या क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से देखा जाता है,
वहीँ उसके शुभ-अशुभ फल अधिक प्रभावी माने जाते हैं।
🔹 धर्मसिन्धु
–
"ग्रहणं तु फलत्येव दृश्ये देशे विशेषतः।"
👉 अर्थात
– ग्रहण जिस क्षेत्र में दिखाई दे,
वहाँ के राजा,
प्रजा,
कृषि,
अर्थ और राजनीति पर उसका गहरा असर होता है।
राशियों पर प्रभाव (Zodiacal Impact)
• कर्क,
वृश्चिक,
मीन राशि
– मानसिक अशांति,
पारिवारिक असंतोष,
स्वास्थ्य हानि,
जल-तत्व सम्बन्धी कष्ट।
• मेष,
वृषभ,
कन्या,
तुला,
धनु राशि
– शुभ फल,
प्रतिष्ठा वृद्धि,
नये कार्य का प्रारम्भ,
आर्थिक लाभ।
• कुम्भ राशि
– विशेष रूप से प्रभावित,
क्योंकि ग्रहण कुम्भ राशि के पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र में घटित होगा।
नक्षत्रीय प्रभाव (Nakshatra Effects)
• अशुभ प्रभाव
– पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र,
कुम्भ राशि।
• शुभ नक्षत्र जिन पर ग्रहण का सकारात्मक असर पड़ेगा
– भरणी,
रोहिणी,
आर्द्रा,
पुष्य,
अश्लेषा,
पूर्वाफाल्गुनी,
हस्त,
स्वाती,
अनुराधा,
ज्येष्ठा,
पूर्वाषाढ़ा,
श्रवण,
शतभिषा,
उत्तर भाद्रपद,
रेवती।
ग्रहण फल पर शास्त्रीय श्लोक
बृहत संहिता,
अध्याय ५
ग्रहणे चन्द्रस्य यदा तु दोषः
जनाः प्रजाः शस्यफलं द्रव्यमूल्यम्।
राज्ञः प्रकोपं च विपन्नकर्तृन्
सस्येषु वर्षासु च दाहमाशु॥
📖 अर्थ
– जब चन्द्रमा पर ग्रहण लगे,
तब जनसमूह में असंतोष,
अन्न-धान्य का मूल्य-वृद्धि,
राजा का प्रकोप,
कृषि और वर्षा पर विपरीत असर तथा अनपेक्षित विपत्तियाँ सम्भव होती हैं।
यवनाचार्य का मत (Yavana-Charya’s View)
यवनाचार्य ने ग्रहण-फल को कई बार विपरीत या प्रतिकूल बताया है। उनके अनुसार
—
• ग्रहण से उत्पन्न फल हमीशा प्रत्यक्ष अपेक्षित नहीं होता,
बल्कि उल्टा परिणाम भी ला सकता है।
• जहाँ ग्रहण शुभ प्रतीत हो,
वहाँ अप्रत्याशित संकट और जहाँ अशुभ दिखे वहाँ सुधार भी संभव।
✅ निष्कर्ष
७ सितम्बर २०२५ का यह चन्द्र ग्रहण भारत सहित जिन देशों में दिखाई देगा,
वहाँ मार्च २०२६ तक इसके असर रहेंगे।
कर्क,
वृश्चिक,
मीन राशि जातकों को सावधानी रखनी होगी,
जबकि मेष,
वृषभ,
कन्या,
तुला और धनु राशि वालों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
🌑 चन्द्र ग्रहण के समय भोजन व दान नियम
1. भोजन निषेध
- चन्द्र ग्रहण में → ९ घंटे पूर्व से भोजन निषेध है।
- सूर्य ग्रहण में → १२ घंटे पूर्व से भोजन निषेध है।
- यह नियम सामान्य स्वस्थ व्यक्तियों के लिए है।
2. अपवाद
(Exception)
- बालक
(Children), वृद्ध (Old), रोगी
(Sick people) – इनके लिए ग्रहण से केवल १ प्रहर (लगभग ३ घंटे) पूर्व तक भोजन निषिद्ध माना गया है।
- यह छूट इसलिए दी गई है क्योंकि इन वर्गों की सहनशक्ति सामान्य व्यक्तियों से भिन्न होती है।
3. दान नियम
- ग्रहण काल में किया गया दान सहस्रगुना
(1000 गुना) फलदायी कहा गया है।
- ग्रहण के समय किया गया जप, तप, स्नान, दान सामान्य दिनों की तुलना में अनेक गुना फल देता है।
📖 शास्त्रीय प्रमाण (श्लोक)
(i) मनुस्मृति (अध्याय ४, श्लोक ३०)
ग्रहणेष्वथ च सर्वेषु यज्ञदानतपःक्रियाः।
सहस्रगुणितं पुण्यं प्राप्नुवन्ति न संशयः॥
👉 अर्थ – ग्रहण के समय किया गया यज्ञ, दान और तपस्या सहस्रगुना फल देती है।
(ii) याज्ञवल्क्य स्मृति (अध्याय १, श्लोक ९५)
ग्रहणे चान्द्रसूर्याणां द्वादशाष्टौ च संक्युताः।
आहारं परिहर्तव्यं नृणां रोगविनाशनम्॥
👉 अर्थ – सूर्य और चन्द्र ग्रहण में १२ और ८ (घंटे) पूर्व आहार का त्याग करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण → १२ घण्टे पूर्व
- चन्द्र ग्रहण → ८ घण्टे (कुछ ग्रंथों में ९ घंटे) पूर्व
(iii) धर्मसिन्धु
ग्रहणात् पूर्वं षड् घटीकं वृद्धबालरुग्णनाम्।
न्यूनं परिहरेदन्नं न तु स्वस्थजनैः क्वचित्॥
👉 अर्थ – ग्रहण से ६ घटी (लगभग २ घंटे २४ मिनट) पूर्व तक वृद्ध, बालक और रोगी को ही भोजन करने की छूट है, स्वस्थ व्यक्ति को नहीं।
4. निष्कर्ष
- स्वस्थ व्यक्ति → चन्द्र ग्रहण ९ घंटे पूर्व भोजन वर्जित।
- बालक, वृद्ध, रोगी → ३ घंटे (१ प्रहर) पूर्व तक भोजन वर्जित।
- ग्रहण काल में किया गया दान और जप अत्यधिक फलदायी है।
🌑 7 सितम्बर
2025 चन्द्र ग्रहण – शुभ नक्षत्र प्रभाव तालिका
(ग्रहण
से
2 मार्च
2026 तक
मान्य)
जन्म नक्षत्र |
संभावित शुभ प्रभाव |
भरणी |
परिवार में सुख-समृद्धि, संतान से हर्ष, वैवाहिक जीवन में आनंद। |
रोहिणी |
धन लाभ, अचल संपत्ति में वृद्धि, आर्थिक स्थिरता। |
आर्द्रा |
नये कार्यों में सफलता, विदेश या शोध कार्यों से लाभ। |
पुष्य |
पद, प्रतिष्ठा, राज्य/सरकारी कार्यों में प्रगति। |
अश्लेषा |
पारिवारिक विवादों का समाधान, रोग शमन, मानसिक शांति। |
पूर्वाफाल्गुनी |
विवाह व दाम्पत्य सुख, मनोरंजन और कला क्षेत्र में उपलब्धि। |
हस्त |
व्यापार में सफलता, घर में मंगल कार्य, वाणी प्रभावशाली। |
स्वाती |
यात्राओं से लाभ, व्यापार विस्तार, सामाजिक यश। |
अनुराधा |
शत्रुओं पर विजय, मुकदमे/विवाद में सफलता। |
ज्येष्ठा |
कार्यक्षेत्र में अधिकार की प्राप्ति, आय वृद्धि, पारिवारिक बल। |
पूर्वाषाढ़ा |
धर्म-कर्म में रुचि, शिक्षा व भूमि संबंधी कार्यों में लाभ। |
श्रवण |
ज्ञान, विद्या, पूजा-पाठ व धार्मिक उपलब्धि। |
शतभिषा |
रोग नाश, आयु वृद्धि, औषधीय/शोध क्षेत्र में लाभ। |
उत्तरभाद्रपदा |
विवाह एवं यात्रा में सफलता, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद। |
रेवती |
सभी मांगलिक कार्य सिद्ध, यात्राओं से लाभ, संतान व परिवार सुख। |
📖 ग्रंथ-संदर्भ
·
बृहत्संहिता
– ग्रहणाध्याय
·
निर्णयसिन्धु
– ग्रहण
फल
विचार
🌑 7 सितम्बर 2025 चन्द्र ग्रहण – विशेष प्रभाव
- स्थान – कुम्भ राशि, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र।
- प्रभाव क्षेत्र – जिन देशों में ग्रहण दिखाई देगा:
भारत, पाकिस्तान, जापान, रूस, अरब देश, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप का बड़ा भाग, अफ्रीका, एशिया के अधिकांश देश।
🔮 संभावित प्रभाव (Sept 2025 – March 2026 तक)
- अन्न संकट
(Food Crisis)
- कृषि क्षेत्र में अनियमितता।
- अनाज व दालों के दाम बढ़ेंगे।
- सूखा / बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा।
- विरोध एवं युद्ध
(Conflicts & War)
- भारत–पाकिस्तान सीमा पर तनाव।
- रूस–यूरोप ब्लॉक में सैन्य हलचल।
- मध्य-पूर्व (अरब देशों) में आंतरिक विद्रोह।
- संधि
(Treaty / Alliances)
- जापान व एशियाई देशों के बीच नए गठबंधन।
- कुछ देशों के बीच आर्थिक सहयोग समझौते।
- राजनीतिक प्रभाव
(Political Instability)
- सत्ता परिवर्तन या बड़े राजनीतिक विवाद।
- देशों में चुनावी हलचल और आंतरिक संघर्ष।
- आर्थिक-सामाजिक प्रभाव
(Economic-Social Impact)
- मुद्रा बाज़ार में अस्थिरता।
- सोना–चाँदी और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव।
- समाज में असंतोष, विरोध प्रदर्शन, हड़ताल।
🌟 निष्कर्ष
➡️ कुम्भ राशि व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में ग्रहण – यह संकेत देता है कि विश्व में आर्थिक अस्थिरता, राजनीतिक हलचल और सामाजिक अशांति का समय रहेगा।
➡️ जिन देशों में ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देगा (भारत, पाकिस्तान, जापान, रूस, अरब देश, 🟣 बड़े शहर (City Names – अशुभ अक्षर हटाकर)
भारत
- दिल्ली → संघर्ष, प्रशासनिक बाधाएँ
- मुंबई → मानसिक तनाव, भीड़-भाड़, आर्थिक असमानता
- कोलकाता → राजनीतिक कलह, औद्योगिक गिरावट
- चेन्नई → चक्रवात, जल संकट
- बेंगलुरु → यातायात, तकनीकी असंतुलन
पाकिस्तान
- कराची → आतंक, असुरक्षा
- लाहौर → राजनीतिक टकराव
- इस्लामाबाद → अस्थिर नीतियाँ
जापान
- टोक्यो → भूकंप, आपदा
- ओसाका → जलवायु परिवर्तन
- क्योटो → भौगोलिक बाधाएँ
ऑस्ट्रेलिया
- सिडनी → आग, गर्मी
- मेलबोर्न → असमानता, मौसम अस्थिर
- ब्रिस्बेन → जल आपदा
म्यांमार
- यांगून → राजनीतिक अशांति
- नेपीदॉ → प्रशासनिक कमजोरी
सऊदी अरब
- रियाद → उग्रवाद
- जेद्दाह → जलवायु असंतुलन
- मक्का → भीड़, आपदा
- मदीना → अस्थिरता
रूस
- मॉस्को → युद्ध, सत्ता संघर्ष
- सेंट पीटर्सबर्ग → ठंड, अलगाव
चीन
- बीजिंग → प्रदूषण, नियंत्रण
- शंघाई → जलवायु संकट
- ग्वांगझू → औद्योगिक दबाव
दक्षिण कोरिया
- सियोल → युद्ध की आशंका
- बुसान → समुद्री संकट
इंडोनेशिया
- जकार्ता → बाढ़, असुरक्षा
- बाली → ज्वालामुखी, पर्यटन निर्भरता
थाईलैंड
- बैंकॉक → राजनीतिक अस्थिरता
- फुकेट → समुद्री आपदा
यूरोप
- एथेंस → आर्थिक संकट
- रोम → सत्ता अस्थिरता
- इस्तांबुल → भूकंप, विवाद
- सोफिया → कमजोर अर्थव्यवस्था
- बुखारेस्ट → भ्रष्टाचार, अशांति
अफ्रीका
- अदीस अबाबा → युद्ध, अकाल
- नैरोबी → अपराध, अस्थिरता
- दार-एस-सलाम → संघर्ष, गरीबी
महाद्वीप |
देश |
शहर |
संभावित अशुभ प्रभाव |
एशिया |
भारत |
दिल्ली |
संघर्ष, प्रशासनिक बाधाएँ |
एशिया |
भारत |
मुंबई |
मानसिक तनाव, भीड़-भाड़, आर्थिक असमानता |
एशिया |
भारत |
कोलकाता |
राजनीतिक कलह, औद्योगिक गिरावट |
एशिया |
भारत |
चेन्नई |
चक्रवात, जल संकट |
एशिया |
भारत |
बेंगलुरु |
यातायात, तकनीकी असंतुलन |
एशिया |
पाकिस्तान |
कराची |
आतंक, असुरक्षा |
एशिया |
पाकिस्तान |
लाहौर |
राजनीतिक टकराव |
एशिया |
पाकिस्तान |
इस्लामाबाद |
अस्थिर नीतियाँ |
एशिया |
जापान |
टोक्यो |
भूकंप, आपदा |
एशिया |
जापान |
ओसाका |
जलवायु परिवर्तन |
एशिया |
जापान |
क्योटो |
भौगोलिक बाधाएँ |
ऑस्ट्रेलिया |
ऑस्ट्रेलिया |
सिडनी |
आग, गर्मी |
ऑस्ट्रेलिया |
ऑस्ट्रेलिया |
मेलबोर्न |
असमानता, मौसम अस्थिर |
ऑस्ट्रेलिया |
ऑस्ट्रेलिया |
ब्रिस्बेन |
जल आपदा |
एशिया |
म्यांमार |
यांगून |
राजनीतिक अशांति |
एशिया |
म्यांमार |
नेपीदॉ |
प्रशासनिक कमजोरी |
एशिया |
सऊदी अरब |
रियाद |
उग्रवाद |
एशिया |
सऊदी अरब |
जेद्दाह |
जलवायु असंतुलन |
एशिया |
सऊदी अरब |
मक्का |
भीड़, आपदा |
एशिया |
सऊदी अरब |
मदीना |
अस्थिरता |
यूरोप/एशिया |
रूस |
मॉस्को |
युद्ध, सत्ता संघर्ष |
यूरोप/एशिया |
रूस |
सेंट पीटर्सबर्ग |
ठंड, अलगाव |
एशिया |
चीन |
बीजिंग |
प्रदूषण, नियंत्रण |
एशिया |
चीन |
शंघाई |
जलवायु संकट |
एशिया |
चीन |
ग्वांगझू |
औद्योगिक दबाव |
एशिया |
दक्षिण कोरिया |
सियोल |
युद्ध की आशंका |
एशिया |
दक्षिण कोरिया |
बुसान |
समुद्री संकट |
एशिया |
इंडोनेशिया |
जकार्ता |
बाढ़, असुरक्षा |
एशिया |
इंडोनेशिया |
बाली |
ज्वालामुखी, पर्यटन निर्भरता |
एशिया |
थाईलैंड |
बैंकॉक |
राजनीतिक अस्थिरता |
एशिया |
थाईलैंड |
फुकेट |
समुद्री आपदा |
यूरोप |
यूरोप |
एथेंस |
आर्थिक संकट |
यूरोप |
यूरोप |
रोम |
सत्ता अस्थिरता |
यूरोप |
यूरोप |
इस्तांबुल |
भूकंप, विवाद |
यूरोप |
यूरोप |
सोफिया |
कमजोर अर्थव्यवस्था |
यूरोप |
यूरोप |
बुखारेस्ट |
भ्रष्टाचार, अशांति |
अफ्रीका |
अफ्रीका |
अदीस अबाबा |
युद्ध, अकाल |
अफ्रीका |
अफ्रीका |
नैरोबी |
अपराध, अस्थिरता |
अफ्रीका |
अफ्रीका |
दार-एस-सलाम |
संघर्ष, गरीबी |
3 3️⃣ ग्रहण से प्रभावित अक्षर अक्षर समूह संभावित अशुभ प्रभाव क्षेत्र
3️⃣ ग्रहण से प्रभावित अक्षर और संभावित अशुभ प्रभाव
- चु, चे, चो, ला → मानसिक तनाव, यात्रा बाधा
- अ, ई, ऊ, ए → आर्थिक और प्रशासनिक चुनौती
- वे, वो, का, की → स्वास्थ्य, कानूनी मुद्दे
- के, को, हा, ही → भू-राजनीति, व्यापार संकट
- मा, मी, मू, मे → सत्ता संघर्ष, सामाजिक तनाव
- ते, टो, पा, पी → भूमि, संपत्ति विवाद
- पे, पो, रा, री → युद्ध, तकनीकी/यात्रा बाधा
- ती, तू, ते, तो → आर्थिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदा
- ये, यो, भा, भी → हिंसा, अपराध, असुरक्षा
- भे, भो, जा, जी → मौसम, आपदा, व्यापार
- गा, गी, गु, गे → राजनीति, प्रशासनिक अड़चन
- से, सो, दा, दी → जलवायु, सामाजिक संकट
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