सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

2.9.2025 आज के भाग्यशाली समय (Lucky Hours) शुभ कार्य (Auspicious Tasks) व राशि

 


2.9.2025   आज के भाग्यशाली समय (Lucky Hours)  शुभ कार्य (Auspicious Tasks) 🕉भाग्यशाली समय (Lucky Hours) राशि-आधारित कार्य

 (V.K.Tiwari-9424446706; Dr.R .Dixit -Vastu& Dr S.Tiwari.-vaidik astrology ;Tiwaridixitastro@gmail.com;

( HORO/Kundli,Palmistry,Vastu,Baby Name, Lucky Number -Flat.Vechile & Mobile Number- Consult)

सुविचारित व प्रामाणिक मार्गदर्शन — शास्त्र आधारl

Well-Considered & Authentic Guidance — Scriptural Basis

  • “येन लग्ने शुभे कार्यं तेन कार्यं सफलं भवेत्।” (मुहूर्त चिंतामणि)
    If an action is done under an auspicious ascendant, it becomes successful.

  • “अनुकूले शुभे काले कुर्वीत कर्म संयतः।” (कालनिर्णय)
    One should perform actions carefully in auspicious and favorable times.

  • “मूर्तिमान् कार्य-सिद्धिः काल-मुहूर्ताधीनता।” (निर्णयसिन्धु)
    The success of an action depends upon proper timing and Muhurta.

  • “दिवस-रात्र्योः समये निश्चयेन शुभाशुभम्।” (भद्रबाहु संहिता)
    In both day and night, time definitely decides auspiciousness or inauspiciousness.

📅 Auspicious Times Timetable

🔴 Auspicious Time: 09:40 - 11:12

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Diplomacy, negotiation, partnership, law, art, fashion.
वस्त्र पहनना, कृषि, विवाह, व्यापार, यात्रा, पीतल से जुड़ा कार्य

⛔ वर्जनीय | Avoid: Court work, violent decisions.
कोर्ट कार्य, हिंसक निर्णय

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “तुलायां विवाह व्यापारे च शुभः” – Dharma Sindhu

📌 विशेष | Note: Ideal for love, farming, rituals, partnership, law, fashion.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: कर्क, वृषभ, कुंभ, धनु

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, कर्क, कन्या, सिंह, मिथुन, मीन, मकर, वृश्चिक

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ✅, Meeting ✅, Marketing ⚠️, Consultancy ✅, Loan ✅

 

🔴 Auspicious Time: 11:22 - 13:50

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Research, investigation, medicine, occult, transformation.
गूढ़ अध्ययन, चिकित्सा, गुप्त कार्य

⛔ वर्जनीय | Avoid: Marriage, emotional decisions.
विवाह, भावनात्मक निर्णय

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “वृश्चिके रहस्यकर्मणि सिद्धिः” – Ratnakar

📌 विशेष | Note: Great for military, strategy, joining new roles.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: कर्क, वृषभ, मीन, मकर

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: तुला, कन्या, सिंह, मिथुन, मेष, कुंभ, धनु

🎯 Suitability: Educational ⚠️, Interview ✅, Meeting ✅, Marketing ❌, Consultancy ✅, Loan ⚠️

 

🔴 Auspicious Time: 14:10 - 16:00

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Authority, leadership, administration, politics.
शासन, प्रशासन, राजनीति, भूमि संबंधी कार्य

⛔ वर्जनीय | Avoid: Marriage, partnerships.
विवाह, साझेदारी

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “सिंहे राज्यकर्मणि सिद्धिः” – Dharma Sindhu

📌 विशेष | Note: Favorable for government meetings, official orders.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: वृषभ, कन्या, कुंभ, धनु

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, कर्क, मीन, तुला, वृश्चिक, मकर

🎯 Suitability: Educational ⚠️, Interview ✅, Meeting ✅, Marketing ⚠️, Consultancy ✅, Loan ✅

 

🔴 Auspicious Time: 16:30 - 18:00

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Spirituality, rituals, temple visit, pilgrimages.
आध्यात्मिक कार्य, पूजा, यात्रा

⛔ वर्जनीय | Avoid: Financial deals, business contracts.
धन संबंधी कार्य, व्यापार अनुबंध

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “धनुर्मध्ये यात्रायां शुभम्” – Muhurat Martand

📌 विशेष | Note: Good for rituals, temple visit, religious donations.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: मीन, कर्क, तुला, मकर

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ⚠️, Meeting ✅, Marketing ❌, Consultancy ✅, Loan ⚠️

 

🔴 Auspicious Time: 18:01 - 19:01

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Art, music, entertainment, romance.
संगीत, कला, प्रेम, मनोरंजन

⛔ वर्जनीय | Avoid: Court work, debt related work.
कानूनी कार्य, ऋण कार्य

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “कुंभे कलासु सिद्धिः” – Ratnamala

📌 विशेष | Note: Best for arts, culture, creativity, romance.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: वृषभ, मकर, तुला, धनु

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, सिंह, कन्या, वृश्चिक, मीन

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ✅, Meeting ✅, Marketing ✅, Consultancy ✅, Loan ⚠️

 

🔴 Auspicious Time: 21:10 - 22:30

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Travel, exploration, higher education.
यात्रा, शोध, उच्च शिक्षा

⛔ वर्जनीय | Avoid: Marriage, emotional discussions.
विवाह, भावुक वार्तालाप

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “धनुषि यात्रायां जयः” – Dharma Sindhu

📌 विशेष | Note: Good for study, travel, philosophy.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: कुंभ, मकर, वृषभ, तुला

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, कर्क, कन्या, सिंह, मीन, वृश्चिक

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ⚠️, Meeting ✅, Marketing ✅, Consultancy ✅, Loan ⚠️

 

🔴 Auspicious Time: 22:50 - 00:20

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Meditation, spiritual practices.
ध्यान, साधना, योग

⛔ वर्जनीय | Avoid: New ventures, financial investments.
नए कार्य, निवेश

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “मीन राशि ध्यानयोगे सिद्धिः” – Dharma Sindhu

📌 विशेष | Note: Excellent for meditation, fasting, spirituality.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: कर्क, तुला, धनु, मकर

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, सिंह, कन्या, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ❌, Meeting ⚠️, Marketing ❌, Consultancy ✅, Loan ⚠️

 

🔴 Auspicious Time: 00:50 - 02:32

✅ शुभ कार्य | Auspicious Actions: Business, contracts, wealth related works.
व्यापार, अनुबंध, धन संबंधी कार्य

⛔ वर्जनीय | Avoid: Court cases, disputes.
कोर्ट, विवाद

📘 शास्त्रीय आधार | Reference: “वृषभे वित्तकर्मणि जयः” – Muhurat Chintamani

📌 विशेष | Note: Best for money, banking, business growth.

🟢 शुभ राशियाँ | Favorable Rashis: मिथुन, तुला, कुंभ, धनु

🔴 अशुभ राशियाँ | Unfavorable Rashis: मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मीन, मकर

🎯 Suitability: Educational ✅, Interview ✅, Meeting ✅, Marketing ✅, Consultancy ✅, Loan ✅

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

रामचरितमानस की चौपाईयाँ-मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक (ramayan)

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...