🌕 माघ पूर्णिमा महत्त्व, कथा, लाभ और मंत्र 🌕
📖 माघ पूर्णिमा का महत्त्व:
- माघ माह की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व होता है।
- इस दिन गंगा स्नान, दान, और जप-तप करने से अत्यंत पुण्य प्राप्त होता है।
- यह दिन देवताओं और ऋषि-मुनियों को समर्पित होता है।
- पद्म पुराण और महाभारत में माघ पूर्णिमा स्नान और दान की महिमा का वर्णन किया गया है।
- प्रयागराज, हरिद्वार, वाराणसी, उज्जैन जैसे तीर्थ स्थलों पर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- इस दिन भगवान विष्णु, शिव, सूर्य और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
📜 माघ पूर्णिमा व्रत कथा:
पुराणों के अनुसार, एक निर्धन ब्राह्मण धन-समृद्धि पाने के लिए भगवान विष्णु की उपासना करता था। भगवान ने उसे माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान और व्रत करने का आदेश दिया।
ब्राह्मण ने विधिपूर्वक व्रत किया, जिससे उसकी दरिद्रता समाप्त हुई और उसे अपार धन-वैभव की प्राप्ति हुई।
इसके साथ ही यह दिन देवताओं के अमृत प्राप्ति और समुद्र मंथन के समय की स्मृति से भी जुड़ा हुआ है।
🌟 माघ पूर्णिमा के लाभ:
✅ इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।
✅ व्रत और दान से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
✅ भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
✅ इस दिन तिल, अन्न, वस्त्र, कंबल, घी और फल का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
✅ पितरों की शांति के लिए भी यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
📿 माघ पूर्णिमा मंत्र:
🔹 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
🔹 ॐ गंगे हर हर गंगे
🔹 ॐ नमः शिवाय
🔹 ॐ सूर्याय नमः
🙏 इस पावन अवसर पर सभी भक्तजन गंगा स्नान, दान, व्रत और मंत्र जप करके अपने जीवन को सफल बनाएं। हर हर गंगे! 🚩🌿
🌕 माघ पूर्णिमा व्रत कथा एवं पौराणिक महत्व 🌕
📖 माघ पूर्णिमा का पौराणिक महत्त्व
माघ पूर्णिमा का उल्लेख स्कंद पुराण, पद्म पुराण, महाभारत और विष्णु धर्मसूत्र में किया गया है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार, देवता और ऋषि-मुनि इस दिन पृथ्वी पर गंगा स्नान हेतु आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति माघ मास में प्रतिदिन स्नान करता है, वह सभी पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक में स्थान पाता है।
इस दिन गंगा स्नान, दान, यज्ञ, उपवास और जप-तप करने का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु, शिव, सूर्य और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
📜 माघ पूर्णिमा की पौराणिक कथा
1️⃣ समुद्र मंथन और माघ पूर्णिमा का संबंध
पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें से अमृत, विष, और अन्य बहुमूल्य रत्न निकले। देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे अमृत का उचित वितरण करें।
भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत पिलाया। यह घटना माघ मास में पूर्णिमा के दिन घटी थी, इसलिए इस दिन को अमृत प्राप्ति का दिन भी माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से देवताओं के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
2️⃣ राजा दिलीप और माघ स्नान की महिमा
एक अन्य कथा के अनुसार, सूर्यवंशी राजा दिलीप (जो भगवान श्रीराम के पूर्वज थे) को एक बार ऋषियों ने माघ मास में गंगा स्नान करने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रयागराज में जाकर पूरे माघ मास तक गंगा में स्नान किया।
उनके इस पुण्य से उन्हें राज्य, संतान, धन और यश की प्राप्ति हुई। इस कथा के अनुसार, जो भी श्रद्धा से माघ स्नान, दान और व्रत करता है, वह अपने समस्त पापों से मुक्त होकर दिव्य लोकों में जाता है।
3️⃣ ब्राह्मण और भगवान विष्णु की कृपा
एक अन्य कथा के अनुसार, एक निर्धन ब्राह्मण बहुत कष्ट में जीवन व्यतीत कर रहा था। उसने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि उसे दरिद्रता से मुक्ति मिले।
भगवान विष्णु ने उसे माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और व्रत करने का आदेश दिया। ब्राह्मण ने विधिपूर्वक स्नान, दान और पूजा की। इसके बाद उसकी सभी परेशानियाँ समाप्त हो गईं और वह धन-धान्य से संपन्न हो गया।
🌟 माघ पूर्णिमा के लाभ:
✅ गंगा स्नान से मोक्ष प्राप्ति होती है।
✅ दान-पुण्य से पितरों को शांति मिलती है।
✅ भगवान विष्णु, शिव और सूर्य की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
✅ तिल, अन्न, वस्त्र, कंबल, घी और फल का दान अक्षय पुण्य प्रदान करता है।
✅ माघ मास में एक समय भोजन करने से शरीर शुद्ध और स्वस्थ होता है।
📿 माघ पूर्णिमा के विशेष मंत्र:
🔹 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः (भगवान विष्णु के लिए)
🔹 ॐ गंगे हर हर गंगे (गंगा मैया के लिए)
🔹 ॐ नमः शिवाय (भगवान शिव के लिए)
🔹 ॐ सूर्याय नमः (भगवान सूर्य के लिए)
🙏 हर हर गंगे! श्री हरि विष्णु की कृपा सभी पर बनी रहे! 🚩🌿
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें