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Auspicious Timing for Work (February 15-19)फरवरी कार्य के शुभ समय-शुभ लग्न - हजारों दोष समाप्त ,श्रेष्ठ मुहूर्त

 

============ Auspicious Timing for Work (February 15-19)

According to Muhurat Chintamani, a strong and auspicious ascendant eliminates thousands of defects, creating an excellent muhurat.

  📅 February 10-13 - Auspicious Timings for Special Tasks

Abhijit Muhurat: 12:14 PM - 12:50 PM

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🔹 1⃣ Unstable Nature Tasks (for a Fixed Duration)

📅 Auspicious Time: 09:59 AM - 11:15 AM

📝 Tasks: Travel, agreements, new clothes & jewelry, land-related work, risky ventures, tilak, felicitations

🚫 Restricted Zodiac Signs: Virgo, Taurus, Capricorn, Aries, Aquarius

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🔹 2⃣ Unstable Nature Tasks (Related to Service & Writing)

📅 Auspicious Time: 04:09 PM - 05:40 PM

📝 Tasks: Reservoir construction, reputation-related work, painting, writing, creating a CV, service, charity, applications

🚫 Restricted Zodiac Signs: Leo, Sagittarius

 

🔹 3⃣ Stable Nature Tasks (Related to Job & Business)

📅 Auspicious Time: 06:08 PM - 07:42 PM

📝 Tasks: Job applications, marketing, shop-related work, buying & selling clothes, service

🚫 Restricted Zodiac Signs: Capricorn

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🔹 4⃣ Unstable & Stable Nature Tasks (Related to Education & Medicine)

📅 Auspicious Time: 08:15 PM - 09:45 PM

📝 Tasks: Starting education, medicine preparation, academics, auspicious events

🚫 Restricted Zodiac Signs: Gemini, Libra, Aquarius

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🔹 5⃣ Stable Ascendant (For Job & Confidential Work)

📅 Auspicious Time: 12:17 AM - 02:05 AM

📝 Tasks: Tilak, joining a job, secret tasks, service, charity

🚫 Restricted Zodiac Signs: Aries, Sagittarius, Capricorn

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🔹 6⃣ Unstable & Stable Nature Tasks (Related to Animal Husbandry & Agriculture)

📅 Auspicious Time: 02:31 AM - 04:15 AM

📝 Tasks: Animal husbandry, agriculture, yajna

Suitable for all zodiac signs

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🔹 8⃣ Unstable Nature Tasks (Related to Weapons & Water Activities)

📅 Auspicious Time: 04:40 AM - 06:07 AM

📝 Tasks: Weapons, explosives, water-related activities

🚫 Restricted Zodiac Signs: Gemini, Aquarius

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 📌 Conclusion:

According to Muhurat Chintamani, a strong ascendant and favorable planetary alignments eliminate thousands of defects, creating an excellent muhurat.

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📌 मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, बली शुभ लग्न - हजारों दोष समाप्त ,श्रेष्ठ मुहूर्त निर्मित है।

============ फरवरी 16-19 - कार्य के शुभ समय-

📅 फरवरी 10-13 - विशेष कार्यों के लिए शुभ समय

अभिजित -12:14 - से 12:50

🔹 1अस्थिर प्रकृति कार्य (निश्चित समय तक)

📅 शुभ समय: 09:59 - 11:15

📝 कार्य: यात्रा, एग्रीमेंट, नए वस्त्र-आभूषण, भूमि कार्य, जोखिम भरे कार्य, तिलक, अभिनंदन

🚫 निषिद्ध राशियाँ: कन्या, वृष, मकर, मेष, कुम्भ

🔹 2अस्थिर प्रकृति कार्य (सेवा और लेखन संबंधित)

📅 शुभ समय: 16:09 - 17:40

📝 कार्य: जलाशय निर्माण, प्रतिष्ठा, चित्रकला, लेखन, CV बनाना, सेवा, दान, आवेदन

🚫 निषिद्ध राशियाँ: सिंह, धनु

🔹 3स्थिर कार्य (नौकरी एवं व्यापार संबंधित)

📅 शुभ समय: 18:08 - 19:42

📝 कार्य: नौकरी आवेदन, मार्केटिंग, दुकान, वस्त्र क्रय-विक्रय, सेवा

🚫 निषिद्ध राशियाँ: मकर

🔹 4अस्थिर एवं स्थिर कार्य (शिक्षा एवं चिकित्सा संबंधित)

📅 शुभ समय: 20:15 - 21:45

📝 कार्य: विद्यारंभ, औषधि निर्माण, शिक्षा, मंगल कार्य

🚫 निषिद्ध राशियाँ: मिथुन, तुला, कुम्भ

🔹 5स्थिर लग्न (नौकरी एवं गोपनीय कार्य)

📅 शुभ समय: 00:17 - 02:05

📝 कार्य: तिलक, नौकरी ज्वाइन, गुप्त कार्य, सेवा, दान

🚫 निषिद्ध राशियाँ: मेष, धनु, मकर

🔹 6अस्थिर एवं स्थिर कार्य (पशुपालन एवं कृषि)

📅 शुभ समय: 02:31 - 04:15

📝 कार्य: पशुपालन, कृषि, यज्ञ

सभी राशियों के लिए उपयुक्त

🔹 8अस्थिर प्रकृति कार्य (अस्त्र-शस्त्र एवं जल संबंधी कार्य)

📅 शुभ समय: 04:40- 06:07

📝 कार्य: अस्त्र-शस्त्र, बारूद, जल संबंधी कार्य

🚫 निषिद्ध राशियाँ: मिथुन, कुम्भ

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📌 निष्कर्ष:

मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, बलवान लग्न एवं शुभ योगों से हजारों दोष समाप्त कर श्रेष्ठ मुहूर्त निर्मित किया है।

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Reference: The Importance of Lagna (Ascendant) in Muhurta Chintamani

In Muhurta Shastra, the ascendant (Lagna) holds supreme importance. After verifying the Panchanga (Hindu almanac), Lagna Shuddhi (purification of the ascendant) is necessary for any auspicious work. If a strong ascendant and benefic yogas are present, thousands of doshas can be removed.

📌 According to Muhurta Chintamani, in a 24-hour period, only 4 to 8 truly auspicious muhurtas exist, which must be selected based on an individual’s birth chart.


श्रेष्ठ अशुभ दोष मुक्त गणना – मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के सूत्रों के अनुसार मुहूर्त चिंतामणि में शुभ मुहूर्त निर्धारण के लिए दोष मुक्त समय का विशेष उल्लेख किया गया है।
 निम्नलिखित बिंदुओं के अनुसार, श्रेष्ठ और अशुभ दोष मुक्त मुहूर्त का निर्धारण किया जा सकता है:
 १. बली लग्न से दोष निवारण ✅ बली लग्न के बिना कोई भी शुभ कार्य निष्फल हो जाता है। 🔹 सूत्र: "लग्नवीर्यं विना यत्र यत्कर्म क्रियते बुधैः। तत्फलं विलयं याति ग्रीष्मे कुसरिता यथा॥" ✅ बलवान लग्न हो तो सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। 🔹 सूत्र: "सर्वे दोषाः विनश्यन्ति लग्नशुद्धिर्यदा भवेत्।" २. दोष नाशक ग्रह स्थितियाँ ✅ गुरु, शुक्र और बुध दोष नाशक होते हैं। 🔹 यदि गुरु केन्द्र या त्रिकोण में हों, सूर्य 11वें भाव में हों, लग्न या चंद्र वर्गोत्तम हों, तो समस्त दोष समाप्त हो जाते हैं। 🔹 यदि चंद्रमा 11वें भाव में हो, तो नवांश दोष भी समाप्त हो जाता है। 🔹 यदि लग्नेश या नवांशेश 11वें भाव में हो, तो दोष उसी प्रकार नष्ट हो जाते हैं, जैसे अग्नि से रुई का ढेर। ✅ बुध, शुक्र और गुरु की विशेष स्थिति दोषों का नाश करती है। 🔹 सूत्र: "त्रिकोणे केन्द्र वा मदनरहिते दोषशतकं हरेत्सौम्याः। शुक्रो द्विगुणमपि लक्षं सुरगुरु भवेदाये॥" 📌 भावार्थ: • बुध केन्द्र या त्रिकोण में हो तो 100 दोष नष्ट होते हैं। • शुक्र केन्द्र या त्रिकोण में हो तो 1,000 दोष नष्ट होते हैं। • गुरु केन्द्र या त्रिकोण में हो तो 1,00,000 दोष समाप्त हो जाते हैं। ३. शुभ योगों से अशुभ दोषों का नाश -✅ बुध, गुरु, शुक्र यदि केन्द्र या त्रिकोण में हों, तो लुप्त संवत्सर, अयन, ऋतु, रिक्त तिथि, अधिक/क्षय मास, दग्ध तिथि एवं पापग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं 🔹 सूत्र: "अव्दायनर्त्तुतिथि मास भपक्षदग्धतिथ्यन्ध काणवघिरांगमुखाश्च दोषाः। नश्यन्ति विद्गुरु शितेष्विह केन्द्रकोणो तद्वच्च पापविधुयुक्तनवांशदोषः॥" 📌 भावार्थ: यदि बुध, गुरु, शुक्र केन्द्र या त्रिकोण में हों, तो ये सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। निष्कर्ष 📌 मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, बली शुभ लग्न एवं योगों से हजारों दोष समाप्त कर श्रेष्ठ मुहूर्त निर्मित है। संदर्भ ग्रंथ: मुहूर्त चिंतामणि में लग्न मुहूर्त की महत्ता मुहूर्त शास्त्र में लग्न को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। किसी भी शुभ कार्य में पंचांग शुद्धि के बाद लग्न शुद्धि आवश्यक होती है। यदि बलवान लग्न एवं शुभ योग हों, तो हजारों दोषों का नाश संभव है। मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, 24 घंटे में अधिकतम 4 से 8 ही श्रेष्ठ मुहूर्त होते हैं, जो जन्म कुंडली के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। १. बली लग्न से दोष निवारण (अ) बली लग्न के महत्व पर श्लोक 🔹 सूत्र: लग्नवीर्यं विना यत्र यत्कर्म क्रियते बुधैः। तत्फलं विलयं याति ग्रीष्मे कुसरिता यथा॥ 🔹 भावार्थ: यदि बिना बलवान लग्न के कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो उसका फल वैसे ही व्यर्थ हो जाता है, जैसे ग्रीष्म ऋतु में बिना जल की नदी। 🔹 अन्य सूत्र: सर्वे दोषाः विनश्यन्ति लग्नशुद्धिर्यदा भवेत्। 🔹 भावार्थ: जब बलवान लग्न होता है, तो सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। (ब) गुरु, शुक्र और बुध दोष नाशक होते हैं 🔹 श्लोक: केन्द्रे कोणे जीव आये रवी लग्ने चंद्रे वापि वर्गोत्तमे वा। सर्वे दोषा नाशमायन्ति चंद्र लाभे तद्वमुहूर्त्त नवांश दोषाः॥ 🔹 भावार्थ: यदि गुरु केन्द्र या त्रिकोण में हों, सूर्य 11वें भाव में हों, लग्न या चंद्र वर्गोत्तम हों, तो समस्त दोष समाप्त हो जाते हैं। यदि चंद्रमा 11वें भाव में हो, तो नवांश दोष भी समाप्त हो जाता है।

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