सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

02-3-Feb.2025-शुभ मुहूर्त और कार्यों के लिए उपयुक्त समय (Auspicious Muhurat and Suitable Time for Tasks)

 

02-3-Feb.2025-शुभ मुहूर्त और कार्यों के लिए उपयुक्त समय (Auspicious Muhurat and Suitable Time for Tasks)

  1. मेष (Aries)
    • अस्थिर प्रकृति के कार्य (Unstable Tasks)
    • समय: 11:05-12:05 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • यात्रा, समझौते, नया वस्त्र या आभूषण खरीदना
      • खनन, जोखिमपूर्ण कार्य, टिप्पणी या राज्य तिलक, स्वागत, अभिवादन
      • सेना, सुरक्षा, कारागृह, पुलिस से संबंधित कार्य
    • अशुभ: कन्या, वृष, मकर, मेष, कुम्भ, कन्या राशि छोड़कर
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  2. वृष (Taurus)
    • स्थिर कार्य (Stable Tasks)
    • समय: 12:27-14:01 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • स्वागत, अभिवादन, आवेदन, जॉइनिंग, रिज़्युमे
      • जनसंपर्क, शिक्षा, और प्रशासनिक कार्य
      • व्यापार से संबंधित कार्य
    • अशुभ: कन्या, वृष, मकर, मेष, कुम्भ, कन्या राशि छोड़कर
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  3. कर्क (Cancer)
    • अस्थिर कार्य (Unstable Tasks)
    • समय: 17:05-18:20 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • जलाशय निर्माण, शांति कार्य, चित्रकला, लेखन
      • सीवी बनाना, सेवा, सहायता, दान, गिफ्ट वितरण
    • अशुभ: सिंह, धनु राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  4. सिंह (Leo)
    • स्थिर कार्य (Stable Tasks)
    • समय: 07:19-20:40 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • नौकरी आवेदन, वस्तु क्रय-विक्रय, दुकान से संबंधित कार्य
      • आभूषण निर्माण, रस और गन्ने से संबंधित कार्य
    • अशुभ: मकर राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  5. कन्या (Virgo)
    • अस्थिर कार्य (Unstable Tasks)
    • समय: 21:22-22:45 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • ज्ञानारंभ, आभूषण निर्माण, औषधि, शिक्षा, मंगल कार्य
      • यात्रा, व्यापार, यज्ञोपवीत, पशुपालन से संबंधित कार्य
    • अशुभ: मिथुन, तुला, कुम्भ राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  6. तुला (Libra)
    • दैनिक कार्य (Daily Tasks)
    • समय: 23:16-01:00 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • कृषि, यात्रा, व्यापार, मंगल कार्य, यज्ञोपवीत, पशुपालन
      • पीतल की धातु से संबंधित कार्य
    • अशुभ: मीन राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  7. वृश्चिक (Scorpio)
    • अस्थिर कार्य (Unstable Tasks)
    • समय: 01:15-03:01 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • तिलक, गोपनीय कार्य, नौकरी जॉइन, औषधि सेवा
      • आवेदन, रिज़्युमे, गिफ्ट वितरण, दान
    • अशुभ: मेष, धनु, मकर राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  8. धनु (Sagittarius)
    • स्थिर कार्य (Stable Tasks)
    • समय: 03:45-05:11 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • पशु, कृषि, शुभ-मंगल कार्य, जनसंपर्क
      • सैनिक, सुरक्षा, पुलिस से संबंधित कार्य
    • अशुभ: वृष और मकर राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त
  9. मकर (Capricorn)
    • स्थिर कार्य (Stable Tasks)
    • समय: 05:55-07:13 बजे तक
    • उपयुक्त कार्य:
      • कृषि, पशु, अस्त्र-शस्त्र, बारूद, जल से संबंधित कार्य
      • यात्रा, समझौते, नया वस्त्र या आभूषण खरीदना
      • सेना, सुरक्षा, पुलिस से संबंधित कार्य
    • अशुभ: मिथुन, कुम्भ राशि के लिए वर्जित
    • शुभ: अन्य सभी राशियों के लिए उपयुक्त

नोट:

  • प्रत्येक राशि के लिए उपयुक्त कार्यों और समय का पालन करने से आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
  • वर्जित राशियों से बचकर काम करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

Auspicious Muhurat /Suitable Time for Tasks

  1. Aries (Mesha)
    • Unstable Nature of Tasks
    • Time: 11:05 AM - 12:05 PM
    • Suitable Tasks:
      • Travel, making agreements, buying new clothes or jewelry
      • Mining, risk-related tasks, comments or state rituals, welcoming, greetings
      • Military, security, prison, police-related tasks
    • Inauspicious: Virgo, Taurus, Capricorn, Aries, Aquarius
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  2. Taurus (Vrishabha)
    • Stable Tasks
    • Time: 12:27 PM - 2:01 PM
    • Suitable Tasks:
      • Welcoming, greetings, applications, joining, resumes
      • Public relations, education, and administrative tasks
      • Business-related tasks
    • Inauspicious: Virgo, Taurus, Capricorn, Aries, Aquarius
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  3. Cancer (Karka)
    • Unstable Tasks
    • Time: 5:05 PM - 6:20 PM
    • Suitable Tasks:
      • Reservoir construction, peace-related work, painting, writing
      • Making CVs, service, assistance, donations, gift distribution
    • Inauspicious: Leo, Sagittarius
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  4. Leo (Simha)
    • Stable Tasks
    • Time: 7:19 PM - 8:40 PM
    • Suitable Tasks:
      • Job applications, buying and selling items, shop-related work
      • Jewelry making, sugarcane and juice-related tasks
    • Inauspicious: Capricorn
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  5. Virgo (Kanya)
    • Unstable Tasks
    • Time: 9:22 PM - 10:45 PM
    • Suitable Tasks:
      • Beginning of learning, jewelry making, medicine, education, auspicious tasks
      • Travel, business, sacred thread ceremonies, animal husbandry
    • Inauspicious: Gemini, Libra, Aquarius
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  6. Libra (Tula)
    • Daily Tasks
    • Time: 11:16 PM - 1:00 AM
    • Suitable Tasks:
      • Agriculture, travel, business, auspicious tasks, sacred thread ceremonies, animal husbandry
      • Tasks related to brass metal
    • Inauspicious: Pisces
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  7. Scorpio (Vrischika)
    • Unstable Tasks
    • Time: 1:15 AM - 3:01 AM
    • Suitable Tasks:
      • Rituals, confidential work, job joining, medical service
      • Applications, resumes, gift distribution, donations
    • Inauspicious: Aries, Sagittarius, Capricorn
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  8. Sagittarius (Dhanu)
    • Stable Tasks
    • Time: 3:45 AM - 5:11 AM
    • Suitable Tasks:
      • Animal husbandry, agriculture, auspicious tasks, public relations
      • Military, security, police-related tasks
    • Inauspicious: Taurus, Capricorn
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs
  9. Capricorn (Makara)
    • Stable Tasks
    • Time: 5:55 AM - 7:13 AM
    • Suitable Tasks:
      • Agriculture, animal husbandry, weapons, ammunition, water-related tasks
      • Travel, making agreements, buying new clothes or jewelry
      • Military, security, police-related tasks
    • Inauspicious: Gemini, Aquarius
    • Auspicious: Suitable for all other zodiac signs

Note:

  • Following the suitable tasks and times for each zodiac can help in achieving better outcomes.
  • Avoiding the inauspicious zodiac signs will be beneficial for your tasks.

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...