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13.10.2025 - Daily Fortune , FocusRemedy& Relief Tips (bilingual) कालाष्टमी ,अहोई अष्टमी .”भविष्य (Bilingual - Hindi English) नए वस्त्र ,उपाय शुभ समय

 
13.10.2025 - Daily Fortune , FocusRemedy& Relief Tips (bilingual) कालाष्टमी ,अहोई अष्टमी

.”भविष्य  (Bilingual - Hindi English) नए वस्त्र ,उपाय शुभ समय

Today’s fortune with remedies to calm your mind and handle troubles.”Daily success tips to control tension and attract luck

 V.K. TIWARI 📞 9424446706- Special Consultation - Dr. R. Dixit (Vastu), | Dr. S. Tiwari (Vedic Astrology)

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📅 Date (तिथि) / Date & Panchang

🗓️ Day: सोमवार (Somvar)
📆 Tithi (तिथि): सप्तमी – 12:26 PM तक
🌔 Paksha (पक्ष): आश्विन शुक्ल पक्ष
🌙 Chandra Rashi (चंद्र राशि): मिथुन (Gemini)
✨ Nakshatra (
नक्षत्र): आर्द्रा (till 15:17)
🪔
योग (Yoga): रवि योगप्रातः 12:28 तक
🌿 विशेष पर्व: अहोई अष्टमी व्रत | कालाष्टमी व्रत

🔆 Ravi Yoga (रवि योग का महत्व)

श्लोक:
रवि योगे क्रियाः सर्वाः सिद्धिं यान्ति निशामुखे।
भद्रायां स्वर्गमार्गे कर्म फलप्रदं भवेत्॥

अर्थ (Meaning):
When Ravi Yoga occurs, all actions undertaken gain perfection and success. When Bhadra moves in the Swarga Marg (upper path), auspicious works done during this time yield prosperous and lasting results.
रवियोग में किए गए कार्य सिद्धि, सफलता और दीर्घकालिक फल प्रदान करते हैं।

✅ Ravi Yoga – Auspicious Works (रवियोग में करने योग्य कार्य):

  1. 🔱 Deva Pooja, Japa, Tapasya, Havan, Abhishek
    देव पूजा, जप, तप, हवन एवं अभिषेक करना शुभ होता है।
  2. 📿 Mantra Siddhi, Rudra Japa, Mahamrityunjaya Mantra
    मंत्र सिद्धि, रुद्र जप एवं महामृत्युंजय जाप सफलता देते हैं।
  3. 📖 Ayurvedic & Secret Sciences Practice
    आयुर्वेदिक प्रयोग या गुप्त विद्या का अभ्यास आरंभ करें।
  4. 🔮 Navagraha Shanti, Tantrik Upasana
    ग्रहशांति एवं तांत्रिक प्रयोग के लिए श्रेष्ठ योग।
  5. 🛕 Vrat Sankalp, Tirth Yatra, Shivling Puja
    व्रत संकल्प, यात्रा, शिवलिंग पूजन के लिए अनुकूल।
  6. 🪔 Kalash Sthapana, Yantra Installation
    घर में कलश या यंत्र स्थापना के लिए श्रेष्ठ।
  7. Book Writing, Naming Ceremony, Script Start
    लेखन या नामकरण संस्कार शुभ।
  8. 🎨 Art, Music, Learning
    कला, संगीत या शिक्षा प्रारंभ के लिए उत्तम योग।
  9. 🧘‍♂️ Yoga–Meditation Start
    योग ध्यान की नई शुरुआत करें।
  10. 📦 Purchase of Auspicious Items / Pooja Samagri
    शुभ वस्तुओं की खरीद सफलता बढ़ाती है।

🌙 Ahoi Ashtami Vrat (अहोई अष्टमी व्रत)


📖 महत्व (Significance):

Ahoi Ashtami is observed by mothers for the long life, health, and prosperity of their children.
अहोई अष्टमी व्रत संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि हेतु किया जाता है। इस दिन माता अहोई देवी की पूजा संतान के मंगल के लिए होती है।

🕓 पूजन समय (Puja Timing):

संध्या समय तारों के उदय के बादलगभग 6:00 PM से 7:15 PM के बीच।

🪔 दीपक दिशा (Lamp Direction):

  • दिशा: पश्चिममुखी (Facing West)
  • दीपक प्रकार: घी का दीपक
  • वर्तिका (Wick): दो सूत की वर्तिका
  • संख्या: 1 दीपक माता अहोई के समक्ष जलाएं।

🌾 पूजन विधि (Ritual):

  1. अहोई माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  2. दीवार पर सात तारों का चित्र बनाएं।
  3. संतान का नाम लेकर व्रत कथा सुनें।
  4. कथा के पश्चात सात बार अहोई माता को प्रणाम करें।
  5. रात्रि में तारा दर्शन कर व्रत का पारण करें।

🕉मंत्र (Mantra):

"ओं अहोई माता नमः। पुत्र दीर्घायुं देहि मे।"
Om Ahoi Mata Namah, Putra Deerghayum Dehi Me.
अर्थ: हे माता अहोई, मुझे संतान की दीर्घ आयु का आशीर्वाद दें।

🌑 Kala Ashtami Vrat (कालाष्टमी व्रत)


📖 महत्व (Significance):

Kala Ashtami is dedicated to Lord Kaal Bhairava, a fierce form of Lord Shiva. Observed for protection from enemies, obstacles, and fear.
कालाष्टमी व्रत भगवान कालभैरव को समर्पित है। यह भय, रोग, शत्रु और बाधाओं से रक्षा करता है।

🕓 पूजन समय (Puja Timing):

रात्रि के अष्टमी काल मेंलगभग 11:45 PM से 12:45 AM तक।

🪔 दीपक दिशा (Lamp Direction):

  • दिशा: दक्षिणमुखी (Facing South)
  • दीपक प्रकार: सरसों के तेल का दीपक
  • वर्तिका: लाल सूत की
  • दीपक संख्या: 8 दीपक (अष्टमी प्रतीकस्वरूप)

🕉मंत्र (Mantra):

" कालभैरवाय नमः।"
Om Kaalabhairavaya Namah.
अर्थ: भगवान कालभैरव को नमस्कार, जो समय के स्वामी और रक्षक हैं।

🌿 उपयोगी कार्य (Favourable Deeds):

  • शत्रु शमन, तांत्रिक साधना, कर्ज मुक्ति प्रार्थना।
  • रात्रि में भैरव चालीसा या भैरवाष्टक का पाठ करें।
  • काले कुत्ते को रोटी देंयह भैरव देव को प्रिय है।

🪷 संयुक्त फल (Combined Blessings of Ahoi & Kala Ashtami):

Today’s Ravi Yoga combined with Ahoi Ashtami and Kala Ashtami creates a rare triple-auspicious day for
संतान सुख, शत्रु नाश, और दीर्घकालिक समृद्धि।
Performing worship sincerely on this day yields complete Siddhi, Protection, and Prosperity.

🌟 संयुक्त फल (Combined Auspicious Combination)

🔹 पूर्वार्ध (Before 12:26 PM): रवि योगसभी आरम्भिक कार्यों में सिद्धि सफलता देता है।
🔹 अपराह्न (After 12:26 PM): सप्तमी तिथि + पुनर्वसु नक्षत्रगृह, वस्त्र, पूजा एवं गणेश स्थापना के लिए अत्यंत शुभ काल।


📜 शास्त्रीय प्रमाण (Scriptural Reference)

पुनर्वसू पुनर्वासं सर्वकर्मसु सर्वदा।
गृहारम्भे नवे वस्त्रे दाने पूजायाम् शुभदं स्मृतम्॥
(
मुहूर्त चमत्कार, ब्रह्माण्ड पुराण, अध्याय 42)
Punarvasu Nakshatra is auspicious for all new beginnings — especially for housewarming, wearing new clothes, or performing worship.
पुनर्वसु नक्षत्र में आरम्भ किए गए कार्य जैसे गृह प्रवेश, नए वस्त्र या पूजा अत्यंत शुभ एवं स्थायी फल देने वाले होते हैं।

 नए वस्त्र / वस्तु प्रयोग का श्रेष्ठ समय (Auspicious Time to Use New Items)

कार्य (Activity)

शुभ काल (Auspicious Period)

योग / कारण (Astro-Reason)

🧵 नए वस्त्र या गहने पहनना

12:45 PM – 02:30 PM

सप्तमी + पुनर्वसु संयोग, अदिति कृपा काल

🪞 नई वस्तु या गृह प्रवेश

01:00 PM – 03:15 PM

शुभ ग्रह योग नक्षत्र स्थिरता

🛕 गणेश प्रतिमा / यंत्र स्थापना

12:45 PM – 02:15 PM

बुधचंद्र योग से सिद्धि प्राप्त

🚪 गृह द्वार पूजन / कलश स्थापना

01:30 PM – 02:45 PM

गृहस्थ सुख, स्थिर लक्ष्मी हेतु

🛕 गणेश स्थापना (Ganesha Sthapana)

📖 शास्त्र वचन (Scriptural Verse):
गृहे गणपतिं स्थाप्य सर्वकार्याणि सिद्ध्यन्ति।
विघ्ना नश्यन्ति तत्क्षणात् सर्वं शुभमवाप्यते॥
(
गणेश पुराण, उपासनाखण्ड, अध्याय 4)
By installing Lord Ganesha at home, all undertakings become successful and obstacles vanish instantly.

गृह में गणेश स्थापना करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और विघ्नों का नाश होता है।

🔱 स्थापना विधि (Installation Procedure):

🌞 सूर्य दिवससप्तमी तिथि विशेष (Surya Day – Shukla Saptami Special)

📖 संदर्भ ग्रंथ (Scriptural References):

  • मत्स्य पुराण, अध्याय 43
  • सूर्य पुराण, अध्याय 21 एवं 25

देवता (Deity):

सूर्यदेव (Surya Deva)समस्त ग्रहों के अधिपति, तेज, आरोग्य और सफलता के प्रदाता।
Lord Surya (Sun God) — the ruler of all planets, giver of vitality, brilliance, and success.

🔮 श्राद्ध एवं कर्मफल (Shraddha / Karmic Effects):

शास्त्र वचन (Surya Purana, Ch. 21):

सूर्ये प्रीत्याय कार्याणि यज्ञदानजपोत्तमान्।
यः करोति सदा भक्त्या लभते सर्वसंपदः॥

One who performs yajna, charity, and pious acts to please the Sun attains all forms of prosperity and success.
जो व्यक्ति सूर्यदेव की प्रसन्नता हेतु यज्ञ, दान, जप आदि करता है, वह सर्व सिद्धि और सफलता प्राप्त करता है।

🍽आहार नियम (Food Discipline):

श्रेणी

अनुशंसित (Recommended)

वर्जित (Avoid)

शास्त्रीय प्रमाण

🍞 भोजन

रोटी, गुड़, तांबे के पात्र में जल ग्रहण

पूआ, अत्यधिक मीठा भोजन

मत्स्य पुराण, अध्याय 43

उपासना भोजन

सूर्य पूजा के उपरांत सात्विक आहार लें

असमय भोजन करें

सूर्य पुराण, अध्याय 25

अर्थ:
Surya worship should be followed by simple satvik food — wheat bread (roti) and jaggery (gud). Avoid heavy or excessively sweet dishes like pooa.

⚠️ वर्जित योग (Inauspicious Combinations):

श्रेणी

विवरण

अशुभ लग्न (Inauspicious Ascendants)

मिथुन (Gemini), धनु (Sagittarius)

अशुभ दिन (Inauspicious Days)

रविवार (नमक सेवन वर्जित), मंगलवार (मसूर दाल वर्जित)

सफलता संदिग्ध नामअक्षर (Unfavorable Name Initials)

, क्ष, त्र, ज्ञ


शुभ अनुशासन एवं दान (Auspicious Acts & Donations):

कार्य (Action)

परिणाम (Effect)

शास्त्रीय प्रमाण

🎁 दान: गुड़ एवं तांबे का दान करें

सूर्यदेव की कृपा एवं तेज वृद्धि

मत्स्य पुराण

🍞 उचित भोजन: गेहूं, रोटी, गुड़

स्वास्थ्य एवं तेज वृद्धि

सूर्य पुराण

🕉 मंत्र: आदित्याय नमः” / “ सूर्याय नमः

सर्वरोग निवारण एवं आयु वृद्धि

सूर्य पुराण

🌺 सूर्य उपासना (Surya Worship Rituals):

सप्तमीं शुक्लपक्षस्थां यः पूजयति भास्करम्।
तस्य रोगा जायन्ते दरिद्र्यं संततिः॥

He who worships Lord Surya on Shukla Saptami remains free from diseases, poverty, and obstacles.

जो शुक्ल सप्तमी को सूर्यदेव की उपासना करता है, उसे रोग, दरिद्रता और विघ्न नहीं घेरते।

पूजन विधि (Ritual): 🪔 कार्य शुभ हेतु (Auspicious Works of the Day):

अनुकूल कार्य (Favorable Activities):

  • 💍 विवाह मुहूर्त (Marriage-Related Work)
  • 🎵 संगीत कला कार्य (Musical or Artistic Pursuits)
  • 💎 आभूषण निर्माण धारण (Jewelry Making or Wearing)
  • 🏡 गृह प्रवेश / वधु प्रवेश (Housewarming / Bride Entry)
  • 🏛 वास्तुकर्म, राज्य संबंधी कार्य (Architecture or Administrative Works)
  • 🔱 संस्कार: चूडाकर्म, अन्नप्राशन, उपनयन आदि

🙏 कार्य-पूर्व पूजन (Pre-Work Worship):

शास्त्रीय निर्देश:

चित्रभानु नामवान् सूर्यः सर्वकार्यप्रवर्तकः।
पूज्यः सर्वसुरेशानां रक्षकः सर्वदेहिनाम्॥

Lord Surya, known as Chitrabhanu, is the initiator of all works and the protector of all beings.
कार्य के आरंभ में चित्रभानु नामक भगवान सूर्यनारायण का पूजन करने से सभी कार्य सफल होते हैं।

विशेष निर्देश (Special Note):
🔸 मिथुन कर्क राशि जातक इस दिन बाधा नाश रोग निवारण हेतु सूर्य उपासना अवश्य करें।

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·          भरणी (Bharani), रोहिणी (Rohini), आर्द्रा (Ardra), पुष्य (Pushya), अश्लेषा (Ashlesha), पूर्वाफाल्गुनी (Purva Phalguni), हस्त (Hasta), स्वाती (Swati), अनुराधा (Anuradha), ज्येष्ठा (Jyeshtha), पूर्वाषाढ़ा (Purva Ashadha), श्रवण (Shravana), शतभिषा (Shatabhisha), उत्तर भाद्रपद (Uttara Bhadrapada), रेवती (Revati)

·         आज का राशिफल (राशि भविष्य)

·         1. मेष राशि (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,

  • आज का दिन: सामान्य रूप से विशेष लाभकारी नहीं होगा।
    Today may not be particularly beneficial.
  • आर्थिक स्थिति: कमजोर।
    Financial condition may be weak.
  • व्यस्तता एवं समस्याएँ: उत्पन्न हो सकती हैं।
    Workload and problems may arise.
  • कार्य सफलता: आशा के अनुसार नहीं मिलेगी।
    Success in work may not be as expected.
  • व्यापार और राजनीति: प्रतिकूल स्थिति।
    Unfavorable conditions in business and politics.

2. वृष राशि (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो

  • व्यापार में सफलता: उत्तम योग हैं।
    Good success in business.
  • मनोबल: अच्छा रहेगा।
    Strong confidence.
  • रुके हुए कार्यों की प्रगति: संतोषजनक।
    Pending tasks will progress satisfactorily.
  • नए कार्य एवं निर्णय: उत्तम दिन है।
    A favorable day for new projects and decisions.
  • व्यापार में लाभ: स्थिति उत्कृष्ट।
    Excellent business profits.
  • विवाद और मुकदमे: विजय होगी।
    Success in disputes and legal matters.
  • प्रयासों के परिणाम: सुखद रहेंगे।
    Efforts will bring pleasant results.
  • सुझाव:
    • राजनेता, सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

3. मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को,

  • नए समाचार या प्रिय आत्मीय से मिलन: आनंदित करने वाला।
    Meeting with a loved one will bring joy.
  • आर्थिक स्थिति: कमजोर।
    Weak financial condition.
  • पारिवारिक चिंता एवं कष्ट: रहेगा।
    Family concerns and difficulties may arise.
  • कार्य की प्रगति: आशा के अनुरूप नहीं होगी।
    Work progress may not meet expectations.
  • व्यापार में सफलता: मिलेगी।
    Business success is likely.
  • रोजगार: सामान्य स्थिति।
    Stable job condition.
  • विशेष कार्य, उपदेश एवं यात्रा: अपेक्षित परिणाम की संभावना कम है।
    Low chances of desired outcomes in travel or special projects.

4. कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

  • नए कार्य में सफलता: उत्तम।
    Great success in new ventures.
  • महत्वपूर्ण सूचनाएँ: प्राप्त होंगी।
    You will receive important news.
  • राजनीतिक और सामाजिक वर्ग के लिए: विशेष दिन।
    A special day for politicians and social workers.
  • लंबी यात्रा: स्थगित रखें।
    Postpone long travel plans.
  • आर्थिक स्थिति: उत्तम।
    Strong financial condition.
  • पारिवारिक सुख: यथेष्ट।
    Good family happiness.

5. सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

  • विजय और सफलता: सामान्य रूप से मिलेगी।
    Moderate success and victory.
  • यात्रा के योग: प्रबल हैं।
    Strong chances of travel.
  • आकस्मिक खर्च: संभव है।
    Unexpected expenses may arise.
  • अनावश्यक विवाद: से बचें।
    Avoid unnecessary arguments.
  • शारीरिक कष्ट: बढ़ सकता है।
    Health problems may increase.
  • दैनिक दिनचर्या: कठिनाई हो सकती है।
    Daily routine may be challenging.
  • सुझाव:
    • सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

6. कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो

  • सफलता के योग: प्रत्येक दृष्टि से।
    Success is likely in all aspects.
  • राजनीति और समाज: श्रेष्ठ दिन।
    A great day for political and social activities.
  • महत्वपूर्ण विवाद में विजय: मिलेगी।
    Success in legal or important disputes.
  • व्यापारिक लाभ: उत्कृष्ट स्थिति।
    Excellent business profits.
  • सुझाव:
    • सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

7. तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

  • दैनिक गतिविधियाँ: सफलता मिलेगी।
    Success in daily activities.
  • कार्य की प्रगति: प्रसन्नता होगी।
    Work progress will bring happiness.
  • यश और प्रतिष्ठा: वृद्धि होगी।
    Fame and reputation will increase.
  • 18:26 pm se-सुझाव:
    • राजनेता, सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

8. वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

  • परिवार में विवाद: आकस्मिक स्थिति बन सकती है।
    Sudden family disputes may arise.
  • कार्य में रुकावटें: आशा के विपरीत।
    Obstacles in work contrary to expectations.
  • आर्थिक स्थिति: सामान्य रहेगी।
    Financial condition will remain stable.

9. धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे

  • परिवार में विवाद: संभव।
    Possible family conflicts.
  • निर्णय लेने का दिन: विशेष उपयोगी नहीं है।
    Not a great day for major decisions.
  • कार्यक्षेत्र, मित्रता, सार्वजनिक संबंध और प्रेम संबंध: अच्छे रहेंगे।
    Work, friendships, and public relations will be good.
  • सुझाव:
    • सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

10. मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी

  • आर्थिक स्थिति: उत्तम रहेगी।
    Excellent financial condition.
  • यश और प्रतिष्ठा: वृद्धि होगी।
    Increase in fame and reputation.
  • नए कार्य: शुरू करने के लिए उत्तम दिन।
    Good day to start new ventures.
  • सुझाव: 18:26 to -
  • राजनेता, सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
  • (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

11. कुंभ राशि (Aquarius) – गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो,

  • विरोधियों पर विजय: प्राप्त होगी।
    Victory over opponents.
  • सफलता: आशा के अनुरूप मिलेगी।
    Success as expected.
  • आर्थिक स्थिति: उत्तम दिन है।
    Good financial day.
  • सुझाव:
    • राजनेता, सुरक्षा, योजना, यात्रा, नए कार्यों का शुभारंभ,
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज पर हस्ताक्षर, बैठक, विचार-विमर्श या विवादास्पद मामलों को स्थगित रखें।
    (Postpone important political or business decisions, travel, and new ventures

12. मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची

  • परिवार में मतभेद: संभव।
    Possible family disagreements.
  • प्रतियोगिता: सफलता मिलेगी।
    Success in competitions.
  • आर्थिक स्थिति: कमजोर रह सकती है।
    Financial instability may persist.
  • -------------------------------------------------------------------------------------------------

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यात्रादी के कष्ट से सुरक्षा के लिए

रविवार: ताम्बूल,
सोमवार: दूध, जल एवं दर्पण देखना,
मंगलवार: गुड़+धनिया, गरम दूध, मसूर,
बुधवार: कच्चा दूध, मिठाई,
गुरुवार: राई, केसर तिलक, दही,
शुक्रवार: दही,
शनिवार: बायबिडिंग + काले तिल।

भोज्य वस्तु या उससे बने व्यंजन:
रविवार: ताम्बूल, घी,
सोमवार: खीर, जल एवं तिलक,
मंगलवार: गुड़,
बुधवार: धनिया और तिल, राई,
गुरुवार: दही शकर,
शुक्रवार: जौ।


कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email:
tiwaridixitastro@gmail.com

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दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...