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स्वर्ग भद्रा फल – 12 अक्टूबर 2025 विशेष

 

🌿 स्वर्ग भद्रा फलसूत्रम् – 12 अक्टूबर 2025 विशेष

swarg Bhadra Phalasotram – 12 October 2025 Special)

🗓️ काल विवरण (Time Details):

भद्रा स्वर्ग मार्गी — दोपहर 14:20 बजे से रात्रि 01:17 बजे तक
(आश्विन शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि, शुक्रवार, मृगशिरा नक्षत्र, रवियोग सहित)

🌞 शास्त्रीय अर्थ (Scriptural Essence):

शास्त्रों में भद्रा के चार प्रकार बताए गए हैं – पाताल, मृत्युलोक, नरक और स्वर्ग भद्रा। इनमें से स्वर्ग भद्रा को मंगलमयी कहा गया है, क्योंकि इस मार्ग में भद्रा शुभ कार्यों को सिद्धि प्रदान करती है।

**श्लोक (Shloka):**
“स्वर्गमार्गे तु या भद्रा सा सर्वकर्मसु शुभा।
धर्मार्थकाममोक्शाणां साधनी स्यात् सदा शुभा॥”
(When Bhadra is in the heavenly path, she is auspicious for all deeds and brings success in Dharma, Artha, Kama, and Moksha.)

🌿 स्वर्ग भद्रा में किए जाने योग्य कार्य (Favorable Works during Swarg Bhadra):

·         🔹 धार्मिक एवं संस्कारिक कर्म (Religious & Sacred Deeds):

• यज्ञ, हवन, पूजा, जप, संकल्प, आराधना, शिव-शक्ति उपासना।
• व्रत-उद्यापन, देवालय निर्माण या मूर्ति प्रतिष्ठा का प्रारम्भ।
• नये धार्मिक ग्रन्थों का लेखन या अध्ययन आरम्भ करना।

·         🔹 सामाजिक एवं दान कर्म (Social & Charitable Acts):

• भोजन, वस्त्र, औषधि या अन्न का दान।
• जल स्रोत, वृक्ष या धर्मशाला निर्माण का संकल्प।
• कन्या या गौ-दान से संबंधित कार्य।

·         🔹 व्यक्तिगत एवं लौकिक कर्म (Personal & Material Deeds):

• नये व्यवसाय, कलात्मक कार्य, संगीत या शिक्षा से जुड़े आरम्भ।
• भूमि या संपत्ति खरीद, गृह-प्रवेश, वस्तु-क्रय (जैसे धातु, स्वर्ण, रत्न)।
• विवाह, सगाई, या पारिवारिक शुभ कार्यों की योजना।

🚫 किए जाने से बचने योग्य कार्य (To Avoid):

• वाद-विवाद, ऋण व्यवहार, या मुकदमेबाजी का आरम्भ।
• शत्रु या विवाद संबंधी विषयों पर चर्चा।
• अत्यधिक यात्रा या भावनात्मक निर्णय।

🪔 सार (Summary):

स्वर्ग भद्रा (14:20 – 01:17) के काल में किए गए कर्म शुभ फल देने वाले होते हैं। इस अवधि में आरम्भ किए गए कार्य दीर्घकालिक सफलता, प्रतिष्ठा, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं। रवियोग और शुक्रवार का संयोग इसे और भी अधिक सिद्धिदायक बनाता है।

1 – Introduction to Swarg Bhadra (स्वर्ग भद्रा परिचय)

स्वर्ग भद्रा क्या है?
स्वर्ग भद्रा विशेष प्रकार का शुभ काल होता है, जिसमें किसी भी धार्मिक, दान-संस्कार, या शुभ कार्य का प्रभाव अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इसे शास्त्रों में अत्यंत शुभ समय कहा गया है।

Scriptural Reference (शास्त्र संदर्भ):

सर्वसिद्धिप्रदं स्वर्गभद्रं महाप्रभम्।
यज्ञदानकर्मेषु शक्यते समं फलम्॥
(
सिंधु व्रत संहिता)

Meaning:
“Swarg Bhadra is the supreme auspicious period which grants success in all deeds. In no other time do yajna, donation, or ritual works give equal results.”

Significance (महत्त्व):

  • शुभ कार्यों में वृद्धि
  • संकटों से रक्षा
  • धन, सुख और स्वास्थ्य में वृद्धि
  • पूर्वजों की कृपा प्राप्ति

 2 – Muhurat Timing (मुहूर्त समय)

Swarg Bhadra Timing (2025 Example)

  • Start: 14:20
  • End: 01:17 (next day)

Subha & Ashubha Phases (शुभ-अशुभ काल)

  • Shubh: 14:20 – 19:00
  • Moderate: 19:00 – 22:30
  • Ashubh: 22:30 – 01:17

Scriptural Reference:

यत्र भद्रः स्वर्गे तिष्ठति, तत्र कार्येषु सिद्धिर्भवति।
(
महाभारत, सहस्रोपनिषद)

“Where Swarg Bhadra is present, all deeds attain success.”

 3 – Religious & Sacred Deeds (धार्मिक एवं संस्कारिक कर्म)

Favorable Works (सुविधाजनक कार्य):

1.     यज्ञ, हवन, पूजन, जप (Yagya, Havan, Puja, Japa)

o    Shloka:

यज्ञः पूजनं देवताः प्रसन्नतामुपयान्ति।

o    Meaning: “Through yajna and puja, deities become pleased and bless the practitioner.”

2.     स्नान एवं शुद्धि (Bathing & Purification Rituals)

o    Shloka:

शुद्धिस्नानं कृत्वा कर्मफलप्राप्तिः सुलभः।

o    Meaning: “Bathing and purification make it easier to gain the fruits of your deeds.”

3.     मंत्र जप एवं ध्यान (Mantra Recitation & Meditation)

o    Shloka:

जपे मन्त्रस्य चित्तं स्थिरं भवति, मोक्षफलप्रदं।

o    Meaning: “Recitation of mantra stabilizes the mind and grants liberation-like results.”

 4 – Social & Charitable Deeds (सामाजिक एवं दान धर्म)

1.     दान (Donation to needy)

o    Shloka:

दानं परित्राणाय, पापहरणाय च।

o    Meaning: “Donation protects others and removes sins.”

2.     पशु-पक्षियों को भोजन (Feeding animals & birds)

o    Shloka:

पशुभक्ष्यदानं पुण्यफलदं भवति।

o    Meaning: “Feeding animals brings auspicious results.”

3.     सामाजिक कार्य (Helping society)

o    Schools, hospitals, or community work done during Swarg Bhadra yields long-lasting benefits.

 5 – Daily Life & Family Works (दैनिक जीवन एवं परिवारिक कार्य)

1.     नवीन कार्य प्रारंभ (Starting new work)

o    Shloka:

नवकर्म शुभसिद्धिं ददाति, स्वर्गभद्रे कृतम्।

o    Meaning: “New work begun during Swarg Bhadra succeeds.”

2.     परिवारिक पूजन (Family worship)

o    Perform puja for ancestors, children, and elders.

3.     संकट निवारण (Removing obstacles)

o    Shloka:

संकटानां विनाशाय स्वर्गभद्रा श्रेष्ठा।

o    Meaning: “Swarg Bhadra is best for removing obstacles.”

 6 – Mantra & Pujan Guidelines (मंत्र एवं पूजन निर्देश)

Mantras:

1.     Vedic: “ नमः शिवाय

2.     Shabar: “भद्र स्वर्ग देवाय नमः

3.     Tantric: Use during lamp lighting for prosperity

4.     Puranic: Recite deity-specific mantras

Lamp & Direction:

Direction

Lamp

Wick

Color

Number

East

Oil

Cotton

White

1

North

Ghee

Cotton

Yellow

3

South

Oil

Cotton

Red

2

Meaning: Correct placement enhances the results of worship.

 7 – Foods & Donations (भोजन एवं दान)

Food Guidelines:

  • Prefer vegetarian sattvic food
  • Avoid sour, bitter, or tamasic items

Donation Items:

  • Food grains, clothes, utensils, fruits
  • दानं यथाशक्ति कुर्यात्, पुण्यफलः प्राप्यते।
  • Meaning: “Donate according to your capacity to gain auspicious results.”

 8 – Effects & Conclusion (फल एवं निष्कर्ष)

Expected Results:

  • Prosperity, wealth increase, mental peace
  • Removal of obstacles, divine blessings
  • Ancestors’ blessings ensure family harmony

स्वर्गभद्रे कर्माणि कुर्वन्नेव सुखिनः भवेत्।

सम्पदा, आरोग्यं लभ्यते, दुःखस्मृतिः हन्यते।

“Those who perform deeds during Swarg Bhadra become happy, gain wealth, health, and all sorrows are destroyed.”

 


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