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2025-12 राशि भविष्य-ज्योतिष शिरोमणि पं वी के तिवारी(ग्रहों का वरदान-अभिषेक-अभिशाप? पूजा अर्चना, दान-किसका करे)

 

 

                     मेष (Aries) राशिफल - 2025

1. शनि का द्वादश भाव से गोचर (29 मार्च 2025 से 3 जून 2027)

  • वित्तीय स्थिति: इस समय वित्तीय परेशानी हो सकती है। बर्बाद खर्च, वित्तीय संकट और कृषि से जुड़े कार्यों में हानि का खतरा है।
  • स्वास्थ्य: शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, विशेष रूप से पैरों और नेत्रों की देखभाल करें। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।
  • काम: कार्यस्थल पर प्रतिष्ठा बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। व्यापार बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
  • यात्रा: विदेश यात्रा संभव है, लेकिन महंगी हो सकती है।
  • घर: परिवार में शांति बनाए रखने की कोशिश करें, अन्यथा विवाद हो सकता है।
  • मानसिक स्थिति: मानसिक चिंता और जीवन के प्रति उत्साहहीनता संभव है। गंभीर निर्णयों में अतिरिक्त सावधानी बरतें।

2. गुरु का तृतीय भाव से गोचर (14 मई 2025 से 18 अक्टूबर 2025)

  • वित्तीय स्थिति: व्यापार में असफलता, प्रयासों में रुकावट और धन का नुकसान हो सकता है।
  • स्वास्थ्य: स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है, मानसिक चिंता और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • काम: कार्यस्थल पर विरोध और पद खोने का डर। सहकर्मियों से विवाद से बचें।
  • यात्रा: यात्रा से बचें, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।
  • समाज: सामाजिक या पारिवारिक कठिनाइयाँ हो सकती हैं, किसी रिश्तेदार की मृत्यु संभव है।

3. गुरु का चतुर्थ भाव से गोचर (18 अक्टूबर 2025 से 5 दिसम्बर 2025)

  • वित्तीय स्थिति: आर्थिक रूप से कठिन समय। व्यर्थ के खर्चों से बचें, यात्रा से दूर रहें।
  • स्वास्थ्य: शारीरिक कमजोरी और मानसिक चिंता का सामना करना पड़ सकता है। माता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
  • काम: कार्यस्थल में परेशानियां और शत्रुओं से बचें। नई जायदाद से जुड़ी समस्याओं से दूर रहें।
  • घर: परिवार के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ सकता है। दुर्घटना से बचें, विशेष रूप से कार यात्रा से।
  • समाज: समाज में अपमान और विरोध का सामना हो सकता है। मानसिक स्थिति पर ध्यान दें।

4. गुरु का तृतीय भाव से गोचर (5 दिसम्बर 2025 से 2 जून 2026)

  • वित्तीय स्थिति: व्यापार में असफलता और धन का नुकसान हो सकता है। अड़चनें और कठिनाईयाँ बढ़ सकती हैं।
  • स्वास्थ्य: मानसिक चिंताएं और शारीरिक समस्याएँ हो सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सतर्क रहें।
  • काम: पद और स्थान बनाए रखने में कठिनाई। सहकर्मियों और परिवार से विवाद से बचें।
  • यात्रा: यात्रा से बचें। विवाह और पवित्र अनुष्ठान का योग है।

5. केतु का पंचम भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

  • वित्तीय स्थिति: अत्यधिक व्यय और धन का नुकसान संभव है, विशेष रूप से कृष्ण पक्ष में।
  • स्वास्थ्य: संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बच्चों की शारीरिक समस्याओं को नजरअंदाज न करें।
  • कुटुम्ब: पारिवारिक रिश्तों में तनाव हो सकता है। किसी परिवार सदस्य की मृत्यु की संभावना है।
  • मानसिक स्थिति: मानसिक चिंता और कार्यों में रुकावट आ सकती है, जिससे मानसिक संताप हो सकता है।

6. राहु का एकादश भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

  • वित्तीय स्थिति: यह अवधि वित्तीय दृष्टि से शुभ है। विभिन्न स्त्रोतों से अचानक धन प्राप्ति का योग है।
  • स्वास्थ्य: जीवनसंगी का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, और आपकी सेहत में भी सुधार हो सकता है।
  • समाज: सामाजिक मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि बढ़ेगी।
  • परिवार: घर में सुख-शांति रहेगी। अगर शादी योग्य संतान है तो विवाह की योजना बन सकती है।

सारांश

मेष राशि के लिए 2025 और 2026 का समय मिश्रित रहेगा, जिसमें आर्थिक और मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याओं, और पारिवारिक संघर्षों की संभावना है। हालांकि, कुछ विशेष समय पर वित्तीय लाभ, परिवार में सुख-संप्रदाय और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है। अतः यह समय सतर्कता और योजना बनाने का है, खासकर वित्तीय मामलों में और स्वास्थ्य पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।

 वृष2025

  1. जन्म चंद्रमा से शनि का एकादश भाव से गोचर (29 मार्च 2025 – 3 जून 2027)
    • समय: वित्तीय लाभ, व्यापार में अप्रत्याशित लाभ।
    • कुल प्रभाव: सफलता, जायदाद की प्राप्ति, पदोन्नति।
    • स्वास्थ्य: अच्छा, मानसिक संतुलन।
    • सामाजिक: मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि।
    • विवाह: विवाह की संभावना, मनपसन्द साथी मिल सकता है।
  2. जन्म चंद्रमा से गुरु का द्वितीय भाव से गोचर (14 मई 2025 – 18 अक्टूबर 2025)
    • समय: आर्थिक वृद्धि, कृषि व व्यापार में लाभ।
    • कुल प्रभाव: दाम्पत्य जीवन में सुख, परिवार में खुशी।
    • स्वास्थ्य: मानसिक शांति, बुद्धि में वृद्धि।
    • सामाजिक: उच्च मान-सम्मान, शत्रुओं पर विजय।
  3. जन्म चंद्रमा से गुरु का तृतीय भाव से गोचर (18 अक्टूबर 2025 – 5 दिसम्बर 2025)
    • समय: व्यापार में विघ्न, धन हानि, मानसिक तनाव।
    • कुल प्रभाव: असफलता के बीच कठिनाइयाँ।
    • स्वास्थ्य: बीमारियों का खतरा, मानसिक अशांति।
    • सामाजिक: विवाद से बचें, रिश्तों में समस्या।
  4. जन्म चंद्रमा से गुरु का द्वितीय भाव से गोचर (5 दिसम्बर 2025 – 2 जून 2026)
    • समय: वित्तीय लाभ, कृषि में लाभ।
    • कुल प्रभाव: सुखी परिवार, विजय।
    • स्वास्थ्य: शांति, मानसिक स्थिति में सुधार।
    • सामाजिक: उच्च सम्मान, शान।
  5. जन्म चंद्रमा से केतु का चतुर्थ भाव से गोचर (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)
    • समय: कष्ट, स्वास्थ्य की समस्याएँ।
    • कुल प्रभाव: कार्यस्थल पर संघर्ष, वित्तीय कठिनाइयाँ।
    • स्वास्थ्य: रोगों की आशंका, मानसिक अशांति।
    • सामाजिक: परिवार में चिंता, सामाजिक विघ्न।
  6. जन्म चंद्रमा से राहु का दशम भाव से गोचर (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)
    • समय: मिश्रित परिणाम, कार्यस्थल में लाभ।
    • कुल प्रभाव: उच्चाधिकारियों से सहयोग।
    • स्वास्थ्य: मानसिक चिंताएँ, अनिद्रा।
    • सामाजिक: सामाजिक सम्मान का संकट।
  7. जन्म चंद्रमा से शनि का दशम भाव से गोचर (29 मार्च 2025 – 3 जून 2027)
    • समय: व्यापार में नुकसान, मानसिक कष्ट।
    • कुल प्रभाव: कार्य में कठिनाइयाँ, पद प्रतिष्ठा में गिरावट।
    • स्वास्थ्य: शारीरिक समस्या, घुटनों व छाती की देखभाल।
    • सामाजिक: गुप्त शत्रुओं से सावधानी।
  8. जन्म चंद्रमा से गुरु का प्रथम भाव से गोचर (14 मई 2025 – 18 अक्टूबर 2025)
    • समय: स्वास्थ्य में समस्याएँ, वित्तीय संकट।
    • कुल प्रभाव: लम्बी यात्रा से बचें, नौकरी में कठिनाइयाँ।
    • स्वास्थ्य: ध्यान रखें, जीवन संकट में न डालें।
    • सामाजिक: परिवार में विवाद, मानसिक कष्ट।
  9. जन्म चंद्रमा से गुरु का द्वादश भाव से गोचर (5 दिसम्बर 2025 – 2 जून 2026)
    • समय: वित्तीय संकट, अनावश्यक खर्चे।
    • कुल प्रभाव: व्यापार में कठिनाई, कार्यस्थल पर संघर्ष।
    • स्वास्थ्य: मानसिक कष्ट, शारीरिक समस्याएँ।
    • सामाजिक: समाज में अपमान, परिवार से दूरी।
  10. जन्म चंद्रमा से केतु का तृतीय भाव से गोचर (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)
    • समय: सुख, धन लाभ, प्रगति।
    • कुल प्रभाव: कार्यस्थल पर सफलता, समाज में मान।
    • स्वास्थ्य: अच्छा, यात्रा की संभावना।
    • सामाजिक: समाज में प्रतिष्ठा में वृद्धि, सम्मान।
  11. जन्म चंद्रमा से राहु का नवम भाव से गोचर (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)
    • समय: वित्तीय हानि, सट्टेबाजी में नुकसान।
    • कुल प्रभाव: पारिवारिक संघर्ष, पापकर्म में लिप्त होने की संभावना।
    • स्वास्थ्य: छोटे रोगों का खतरा, मानसिक तनाव।
    • सामाजिक: परिवार व समाज में कठिन समय, ध्यान रखें।

Mithun rashi

1. शनि का दशम भाव से गोचर (29 मार्च 2025 - 3 जून 2027)

  • मुख्य प्रभाव:
    • कार्य और व्यवसाय में कठिनाइयाँ: आपको काम में रुकावटें और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
    • व्यवसाय में हानि: व्यापारियों के लिए हानि का योग, खासकर कृषि व्यवसाय में।
    • स्वास्थ्य पर असर: घुटनों और छाती की समस्या का ध्यान रखें।
  • विशेष सावधानी:
    • गुप्त शत्रुओं से बचें।
    • अत्यधिक खर्च से बचें; ऋण लेने से बचें।
    • कार्य स्थल पर तनाव और विवाद हो सकते हैं।

2. बृहस्पति का प्रथम भाव से गोचर (14 मई 2025 - 18 अक्टूबर 2025)

  • मुख्य प्रभाव:
    • स्वास्थ्य में समस्याएँ: स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता, खासकर दीर्घकालिक रोगों से बचें।
    • वित्तीय संकट: अनावश्यक खर्च हो सकते हैं।
    • परिवारिक तनाव: परिवार में विवाद और मानसिक परेशानी।
  • विशेष सावधानी:
    • लंबी यात्रा से बचें।
    • वरिष्ठ व्यक्तियों से विवाद से बचें।

3. बृहस्पति का द्वितीय भाव से गोचर (18 अक्टूबर 2025 - 5 दिसंबर 2025)

  • मुख्य प्रभाव:
    • आय में वृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार, भूमि, संपत्ति में निवेश का लाभ।
    • परिवार में सुख: दाम्पत्य जीवन और परिवार में सुख और शांति।
    • सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि: सम्मान और मान बढ़ेगा।
  • विशेष सावधानी:
    • किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें।
    • परिवार और अपने कार्यों में संतुलन बनाए रखें।

4. बृहस्पति का प्रथम भाव से गोचर (5 दिसंबर 2025 - 2 जून 2026)

  • मुख्य प्रभाव:
    • स्वास्थ्य पर असर: फिर से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
    • वित्तीय संकट: अनावश्यक खर्च और वित्तीय नुकसान हो सकता है।
    • संघर्ष और तनाव: कार्यक्षेत्र और परिवार में तनाव हो सकता है।
  • विशेष सावधानी:
    • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
    • किसी भी प्रकार के विवाद से बचें।

5. बृहस्पति का द्वादश भाव से गोचर (5 दिसंबर 2025 - 2 जून 2026)

  • मुख्य प्रभाव:
    • व्यय में वृद्धि: इस समय खर्चों में इज़ाफा होगा और आपको अप्रत्याशित खर्चों का सामना करना पड़ सकता है।
    • व्यवसाय में कठिनाई: व्यापार में रुकावटें और नुकसान हो सकते हैं।
  • विशेष सावधानी:
    • अनावश्यक खर्चों से बचें।
    • मानसिक शांति बनाए रखें, किसी भी प्रकार के अवसाद से बचने का प्रयास करें।

6. केतु का तृतीय भाव से गोचर (30 मई 2025 - 25 नवंबर 2026)

  • मुख्य प्रभाव:
    • सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि: आप सामाजिक रूप से अधिक सम्मानित होंगे।
    • प्रगति और सफलता: कार्यों में सफलता और प्रगति की संभावना।
    • यात्रा: यात्रा का योग, विशेष रूप से समुद्र या पर्वतीय क्षेत्र में।
  • विशेष सावधानी:
    • केतु के कृष्ण पक्ष में होने पर यात्रा में सावधानी बरतें।
    • गुप्त शत्रुओं से भी सतर्क रहें।

7. राहु का नवम भाव से गोचर (30 मई 2025 - 25 नवंबर 2026)

  • मुख्य प्रभाव:
    • वित्तीय हानि: लॉटरी, सट्टेबाजी और अनावश्यक खर्चों से धन की हानि हो सकती है।
    • धार्मिक संकट: राहु के प्रभाव में आप पाप कर्मों में लिप्त हो सकते हैं, जिससे धार्मिक असंतुलन हो सकता है।
    • संघर्ष: भाई-बहनों और मित्रों से विवाद हो सकता है।
  • विशेष सावधानी:
    • मितव्ययी बनें।
    • बुरी संगत से दूर रहें और अपने परिवार के साथ सामंजस्य बनाए रखें।

कुल मिलाकर विशेष हाइलाइट्स:

  • स्वास्थ्य और मानसिक तनाव: बृहस्पति और शनि के प्रभाव से स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर विशेष ध्यान दें।
  • वित्तीय संकट: कई गोचर समय में वित्तीय संकट और अनावश्यक खर्चे हो सकते हैं, इसलिए मितव्ययी रहें।
  • सामाजिक प्रतिष्ठा: केतु और बृहस्पति के अच्छे गोचर से सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़ सकता है।
  • परिवार और दाम्पत्य जीवन: कई गोचर परिवार में विवाद का संकेत दे रहे हैं, इसलिए परिवार के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखें।
  • धार्मिक और मानसिक शांति: राहु और केतु के प्रभाव से कुछ मानसिक संकट हो सकते हैं, ऐसे में धार्मिक कार्यों और ध्यान की आवश्यकता होगी।

सारांश: यह समय मिश्रित प्रभावों से भरा हुआ है। कुछ कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन साथ ही कुछ अच्छे अवसर भी सामने आएंगे। अपने स्वास्थ्य, वित्त और परिवार के मामलों में सतर्क रहें।

 

Kark

कर्क राशि (2025 राशिफल) - विशेष गोचर प्रभाव:

  1. शनि का नवम भाव से गोचर (29 मार्च 2025 से 3 जून 2027):
    • समय: कठिनाई और संघर्ष का समय।
    • प्रभाव: कार्यक्षेत्र में कठिनाई, स्थानांतरण, शत्रु और सहयोगियों से धोखा। अतिरिक्त परिश्रम और वित्तीय ध्यान।
    • स्वास्थ्य: मानसिक और शारीरिक समस्याएं, खासकर परिवार के कारण तनाव।
  2. गुरु का द्वादश भाव से गोचर (14 मई 2025 से 18 अक्टूबर 2025):
    • समय: व्यय और मानसिक कष्ट का समय।
    • प्रभाव: धन की कमी, व्यवसाय में कठिनाई, यात्रा और मांगलिक कार्यों पर खर्च। पद और स्थान का संकट।
    • स्वास्थ्य: मानसिक परेशानियां और शारीरिक कष्ट, विशेष रूप से नेत्र और गले से जुड़ी समस्याएं।
  3. गुरु का एकादश भाव से गोचर (18 अक्टूबर 2025 से 5 दिसम्बर 2025):
    • समय: सुखमय और उन्नति का समय।
    • प्रभाव: पदोन्नति, व्यवसाय में लाभ, समाज में प्रतिष्ठा। मित्रों और प्रियजनों से लाभ।
    • स्वास्थ्य: मानसिक शांति, अच्छा स्वास्थ्य और परिवार में सुख।
  4. गुरु का दशम भाव से गोचर (5 दिसम्बर 2025 से 2 जून 2026):
    • समय: व्यवधान और नकारात्मक सोच का समय।
    • प्रभाव: पद और प्रतिष्ठा का संकट, चिड़चिड़ापन और स्वास्थ्य समस्याएं। काम में असंतोष और निराशा।
    • स्वास्थ्य: नेत्र और गले से जुड़ी समस्याएं, थकान।
  5. केतु का द्वितीय भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026):
    • समय: धन की हानि और मानसिक कष्ट।
    • प्रभाव: खर्चों में वृद्धि, ऋण से बचें। शारीरिक कष्ट और पारिवारिक विवाद।
    • स्वास्थ्य: आंखों और मानसिक समस्याएं।
  6. राहु का अष्टम भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026):
    • समय: शारीरिक और मानसिक परेशानियों का समय।
    • प्रभाव: गंभीर रोग, शारीरिक कष्ट और मानसिक तनाव। शत्रुओं से सतर्क रहें।
    • स्वास्थ्य: जननेंद्रिय रोग और मानसिक तनाव।

7.      निष्कर्ष: कर्क राशि के जातकों के लिए 2025 का समय मिश्रित परिणामों वाला रहेगा। कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन कुछ समय के लिए सुधार और सफलता भी प्राप्त होगी। अपने स्वास्थ्य, धन और रिश्तों पर विशेष ध्यान दें।

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    • Singh rashi -
  1. शनि का अष्टम भाव से गोचर (29 मार्च 2025 से 3 जून 2027):
    • समय: कठिनाई और संघर्ष।
    • प्रभाव: कार्य और वित्त में बाधाएँ, कुसंगति से सावधान रहें। स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।
    • स्वास्थ्य: गंभीर रोग, शारीरिक कष्ट और मानसिक अशांति।
  2. केतु का प्रथम भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026):
    • समय: संघर्षपूर्ण समय।
    • प्रभाव: शत्रुओं से संघर्ष, वित्तीय कठिनाई, स्वास्थ्य पर असर।
    • स्वास्थ्य: सिर से संबंधित रोग।
  3. राहु का सप्तम भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026):
    • समय: चिंताजनक और थकान भरा समय।
    • प्रभाव: परिवारिक विवाद, व्यापार में समस्याएं, मानसिक तनाव और शारीरिक स्वास्थ्य खराब।
    • स्वास्थ्य: पित्त और वायु रोग, यौन रोग।
  4. केतु का द्वादश भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026):
    • समय: जीवन में झटका और अपमान का समय।
    • प्रभाव: कार्य में समर्पण की कमी, मुकदमेबाजी और धन की कमी। परिवारिक रिश्तों में तनाव।
    • स्वास्थ्य: पित्त और बवासीर से संबंधित बीमारियां।
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    • Kanya rashi-

. शनि का सप्तम भाव से गोचर (29 मार्च 2025 से 3 जून 2027)

  • समय अवधि: 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027
  • विवरण:
    • इस समय में शनि आपके सातवें भाव से गोचर करेगा, जो जीवन साथी, साझेदारी और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ है।
    • यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण समय होगा, जिसमें जीवन में उदासी और निराशा का अनुभव हो सकता है।
    • आपके आर्थिक हालात स्थिर नहीं रहेंगे, आय में कमी आ सकती है और धोखाधड़ी या चोरी के कारण धन की हानि हो सकती है।
    • आपको अपने कामकाजी जीवन में अधिक मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होगी, क्योंकि आपकी मेहनत का परिणाम साकारात्मक नहीं होगा।
    • साझेदारी में व्यापार करने वालों को धोखेबाजों से सावधान रहना चाहिए।
    • यदि आप किसी पद पर हैं तो अपना सम्मान बनाए रखें, किसी भी प्रकार का विवाद आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
    • विद्यार्थियों को एकाग्रता में कठिनाई हो सकती है और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी, खासकर गुर्दे, यौन अंग और मूत्र नलिका से संबंधित रोग हो सकते हैं।
    • इस समय मानसिक संतुलन बनाए रखना कठिन होगा, लगातार आंतरिक अशांति महसूस हो सकती है।
    • ऋण लेने से बचें, क्योंकि ऋण मुक्ति के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
    • मित्रों से अच्छे संबंध बनाए रखें, क्योंकि इस समय आपके अंतरंग मित्र आपको त्याग सकते हैं।
    • मानसिक तनाव और निरंतर चिंता के कारण आपकी स्थिति पर असर पड़ सकता है।
  • सावधानियाँ:
    • ऋण से बचें और धोखाधड़ी से सावधान रहें।
    • मानसिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें।
    • स्वास्थ्य पर ध्यान दें, खासकर गुर्दे और यौन अंगों से संबंधित समस्याओं पर।
    • मित्रों और परिवार से अच्छे रिश्ते बनाए रखें, ताकि समर्थन मिलता रहे।
    • किसी भी मुकदमेबाजी से बचें, यह समय इसके लिए अनुकूल नहीं है।

2. गुरु का दशम भाव से गोचर (14 मई 2025 से 18 अक्टूबर 2025)

  • समय अवधि: 14 मई 2025 से 18 अक्टूबर 2025
  • विवरण:
    • इस दौरान बृहस्पति आपके दशम भाव से गोचर करेगा, जो करियर, प्रतिष्ठा और समाज में स्थान से जुड़ा है।
    • यह समय आपके लिए भाग्यहीनता का अहसास करवा सकता है। आपके मन में नकारात्मक सोच और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
    • काम में रुकावटें आ सकती हैं, और आपके सपने या इच्छाएँ पूरी नहीं हो पा रही होंगी, जिससे निराशा का अनुभव होगा।
    • कामकाजी जीवन में वरिष्ठों और बड़ों से विवाद से बचने की कोशिश करें। यदि विवाद बढ़ता है तो पद हानि और स्थानांतरण हो सकता है।
    • स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान दें, विशेषकर नेत्र और गले से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।
    • थकान और तनाव से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
    • बच्चों का स्वास्थ्य भी आपकी चिंता का विषय बन सकता है, इस समय किसी भी लापरवाही से बचें।
  • सावधानियाँ:
    • स्वास्थ्य पर ध्यान दें, खासकर नेत्र और गले की समस्याओं से बचें।
    • कार्यस्थल पर विवाद से बचें, वरिष्ठों से मतभेद होने पर स्थिति बिगड़ सकती है।
    • अपने कर्मचारी या परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
    • नकारात्मक सोच से बचें, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।

3. गुरु का एकादश भाव से गोचर (18 अक्टूबर 2025 से 5 दिसम्बर 2025)

  • समय अवधि: 18 अक्टूबर 2025 से 5 दिसम्बर 2025
  • विवरण:
    • इस समय बृहस्पति आपके ग्यारहवें भाव से गोचर करेगा, जो मित्रता, लाभ, और सामाजिक संबंधों से जुड़ा हुआ है।
    • यह एक सुखमय और फलदायी समय होगा, जिसमें आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है।
    • इस दौरान आपको पदोन्नति या व्यवसाय में लाभ मिल सकता है। समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
    • प्रेम संबंध मजबूत होंगे, और विवाह योग्य लोग विवाह के बारे में सोच सकते हैं।
    • यदि आप व्यापार कर रहे हैं तो नए अवसर मिल सकते हैं, और भूमि, वाहन, आभूषण आदि के लिए खर्च करने का मन बना सकते हैं।
    • धन लाभ और सामाजिक सफलता इस समय की प्रमुख विशेषताएँ होंगी।
  • सावधानियाँ:
    • अपनी सामाजिक छवि बनाए रखें, क्योंकि इस समय लोग आपके प्रति आकर्षित होंगे।
    • सामाजिक संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखें, क्योंकि मित्रों से मिलने वाले लाभ इस समय आपको मिल सकते हैं।
    • स्वास्थ्य पर ध्यान रखें और धन के व्यय में संतुलन बनाए रखें।

4. गुरु का दशम भाव से गोचर (5 दिसम्बर 2025 से 2 जून 2026)

  • समय अवधि: 5 दिसम्बर 2025 से 2 जून 2026
  • विवरण:
    • यह समय भी पहले वाले गोचर जैसा ही होगा, जहां नकारात्मक सोच और विफलता का अहसास हो सकता है।
    • व्यवसाय और करियर में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, और पद हानि या स्थानांतरण के संकेत हो सकते हैं।
    • स्वास्थ्य पर ध्यान दें, और नेत्र व गले की समस्याओं से बचने का प्रयास करें।
    • आपको स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए।
  • सावधानियाँ:
    • काम में ध्यान रखें, क्योंकि भ्रम और गलत निर्णयों से नुकसान हो सकता है।
    • स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, और किसी भी प्रकार की थकान से बचें।
    • सार्वजनिक विवाद से बचें और अपना मान-सम्मान बनाए रखने का प्रयास करें।

5. केतु का द्वादश भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

  • समय अवधि: 30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026
  • विवरण:
    • यह समय स्वास्थ्य समस्याओं, विशेषकर पित्त प्रकोप, बवासीर और अस्थाई विस्मृति से जुड़ा हो सकता है।
    • इस समय आपके लिए आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं रहेगी, और धन का आगमन सीमित रहेगा।
    • मुकदमेबाजी से दूर रहें, क्योंकि आप मुकदमे हार सकते हैं और अपमान का सामना कर सकते हैं।
    • स्वास्थ्य के मामले में विशेष ध्यान दें, क्योंकि शारीरिक समस्याएँ आपके दाम्पत्य जीवन पर असर डाल सकती हैं।
    • स्वास्थ्य के मामलों में लापरवाही से बचें, खासकर पत्नी/पति के स्वास्थ्य को लेकर।
  • सावधानियाँ:
    • स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दें, और समय रहते इलाज लें।
    • ऋण से बचें, और अपने खर्चों को नियंत्रित करें।
    • मुकदमे से दूर रहें और सामाजिक अपमान से बचने की कोशिश करें।

6. राहु का षष्ठ भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

  • समय अवधि: 30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026
  • विवरण:
    • यह समय आपके लिए आर्थिक लाभ और व्यवसाय में वृद्धि का संकेत है।
    • विरोधी आपकी योजनाओं को रोक नहीं पाएंगे और आप उन पर विजय प्राप्त करेंगे।
    • स्वास्थ्य में सुधार होगा और आपको पुराने रोगों से

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तुला राशी

तुला (Libra)

1. शनि का षष्ठ भाव से गोचर

  • समय: 29 मार्च 2025 (21:44:37) से 3 जून 2027 (05:27:26)
  • विवरण:
    • शनि का छठे भाव में गोचर आपके लिए धनलाभ और शत्रुओं से विजय का समय है।
    • इस समय में आप अपने सभी बिल, ऋण और शुल्क चुका पाएंगे और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
    • परिवार में सुख, शांति, और प्रेम बढ़ेगा। यदि संतान की इच्छा है तो यह समय शुभ रहेगा।

2. गुरु का नवम भाव से गोचर

  • समय: 14 मई 2025 (22:36:11) से 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02)
  • विवरण:
    • बृहस्पति का नवम भाव से गोचर आपके लिए उच्चतम मान-सम्मान और धर्म कार्यों में बढ़ी रुचि का संकेत है।
    • यह समय व्यापार में लाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि और लेखन कार्यों के लिए उत्तम रहेगा।
    • आप अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि का अनुभव करेंगे और संतों के संग संपर्क में आ सकते हैं।

3. गुरु का दशम भाव से गोचर

  • समय: 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02) से 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17)
  • विवरण:
    • बृहस्पति का दशम भाव से गोचर जीवन में व्यवधान और नकारात्मक विचारों का संकेत हो सकता है।
    • यह समय आपके करियर में कठिनाइयाँ और पदहानि का खतरा ला सकता है।
    • विशेष सावधानी बरतें और वरिष्ठों के साथ विवाद से बचें। स्वास्थ पर ध्यान दें, विशेषकर नेत्र और गले के संबंधित रोगों से बचें।

4. गुरु का नवम भाव से गोचर (दूसरी बार)

  • समय: 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17) से 2 जून 2026 (01:49:32)
  • विवरण:
    • बृहस्पति का गोचर पुनः आपके नवम भाव में होने से यह समय फिर से लाभ और प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला रहेगा।
    • व्यापार में सफलता, धार्मिक कार्यों में रुचि, और नई संपत्ति खरीदने का विचार हो सकता है।
    • यह समय अविवाहितों के लिए शादी का अवसर भी लेकर आ सकता है।

5. केतु का एकादश भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विवरण:
    • केतु का एकादश भाव में गोचर विशेष रूप से आपके लिए धनलाभ और जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।
    • यह समय आपके लिए शारीरिक और मानसिक लाभ का होगा, लेकिन यदि केतु की गति कृष्ण पक्ष में हो तो मानसिक अस्वस्थता का सामना कर सकते हैं।
    • आपको आध्यात्मिक उन्नति का भी अवसर मिलेगा और कृषि में रुचि उत्पन्न हो सकती है।

6. राहु का पंचम भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विवरण:
    • राहु का पंचम भाव से गोचर आपके बच्चों और पारिवारिक जीवन में परेशानी ला सकता है।
    • इस समय वित्तीय स्थिति कमजोर हो सकती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
    • बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है और कुछ समस्याएँ संतान से जुड़ी हो सकती हैं।

सारांश:
तुला राशि के जातकों के लिए 2025 से 2027 का समय मिश्रित रहेगा। जहाँ एक ओर धनलाभ, सामाजिक सम्मान और दाम्पत्य जीवन में सुख मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कुछ गोचर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, विशेषकर करियर और पारिवारिक जीवन में। ध्यान रखें कि स्वास्थ्य और सामाजिक संबंधों में संतुलन बनाए रखें।

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Vrushchik rashi

वृश्चिक (Scorpio)

1. शनि का पंचम भाव से गोचर

  • समय: 29 मार्च 2025 (21:44:37) से 3 जून 2027 (05:27:26)
  • विवरण:
    • पारिवारिक जीवन: इस समय शनि आपके पंचम भाव में गोचर करेगा, जो आपके पारिवारिक जीवन और संबंधों में तनाव का कारण बन सकता है। परिवार के सदस्यों से उलझने की संभावना है, खासकर बच्चों या जीवनसाथी के साथ। मानसिक अवसाद और चिंताएँ बढ़ सकती हैं।
    • व्यक्तिगत संबंध: विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोगों के साथ भी आपके संबंधों में समस्याएँ आ सकती हैं। यदि आप विवाहित हैं, तो जीवनसाथी के साथ तालमेल में कमी आ सकती है, जिससे वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है।
    • व्यवसाय और वित्तीय स्थिति: इस दौरान नए व्यापारिक उपक्रमों में प्रवेश करने से बचें, क्योंकि शनि की यह स्थिति आपके प्रयासों को विफल कर सकती है। आपको व्यर्थ के खर्चों से बचने की आवश्यकता है। निवेश के मामलों में भी आपको सावधानी बरतनी होगी।
    • स्वास्थ्य: शारीरिक रूप से यदि आपके बच्चे या जीवनसाथी को कोई बीमारी हो, तो आपको अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होगी। किसी भी स्वास्थ्य संबंधित समस्या की अनदेखी न करें, क्योंकि यह गंभीर रूप ले सकती है।

2. गुरु का अष्टम भाव से गोचर

  • समय: 14 मई 2025 (22:36:11) से 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02)
  • विवरण:
    • स्वास्थ्य: बृहस्पति का अष्टम भाव में गोचर आपके स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दौरान आपको शारीरिक और मानसिक थकान महसूस हो सकती है। कुछ रोग जो आपके जीवन को खतरे में डाल सकते हैं, वह भी इस समय हो सकते हैं। इसलिए आपको विशेष ध्यान और उपचार की आवश्यकता है।
    • कर्मक्षेत्र: यह समय आपके लिए कठिनाइयों और विफलताओं का हो सकता है। काम में अत्यधिक परिश्रम की आवश्यकता पड़ेगी, लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं होंगे। आपके प्रयासों का पूरा फल न मिल सके तो निराशा हो सकती है।
    • पारिवारिक और सामाजिक जीवन: इस समय आपका सामाजिक व्यवहार भी चिड़चिड़ा हो सकता है। परिवार और मित्रों से विवाद हो सकते हैं। आपको अपनी प्रतिष्ठा और इमेज का ख्याल रखना होगा, क्योंकि इस समय नकारात्मकता बढ़ने का खतरा रहता है।
    • वित्तीय स्थिति: वित्तीय मामलों में भी आपको सावधानी बरतनी होगी। कोई बड़ा नुकसान या धोखाधड़ी हो सकती है, जिससे आपकी स्थिति कमजोर हो सकती है।

3. गुरु का नवम भाव से गोचर

  • समय: 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02) से 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17)
  • विवरण:
    • आर्थिक लाभ: इस समय बृहस्पति आपके नवम भाव से गोचर करेगा, जो आपको आर्थिक दृष्टि से बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। व्यापार, नौकरी या किसी अन्य स्रोत से आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। आपकी आय में वृद्धि हो सकती है।
    • सामाजिक स्थिति और सम्मान: आपको समाज में सम्मान मिलेगा और आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उच्च पदों पर आपकी स्थिति मजबूत हो सकती है, और आपको वरिष्ठ अधिकारियों का समर्थन प्राप्त हो सकता है।
    • धार्मिक गतिविधियाँ: यह समय धार्मिक कार्यों में भाग लेने के लिए उत्तम है। आपको संतों और आध्यात्मिक व्यक्तियों से मिलने का अवसर मिल सकता है, और आप अपने जीवन को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने लगेंगे।
    • विवाह और परिवार: अविवाहितों के लिए यह समय विवाह के विचार करने का हो सकता है, और संतान के विषय में भी कुछ सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा, और आप शारीरिक आराम और आनंद की स्थिति में रहेंगे।

4. गुरु का अष्टम भाव से गोचर (दूसरी बार)

  • समय: 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17) से 2 जून 2026 (01:49:32)
  • विवरण:
    • स्वास्थ्य: यह समय फिर से स्वास्थ्य की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आप थकान और मानसिक दबाव का सामना कर सकते हैं। साथ ही शारीरिक समस्याएं भी उभर सकती हैं जो लंबे समय तक चल सकती हैं।
    • पारिवारिक जीवन: परिवार में विवाद और असहमति हो सकती है, और आपके लिए संयम बनाए रखना आवश्यक होगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन और अनावश्यक गुस्सा बढ़ सकता है।
    • व्यवसाय और कार्य क्षेत्र: यदि आप अपने कार्य में एकाग्रचित्त रहते हैं, तो यह समय आपके लिए किसी प्रकार की नकारात्मकता से बचने का होगा। अपमानजनक स्थितियों से बचने के लिए सतर्क रहना पड़ेगा, क्योंकि इस दौरान आपके पद और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है।

5. केतु का दशम भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विवरण:
    • व्यवसाय और कार्य क्षेत्र: केतु का दशम भाव से गोचर आपके कार्यक्षेत्र में मिले-जुले परिणाम देगा। यदि चंद्रमा बढ़ते हुए शुक्ल पक्ष में होगा, तो कार्य में प्रगति हो सकती है, और यदि घटते हुए कृष्ण पक्ष में होगा, तो नुकसान हो सकता है।
    • शत्रु और समस्याएँ: इस समय आपके शत्रुओं का सामना बढ़ सकता है। आपको अपने शत्रुओं से अधिक सतर्क रहना होगा क्योंकि वे आपके खिलाफ कड़ी चालें चल सकते हैं। इसके अलावा, माता-पिता के स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देना होगा।
    • आर्थिक स्थिति: व्यवसाय में हानि की संभावना है, और आपको सावधान रहकर अपने वित्तीय मामलों को सुलझाना होगा। व्यापार में नकारात्मक परिणाम से मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
    • समाज में सामंजस्य: इस दौरान आपको प्रभावशाली लोगों से मदद मिल सकती है, जो आपके व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन में लाभकारी साबित हो सकते हैं।

6. राहु का चतुर्थ भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विवरण:
    • घर और परिवार: राहु के चतुर्थ भाव से गोचर का समय आपके घर और परिवार के मामलों में कठिनाइयाँ लेकर आ सकता है। घर की शांति में विघ्न पड़ सकता है, और आपको किसी परिवार के सदस्य के स्वास्थ्य के बारे में चिंता हो सकती है।
    • भूमि और संपत्ति: इस समय आपको भूमि और संपत्ति के मामलों में विशेष ध्यान रखना होगा। यहां तक कि आपका निवास स्थान बदलने की संभावना भी हो सकती है।
    • स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति: मानसिक तनाव बढ़ सकता है, और आप मानसिक रूप से उदासीन या चिंतित रह सकते हैं। राहु की इस स्थिति से आपका स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है, और आपको विपरीत स्थितियों से बचने के लिए अपने व्यवहार को नियंत्रित करना होगा।
    • यात्रा: इस दौरान यात्रा से बचना बेहतर होगा, क्योंकि यात्रा में दुर्घटना या अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

सारांश:
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय मिश्रित परिणामों वाला रहेगा। शनि, गुरु, केतु और राहु के गोचर से आपको स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, और कार्यक्षेत्र में संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से मानसिक और शारीरिक रूप से सजग रहना जरूरी होगा। धन, सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी का भी संकेत है, लेकिन आपको सावधानी और संयम बनाए रखना पड़ेगा ताकि आप विफलताओं से बच सकें और अच्छे अवसरों का लाभ उठा सकें।

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धनु (Sagittarius) – गोचर का विस्तृत विवरण


1. शनि का चतुर्थ भाव से गोचर

  • समय: 29 मार्च 2025 (21:44:37) से 3 जून 2027 (05:27:26)
  • विस्तार:
    शनि का चतुर्थ भाव से गोचर आपके पारिवारिक जीवन और मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालेगा। इस अवधि में घर में तनाव, झगड़े और मतभेद बढ़ सकते हैं। परिवार के साथ विवाद होने की संभावना है और आपको अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
    कड़ी मेहनत की आवश्यकता है, क्योंकि कार्य में उथल-पुथल और उत्साह की कमी हो सकती है। आपके स्वास्थ्य में भी गिरावट आ सकती है, और आप शारीरिक और मानसिक थकान महसूस कर सकते हैं। इस दौरान ऋण और वित्तीय मामलों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है।
    सावधानी: घर में किसी प्रिय सदस्य की तबियत नासाज़ हो सकती है, और आपके किसी रिश्तेदार की मृत्यु का भी शोक मना सकते हैं। पारिवारिक समस्याओं से बचने के लिए संयमित और शांतिपूर्ण व्यवहार आवश्यक होगा।
  • सुझाव: इस समय को पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन को संभालने का अवसर मानें, और अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करें।

2. गुरु का सप्तम भाव से गोचर

  • समय: 14 मई 2025 (22:36:11) से 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02)
  • विस्तार:
    गुरु का सप्तम भाव से गोचर आपके जीवन में सुख, समृद्धि और रिश्तों में सुधार लेकर आएगा। यह समय शारीरिक और भौतिक सुखों का आनंद लेने का है। घर में सुख-शांति और आरामदायक जीवन की स्थिति बनेगी।
    यदि आप अविवाहित हैं, तो विवाह के लिए यह अच्छा समय हो सकता है, और यदि विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन में आनंद और सहयोग मिलेगा। यह समय आपके सामाजिक जीवन को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे आप सम्मान और पहचान प्राप्त कर सकते हैं।
    स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय उत्तम रहेगा, और आपकी शारीरिक खूबसूरती व चरित्र की सराहना होगी। घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि हो सकती है और आप शांति का अनुभव करेंगे।
  • सुझाव: यह समय व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करने का है। आप सामाजिक दृष्टि से सम्मानित होंगे और परिवार में सुख और समृद्धि का अनुभव करेंगे।

3. गुरु का अष्टम भाव से गोचर

  • समय: 18 अक्टूबर 2025 (19:49:02) से 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17)
  • विस्तार:
    इस समय आपके जीवन में मानसिक और शारीरिक चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि आप ऐसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं जो जीवन के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं। थकान और उत्साहहीनता का सामना करना पड़ सकता है।
    कार्य में भी अत्यधिक परिश्रम और संघर्ष की आवश्यकता होगी। यदि आप किसी पद पर हैं तो अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। मुकदमेबाजी और सरकारी परेशानी का सामना भी हो सकता है।
    वित्तीय मामले विशेष रूप से निगरानी में रखने चाहिए, क्योंकि यह समय जोखिम भरा हो सकता है। यात्रा के मामले में भी सावधानी बरतें, क्योंकि यात्रा के दौरान परेशानी हो सकती है।
  • सुझाव: इस समय परिश्रम और सतर्कता की आवश्यकता है। मानसिक शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और प्रार्थना पर ध्यान दें। कार्यों को सावधानी से करें और विवादों से दूर रहें।

4. गुरु का सप्तम भाव से गोचर (दूसरी बार)

  • समय: 5 दिसम्बर 2025 (17:25:17) से 2 जून 2026 (01:49:32)
  • विस्तार:
    यह अवधि आपके लिए फिर से सुखमय और सामाजिक रूप से सम्मानित होने की संभावना लेकर आएगी। यदि आप किसी के साथ रिश्ते में हैं तो दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ और समझदारी बढ़ेगी। इस दौरान आप शारीरिक और मानसिक रूप से बेहतर महसूस करेंगे।
    सामाजिक स्तर पर आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में वृद्धि होगी, और आप नए लोगों से मिल सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी साबित होंगे। इस समय आप अपने जीवन के नए उद्देश्यों को स्थापित करने में सक्षम हो सकते हैं।
    स्वास्थ्य की स्थिति भी अच्छी रहेगी, और घर में आरामदायक और सुखद वातावरण मिलेगा। यदि आप नए घर की तलाश में हैं तो यह समय अच्छा रहेगा।
  • सुझाव: यह समय व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का है। सामाजिक जीवन को पुनः सक्रिय करने का अवसर है, और नई परियोजनाओं में सफलता प्राप्त हो सकती है।

5. केतु का नवम भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विस्तार:
    केतु का नवम भाव से गोचर आपके लिए कुछ मानसिक चिंताओं और शारीरिक रोगों का संकेत हो सकता है। धन के मामले में भी आप लापरवाही कर सकते हैं, और सट्टेबाजी या लॉटरी के जरिए पैसा खोने का खतरा हो सकता है।
    अपने परिवार और रिश्तेदारों से विवादों से बचें, क्योंकि इस समय आपके शत्रु बढ़ सकते हैं। आपको अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक जिम्मेदारियों के प्रति भी ध्यान रखना होगा।
    यात्रा के दौरान परेशानी हो सकती है, विशेषकर यदि आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं।
  • सुझाव: इस समय धन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें। मानसिक शांति के लिए ध्यान और संतुलित जीवन जीने का प्रयास करें।

6. राहु का तृतीय भाव से गोचर

  • समय: 30 मई 2025 (00:27:43) से 25 नवम्बर 2026 (17:46:18)
  • विस्तार:
    राहु का तृतीय भाव से गोचर आपके लिए एक शुभ और सफल समय लेकर आएगा। वित्तीय लाभ की संभावना बन सकती है, क्योंकि इस समय आपको अनजाने स्रोतों से धन प्राप्त हो सकता है।
    कार्यक्षेत्र में प्रगति और सहकर्मियों से समर्थन मिलने की संभावना है। आपके द्वारा किए गए प्रयास सफल हो सकते हैं, और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
    इस समय स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा, और आप अपनी समस्याओं का सामना साहस और आत्मविश्वास के साथ करेंगे।
  • सुझाव: यह समय वित्तीय समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने का है। अपने कार्यों में पूरी लगन से काम करें और हर चुनौति का सामना आत्मविश्वास से करें।

सारांश:
धनु राशि के जातकों के लिए यह समय मिश्रित रहेगा। शनि के गोचर से पारिवारिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं गुरु के गोचर से जीवन में सुख, समृद्धि और रिश्तों में सुधार होगा। राहु के गोचर से वित्तीय मामलों में वृद्धि हो सकती है, जबकि केतु और गुरु के अन्य गोचर आपकी मानसिक स्थिति और व्यक्तिगत संबंधों में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

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Makar Rashi (Capricorn) – Key Astrological Transits


जन्म चंद्रमा से शनि का तृतीय भाव से गोचर (29 मार्च 2025 से 3 जून 2027)

Duration: 29 मार्च 2025, 21:44:37 – 3 जून 2027, 05:27:26

  • व्यावसायिक सफलता: यह समय आपके कार्य क्षेत्र में सफलता का संकेत है। कोई भी नया व्यापार या परियोजना इस अवधि में लाभकारी सिद्ध होगा। विशेष रूप से, मुर्गी पालन और कृषि से जुड़े कार्यों में सफलता की संभावना है।
  • वित्तीय समृद्धि: यह अवधि धन कमाने के लिए शुभ है। आप न केवल अपनी मेहनत से धन अर्जित करेंगे, बल्कि भूमि या अचल संपत्ति में भी निवेश कर सकते हैं। बेरोजगार व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर खुल सकते हैं।
  • सामाजिक स्थिति: इस समय आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आप अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करेंगे, जिससे आप किसी भी तर्क-वितर्क में विजयी होंगे। परिवार में भी शांति और सुख का माहौल रहेगा।

जन्म चंद्रमा से गुरु का षष्ठ भाव से गोचर (14 मई 2025 से 18 अक्टूबर 2025)

Duration: 14 मई 2025, 22:36:11 – 18 अक्टूबर 2025, 19:49:02

  • स्वास्थ्य और संघर्ष: यह समय स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी परेशानियों का संकेत है। आपको शारीरिक और मानसिक रूप से भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। तनाव, बेचैनी और दु:ख हो सकते हैं, इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक है।
  • वित्तीय जोखिम: इस समय धन और संपत्ति को लेकर नुकसान हो सकता है। किसी भी प्रकार के विवाद से बचना जरूरी है क्योंकि इससे आपके शत्रु बढ़ सकते हैं। कार्यस्थल पर भी सावधान रहें और नए कार्यों में जल्दबाजी से बचें।
  • व्यक्तिगत संबंध: पारिवारिक और व्यक्तिगत रिश्तों में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। जीवनसाथी के साथ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए विवादों से बचने का प्रयास करें।

जन्म चंद्रमा से केतु का अष्टम भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

Duration: 30 मई 2025, 00:27:43 – 25 नवम्बर 2026, 17:46:18

  • स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ: इस गोचर के दौरान शारीरिक कष्ट और रोगों से जूझना पड़ सकता है। ज्वर, बदन दर्द, और जननेन्द्रिय संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। मानसिक रूप से भी कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • वित्तीय स्थिति: वित्तीय मामले चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, इसलिए अवैध कार्यों से बचें। अनावश्यक खर्चों से बचें और अपने धन को बचाने के लिए सतर्क रहें।
  • सामाजिक और मानसिक स्थिति: इस समय आपको कुछ मानसिक अवसाद का सामना करना पड़ सकता है, और आपके निवास स्थान पर कोई अप्रिय घटना हो सकती है। हालांकि, शुक्ल पक्ष में जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

जन्म चंद्रमा से राहु का द्वितीय भाव से गोचर (30 मई 2025 से 25 नवम्बर 2026)

Duration: 30 मई 2025, 00:27:43 – 25 नवम्बर 2026, 17:46:18

  • वित्तीय समस्याएँ: इस गोचर में वित्तीय मामलों में समस्याएँ आ सकती हैं। खर्चों पर नजर रखें, चोरों और अप्रत्याशित खर्चों से बचें। यह समय आपके लिए वित्तीय दृष्टि से कठिन हो सकता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: स्वास्थ्य में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, विशेष रूप से पेट और आंखों से संबंधित। असमय और गलत भोजन से बचें। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी चिंता का कारण बन सकता है।
  • सामाजिक विवाद: इस दौरान आप अपने निकटजन और प्रियजनों से विवाद कर सकते हैं, जिससे आपके रिश्तों में खटास आ सकती है। कोर्ट-कचहरी के मामलों से भी बचें, क्योंकि आप इस दौरान मुकदमे में हार सकते हैं। समाज में आपकी छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

  • शनि का गोचर आपके कार्य और वित्तीय मामलों में सफलता का संकेत है। आप लाभ कमाएंगे, विशेष रूप से कृषि और संपत्ति के क्षेत्र में। सामाजिक प्रतिष्ठा और परिवार में सुख-शांति रहेगी।
  • बृहस्पति का गोचर स्वास्थ्य और व्यक्तिगत रिश्तों में चुनौतियाँ ला सकता है। व्यर्थ के विवाद और कामकाजी तनाव से बचना महत्वपूर्ण है।
  • केतु और राहु का गोचर स्वास्थ्य, वित्तीय और सामाजिक मोर्चों पर कठिनाइयों का संकेत देता है। अवैध कार्यों से बचें और खर्चों पर नियंत्रण रखें। रिश्तों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।

आपके लिए सबसे अच्छे समय में सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता होगी।

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कुम्भ राशी (Aquarius) – गोचर प्रभाव

 कुम्भ राशी के जातकों के लिए 2025 और 2026 के दौरान कुछ महत्वपूर्ण ग्रह गोचर होने वाले हैं, जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डालेंगे। इन ग्रहों के गोचर के दौरान वित्तीय स्थिति, व्यवसाय, परिवारिक जीवन, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आइए, प्रत्येक ग्रह के गोचर के प्रभाव को विस्तार से समझें।

1. शनि का गोचर द्वितीय भाव से (29 मार्च 2025 – 3 जून 2027)

वित्तीय स्थिति:

शनि का गोचर द्वितीय भाव में आपके लिए वित्तीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। शनि की स्थिति आपके धन अर्जन में विघ्न डाल सकती है, और आपको धन संजोने में कठिनाई हो सकती है। आप पैसे कमाने के विभिन्न प्रयास करेंगे, लेकिन उसे बचाकर रखना मुश्किल होगा।

खर्चों में वृद्धि हो सकती है, इसलिए इस समय आपको खर्चों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी और अनावश्यक खर्चों से बचना होगा। आपको यह समझने की आवश्यकता है कि आपके धन का प्रवाह किस दिशा में हो रहा है।

व्यवसाय और करियर:

यदि आप नौकरी या व्यवसाय में हैं, तो यह समय कठिन हो सकता है। इस दौरान आप अपने कार्यों के मनचाहे परिणाम नहीं देख पाएंगे। शनि का गोचर आपको अपने कार्यों में धीमे-धीमे बढ़ने का संकेत देता है। आपको अपने कदमों को सतर्कता से बढ़ाना होगा और कभी भी कोई बड़ा कदम बिना सोच-समझे नहीं उठाना चाहिए।

पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन:

इस समय पारिवारिक जीवन में भी तनाव बढ़ सकता है। आप छोटी-छोटी बातों पर अपने जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्य से विवाद कर सकते हैं, जो रिश्तों में दरार डाल सकता है। खासकर अपने पति/पत्नी से मामूली बातों को लेकर मतभेद हो सकते हैं।

बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

स्वास्थ्य:

शनि का गोचर आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में कमजोरी और थकान का अनुभव करा सकता है। इस दौरान आप अपनी सेहत के प्रति अधिक संवेदनशील महसूस करेंगे और शारीरिक थकान को लेकर परेशान हो सकते हैं।

यात्रा:

कुछ जातकों को इस दौरान विदेश यात्रा का अवसर मिल सकता है, जबकि कुछ जातकों के लिए यह समय बेवजह इधर-उधर भटकने का हो सकता है। यात्रा की योजना बनाते समय विशेष ध्यान रखें और बिना आवश्यकता के यात्रा करने से बचें।

2. बृहस्पति का गोचर पंचम भाव से (14 मई 2025 – 18 अक्टूबर 2025)

व्यवसाय और शिक्षा:

यह समय आपके लिए सफलता और समृद्धि लेकर आ सकता है। बृहस्पति का गोचर आपके पंचम भाव में होने से आपके व्यवसाय और प्रयासों में सफलता की संभावना बढ़ जाएगी। यह समय आपकी मेहनत और योजनाओं के परिणामस्वरूप लाभ के अवसरों को लेकर आएगा।

यदि आप विद्यार्थी हैं, तो इस समय शिक्षा के क्षेत्र में सफलता की पूरी संभावना है। आप अपने अध्ययन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।

वित्तीय स्थिति:

वित्तीय दृष्टि से, यह समय आपके लिए अच्छा हो सकता है। आपको पशुधन, आभूषण, घर आदि के निवेश के अवसर मिल सकते हैं। आप अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।

पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन:

अविवाहित जातकों के लिए यह समय एक आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति का हो सकता है, और आप विवाह के बारे में विचार कर सकते हैं।

यदि आप विवाहित हैं, तो परिवार में नए सदस्य के आगमन की संभावना हो सकती है। इस समय आपके परिवार के साथ रिश्ते बेहतर होंगे और आप परिवार के अन्य सदस्यों से भी लाभ प्राप्त करेंगे।

सामाजिक जीवन:

बृहस्पति का गोचर आपके सामाजिक स्तर को ऊंचा कर सकता है। उच्च वर्ग के व्यक्तियों से संबंध स्थापित होंगे और आपको राजकीय सम्मान मिल सकता है।

इस समय बुद्धि की प्रखरता भी अधिक होगी, जिससे आप तार्किक वाद-विवाद और विवादों में भी सफल हो सकते हैं।

3. केतु का गोचर सप्तम भाव से (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)

स्वास्थ्य:

इस समय आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, विशेष रूप से पेट से संबंधित रोगों के कारण। आप मानसिक और शारीरिक रूप से दुर्बल महसूस कर सकते हैं। इसलिए अपनी सेहत का खास ख्याल रखें और समय पर उपचार लें।

वित्तीय स्थिति:

इस दौरान आपके लिए आर्थिक नुकसान का खतरा हो सकता है, और आपको धन की बर्बादी का भी सामना करना पड़ सकता है। विशेष ध्यान रखें कि आपके खर्चे अनावश्यक क्षेत्रों में न जाएं और आप उधारी से बचें।

यदि आप कृषि के क्षेत्र से जुड़े हैं, तो इस दौरान आपके उत्पाद चोरी हो सकते हैं, इसलिए ध्यान रखें।

पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन:

इस समय आपके और आपके जीवनसाथी के बीच विवाद उत्पन्न हो सकता है। यदि आप छोटे-मोटे झगड़ों में उलझते हैं तो रिश्ते में दरार आ सकती है। यदि विवाद अधिक बढ़ता है तो जीवनसाथी आपको छोड़ भी सकता है।

परिवारिक संबंधों में तनाव हो सकता है। आपको अपने परिवार के सदस्यों से सौम्य व्यवहार करना चाहिए और किसी प्रकार के मतभेद से बचना चाहिए।

मानसिक स्थिति:

मानसिक तौर पर आप विह्वल और चिंतित महसूस कर सकते हैं। यह समय मानसिक क्लेश और बेचैनी का हो सकता है, जिससे आपको मानसिक शांति की आवश्यकता होगी।

यात्रा:

यात्रा की संभावना हो सकती है, लेकिन ध्यान रखें कि यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

4. राहु का गोचर प्रथम भाव से (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)

वित्तीय स्थिति:

राहु का गोचर प्रथम भाव में होने से आपकी वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। धन की बर्बादी और हानि हो सकती है। इस दौरान आपको अपने धन के स्रोतों को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा।

शत्रु और कार्यक्षेत्र:

राहु के प्रभाव से आपके शत्रु बढ़ सकते हैं और आपके खिलाफ साजिशें हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित समस्याएं उभर सकती हैं और आपको इनसे सावधान रहना चाहिए। आपको मन में खोट रखने वाले व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए।

यदि आप काला जादू या संदिग्ध क्रिया-कलापों में उलझे, तो इससे आपकी सामाजिक छवि को नुकसान हो सकता है।

स्वास्थ्य:

इस समय आपको स्वास्थ्य की ओर अधिक ध्यान देना होगा, क्योंकि राहु के प्रभाव से अनजानी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। ये बीमारियां सामान्य से अधिक समय ले सकती हैं।

मानसिक स्थिति:

मानसिक रूप से आप निरंतर तनाव और चिन्ता का अनुभव कर सकते हैं। यह समय मानसिक व्यथा और बेचैनी से गुजरने का हो सकता है, जिससे आपकी मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

कुल मिलाकर:

कुम्भ राशी के जातकों के लिए यह समय मिश्रित परिणाम लेकर आ सकता है। बृहस्पति का गोचर पंचम भाव से आपके लिए शिक्षा, व्यवसाय, और व्यक्तिगत जीवन में सफलता लेकर आएगा, जबकि शनि, केतु और राहु के गोचर से आपको वित्तीय समस्याएं, पारिवारिक तनाव, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं, और मानसिक चिन्ता का सामना करना पड़ सकता है।

इस समय आपको विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी, खासकर धन संबंधी मामलों, स्वास्थ्य, और परिवारिक रिश्तों में। साथ ही, कार्यक्षेत्र में किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित विवादों और समस्याओं से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।

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मीन राशि पर प्रभाव:

मीन राशि के जातकों के लिए 2025 से 2026 के बीच के कुछ महत्वपूर्ण ग्रह गोचर काफी प्रभावशाली होने वाले हैं। इन गोचरों का जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा असर पड़ेगा, जैसे कि वित्तीय स्थिति, स्वास्थ्य, परिवारिक जीवन, और मानसिक स्थिति। निम्नलिखित में इन गोचरों के प्रभावों को विस्तार से समझते हैं:


1. शनि का गोचर प्रथम भाव से (29 मार्च 2025 – 3 जून 2027)

वित्तीय स्थिति:
शनि के प्रथम भाव में गोचर के दौरान आपकी वित्तीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इस समय में वित्तीय संकट हो सकता है, और आप व्यर्थ के खर्चों या ऋण के कारण अधिक परेशानी महसूस कर सकते हैं। यह समय आपको मितव्ययी रहने का संदेश देता है। आपको हर खर्चे पर नियंत्रण रखने की जरूरत है, क्योंकि अतिरिक्त खर्च से आपके वित्तीय हालात और बिगड़ सकते हैं।

व्यक्तिगत और मानसिक स्थिति:
आप निराशावादी महसूस कर सकते हैं और बाहर से आपका व्यक्तित्व अप्रिय हो सकता है। इस समय में आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक होगा। आपको स्वस्थ और मानसिक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है, क्योंकि यह समय शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतियों से भरा हो सकता है।

स्वास्थ्य:
इस गोचर के दौरान शारीरिक पीड़ा और थकान का सामना करना पड़ सकता है। रोग न होकर थकान और शारीरिक कमजोरी हो सकती है, और आपको विशेष ध्यान देना होगा। इस दौरान आपके पति/पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति भी प्रभावित हो सकती है, अतः उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण होगा।

यात्रा और स्थानांतरण:
यह समय यात्रा के लिए अनुकूल नहीं होगा। आपको विदेश यात्रा का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह यात्रा आपके लिए उतनी सुखद नहीं होगी। घर से दूर रहना आपको मानसिक कष्ट दे सकता है, इसलिए जहां तक संभव हो, अपने प्रियजनों के पास रहने का प्रयास करें।

परिवारिक जीवन:
इस समय आपको परिवार में तनाव और रिश्तों में दरार का सामना करना पड़ सकता है। आप भाई-बहनों से या अपनी पत्नी/पति से किसी अप्रिय बात को लेकर झगड़ा कर सकते हैं। यह समय आपके और आपके परिवार के लिए तनावपूर्ण हो सकता है, इसलिए आपके लिए महत्वपूर्ण होगा कि आप अपने परिवार में शांति बनाए रखें।

सामाजिक प्रतिष्ठा:
यह समय आपकी प्रतिष्ठा और मान के लिए एक चुनौती हो सकता है। आपको अपनी छवि को बनाए रखने के लिए सावधान रहना होगा और किसी भी ऐसी गतिविधियों से बचना होगा जो आपकी छवि को नुकसान पहुँचा सकती हैं।


2. बृहस्पति का गोचर चतुर्थ भाव से (14 मई 2025 – 18 अक्टूबर 2025)

कार्यक्षेत्र और वित्तीय स्थिति:
बृहस्पति का गोचर चतुर्थ भाव से आपके कार्यक्षेत्र में कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकता है और पदोन्नति में विलम्ब हो सकता है। इस समय आपको जायदाद या मुकदमेबाजी से दूर रहना चाहिए। वित्तीय दृष्टि से भी यह समय उतना लाभकारी नहीं रहेगा, इसलिए व्यर्थ के खर्चों से बचना जरूरी है।

स्वास्थ्य:
इस दौरान आपको और आपकी माँ के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना होगा। स्वास्थ्य में कमजोरी महसूस हो सकती है और जीवन में एक प्रकार की फीकापन आ सकता है। किसी भी शारीरिक कष्ट के लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें और इलाज कराएं।

परिवारिक जीवन:
इस समय आपको परिवारिक जीवन में तनाव का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से माता-पिता से रिश्ते में कोई तनाव उत्पन्न हो सकता है। साथ ही, आपको किसी ऐसे परिवार में जाना पड़ सकता है, जहां किसी की मृत्यु हो चुकी हो। ऐसे समय में संतुलित और शांति बनाए रखना जरूरी है।


3. बृहस्पति का गोचर पंचम भाव से (18 अक्टूबर 2025 – 5 दिसम्बर 2025)

व्यवसाय और शिक्षा:
यह समय आपके लिए व्यवसाय और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक रहेगा। आपके द्वारा किए गए प्रयासों से सफलता मिलने की संभावना है। आप कार्य और व्यापार में अधिक समर्पण और उत्साह महसूस करेंगे, जिससे पुरस्कार और लाभ प्राप्त होंगे। यदि आप विद्यार्थी हैं, तो यह समय शिक्षा में सफलता के लिए अनुकूल रहेगा।

परिवार और व्यक्तिगत जीवन:
यह समय व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आ सकता है। यदि आप अविवाहित हैं, तो आदर्श जीवनसाथी मिल सकता है और आप विवाह के बारे में सोच सकते हैं। यदि आप पहले से विवाहित हैं, तो परिवार में नए सदस्य का आगमन हो सकता है। साथ ही, आप घर के किसी मांगलिक कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

सामाजिक जीवन:
यह समय सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करने का है। आपके बुद्धि और तार्किक क्षमता के कारण आप वाद-विवाद और समस्याओं में सफल रहेंगे। इस समय का लाभ उठाकर आप अपने सामाजिक स्तर को ऊंचा कर सकते हैं।


4. केतु का गोचर षष्ठ भाव से (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)

वित्तीय स्थिति:
केतु का गोचर आपके लिए शुभ संकेत है। यह व्यवसाय और कृषि क्षेत्र में प्रगति और लाभ का समय हो सकता है। वित्तीय दृष्टि से भी यह समय सकारात्मक रहेगा, और आप धन उधार देकर भी लाभ कमा सकते हैं।

स्वास्थ्य:
हालांकि इस समय स्वास्थ्य को लेकर विशेष चिंता की बात नहीं है, फिर भी आपको किसी भी पुराने रोग के उभरने से सावधान रहना होगा।

परिवारिक और सामाजिक जीवन:
इस समय आपके घर में सुख-शांति और आनंद का माहौल हो सकता है। परिवार में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है, और आप सपरिवार कहीं घूमने भी जा सकते हैं। इस दौरान घर में शांति और सुख बनाए रखने के लिए यह समय अच्छा रहेगा।


5. राहु का गोचर द्वादश भाव से (30 मई 2025 – 25 नवम्बर 2026)

व्यवसाय और वित्तीय स्थिति:
राहु का गोचर आपके लिए कठिन समय का संकेत है। व्यापार और काम में हानि हो सकती है और आपके प्रयासों को सफलता नहीं मिल सकती। आपके लिए यह समय वित्तीय संकट का भी हो सकता है, इसलिए आपको खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी है।

स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति:
राहु के प्रभाव से आपको स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति दोनों में समस्याएं हो सकती हैं। आपको अनिद्रा और मानसिक चिंता का सामना करना पड़ सकता है, और शरीर में भी कोई विशेष रोग हो सकता है।

सामाजिक प्रतिष्ठा:
यह समय बदनामी और अपमान का हो सकता है, इसलिए आपको मुकदमेबाजी और विरोधियों से दूर रहना चाहिए। अपने निकटवर्तियों से सामंजस्य बनाए रखें और बुराईयों से बचें।


कुल मिलाकर:

मीन राशि के जातकों के लिए 2025 और 2026 के दौरान मिश्रित परिणामों की स्थिति रहेगी। शनि और राहु के गोचर से आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएँ और पारिवारिक तनाव हो सकता है, वहीं बृहस्पति का गोचर व्यवसाय और शिक्षा में सफलता दिलाने वाला रहेगा। इस समय में मानसिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

 


  

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