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भविष्य-(जन्म राशी- नक्षत्र,नाम) एवं उपाय-08जनवरी 2025


 

भविष्य-(जन्म राशी- नक्षत्र,नाम) एवं उपाय-08जनवरी 2025

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ज्योतिष शिरोमणि “पंडित वी. के. तिवारी”-1972 से चर्चित ज्योतिष हस्ताक्षर

डॉ आर.दीक्षित(वास्तु)डॉ एस.तिवारी(वैदिक ज्योतिष)9424446706;बैंगलोर

  •                   मम शुभकामना:
  • प्रार्थयामहे चिरंजीव कुरु कीर्तिवर्धनम्। भवतु दिनं तव मङ्गलम्

तिथि नक्षत्र व्रत -पर्व:

मासिक-दुर्गा नवमी देवी पूजा;

पौष शुक्ल बुद्धवार ,

 नवमी -;

अश्वनी;

चंद्रमा: मेषराशी;

 कार्य अशुभ परन्तु पूजा शुभ - विषघटी-06:23-08:00;

3-परामर्श-महत्वपूर्ण कार्य (वार्ता, यात्रा, शॉपिंग निर्णय,परामर्श देने-लेने) से बचें----

a-17:51 – कन्या राशी —

हस्त,उत्तराफाल्गुनी,के 2.3.4  चरण ,

चित्रा प्रथम 2– चरण;

S-14:26 से वृष,कन्या ,मीन , राशी;

D-14:25 तक -तुला,मकर;

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-- नये आज 08 जनवरी दुर्लभ शुभ –समय –हवन पूजा (दुर्लभ जानकारी)

विशेष पूजा और कार्य आरम्भ - मुहूर्त:

अभिजित मुहूर्त (नहीं है-: सर्व कार्य सफलता ।

शुभ समय- दिन- रात्रि अंत;

दुर्गा पूजा- 12:26-13:52 समय;

शिव अभिषेक:-14.25 तक शुभ ,इसके पश्चात् वर्जित दुखद ;

हवन:आहुति-यज्ञ परामर्श

ग्रह विशेष की अनिष्ट शान्ति हवन:वर्जित;

रुद्र शिव हवन:अशुभ ;

विष्णु हवन:-SHUBH

दुर्गा हवन:शुभ- (बाधाओं का निवारण और धन-संतान सुख में वृद्धि।)VARJIT

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. आज नयी वस्तु (वस्त्र,आभूषण,चूड़ी )प्रयोग करने के भविष्य में प्रभाव:

 भविष्य में जब भी इस वस्त्र/वस्तु का प्रयोग करेंगे:

  • शुभफल होंगे: यदि आप आज कोई नया वस्त्र या आभूषण धारण करते हैं, तो भविष्य में जब भी आप इस वस्त्र या आभूषण का प्रयोग करेंगे, आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। इसका मतलब है कि यह वस्त्र आपके लिए सौभाग्य लाएगा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
  • दैनिक जीवन के सुख में वृद्धि होगी: नए वस्त्र या आभूषण का प्रयोग करने से आपके दैनिक जीवन में सुख और संतोष की वृद्धि होगी। यह आपके मानसिक और भावनात्मक स्थिति को सुधार सकता है, जिससे आप अपने जीवन में अधिक खुशहाली महसूस करेंगे।
  • नए वस्त्र/वस्तु (सफलता) का लाभ भी संभव होगा: यह संकेत करता है कि इस वस्त्र या आभूषण के प्रयोग से आपको कार्यों में सफलता मिल सकती है। यह वस्त्र आपके लिए सौभाग्यशाली सिद्ध हो सकता है और आपके जीवन में सफलता के नए अवसर लेकर आ सकता है।
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  • जन्म नक्षत्र निम्न हो तो आज  का दिन सुखद अनुकूल होगा
  • (भविष्य-यात्रा, नए कार्य,पूजा,शपथ,निर्माण,आवेदन,नीति निर्धारण,योजना निर्माण,उच्च अधिकारी से मिलना,दान,सभी मंगल शुभ कार्य ,देव -देवी दर्शन ,बैंक सम्बंधित-नया लेखा , लाकर, विवाह,आदि दीर्घकालिक परिणाम वाले कार्य के उद्देश्य सफल होंगे.
  •  
  •      भरणी कृत्तिका मॄगशिरा पुनर्वसु अश्लेशा पूर्वाफाल्गुनी उत्तराफाल्गुनी चित्रा विशाखा ज्येष्ठा पूर्वाषाढा उत्तराषाढा धनिष्ठा पूर्व भाद्रपद रेवती
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  •      आज प्रचलित नाम के प्रथम अक्षर का भविष्य-  -
  •  - नाम का प्रथम अक्षर है तो आज दैनिक व्यावहारिक कार्य-जेसे नौकरी,गृह प्रवेश-(शहर,अपार्टमेंट,रहने का स्थान प्रवेश),मित्रता,सहयोग-समन्वय,व्यापारिक,मीटिंग.जनसंपर्क,चर्चा-वार्ता,विवाद,सूचना,प्रकाशन ,क्रय-विक्रय,शापिंग,सुझाव-लेनादेना;आदि कार्य में सफलता मिलेगी;
  • ली , लू , ले, लो; अ इ , ऊ . ऐ ; वे , वो , का ,की ; के , को , , हि ; डी, डु, डे, ड़ो;
  • मो, टा, टी, टू;  टे टा, टी , टू ; पे , पो , रा , री ; ती, तू, ते , तो ; नो , या , यी , यू; भू,धा,धि ,धू,ढे,ढो,फा,फी,फु,फे.फ़ो.ढ; भे भो , जा , जी,जू,जे,जो ; , गी गू , गे ; से , सो , दा दी दे, दो, चा, ची

राशि भविष्य:

1. निम्न नक्षत्र जन्म - का दिन सुखद रहेगा:

  • भरणी, कृत्तिका, मॄगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेशा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, रेवती: इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों के लिए आज का दिन बेहद सुखद रहेगा। उनके सभी कार्य सुचारू रूप से पूरे होंगे और उन्हें मानसिक शांति और संतोष मिलेगा।

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राशियाँ और उनके प्रभाव

मेष (Aries) – चू (Chu), चे (Che), चो (Cho), ला (La), ली (Li), लू (Lu), ले (Le), लो (Lo), अ (A):

        स्वादिष्ट भोजन का आनंद: आज आप अपने पसंदीदा और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं। आपको इच्छित आराम, उत्तम वस्त्र, सुगंध और अन्य सांसारिक सुख मिलेंगे।

        उत्तम मित्रों और परिचितों से मुलाकात: आप आदर्श मित्रों और परिचितों से मिलने की संभावना है। आपके पारिवारिक जीवन में आज अधिक आनंद रहेगा।

        प्रेम या दांपत्य जीवन में बढ़ी हुई खुशी: अपने साथी के साथ अधिक आनंद की अपेक्षा करें। हालांकि, महत्वपूर्ण कार्यों, मार्गदर्शन और यात्रा के परिणाम सीमित हो सकते हैं।

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    वृष (Taurus) – ई (E), उ (U), ए (A), ओ (O), वा (Va), वी (Vi), वू (Voo), वे (Ve), वो (Vo):

        वित्तीय कठिनाइयाँ: इस अवधि में वित्तीय चुनौतियाँ हो सकती हैं। खर्चे बढ़ सकते हैं, इसलिए अपनी संपत्ति का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करें और अपव्यय से बचें।

        कार्य पर ध्यान: अपने कार्यों में सतर्क रहें क्योंकि इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं हो सकते हैं। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, क्योंकि आप मानसिक तनाव और बेचैनी का अनुभव कर सकते हैं।

  • सुख बाधक: इन राशियों के लिए आज का दिन थोड़ी मुश्किलों से भरा हो सकता है। उन्हें अपने सुखों में बाधाएं और अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही, उनके कार्यों में विलंब या रुकावट आ सकती है, जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ सकता है
  • कम से कम बोलना उपयोगी: कम बोलने से न केवल विवादों से बचा जा सकता है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है।
  • लिखकर असहमति या निवेदन में सफलता मिलेगी: लिखित रूप में अपनी बात रखने से विचारों को स्पष्ट और संयमित तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ती है।

·         कार्य प्रगति अल्प, अनपेक्षित समस्याएं: आज के दिन कार्यों में प्रगति कम हो सकती है और अनपेक्षित समस्याएं सामने आ सकती हैं।

·         प्रत्येक कार्य में अवरोध, शारीरिक एवं मानसिक कष्ट संभव: कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

·         यात्रा एवं खेलकूद में सावधानी रखें: यात्रा और खेलकूद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

·         व्यय वृद्धि या आय में कमी होगी: आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ सकता है या आय में कमी आ सकती है।

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 मिथुन राशि (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को, ह:

  • धन उपार्जन व सम्पत्ति अर्जित करने में सहायक: आज का दिन मिथुन राशि वालों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो सकता है। उन्हें धन कमाने और संपत्ति बढ़ाने के अवसर मिल सकते हैं।
  • लेनदारी या उधार दी गई धनराशि की प्राप्ति: यदि आपने किसी को उधार दिया है, तो आज उसे वापस मिलने की संभावना है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
  • प्रसन्नता, सुख और विपरीत लिंग वाले व्यक्तियों के साथ आनंददायक समय: आज आप व्यक्तिगत रूप से भी प्रसन्नता महसूस करेंगे और विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ अच्छे संबंध और आनंद का अनुभव करेंगे।
  • परिवार के सदस्यों का मेलमिलाप: परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा, जिससे आपसी संबंध और भी मजबूत होंगे।
  • पुराने मित्रों के साथ पुनर्मिलन: पुराने दोस्तों से मिलने का अवसर भी मिलेगा, जिससे पुरानी यादें ताज़ा होंगी और मित्रता और भी प्रगाढ़ होगी।
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कर्क राशि (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो:

  • इच्छापूर्त्ति और लक्ष्यप्राप्ति का समय: यह समय आपके लिए बहुत शुभ है। आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
  • सांसारिक व भौतिक सुख की प्राप्ति: आपको भौतिक सुख-सुविधाओं का आनंद मिलेगा, और जीवन के सांसारिक सुखों का अनुभव करेंगे।
  • नए काम की योजना में सफलता: यदि आप कुछ नया करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे शुरू करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है, क्योंकि इसमें सफलता निश्चित है।
  • सामान्य रूप से परिवार का सुख: इस समय में आपका परिवार भी सुखी और संतुष्ट रहेगा, जिससे घर का माहौल खुशहाल रहेगा।
  • कार्यस्थल पर शुभ समय: कार्यस्थल पर भी आपको सम्मान, सफलता और प्रशंसा प्राप्त हो सकती है। हालांकि, महत्वपूर्ण कार्यों और यात्राओं से अपेक्षित परिणाम मिलने की संभावना कम है
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सिंह राशि (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे:

  • व्यापार या कार्यालय में अधिक परिश्रम: आपको अपने कार्यस्थल पर साधारण दिनों से अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। यह समय आपके लिए थोड़ी अधिक मेहनत मांग सकता है।
  • स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें: अपनी सेहत का खास ख्याल रखें, क्योंकि अनिद्रा या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • मानसिक थकान: मानसिक रूप से थकान महसूस कर सकते हैं, जिससे आप थोड़े सुस्त और आलसी हो सकते हैं।
  • धार्मिक अनुष्ठान या दान: आप आज किसी धार्मिक अनुष्ठान या दान के कार्य में सफल हो सकते हैं, जो आपके लिए पुण्य और संतोष का कारण बनेगा।
  • कार्य प्रगति अल्प, अनपेक्षित समस्याएं: आज के दिन कार्यों में प्रगति कम हो सकती है और अनपेक्षित समस्याएं सामने आ सकती हैं।
  • VISHESH-
  • प्रत्येक कार्य में अवरोध, शारीरिक एवं मानसिक कष्ट संभव: कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।
  • यात्रा एवं खेलकूद में सावधानी रखें: यात्रा और खेलकूद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
  • व्यय वृद्धि या आय में कमी होगी: आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ सकता है या आय में कमी आ सकती है।

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो:

  • असुविधा, असहयोग, और समन्वयहीनता का समय: यह समय आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको असुविधा और असहयोग का सामना करना पड़ सकता है, और आपके कार्यों में समन्वय की कमी हो सकती है।
  • अपेक्षा के विपरीत स्थिति: आज आप जिन बातों की उम्मीद कर रहे थे, वह पूरी नहीं हो सकती। आपको उन परिणामों का सामना करना पड़ सकता है जो आपकी उम्मीदों के विपरीत हों।
  • शुभ समाचार की उम्मीद नहीं: किसी अनुकूल या शुभ समाचार की आशा मत कीजिए। आपको जो सूचनाएं मिलेंगी, वे भी सत्यता से परे हो सकती हैं।
  • रोजमर्रा के जीवन में परेशानियां: आज का दिन रोजमर्रा के जीवन में परेशानियों और बाधाओं से भरा हो सकता है, जिससे आपको कार्यों में देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
  • आर्थिक दृष्टि से लाभ की कमी: आर्थिक दृष्टि से भी यह समय आपके लिए लाभकारी नहीं है। आपको धन वसूली में कठिनाई आ सकती है और आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
  • कम से कम बोलना उपयोगी: कम बोलने से न केवल विवादों से बचा जा सकता है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है।
  • लिखकर असहमति या निवेदन में सफलता मिलेगी: लिखित रूप में अपनी बात रखने से विचारों को स्पष्ट और संयमित तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ती है।

·         कार्य प्रगति अल्प, अनपेक्षित समस्याएं: आज के दिन कार्यों में प्रगति कम हो सकती है और अनपेक्षित समस्याएं सामने आ सकती हैं।

·         प्रत्येक कार्य में अवरोध, शारीरिक एवं मानसिक कष्ट संभव: कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

·         यात्रा एवं खेलकूद में सावधानी रखें: यात्रा और खेलकूद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

·         व्यय वृद्धि या आय में कमी होगी: आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ सकता है या आय में कमी आ सकती है।

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तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते:

  • सकारात्मक परिवर्तन: तुला राशि वालों के लिए यह समय सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। आपके जीवन में सुख और कार्यों में सफलता के संकेत हैं।
  • आर्थिक दृष्टि से शुभ समय: आर्थिक दृष्टि से यह समय आपके लिए लाभकारी है। आपको अटका हुआ पैसा पुनः प्राप्त हो सकता है।
  • शत्रुओं पर विजय: इस समय में आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे और आपके विरोधी कमजोर पड़ सकते हैं।
  • प्रेम या नए मित्र बनाने के लिए अनुकूल समय: यह समय नए मित्र बनाने या प्रेम संबंधों को मजबूत करने के लिए भी अनुकूल है। आपके सामाजिक संबंध बेहतर होंगे।

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वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू:

  • प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें: आज के दिन आपको अपने कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए, क्योंकि सफलता की संभावना बहुत प्रबल है।
  • प्रतिष्ठा व पहचान: यह समय आपके लिए प्रतिष्ठा और पहचान पाने का हो सकता है। आप अपने कार्यों से समाज में एक पहचान बना सकते हैं।
  • शत्रुओं पर विजय: वृश्चिक राशि वाले शत्रुओं पर विजय पाएँगे और उनके विरोधी कमजोर पड़ेंगे।
  • नए मित्र बनाना: आज के दिन नए मित्र बनाने का अच्छा अवसर है। मित्रों से सहयोग मिलेगा और आपके सामाजिक संबंध मजबूत होंगे।
  • प्रेम संबंध सुखद: प्रेम संबंधों में भी सुख और संतोष मिलेगा। आप अपने साथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।
  • स्वास्थ्य अच्छा रहेगा: आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, जिससे आप ऊर्जा और उत्साह से भरपूर रहेंगे।
  • व्यापार में लाभ: व्यापार में लाभ होगा और आपको अपने व्यवसायिक कार्यों में सफलता मिलेगी।
  • शिक्षा के क्षेत्र में सफलता: शिक्षा के क्षेत्र में भी आपको सफलता मिलेगी। छात्रों के लिए यह समय विशेष रूप से अनुकूल है।
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धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे:

  • मिले-जुले परिणाम: आज का दिन आपके लिए सुख-दुख, सफलता-असफलता के मिश्रित परिणाम लेकर आएगा।
  • व्यापार में कठिनाइयाँ: व्यापार में लाभप्रद लेन-देन करने में कुछ कठिनाइयाँ आ सकती हैं। आपको व्यवसायिक लाभ प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • यात्रा में बाधाएं: यदि आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यात्रा से पहले कुछ बाधाएं आ सकती हैं जिन्हें आपको पार करना होगा।
  • मानसिक अशांति: अपनी इच्छाओं के अनुसार कार्य पूरे न होने के कारण आप मानसिक रूप से अशांत और खिन्न रह सकते हैं। आपको सलाह दी जाती है कि इसे अपने पूर्व जन्मों के कर्मों का फल मानकर धैर्य रखें।
  • विशेष-
  • कम से कम बोलना उपयोगी: कम बोलने से न केवल विवादों से बचा जा सकता है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है।
  • लिखकर असहमति या निवेदन में सफलता मिलेगी: लिखित रूप में अपनी बात रखने से विचारों को स्पष्ट और संयमित तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ती है।

·         कार्य प्रगति अल्प, अनपेक्षित समस्याएं: आज के दिन कार्यों में प्रगति कम हो सकती है और अनपेक्षित समस्याएं सामने आ सकती हैं।

·         प्रत्येक कार्य में अवरोध, शारीरिक एवं मानसिक कष्ट संभव: कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

·         यात्रा एवं खेलकूद में सावधानी रखें: यात्रा और खेलकूद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

·         व्यय वृद्धि या आय में कमी होगी: आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ सकता है या आय में कमी आ सकती है।

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मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी:

  • नकारात्मक परिणाम: यह दिन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित नकारात्मक परिणामों का सूचक है।
  • स्वास्थ्य पर व्यय: परिवार के किसी सदस्य या संबंधी के स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ सकता है, जिससे आपकी व्यस्तता भी बढ़ सकती है।
  • मानसिक अशांति: आप मानसिक रूप से अशांत रह सकते हैं और अपने आसपास के लोगों के व्यवहार से असंतुष्ट, अप्रसन्न, या सशंकित हो सकते हैं।
  • विवाद और चिंता से बचें: आपको विवाद, चिंता, तनाव, और मानसिक संताप से दूर रहने का भरसक प्रयास करना चाहिए। विशेष रूप से महत्वपूर्ण कार्यों, उपदेश, और यात्राओं से अपेक्षित परिणाम की संभावना कम है।
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कुंभ राशि (Aquarius) – गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द:

  • लक्ष्यों की प्राप्ति: चंद्रमा की गोचर गति आपके लक्ष्यों की प्राप्ति और प्रयासों में सफलता का संकेत दे रही है।
  • यश और प्रतिष्ठा: यह समय आपकी ख्याति और प्रतिष्ठा में वृद्धि का है। आपको समाज में सम्मान और पहचान मिलेगी।
  • धन की प्राप्ति: धन के दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति, या व्यवसाय में धन की प्राप्ति के योग हैं।
  • प्रयासों का अनुकूल परिणाम: आपके प्रयासों के परिणाम अपेक्षा के अनुसार रहेंगे, और आप आर्थिक लाभ की आशा कर सकते हैं।
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मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची:

  • धन की हानि: आज विशेष रूप से धन की हानि, व्यय, या विनियोजन के योग हैं। आपको अपने खर्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • व्यवहार में सतर्कता: आप लोगों से व्यवहार के प्रति विशेष सतर्क रहें। किसी प्रकार के परामर्श, बीच-बचाव, या विवाद में पड़ने से बचें, क्योंकि व्यर्थ में झगड़े की संभावना है।
  • अहम को ठेस पहुँच सकती है: असावधानी आपके अहंकार को ठेस पहुँचा सकती है। इसलिए अपने शब्दों और व्यवहार पर ध्यान दें।
  • कार्यालय में बाधाएं: कार्यस्थल पर भी आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन धैर्य बनाए रखें, क्योंकि ये समस्याएं शीघ्र ही समाप्त हो जाएंगी।
  • कम से कम बोलना उपयोगी: कम बोलने से न केवल विवादों से बचा जा सकता है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है।
  • लिखकर असहमति या निवेदन में सफलता मिलेगी: लिखित रूप में अपनी बात रखने से विचारों को स्पष्ट और संयमित तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ती है।

3. दिन अशुभ:

·         कार्य प्रगति अल्प, अनपेक्षित समस्याएं: आज के दिन कार्यों में प्रगति कम हो सकती है और अनपेक्षित समस्याएं सामने आ सकती हैं।

·         प्रत्येक कार्य में अवरोध, शारीरिक एवं मानसिक कष्ट संभव: कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

·         यात्रा एवं खेलकूद में सावधानी रखें: यात्रा और खेलकूद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

·         व्यय वृद्धि या आय में कमी होगी: आर्थिक मामलों में खर्च बढ़ सकता है या आय में कमी आ सकती है।

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उपाय-

नक्षत्र - पालनीय-पूज्य वृक्ष: कुचला:

  • वेद मंत्र:
  • ॐ अश्विनौ तेजसाचक्षु: प्राणेन सरस्वती वीर्य्यम वाचेन्द्रो
    बलेनेन्द्राय दधुरिन्द्रियम।
    ॐ अश्विनी कुमाराभ्यो नमः।
  • यह वेद मंत्र विशेष रूप से कर्क राशि (नाम ह, ड से प्रारंभ) के लिए उपयोगी है। यह मंत्र आपको मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और समृद्धि प्रदान कर सकता है।
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कुंडली मिलान विशेषज्ञता

  1. नाड़ी दोष: कुल 5 नाड़ियाँ होती हैं।
  2. नक्षत्र: 13 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिनमें नाड़ी दोष नहीं होता।
  3. मंगल दोष: 35 से अधिक अपवाद नियम होते हैं।
  4. नवांश D-9: 5 नाड़ी, 9 ग्रहों एवं लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
  5. विशेषताएँ: 30 विशेषताओं पर विचार किया जाता है, जबकि प्रचलित अष्टकूट केवल 8 विशेषताओं पर विचार करता है।

संभावित विवाहित जीवन के परिणाम:
प्रिंटेबल 6 से 10 पृष्ठ, अन्यत्र दुर्लभ।

संपर्क करें:
Email: jyotish9999@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Sun City, Bangalore


एकादशी आवश्यक ध्यातव्य

गृहस्थ-वर्ग जिनके पुत्र हो वे ध्यान रखें:
वर्जित: कृष्ण एकादशी, रविवार, संक्रांति, ग्रहण के दिन व्रत करना अशुभ है। परंतु स्नान और दान आवश्यक है।(नारद अनुसार)

घर से निकलते समय यात्रादी के कष्ट से सुरक्षा के लिए

रविवार: ताम्बूल,
सोमवार: दूध, जल एवं दर्पण देखना,
मंगलवार: गुड़+धनिया, गरम दूध, मसूर,
बुधवार: कच्चा दूध, मिठाई,
गुरुवार: राई, केसर तिलक, दही,
शुक्रवार: दही,
शनिवार: बायबिडिंग + काले तिल।

भोज्य वस्तु या उससे बने व्यंजन:
रविवार: ताम्बूल, घी,
सोमवार: खीर, जल एवं तिलक,
मंगलवार: गुड़,
बुधवार: धनिया और तिल, राई,
गुरुवार: दही शकर,
शुक्रवार: जौ।



कुंडली मिलान के महत्वपूर्ण तथ्य

A: 5 नाड़ियाँ - 44 गुण।
B: 13
नक्षत्रों में नाड़ी दोष नहीं होता।
C: 35
से अधिक मंगल दोष के अपवाद नियम।
D:
नवांश D-9, 5 नाड़ी, 9 ग्रह, लग्न राशि, नक्षत्र के चार चरणों से मिलान।
E: 30
विशेषताओं पर विचार किया जाता है।

संपर्क करें:
Email:
tiwaridixitastro@gmail.com
Phone: 9424446706
Location: Bangalore
-५६०१०२

  • दिन का भविष्य जानने की विधि
  • प्रचलित नाम और जन्म राशि के भविष्य को पढ़िए।
  • दोनों उत्तम हों तो दिन श्रेष्ठ और सफल होगा।
  • नाम से अशुभ होने पर यात्रा, गृह प्रवेश, व्यवहारिक कार्य, ज्वाइनिंग, आवेदन, परामर्श देना, जोखिम, विवाद हितकर नहीं होगा।
  • जन्म राशि शुभ हो तो करने योग्य कार्य:
  • अनुष्ठान, पूजा, दान, निर्णय, महत्वपूर्ण प्रपत्र पर हस्ताक्षर, मीटिंग, जन सम्पर्क, चिकित्सा, रोग, जोखिम कार्य।

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श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...