सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भविष्य-(जन्म राशी- नक्षत्र,नाम) एवं उपाय-05जनवरी 2025


 

भविष्य-(जन्म राशी- नक्षत्र,नाम) एवं उपाय-05जनवरी 2025

 

ज्योतिष शिरोमणि “वी. के. तिवारी”-१९७२ से चर्चित ज्योतिष हस्ताक्षर

डॉ आर.दीक्षित(वास्तु)डॉ एस.तिवारी(वैदिक ज्योतिष)9424446706;बैंगलोर

  1. शुभकामनाएँ:

प्रार्थयामहे भव शतायुषी, ईश्वरः सदा त्वां च रक्षतु...

    •  
  1. तिथि नक्षत्र व्रत -पर्व:
    • पौष शुक्ल रविवार ,
    • षष्ठी,पूर्वभाद्र,

चंद्रमा: कुम्भ राशी;

कार्य अशुभ परन्तु पूजा शुभ विषघटी-05:48-06:56;

3-महत्वपूर्ण कार्य (वार्ता, यात्रा, शॉपिंग निर्णय,परामर्श देने-लेने) से बचें।

·         कर्क--- पुनर्वसु अन्तिम, पुष्य, अश्लेशा में चरण

·         ***********************************************************

o    -- नये आज 05 जनवरी दुर्लभ शुभ –समय –हवन पूजा (दुर्लभ जानकारी)                          विशेष पूजा और कार्य आरम्भ - मुहूर्त:

    • अभिजित मुहूर्त (12:01-2:47: सर्व कार्य सफलता ।
    • शुभ समय: 21:23- रात्रि अंत;
    • दुर्गा पूजा- 07:32 तक तथा 18:07

o    शिव अभिषेक:-20:15 तक

 

  1. हवन:
    • आवश्यक/दैनिक हवन-शुभ
    • ग्रह विशेष की अनिष्ट  शान्ति हवन:20:15 तक;
    • रुद्र शिव हवन:22:00  उपरांत शुभ;
    • विष्णु हवन:-

दुर्गा हवन:शुभ- (बाधाओं का निवारण और धन-संतान सुख में वृद्धि।

भविष्य-जन्म नक्षत्र, नाम एवं राशी , नए वस्त्र, वस्तु प्रभाव और उपाय

.purvabhadra ; Kumbh rashi-

--------------------------------------------------------------------------------------------------------

(ज्योतिष शिरोमणि-V K Tiwari (9424446706,Astro vastu & Palmist) Jyotish Shiromani V,k.Tiwari-tiwaridixitastro@gmail,com(Consultant-Atro,Palmist,-Vastu)

-creation horo. match making andGem Suggestion.-9424446706

-------------------------------------------------------------

नए वस्त्र और आभूषण के संभावित अशुभ प्रभाव

आज यदि आपने नए वस्त्र या आभूषण का उपयोग किया है, तो भविष्य में इसका प्रयोग करते समय निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं:

        जल, रोग, कष्ट और प्रबल संकट संभव हो सकते हैं।

जन्म नक्षत्र निम्न हो तो आज  का दिन सुखद अनुकूल होगा

(भविष्य-यात्रा, नए कार्य,पूजा,शपथ,निर्माण,आवेदन,नीति निर्धारण,योजना निर्माण,उच्च अधिकारी से मिलना,दान,सभी मंगल शुभ कार्य ,देव -देवी दर्शन ,संधि, विवाह, बैंक सम्बंधित-नया लेखा ,आदि दीर्घकालिक परिणाम वाले कार्य के उद्देश्य सफल होंगे.

        भरणी रोहिणी आर्द्रा पुष्य अश्लेशा पूर्वाफाल्गुनी हस्त स्वाती अनुराधा

ज्येष्ठा पूर्वाषाढा श्रवण शतभिषा उत्तर भाद्रपद रेवती

**************************

        आज नए वस्त्र.आभूषण प्रयोग के संभावित अशुभ प्रभाव-

        आज उपयोग के बाद भविष्य में पहनेगे या प्रयोग करेंगे तो

        जल  रोग, कष्ट , प्रबल संकट सम्भव।

नाम का प्रथम अक्षर है तो आज दैनिक व्यावहारिक कार्य-

जेसे  स्थान प्रवेश,मित्रता,सहयोग,व्यापारिक कार्य,,आदि कार्य में सफलता मिलेगी-

ली , लू , ले, ली , लू , ले, लो; अ इ , ऊ . ली , लू , ले, लो ; , , वि , वू कू,के,को,घी,घु,घे,घो घ ,, ,छी छे,छो,छु

; के , को , , हि ; डी, डु, डे, ड़ो; मो, टा, टी, टू;  पू , , , ; रू, रे , रो ता ती, तू, ते , तो ; नो , या , यी , यू; भू,धा,धि ,धू,ढे,ढो,फा,फी,फु,फे.फ़ो.ढ; ,खी , खू , खे , खो ; गो , सा , सी , सू ; से , सो , दा दी दे, दो, दे, दो, चा, ची

        ************************--------------------------------------------------------------------------------

मेष (Aries) – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,

        आर्थिक दृष्टिकोण से यह मिश्रित परिणाम ला सकता है। विशेष रूप से निवेश और वित्तीय योजनाओं में सतर्कता बरतें। आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन आप अपनी मेहनत से आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।

        परिवारिक: परिवार में आपसी समझदारी और सहयोग से संबंधों में मिठास बढ़ेगी। परिवार के सदस्य आपकी समस्याओं को समझेंगे और मदद करेंगे। छोटे-छोटे विवाद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रेम और समझदारी से सुलझा सकते हैं।

        रोजगार: नौकरी में पदोन्नति या नए अवसरों की संभावना है। आपकी मेहनत और समर्पण से आपके वरिष्ठ आपके काम की सराहना करेंगे। नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दें, ये आपके करियर में सुधार ला सकते हैं।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी से आप नये मित्र बना सकते हैं। आपके विचारों और कार्यों की सराहना होगी। राजनीति में भी सक्रिय रहने से नई संभावनाएँ खुल सकती हैं।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में ध्यान देने की आवश्यकता होगी। नियमित व्यायाम और सही आहार से आप ताजगी और ऊर्जा बनाए रख सकते हैं। तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता की संभावना है। आपकी योजनाओं और प्रयासों से कार्य में प्रगति होगी। नए अवसरों को खुलकर अपनाएं और पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करें।

        प्रेम-मित्रता: मित्रों के साथ समय बिताने से आनंद मिलेगा। प्रेम संबंधों में खटासआएगी और आपसी समझ विवादस्पद रह्र्गी । रिश्ते भी बिगड़सकते हैं, अप्रस्स्नता भी उत्पन्न हो सकती है. ।

________________________________________

वृष (Taurus) – , , , , वा, वी, वू, वे, वो

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आपकी योजनाओं और निवेशों से लाभ होगा। बकाया राशि प्राप्ति के योग हैं, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।

        परिवारिक: परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी। घर के सदस्यों के साथ समय बिताने से परिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। समस्याओं को मिलजुलकर सुलझाएँ और परिवारिक खुशियाँ बढ़ाएँ।

        रोजगार: रोजगार में नए अवसर मिल सकते हैं। आपकी मेहनत और योग्यता से पदोन्नति हो सकती है। नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देने से सफलता प्राप्त होगी।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक कार्यों में भागीदारी से नई पहचान मिलेगी। राजनीति में भी आपकी सक्रियता से लाभ होगा और आप नई अवसरों को ग्रहण कर सकते हैं।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से आप फिट रह सकते हैं। छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज न करें।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना है। आपकी योजनाओं और प्रयासों से कार्यों में प्रगति होगी। नए अवसरों को स्वीकार करें और पूर्ण लगन से कार्य करें।

        प्रेम-मित्रता: मित्रता में गहराई और प्रेम संबंधों में मिठास आएगी। आपसी समझ और स्नेह से रिश्ते मजबूत होंगे। नए मित्र भी बन सकते हैं, जो आपके जीवन में खुशियाँ लाएंगे।

________________________________________

मिथुन (Gemini) – का, की, कू, , , , के, को,

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव रहेगा। आपकी मेहनत से स्थिति में सुधार होगा, लेकिन वित्तीय निर्णय सोच-समझकर लें। नए निवेशों से लाभ हो सकता है, लेकिन सतर्कता बरतें।

        परिवारिक: पारिवारिक मामलों में मतभेद हो सकते हैं। छोटी-मोटी समस्याओं को सुलझाने के लिए धैर्य और समझदारी की आवश्यकता होगी। परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना लाभकारी होगा।

        रोजगार: नौकरी में कुछ चुनौतियाँ हो सकती हैं। अपने काम में सुधार लाने के लिए नए उपाय अपनाएँ। नई संभावनाओं की खोज करें और अपने कौशल को अपडेट करें।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक गतिविधियों में सक्रियता बढ़ेगी। राजनीतिक मामलों में भी कुछ समस्याएँ आ सकती हैं। सामाजिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ताजगी बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें। मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।

        सफलता: कार्यों में सफलता पाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होगा। नए कार्यों में सफलता की संभावना है, लेकिन धैर्य और मेहनत की आवश्यकता होगी।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम-मित्रता: मित्रों के साथ समय बिताने से आनंद मिलेगा। प्रेम संबंधों में खटासआएगी और आपसी समझ विवादस्पद रह्र्गी । रिश्ते भी बिगड़सकते हैं, अप्रस्स्नता भी उत्पन्न हो सकती है.

कर्क (Cancer) – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आपकी वित्तीय योजनाएँ और निवेश फायदेमंद साबित होंगे। नए अवसरों की खोज में रहें और आर्थिक निर्णय सोच-समझकर लें।

        परिवारिक: परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। परिवारिक मुद्दों को मिलजुलकर सुलझाने से रिश्ते मजबूत होंगे। पारिवारिक समय का आनंद लें और परिवारिक जिम्मेदारियाँ पूरी करें।

        रोजगार: नौकरी में पदोन्नति के संकेत हैं। नई जिम्मेदारियाँ और प्रोजेक्ट्स आपको मिलने की संभावना है। अपने काम में नवीनता और ऊर्जा लाएँ।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी से आपकी पहचान बढ़ेगी। राजनीति में भी नई संभावनाएँ खुल सकती हैं। समाजसेवा के कार्यों में योगदान देने का अवसर मिलेगा।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से स्वस्थ रह सकते हैं। मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता की संभावना है। आपकी मेहनत और प्रयास से कार्य प्रगति में सुधार होगा। नए अवसरों को खुले मन से अपनाएँ।

        प्रेम-मित्रता: मित्रों और परिवार के साथ समय बिताने से रिश्ते मजबूत होंगे। प्रेम संबंधों में आनंद और समझदारी बढ़ेगी। नए मित्र भी बन सकते हैं, जो आपके जीवन में खुशियाँ लाएंगे।

________________________________________

सिंह (Leo) – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में स्थिरता रहेगी। आपकी योजनाओं और निवेशों से लाभ होगा। आर्थिक निर्णय सोच-समझकर लें और सही योजनाओं को अपनाएँ।

        परिवारिक: परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग और समझदारी से रिश्ते मजबूत होंगे। परिवार के साथ समय बिताने से खुशी मिलेगी।

        रोजगार: नौकरी में नई संभावनाएँ और पदोन्नति के संकेत हैं। आपकी मेहनत और योग्यता की सराहना होगी। नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देने से सफलता प्राप्त होगी।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक गतिविधियों में योगदान देने से पहचान बढ़ेगी। राजनीति में सक्रिय रहने से लाभ होगा और नए अवसर प्राप्त होंगे।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से आप फिट रह सकते हैं। तनाव को कम करने के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना है। आपकी योजनाओं और प्रयासों से कार्य प्रगति होगी। नए अवसरों को खुलकर अपनाएँ और पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करें।

        प्रेम-मित्रता: मित्रों और परिवार के साथ समय बिताने से आनंद मिलेगा। प्रेम संबंधों में गहराई आएगी और आपसी समझ बढ़ेगी। नए दोस्त बन सकते हैं, जो आपके जीवन में खुशियाँ लाएंगे।

कन्या राशि (Virgo) – टो, , पी, पू, , , , पे, पो

        अर्थक: धन की दृष्टि से यह समय अत्यंत सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति और धन की प्राप्ति के योग हैं। आपके प्रयास और कार्य के फलस्वरूप आर्थिक लाभ की संभावना है।

        परिवारिक: घर के लिए यह समय सुखद रहेगा। आपकी रुचि के अनुसार भोजन के संयोग बनेगे। पारिवारिक जीवन में सुख और संतोष का साम्राज्य रहेगा।

        रोजगार: विद्या और रोजगार के क्षेत्र में अच्छी सफलताएँ मिल सकती हैं। प्रशासनिक वर्ग के लिए विशेष सफलता का योग है।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाजसेवी वर्ग के लिए यह दिन उपलब्धि का हो सकता है। शासन की ओर से अनुकूल स्थितियाँ रहेंगी।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मन में पूर्ण संतोष का अनुभव होगा।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता मिलेगी और कार्य प्रगति अच्छी रहेगी।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और दांपत्य जीवन में सुखद समय रहेगा। मित्रों के साथ समय बिताना आनंदमय होगा। आपके रिश्ते मजबूत होंगे और सुख मिलेगा।

________________________________________

तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में सतर्कता बरतनी होगी। खर्चे और निवेश पर ध्यान दें।

        परिवारिक: पारिवारिक सुख में कमी हो सकती है। दांपत्य साथी की ओर से परेशानियाँ आ सकती हैं। वाद विवाद से बचें।

        रोजगार: नए कार्य या उत्तरदायित्व लेने से बचना चाहिए। रोजगार में जोखिम से बचें और महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर से पहले सावधानी बरतें।

        सामाजिक-राजनैतिक: संतान पक्ष की ओर से चिंता बढ़ सकती है। सामाजिक कार्यों में सावधानी रखें।

        स्वास्थ्य: मानसिक चिंता और शारीरिक परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।

        सफलता: कार्यों में मुश्किलें आ सकती हैं। नई योजनाओं या कार्यों को स्थगित करना उचित रहेगा।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और मित्रता में तनाव हो सकता है। मतभेद और विवाद से बचने की कोशिश करें।

________________________________________

वृश्चिक राशि (Scorpio) – तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

        अर्थक: आर्थिक स्थिति में कष्ट की संभावना है। खर्चों पर नियंत्रण रखें और निवेश से बचें।

        परिवारिक: परिवार में चिंता और समस्याएँ हो सकती हैं। पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखें।

        रोजगार: नौकरी में चुनौतियाँ और बाधाएँ आ सकती हैं। यात्रा से बचें और नई योजनाओं की पहल ना करें।

        सामाजिक-राजनैतिक: राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में कठिनाइयाँ हो सकती हैं। कार्यों में विघ्न आ सकते हैं।

        स्वास्थ्य: मानसिक और शारीरिक कष्ट संभव हैं। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और यात्रा को स्थगित करें।

        सफलता: कार्यों में बाधाएँ और रुकावटें आ सकती हैं। नये कार्यों को स्थगित रखना उचित होगा।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और मित्रता में समस्याएँ आ सकती हैं। मतभेद और विवाद से बचने की कोशिश करें।

________________________________________

धनु राशि (Sagittarius) – ये, यो, , भी, भू, , , , भे

        अर्थक: कार्य के लिए किए गए प्रयास से प्रसिद्धि मिलेगी। धन की दृष्टि से भी समय सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति और आर्थिक लाभ की संभावना है।

        परिवारिक: घर में सुख और शांति बनी रहेगी। आपके प्रयास और सहयोग से परिवार में खुशी आएगी।

        रोजगार: नौकरी में सफलता और सहयोग मिलेगा। भाइयों और कनिष्ठ वर्ग से पूरा सहयोग प्राप्त होगा।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए यह दिन अच्छा रहेगा। शासन की ओर से अनुकूल स्थितियाँ रहेंगी।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और मनोबल ऊँचा रहेगा।

        सफलता: कार्यों में सफलता मिलेगी और भाग्य साथ देगा। आज का काम आज ही निपटाना उचित रहेगा।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और दांपत्य जीवन में सुख मिलेगा। आपके रिश्ते मजबूत होंगे और नई खुशियाँ मिलेंगी।

________________________________________

मकर राशि (Capricorn) – भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, , गी

        अर्थक: खर्चों और निवेश की योजना बनेगी। मार्केटिंग और शॉपिंग की सूची तैयार करें। आर्थिक स्थिति में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं।

        परिवारिक: परिवार का दायित्व बढ़ेगा। परिवार के सदस्यों से आलोचना और चिंता की स्थिति रह सकती है।

        रोजगार: रोजगार में अधिकारियों की अप्रसन्नता हो सकती है। नए कार्यों को स्थगित करना उचित रहेगा।

        सामाजिक-राजनैतिक: राजनीति में कठिनाइयाँ आ सकती हैं। समाजसेवा के कार्यों में सावधानी बरतें।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखें। परिवार और सामाजिक दायित्वों में संतुलन बनाए रखें।

        सफलता: महत्वपूर्ण कार्यों और यात्रा के परिणाम अपेक्षानुसार नहीं हो सकते। सावधानीपूर्वक निर्णय लें।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और मित्रता में तनाव और विवाद हो सकता है। संबंधों में सावधानी बरतें और विवादों से बचें।

________________________________________

कुम्भ राशि (Aquarius) – गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

        अर्थक: आर्थिक दृष्टि से यह समय सौभाग्यपूर्ण है। बकाया राशि की प्राप्ति और धन की प्राप्ति के योग हैं। आपके प्रयास और कार्य से आर्थिक लाभ की संभावना है।

        परिवारिक: घर के लिए सुखद समय रहेगा। उत्तम भोजन और सुख-साधन की प्राप्ति होगी। पारिवारिक जीवन में आनंद और संतोष रहेगा।

        रोजगार: सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाजसेवी वर्ग के लिए उपलब्धि का दिन है। प्रशासनिक वर्ग के लिए विशेष सफलता का सहयोग है।

        सामाजिक-राजनैतिक: यह समय मित्रों और परिचितों के साथ अच्छे संबंधों का है। परिवार में भी खुशी का माहौल रहेगा।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और सुख-साधनों की प्राप्ति होगी।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता की संभावना है। आपके कार्य प्रगति करेंगे और संतोष का अनुभव होगा।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और दांपत्य जीवन में सुख और स्नेह बढ़ेगा। नए मित्र भी बन सकते हैं, जो आपके जीवन में खुशियाँ लाएंगे।

________________________________________

मीन राशि (Pisces) – दी, दू, , , , , , ता, ते

        अर्थक: आर्थिक दृष्टि से यह समय कठिनाइयों से भरा हो सकता है। खर्चे बढ़ेंगे और अपव्यय से बचना चाहिए। धन की सुरक्षा पर ध्यान दें।

        परिवारिक: पारिवारिक जीवन में तनाव और समस्याएँ हो सकती हैं। परिवार के सदस्य आलोचना और विवाद कर सकते हैं।

        रोजगार: रोजगार में कठिनाइयाँ और बाधाएँ हो सकती हैं। कार्यों में सावधानी रखें और जोखिम से बचें।

        सामाजिक-राजनैतिक: सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में समस्याएँ हो सकती हैं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर लें।

        स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखें। मानसिक व्यथा और बैचेनी संभव है।

        सफलता: नए कार्यों में सफलता की संभावना कम है। यात्रा और महत्वपूर्ण कार्यों को स्थगित रखना उचित होगा।

        प्रेम-मित्रता: प्रेम और मित्रता में समस्याएँ आ सकती हैं। विवाद और मतभेद से बचने की कोशिश करें।

 

--------------------------------------------------------------------------------------------

-        किये जाने वाले कार्य

-        लेखन , युद्ध में उपयोग ,वास्तु , शिल्प , रत्न ,आमोद प्रमोद अस्त्र शस्त्र धारण आरम्भ 

-        कार्य के पूर्व  एवं घर से प्रस्थान पूर्व

-        ॐ सदाशिवाय नम: ।

ॐ साम्ब सदा शिवाय नम:।। 5 ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ॐ।

-        निषिद्ध Avoid

-        नारियल, आवला,नमक, तिल का तेल लाल रंग (चुकंदर,लाल पत्ते की भाजी,कोई भी लाल रंग की सब्जी ) व काँसे के बर्तन में भोजन करना एवं बेल पत्र तोडना निषिद्ध है।

अनार भोजन में शामिल करे

-        "ओम शं" (ऊं शं) और "ओम वं" (ऊं वं) का जाप क

वैद मन्त्र

ॐ उतनाहिर्वुधन्य: श्रृणोत्वज एकपापृथिवी समुद्र: विश्वेदेवा

ॠता वृधो हुवाना स्तुतामंत्रा कविशस्ता अवन्तु ।

पौराणिक मंत्र

शिरसा महजं वंदे ध्येकपादं तमोपहम् ।

मुदे प्रोष्ठपदेवानं सर्वदेवनमस्कृतम् ॥

नक्षत्र देवता मंत्र

ॐ अजैकपदे नमः ।

नक्षत्र नाम मंत्र

ॐ पुर्वाप्रोष्ठपद्भ्यां नमः ।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र - आम के पौधे की पूजा।

"ओम शं" (ऊं शं) और "ओम वं" (ऊं वं) का जाप .

 

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्राद्ध की गूढ़ बाते ,किसकी श्राद्ध कब करे

श्राद्ध क्यों कैसे करे? पितृ दोष ,राहू ,सर्प दोष शांति ?तर्पण? विधि             श्राद्ध नामा - पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी श्राद्ध कब नहीं करें :   १. मृत्यु के प्रथम वर्ष श्राद्ध नहीं करे ।   २. पूर्वान्ह में शुक्ल्पक्ष में रात्री में और अपने जन्मदिन में श्राद्ध नहीं करना चाहिए ।   ३. कुर्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अग्नि विष आदि के द्वारा आत्महत्या करता है उसके निमित्त श्राद्ध नहीं तर्पण का विधान नहीं है । ४. चतुदर्शी तिथि की श्राद्ध नहीं करना चाहिए , इस तिथि को मृत्यु प्राप्त पितरों का श्राद्ध दूसरे दिन अमावस्या को करने का विधान है । ५. जिनके पितृ युद्ध में शस्त्र से मारे गए हों उनका श्राद्ध चतुर्दशी को करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवारजनों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं ।           श्राद्ध कब , क्या और कैसे करे जानने योग्य बाते           किस तिथि की श्राद्ध नहीं -  १. जिस तिथी को जिसकी मृत्यु हुई है , उस तिथि को ही श्राद्ध किया जाना चा...

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-

*****मनोकामना पूरक सरल मंत्रात्मक रामचरितमानस की चौपाईयाँ-       रामचरितमानस के एक एक शब्द को मंत्रमय आशुतोष भगवान् शिव ने बना दिया |इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या के लिए सुन्दरकाण्ड या कार्य उद्देश्य के लिए लिखित चौपाई का सम्पुट लगा कर रामचरितमानस का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं | -सोमवार,बुधवार,गुरूवार,शुक्रवार शुक्ल पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष दशमी से कृष्ण पक्ष पंचमी तक के काल में (चतुर्थी, चतुर्दशी तिथि छोड़कर )प्रारंभ करे -   वाराणसी में भगवान् शंकरजी ने मानस की चौपाइयों को मन्त्र-शक्ति प्रदान की है-इसलिये वाराणसी की ओर मुख करके शंकरजी को स्मरण कर  इनका सम्पुट लगा कर पढ़े या जप १०८ प्रतिदिन करते हैं तो ११वे दिन १०८आहुति दे | अष्टांग हवन सामग्री १॰ चन्दन का बुरादा , २॰ तिल , ३॰ शुद्ध घी , ४॰ चीनी , ५॰ अगर , ६॰ तगर , ७॰ कपूर , ८॰ शुद्ध केसर , ९॰ नागरमोथा , १०॰ पञ्चमेवा , ११॰ जौ और १२॰ चावल। १॰ विपत्ति-नाश - “ राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।। ” २॰ संकट-नाश - “ जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।। जपहिं ना...

दुर्गा जी के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए?

दुर्गा जी   के अभिषेक पदार्थ विपत्तियों   के विनाशक एक रहस्य | दुर्गा जी को अपनी समस्या समाधान केलिए क्या अर्पण करना चाहिए ? अभिषेक किस पदार्थ से करने पर हम किस मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं एवं आपत्ति विपत्ति से सुरक्षा कवच निर्माण कर सकते हैं | दुर्गा जी को अर्पित सामग्री का विशेष महत्व होता है | दुर्गा जी का अभिषेक या दुर्गा की मूर्ति पर किस पदार्थ को अर्पण करने के क्या लाभ होते हैं | दुर्गा जी शक्ति की देवी हैं शीघ्र पूजा या पूजा सामग्री अर्पण करने के शुभ अशुभ फल प्रदान करती हैं | 1- दुर्गा जी को सुगंधित द्रव्य अर्थात ऐसे पदार्थ ऐसे पुष्प जिनमें सुगंध हो उनको अर्पित करने से पारिवारिक सुख शांति एवं मनोबल में वृद्धि होती है | 2- दूध से दुर्गा जी का अभिषेक करने पर कार्यों में सफलता एवं मन में प्रसन्नता बढ़ती है | 3- दही से दुर्गा जी की पूजा करने पर विघ्नों का नाश होता है | परेशानियों में कमी होती है | संभावित आपत्तियों का अवरोध होता है | संकट से व्यक्ति बाहर निकल पाता है | 4- घी के द्वारा अभिषेक करने पर सर्वसामान्य सुख एवं दांपत्य सुख में वृद्धि होती...

श्राद्ध:जानने योग्य महत्वपूर्ण बातें |

श्राद्ध क्या है ? “ श्रद्धया यत कृतं तात श्राद्धं | “ अर्थात श्रद्धा से किया जाने वाला कर्म श्राद्ध है | अपने माता पिता एवं पूर्वजो की प्रसन्नता के लिए एवं उनके ऋण से मुक्ति की विधि है | श्राद्ध क्यों करना चाहिए   ? पितृ ऋण से मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाना अति आवश्यक है | श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम ? यदि मानव योनी में समर्थ होते हुए भी हम अपने जन्मदाता के लिए कुछ नहीं करते हैं या जिन पूर्वज के हम अंश ( रक्त , जींस ) है , यदि उनका स्मरण या उनके निमित्त दान आदि नहीं करते हैं , तो उनकी आत्मा   को कष्ट होता है , वे रुष्ट होकर , अपने अंश्जो वंशजों को श्राप देते हैं | जो पीढ़ी दर पीढ़ी संतान में मंद बुद्धि से लेकर सभी प्रकार की प्रगति अवरुद्ध कर देते हैं | ज्योतिष में इस प्रकार के अनेक शाप योग हैं |   कब , क्यों श्राद्ध किया जाना आवश्यक होता है   ? यदि हम   96  अवसर पर   श्राद्ध   नहीं कर सकते हैं तो कम से कम मित्रों के लिए पिता माता की वार्षिक तिथि पर यह अश्वनी मास जिसे क्वांर का माह    भी कहा ज...

श्राद्ध रहस्य प्रश्न शंका समाधान ,श्राद्ध : जानने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?

संतान को विकलांगता, अल्पायु से बचाइए श्राद्ध - पितरों से वरदान लीजिये पंडित विजेंद्र कुमार तिवारी jyotish9999@gmail.com , 9424446706   श्राद्ध : जानने  योग्य   महत्वपूर्ण तथ्य -कब,क्यों श्राद्ध करे?  श्राद्ध से जुड़े हर सवाल का जवाब | पितृ दोष शांति? राहू, सर्प दोष शांति? श्रद्धा से श्राद्ध करिए  श्राद्ध कब करे? किसको भोजन हेतु बुलाएँ? पितृ दोष, राहू, सर्प दोष शांति? तर्पण? श्राद्ध क्या है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध नहीं करने के कुपरिणाम क्या संभावित है? श्राद्ध की प्रक्रिया जटिल एवं सबके सामर्थ्य की नहीं है, कोई उपाय ? श्राद्ध कब से प्रारंभ होता है ? प्रथम श्राद्ध किसका होता है ? श्राद्ध, कृष्ण पक्ष में ही क्यों किया जाता है श्राद्ध किन२ शहरों में  किया जा सकता है ? क्या गया श्राद्ध सर्वोपरि है ? तिथि अमावस्या क्या है ?श्राद्द कार्य ,में इसका महत्व क्यों? कितने प्रकार के   श्राद्ध होते   हैं वर्ष में   कितने अवसर श्राद्ध के होते हैं? कब  श्राद्ध किया जाना...

गणेश विसृजन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि

28 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि किसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करने के लिए जिस प्रकार उसका प्रारंभ किया जाता है समापन भी किया जाना उद्देश्य होता है। गणेश जी की स्थापना पार्थिव पार्थिव (मिटटीएवं जल   तत्व निर्मित)     स्वरूप में करने के पश्चात दिनांक 23 को उस पार्थिव स्वरूप का विसर्जन किया जाना ज्योतिष के आधार पर सुयोग है। किसी कार्य करने के पश्चात उसके परिणाम शुभ , सुखद , हर्षद एवं सफलता प्रदायक हो यह एक सामान्य उद्देश्य होता है।किसी भी प्रकार की बाधा व्यवधान या अनिश्ट ना हो। ज्योतिष के आधार पर लग्न को श्रेष्ठता प्रदान की गई है | होरा मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना गया है।     गणेश जी का संबंध बुधवार दिन अथवा बुद्धि से ज्ञान से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों प्रतियोगियों एवं बुद्धि एवं ज्ञान में रूचि है , ऐसे लोगों के लिए बुध की होरा श्रेष्ठ होगी तथा उच्च पद , गरिमा , गुरुता , बड़प्पन , ज्ञान , निर्णय दक्षता में वृद्धि के लिए गुरु की हो रहा श्रेष्ठ होगी | इसके साथ ही जल में विसर्जन कार्य होता है अतः चंद्र की होरा सामा...

गणेश भगवान - पूजा मंत्र, आरती एवं विधि

सिद्धिविनायक विघ्नेश्वर गणेश भगवान की आरती। आरती  जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।  माता जा की पार्वती ,पिता महादेवा । एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।   मस्तक सिंदूर सोहे मूसे की सवारी | जय गणेश जय गणेश देवा।  अंधन को आँख  देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया । जय गणेश जय गणेश देवा।   हार चढ़े फूल चढ़े ओर चढ़े मेवा । लड्डूअन का  भोग लगे संत करें सेवा।   जय गणेश जय गणेश देवा।   दीनन की लाज रखो ,शम्भू पत्र वारो।   मनोरथ को पूरा करो।  जाए बलिहारी।   जय गणेश जय गणेश देवा। आहुति मंत्र -  ॐ अंगारकाय नमः श्री 108 आहूतियां देना विशेष शुभ होता है इसमें शुद्ध घी ही दुर्वा एवं काले तिल का विशेष महत्व है। अग्नि पुराण के अनुसार गायत्री-      मंत्र ओम महोत काय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात्। गणेश पूजन की सामग्री एक चौकिया पाटे  का प्रयोग करें । लाल वस्त्र या नारंगी वस्त्र उसपर बिछाएं। चावलों से 8पत्ती वाला कमल पुष्प स्वरूप बनाएं। गणेश पूजा में नार...

श्राद्ध रहस्य - श्राद्ध क्यों करे ? कब श्राद्ध नहीं करे ? पिंड रहित श्राद्ध ?

श्राद्ध रहस्य - क्यों करे , न करे ? पिंड रहित , महालय ? किसी भी कर्म का पूर्ण फल विधि सहित करने पर ही मिलता है | * श्राद्ध में गाय का ही दूध प्रयोग करे |( विष्णु पुराण ) | श्राद्ध भोजन में तिल अवश्य प्रयोग करे | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि - श्राद्ध अपरिहार्य - अश्वनी माह के कृष्ण पक्ष तक पितर अत्यंत अपेक्षा से कष्ट की   स्थिति में जल , तिल की अपनी संतान से , प्रतिदिन आशा रखते है | अन्यथा दुखी होकर श्राप देकर चले जाते हैं | श्राद्ध अपरिहार्य है क्योकि इसको नहीं करने से पीढ़ी दर पीढ़ी संतान मंद बुद्धि , दिव्यांगता .मानसिक रोग होते है | हेमाद्रि ग्रन्थ - आषाढ़ माह पूर्णिमा से /कन्या के सूर्य के समय एक दिन भी श्राद्ध कोई करता है तो , पितर एक वर्ष तक संतुष्ट/तृप्त रहते हैं | ( भद्र कृष्ण दूज को भरणी नक्षत्र , तृतीया को कृत्तिका नक्षत्र   या षष्ठी को रोहणी नक्षत्र या व्यतिपात मंगलवार को हो ये पिता को प्रिय योग है इस दिन व्रत , सूर्य पूजा , गौ दान गौ -दान श्रेष्ठ | - श्राद्ध का गया तुल्य फल- पितृपक्ष में मघा सूर्य की अष्टमी य त्रयोदशी को मघा नक्षत्र पर चंद्र ...

विवाह बाधा और परीक्षा में सफलता के लिए दुर्गा पूजा

विवाह में विलंब विवाह के लिए कात्यायनी पूजन । 10 oct - 18 oct विवाह में विलंब - षष्ठी - कात्यायनी पूजन । वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए - दुर्गतिहारणी मां कात्यायनी की शरण लीजिये | प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के समय , संकल्प में अपना नाम गोत्र स्थान बोलने के पश्चात् अपने विवाह की याचना , प्रार्थना कीजिये | वैवाहिक सुखद जीवन अथवा विवाह बिलम्ब   या बाधा को समाप्त करने के लिए प्रति दिन प्रातः सूर्योदय से प्रथम घंटे में या दोपहर ११ . ४० से १२ . ४० बजे के मध्य , कात्ययानी देवी का मन्त्र जाप करिये | १०८बार | उत्तर दिशा में मुँह हो , लाल वस्त्र हो जाप के समय | दीपक मौली या कलावे की वर्तिका हो | वर्तिका उत्तर दिशा की और हो | गाय का शुद्ध घी श्रेष्ठ अथवा तिल ( बाधा नाशक + महुआ ( सौभाग्य ) तैल मिला कर प्रयोग करे मां भागवती की कृपा से पूर्वजन्म जनितआपके दुर्योग एवं   व्यवधान समाप्त हो एवं   आपकी मनोकामना पूरी हो ऐसी शुभ कामना सहित || षष्ठी के दिन विशेष रूप से कात्यायनी के मन्त्र का २८ आहुति / १०८ आहुति हवन कर...

कलश पर नारियल रखने की शास्त्रोक्त विधि क्या है जानिए

हमे श्रद्धा विश्वास समर्पित प्रयास करने के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं , क्योकि हिन्दू धर्म श्रेष्ठ कोटी का विज्ञान सम्मत है ।इसकी प्रक्रिया , विधि या तकनीक का पालन अनुसरण परमावश्यक है । नारियल का अधिकाधिक प्रयोग पुजा अर्चना मे होता है।नारियल रखने की विधि सुविधा की दृष्टि से प्रचलित होगई॥ मेरे ज्ञान  मे कलश मे उल्टा सीधा नारियल फसाकर रखने की विधि का प्रमाण अब तक नहीं आया | यदि कोई सुविज्ञ जानकारी रखते हो तो स्वागत है । नारियल को मोटा भाग पूजा करने वाले की ओर होना चाहिए। कलश पर नारियल रखने की प्रमाणिक विधि क्या है ? अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए , उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै प्राची मुखं वित्त्नाश्नाय , तस्माच्छुभम सम्मुख नारिकेलम अधोमुखम शत्रु विवर्धनाए कलश पर - नारियल का बड़ा हिस्सा नीचे मुख कर रखा जाए ( पतला हिस्सा पूछ वाला कलश के उपरी भाग पर रखा जाए ) तो उसे शत्रुओं की वृद्धि होती है * ( कार्य सफलता में बाधाएं आती है संघर्ष , अपयश , चिंता , हानि , सहज हैशत्रु या विरोधी तन , मन धन सर्व दृष्टि से घातक होते है ) उर्ध्वस्य वक्त्रं बहुरोग वृद्ध्यै कलश ...