गुरु ग्रह का गोचर और उसके प्रभाव पर जानकारी वर्ष 2025 अप्रेल –अप्रेल 2026
गुरु ग्रह, जिसे बृहस्पति (Jupiter) के नाम से भी जाना जाता है, वेदिक ज्योतिष में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ ग्रह है। गुरु को शिक्षा, ज्ञान, समृद्धि, सुख, सौभाग्य, और आध्यात्मिक उन्नति का कारक माना जाता है। इसकी स्थिति कुंडली में या गोचर के दौरान व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
वहीं, गुरु का अशुभ गोचर भी कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति के जीवन में अड़चने उत्पन्न कर सकता है, लेकिन आमतौर पर गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि, इसका प्रभाव जन्म कुंडली, लग्नयों, और ग्रहों के आपसी संबंधों पर निर्भर करता है।
आइए, हम गुरु के गोचर के बारे में विस्तार से समझते हैं और यह कैसे विभिन्न लग्नों और लग्नयों पर प्रभाव डालता है।
गुरु ग्रह के गोचर का प्रभाव:
गुरु ग्रह का गोचर जब किसी व्यक्ति की कुंडली में एक शुभ स्थिति में होता है, तो यह न केवल जीवन में शांति, सुख और सफलता लाता है, बल्कि यह व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति, शिक्षा, विवाह, संतान सुख, और प्रतियोगिता में भी सफलता प्रदान करता है। वहीं, अगर गुरु ग्रह का गोचर अशुभ स्थिति में होता है, तो यह विलंब, संघर्ष, वित्तीय समस्याएँ और मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है।
गुरु का गोचर और उसकी स्थिति
गुरु ग्रह का गोचर हर साल लग्न चक्र के विभिन्न हिस्सों से होता है और यह व्यक्ति की कुंडली में स्थित ग्रहों के आधार पर विभिन्न प्रभाव डालता है। जब गुरु का गोचर मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु, और मीन लग्नयों में होता है, तो यह शुभ फल देता है। इसके विपरीत, जब गुरु का गोचर वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, और कुंभ लग्नयों में होता है, तो यह जीवन में संघर्ष और कठिनाइयाँ ला सकता है।
गुरु का गोचर - शुभ फल देने वाले लग्न-मेष,कर्क,सिंह.वृश्चिक धनु एवं मीन वालो को अशुभ अति अल्प ;शुभ सर्वाधिक परिणाम देता है,
o शिक्षा, यात्रा, मानसिक शांति, और धन की प्राप्ति की दिशा में शुभ परिणाम देता है। यह व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक जागरण और सामाजिक मान-सम्मान बढ़ा सकता है।
o परिवार, संतान सुख, और जीवन में स्थिरता की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह समय संतान प्राप्ति, विवाह, और संपत्ति के मामलों में सकारात्मक बदलाव लाता है। यह व्यक्ति को सुख और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।
o यह व्यक्ति को मानसिक शांति, सामर्थ्य, और भविष्य में लंबी यात्रा के अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के करियर और सार्वजनिक जीवन में अच्छे परिणाम लाने में मदद करता है।
o यह व्यक्ति को अच्छे अवसर, शिक्षा, संतुलित जीवन, और लंबी यात्राओं का मार्ग प्रशस्त करता है। धनु लग्न के लोग इस गोचर के दौरान अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में संतुलन स्थापित कर सकते हैं।
o यह व्यक्ति को धन, समृद्धि, और मानसिक शांति की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इसके अलावा, यह व्यक्ति को भाग्य, विवाह, संतान, और शिक्षा के क्षेत्रों में सफलता देता है।
गुरु का गोचर - अशुभ फल देने वाली लग्न:
- लग्न:वृषभ मिथुन कन्या तुला मकर कुंभ लग्न:वालो को अशुभ होने पर अनेक रुकवाते उत्पन्न करता है जैसे-
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- संघर्ष, धन की कमी, और मानसिक दबाव की स्थिति में डाल सकता है।
- नौकरी, वित्तीय स्थिति और पारिवारिक समस्याओं में तनाव ला सकता है।
- यह गोचर सामान्यत: अस्थिरता और विलंब का कारण बन सकता है।
- मिथुन लग्न में गुरु का गोचर व्यक्ति के कार्यक्षेत्र में संघर्ष, विवाद, और कानूनी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
- मानसिक उलझन और असंतुलन की स्थिति में डाल सकता है।
- कठिनाइयों और असंतोष के दौर से गुजार सकता है।
- व्यक्ति को स्वास्थ, पारिवारिक मुद्दों, और करियर में कठिनाई हो सकती है।
- यह समय में कोई भी नया कार्य शुरू करने में देरी हो सकती है।
- मानसिक तनाव, कार्यों में रुकावटें और पारिवारिक मुद्दों का सामना करा सकता है।
- वित्तीय समस्याओं और मानसिक उलझनों का कारण बन सकता है।
- मकर लग्न में गुरु का गोचर आर्थिक उतार-चढ़ाव, मानसिक दबाव और संतान या विवाह संबंधित समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। इस दौरान व्यक्ति को हर कदम पर संघर्ष और विलंब का सामना करना पड़ सकता है।
- कार्यों में रुकावट, धन की कमी, और मानसिक असंतुलन का सामना करवा सकता है।
- जीवन में कड़ी मेहनत और संघर्ष की मांग कर सकता है।
गुरु का गोचर और जन्म तिथि के आधार पर विश्लेषण:
गुरु का गोचर किसी व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। जब गुरु का गोचर सही समय में और सही लग्नयों में होता है, तो यह व्यक्ति के लिए विवाह, शिक्षा, संतान सुख, रोजगार, और आध्यात्मिक उन्नति का द्वार खोलता है।
जन्म अवधि और गुरु का गोचर:
जिन व्यक्तियों का जन्म निम्नलिखित तिथियों के बीच हुआ है, उन्हें गुरु के गोचर से विशेष लाभ मिल सकता है।
यह समय गुरु के शुभ प्रभाव का संकेत देता है, और ऐसे व्यक्तियों को जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त हो सकती है:
- 10 दिसम्बर 1945 - 2 अप्रैल 1946
- 2 फरवरी 1948 - 3 जून 1948
- 14 जनवरी 1950 - 22 मार्च 1951
- 31 अगस्त 1953 - 29 नवम्बर 1953
- 20 अप्रैल 1954 - 8 सितंबर 1954
- 20 नवम्बर 1957 - 17 मई 1958
- 23 सितंबर 1959 - 16 अगस्त 1959
- 23 जनवरी 1960 - 9 फरवरी 1961
- 25 फरवरी 1962 - 6 मार्च 1963
- 7 अगस्त 1965 - 9 जनवरी 1966
- 13 सितंबर 1969 - 10 दिसम्बर 1970
- 7 जनवरी 1972 - 24 जनवरी 1973
- 10 फरवरी 1974 - 18 फरवरी 1975
- 20 फरवरी 1975 - 17 जुलाई 1975
- 1 सितम्बर 1975 - 24 फरवरी 1976
- 18 जुलाई 1977 - 4 अगस्त 1978
- 28 अक्टूबर 1981 - 25 नवम्बर 1982
- 23 दिसम्बर 1983 - 9 जनवरी 1985
- 26 जनवरी 1986 - 2 फरवरी 1987
- 27 अक्टूबर 1987 - 2 फरवरी 1988
- 3 जुलाई 1989 - 20 जुलाई 1990
- 13 अक्टूबर 1993 - 10 नवम्बर 1994
- 8 दिसम्बर 1995 - 25 दिसम्बर 1996
- 9 जनवरी 1998 - 25 मई 1998
- 10 सितंबर 1998 - 13 जनवरी 1999
- 17 जनवरी 2001 - 4 जुलाई 2002
- 28 सितंबर 2005 - 26 अक्टूबर 2006
- 23 नवम्बर 2007 - 9 दिसम्बर 2008
- 2 मार्च 2009 - 30 सितम्बर 2009
- 20 दिसम्बर 2009 - 1 जनवरी 2010
- 2 नवम्बर 2010 - 5 दिसम्बर 2010
- 1 जून 2013 - 18 जून 2014
- 13 सितंबर 2017 - 11 अक्टूबर 2018
- 20 मार्च 2019 - 30 मार्च 2020
- 30 जून 2020 - 19 नवम्बर 2020
- **6 अप्रैल 2021 - 13 सितंबर 2021
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