(9424446706, jyotish9999@gmail.com)
ज्योतिष
उपाधि : वाचस्पति, भूषण, महर्षि, शिरोमणि, मनीषी,
रत्नाकर, मार्तण्ड, महर्षि वेदव्यास1(1990 तक),
विशेषज्ञता
:(1976 से) वास्तु, जन्म
कुण्डली, मुहूर्त,
रत्न परामर्श, हस्तरेखा, पंचांग
संपादक |
आर्ष ऋषि-मुनियों ने जनिहित एवं
जनकल्याण को परेशानियों ,
आपत्ति विपत्तियों से बचाने के लिए
अनेक उपाय बताए हैं।
नए वस्त्र धारण करने या पहने के तत्काल बाद के प्रभाव भी
शुभ अशुभ भविष्य का ज्ञान प्रदान
करते हैं ।
ये जब भी प्रयोग किए जाते हैं तो किस किस प्रकार का शुभ
अशुभ फल प्रदान करेंगे? 1;नए वस्त्र पहनने के कुछ समय
में ही यदि उसमें दाग धब्बे लग जाए तो वस्त्र
भावीअशुभ
फल का संकेतक हैं एवं ऐसा वस्त्र जब
भी पहना जाएगा
कुछ न कुछ प्रतिकूल परिणाम मिलेंगे।
1-नए वस्त्र प्रथम बार पहनने के बाद दाग,धब्बे, रंग आदि
पहने हुए,वस्त्र पर लगने ,गिरने को अशुभ
माना गया है।
जैसे कीचड़, गंदा पानी, रंग, स्याही या फल आदि के दाग लगना । 2- नए वस्त्र पहनने के बाद या कुछ समय में ही उसमें छेद हो
जाना अर्थात कहीं से फट जाना या जल
जाना भी वस्त्र ke
अशुभ होने का संकेत है।निकट भविष्य
में अशुभ ,अनहोनी,
अप्रिय स्थिति का भी द्योतक है।
सामान्य रूप से हम यदि कोई नया वस्त्र पहनते हैं उसमें
किसी भी प्रकार का कोई दाग धब्बा चाहे फल फूल
कीचड़
गंदे पानी से लग जाए या उसमें कोई
छेद हो जाए जल जाए
तो उस वस्त्र को हमें दान कर देना
ही उपयुक्त होगा ।
3-वस्त्र में छेद के आकार के अनूरुप शुभ अशुभ फल भी होते हैं। अन्यथा हम जब उसको पहनेंगे तो निश्चित रूप से किसी
ना किसी प्रकार का शुभ अशुभ प्रभाव अवश्य होगा
।
भविष्य को सुरक्षित रखने की दृष्टि से, ऐसे परिधान का
परित्याग ही उचित होगा ।
वस्त्र के छेद या फटने से बने आकार के अनुरूप उसमें
मनुष्य ,देवता , एवं राक्षस भाग
भी होता है ।परंतु यह
विषय को लंबा करने वाला प्रकरण है।
संक्षिप्त में ऐसा नवीन वस्त्र जिनमें शेर, कौआ, कबूतर, गीदड़, कुत्ता, चिन्ह किसी भी कारण से
बना हो, उनको धारण करना जोखिम उठाना होगा ।
सामान्य तौर पर छेद का आकार कौवा या किसी पक्षी,
मेंढक, उल्लू ,कबूतर ,गिद्ध ,बाज ,गधा, ऊंट, सर्प के
आकार का हो तो यह प्राणों में संकट
डालने वाला भी
अनुभव शील हो सकता है ।
परंतु यदि उसमें छत्र ,ध्वज ,स्वास्तिक,कलश, वर्धमान,
दीया, बैल ,कलश ,कमल, तोरण आदि का आकार होने
से/ बना हो तो इसे सफल shubhशुभ फल प्रद माना
गया है।
वर्जित दिन राशि विशेष। तुला राशि वाले गुरुवार को,कर्क राशि वाले बुधवार, वृशिचिक
,धनु, मीन राशि वाले शुक्रवासर और मिथुन राशि वाले
सोमवासर को नए वस्त्र न पहनें तो और
भी उत्तम होगा।
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